22nd February 2022 Current Affairs

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रूसी प्रेसिडेंट पुतिन ने यूक्रेन के किन दो राज्‍यों को स्‍वतंत्र देश घोषित किया और सेना भेजने का आदेश दिया?

a. चर्निहाइव और लुहांस्‍क
b. कीव और पोल्‍टावा
c. खार्किव और क्रीमिया
d. लुहांस्क और डोनेट्स्क

Answer: d. लुहांस्क और डोनेट्स्क

– रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने यह ऐलान 21 फरवरी 2022 की रात को लिया।
– उन्‍होंने यूक्रेन के लुहांस्क और डोनेस्टक प्रांत को स्वतंत्र गणराज्‍य (रिपब्लिक) के तौर पर मान्यता दे दी।
– दोनों राज्‍यों के लगभग आधे-आधे हिस्‍से पर अलगाववादियों का कब्‍जा है और यह यूक्रेन के नियंत्रण से बाहर है।
– कब्‍जे वाले दोनों इलाकों को डोनबास के नाम से भी जाना जाता है।
– रूस के सरकारी टीवी चैनल पर पुतिन ने अलगाववादी नेताओं के साथ डिक्री पर हस्‍ताक्षर किए।
– इन दोनों राज्‍यों के बड़े हिस्‍से पर विद्रोहियों का कब्‍जा है और यहां यूक्रेन की सत्‍ता का प्रभाव नहीं है।
– पुतिन ने टेलीविजन संबोधन में यूक्रेन सरकार, नाटो फोर्सेस और अमेरिका सरकार पर निशाना साधा।
– रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन अमेरिका की कॉलोनी बन चुका है, जहां कठपुतली सरकार चल रही है।

– इस घटना के बाद यूनाइटेड नेशंस सिक्‍योरिटी काउंसिल की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई गई है।

पुतिन ने और क्‍या कहा
– नोट – यूक्रेन को तीन तरफ लगभग 150,000 रूसी सैनिकों ने घेरा हुआ है।
– पुतिन ने चेतावनी देते हुए कहा- यूक्रेन नाटो में शामिल होता है तो यह रूस के लिए सीधा खतरा होगा।
– हम यूक्रेन से मांग करते हैं कि वो तुरंत सैन्य कार्रवाई बंद कर दे। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जो भी खून खराबा होगा उसकी जिम्मेदारी कीव में बैठी सरकार की होगी।
– आज यूक्रेन न सिर्फ रूस के साथ अपने साझा अतीत को खारिज कर रहा है, बल्कि रूस को कमजोर करने के नाटो एजेंडे में मददगार साबित हो रहा है।
– वह पश्चिमी गारंटी चाहता है कि नाटो यूक्रेन और अन्य पूर्व सोवियत देशों को सदस्य के रूप में शामिल होने की अनुमति नहीं देगा
– 1991 में सोवियत संघ को विखंडित करना रूस को लूटने के बराबर था।
– पुतिन का आरोप है कि यूक्रेन संकट की असल वजह नाटो का विस्तार है, इससे आपसी भरोसे को नुकसान हुआ है।
– पश्चिमी देशों का असली मकसद रूस के डेवलपमेंट को रोकना है।
– यूक्रेन परमाणु हथियार बनाने की योजना भी बना रहा है, अगर ऐसा होता है तो वर्ल्ड ऑर्डर में बड़ा बदलाव होगा।

रूस और बेलारूस ने मिलिटरी ड्रिल तेज की
– इन दोनों देशों ने न्‍यूक्लियर ड्रिल भी की है। इसके साथ-साथ बेलारूस में चल रहे मिलिटरी ड्रिल को तेज कर दिया है।

जर्मनी और फ्रांस को दी जानकारी
– रूस ने इसकी जानकारी पहले ही जर्मनी और फ्रांस को दी।
– फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने पुतिन के साथ फोन कॉल में निर्णय पर “निराशा व्यक्त” की।
– दरअसल, इन दोनों देशों ने अलगाववादियों, यूक्रेन और रूस के बची 2014 और 2015 में मध्‍यस्‍थ की भूमिका निभाई थी।
– इस वजह से रूस ने पहले ही सूचना दी।

अमेरिका ने क्‍या कहा?
– रूस के इस एलान पर अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
– इट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही एक आदेश जारी करेंगे, जो अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेस्टक क्षेत्र में इनवेस्टमेंट से रोकेगा।
– अमेरिका के अलावा ईयू और ब्रिटेन भी पाबंदियां लगाने की बात कह रहे हैं।

यूक्रेन में कहां है दोनों राज्‍य
– यह यूक्रेन के पूर्वी इलाके में रूस की सीमा से सटे हुए राज्‍य हैं।
– डोनेट्स्‍क और लुहान्‍स्‍क राज्‍य का लगभग आधा-आधा हिस्‍सा वर्ष 2014 से ही यूक्रेन के नियंत्रण से बाहर है।
– यहां पर अलगावादियों की स्‍वतंत्र सरकार है, जिसे इससे पहले तक किसी भी देश ने मान्‍यता नहीं दी थी।
– दोनों राज्‍यों के अलगावादियों के कब्‍जे वाले इलाकों को डोनबास नाम से भी जाना जाता है।
– रूस ने पहली बार दोनों राज्‍यों को देश के रूप में मान्‍यता दे दी है।

लुहांस्‍क और डोनेट्स्‍क
– दोनों राज्‍यों में रूसी भाषा का प्रभुत्‍व है।
– यूक्रेन में सबसे ज्‍यादा एथनिक रूसी और रूसी भाषी यहीं रहते हैं।
– वर्ष 2014 में जब रूस ने क्रीमिया पर कब्जा कर लिया, तो उसके बाद से डोनबास क्षेत्र रूस के करीब हो गया।
– दो प्रमुख इलाकों ने खुद को डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक और लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के रूप में खुद को यूक्रेन से स्वतंत्र गणराज्य घोषित कर लिया।
– दोनों को यूक्रेनी सरकार आतंकवादी संगठन मानती है।
– यहां पर अलगाववादियों की सत्‍ता है, जो वर्ष 2014 से उनके कब्‍जे में है।
– इन्‍हें रूस का समर्थन हासिल रहा है।
– वर्ष 2014 में यूक्रेन की सेना ने एक बार दोनों इलाकों को कब्‍जे में ले लिया था।
– लेकिन कुछ वक्‍त बाद ही इसी साल (2014) में विद्रोहियों ने फिर से दोनों राज्‍यों के आधे हिस्‍से पर कब्‍जा कर लिया।
– इसके बाद रेफरेंडम (जनमत-संग्रह) करके दोनों राज्‍यों के अलगाववादियों ने खुद को स्‍वतंत्र घोषित कर लिया था।
– जब अलगाववादियों और यूक्रेन के सेना के बीच लड़ाई बढ़ी और हजारों लोगों की जानें गईं, तब मीन्‍स्‍क समझौता हुआ।
– इस मामले में फ्रांस और जर्मनी ने मध्‍यस्‍त की भूमिका निभाई।
– बेलारूस की राजधानी मीन्स्क में शांति वार्ता हुई और समझौता हुआ कि दोनों इलाकों को स्‍वशासन के रूप में माना जाएगा।

– यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की का कहना है कि इस क्षेत्र में 2014 से अब तक लगभग 15,000 लोगों की जान चली गई है।

 


 

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