07 & 08 January 2023 Current Affairs

यह 07 & 08 January 2023 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्‍जाम्‍स में मदद करेगा। 

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1. उत्तराखंड सरकार ने जमीन धंसने की वजह से जोशीमठ को खाली करने का आदेश जारी किया, यह किस जिले में स्थित है?
Uttarakhand government issued an order to vacate Joshimath due to land subsidence, in which district is it located?

a. अल्मोड़ा
b. चंपावत
c. चमोली
d. देहरादून

Answer: c. चमोली

– जोशीमठ शहर उत्तराखंड जिले के चमोली शहर में स्थित है।
– उत्तराखंड का जोशीमठ पिछले दो वर्षों से जमीन में धंस रहा है।
– लेकिन जनवरी 2023 में जोशीमठ के धंसने के मामले काफी ज्यादा बढ़ गए।
– जोशीमठ में स्थित 561 घरों में दरारें आ गई हैं।
– जगह-जगह से पानी के स्रोत निकल रहे हैं।
– यहां घर कभी भी ढह सकते हैं।
– डर है कि पूरा शहर ताश के पत्‍ते की तरह ढह न जाए।
– इसके बाद उत्तराखंड सरकार ने 07 जनवरी 2023 को जोशीमठ से लोगों को निकालने का काम शुरु कर दिया है।
– जोशीमठ के 4,677 वर्ग किमी में फैले इलाके से करीब 600 परिवार रहते हैं।
– यहीं पर आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्‍थापित ज्‍योर्तिमठ है। यहां के शिवलिंग में भी दरार आ गई है।
– यहां सेना की महत्‍वपूर्ण छावनी भी है। यहां भी दरारें पड़ने की खबरें हैं।

जोशीमठ के धंसने से क्या हुआ?
– जोशीमठ के सिंगधार वार्ड में 06 जनवरी 2023 को एक मंदिर ढह गया।
– लोगों के लिए सुरक्षित जगह पर पुनर्वास केंद्र बनाए गए है।
– 600 परिवार जो खतरनाक मकानों में रह रहे है उन्हें तुरंत शिफ्ट करने का निर्देश दिया गया है।
– उत्तराखंड सरकार इन परिवारों को छह महीने तक किराये के तौर पर प्रतिमाह चार हजार रुपए देगी।

जोशीमठ था पहले ग्लेशियर
– जोशीमठ जिस ऊंचाई पर बसा हुआ है, वे जगह पैरा ग्लेशियल कही जाती है।
– ग्लेशियल का मतलब है कि कभी इन जगहों पर ग्लेशियर हुए करते थे।
– परंतु कुछ समय बाद ग्लेशियर पिघल गए और सिर्फ उनका मलबा बाकी रह गया।
– इस मलबे से बने पहाड़ा को मोरेन कहा जाता है।
– साइंटिफिक लैंग्वेज में इसे डिस-इक्विलिब्रियम कहा जाता है।
– इस शब्द का मतलब होता है जहां जमीन स्थिर नहीं है और जिसका संतुलन नहीं बन पाया है।

जोशीमठ इतना नाजुक क्यों हुआ?
– देहरादून स्थित ‘वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी’ की रिसर्च के अनुसार उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाके कभी ग्लेशियर होते थे, जहां अब लोग रहने लगे हैं।
– इन ऊंचाई वाले इलाकों में से एक जोशीमठ शहर भी है।
– वाडिया इंस्‍टीट्यूट के निदेशक कलाचंद सेन ने कहा, “आज की स्थिति प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों तरह के कारणों का परिणाम है।” पहाड़ी शहर। “यहाँ की मिट्टी कमजोर है, जिसमें ज्यादातर भूस्खलन द्वारा लाया गया मलबा है, यह क्षेत्र एक अत्यधिक भूकंपीय क्षेत्र भी है। अनियोजित निर्माण, जनसंख्या का दबाव, पर्यटक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, पानी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा, जल विद्युत परियोजनाएँ, विकास गतिविधियाँ सभी ने वर्तमान स्थिति में योगदान दिया है।
– वर्ष 1976 में गढ़वाल के तत्कालीन कमिश्नर एससी मिश्रा की अध्यक्षता में एक कमेटी ने बताया था कि जोशीमठ प्राचीन भूस्खलन वाले एरिया में आता था।
– जोशीमठ शहर पहाड़ से टूटकर आए बड़े टुकड़ों और मिट्टी के ढेर पर बसा हैं।
– इसलिए यह काफी अस्थिर हैं।
– कमिश्नर एससी मिश्रा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जोशीमठ में ब्लास्टिंग कर बड़े पत्थरों को न हटाने के निर्देश दिए थे।
– इसके अलावा इस क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में कंस्ट्रक्शन करने को मना किया था।

क्यों धंस रहा है जोशीमठ?
– जोशीमठ के मकानों में दरार आना लगभग 13 वर्ष पहले शुरू हो गई थीं।
– बताया जाता है कि जोशीमठ में ब्लास्टिंग और जमीन के नीचे सुरंग बनाने की वजह से पहाड़ धंस रहे हैं।

जोशीमठ के धंसने में कौन सी मुख्य चीजें जिम्मेदार?

लोगों का बसना और डेवलपमेंट
– डेवलपमेंट होने के कारण जोशीमठ क्षेत्र में जंगल बर्बाद हो गए।
– इसके कारण पहाड़ की ढलान खाली और बिन पेड़ों की हो गई।
– जोशीमठ लगभग छह हजार फीट की ऊंचाई पर है, लेकिन लोगों के बढ़ने से जंगल का क्षेत्र आठ हजार फीट तक पीछे खिसक गया है।
– पेड़ों की कमी होने के कारण लैंड स्लाइडिंग काफी बढ़ने लगी है।
– ऐसे में खिसकने वाले भारी पत्थरों को रोकने के लिए जंगल ही नहीं रह गए हैं।

बड़े-बड़े कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट
– जोशीमठ के नीचे NTPC के तपोवन हाइडल प्रोजेक्ट की 16 किमी लंबी सुरंग बनाई जा रही है।
– वर्ष 2021 में ग्‍लेशियर फटने से भयंकर बाढ़ आई थी। इसके बाद इसका सुरंग मलबे की वजह से बंद हो गया था।
– सुरंग में गैस बन रही है और इससे बना प्रेशर मिट्टी को अनबैलैंस कर रहा है।
– इसी कारण जमीन दिन-प्रतिदिन धंसी जा रही है।
– हालांकि इस प्रोजेक्ट को रोकने का आदेश सरकार ने दिया है, लेकिन बड़ी मशीनें अभी पहाड़ खोद रही है।

अभी नहीं दिया ध्यान तो तबाह हो सकता है जोशीमठ
– वैज्ञानिकों के अनुसार जोशीमठ अलकनंदा नदी की तरफ खिसक रहा है।
– यदि समय रहते बड़े कदम नहीं उठाए जाते है, तो बड़ी प्राकृतिक आपदा आ सकती है और जिससे जोशीमठ पूर्णरूप से तबाह हो सकता है।

उत्तराखंड
राजधानी- देहरादून (शीतकालीन), गैरसैंण (ग्रीष्मकालीन)
सीएम- पुष्कर सिंह धामी
राज्यपाल- गुरमीत सिंह

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2. भारत ने जनवरी 2023 में किस यूएन पीसकीपिंग मिशन में महिला शांति सैनिकों की एक प्लाटून को तैनात किया?
India deployed a platoon of women peacekeepers in which UN peacekeeping mission in January 2023?

a. MINURSO
b. MINUSCA
c. MINUSMA
d. UNISFA

Answer: d. UNISFA (यूनाईटेड नेशंस इंटरिम सिक्योरिटी फोर्स फॉर अबेई)

– भारत ने अबेई में 06 जनवरी 2023 में महिला शांति सैनिकों की एक प्लाटून तैनात की।
– सबसे पहले साल 2007 में लाइबेरिया में महिला शांतिरक्षकों की प्लाटून तैनात की गई थी।
– इसके बाद संयुक्त राष्ट्र मिशन में यह भारत की सबसे बड़ी एकल महिला प्लाटून की तैनाती है।
– UNISFA में भारतीय बटालियन के हिस्से के रूप में अबेई में महिला शांति सैनिकों की पलटन तैनात की गई।

UNISFA (यूनाईटेड नेशंस इंटरिम सिक्योरिटी फोर्स फॉर अबेई)
– UNISFA सूडान और दक्षिण सूडान की सीमा पर अबेई क्षेत्र के लिए एक शांति मिशन है।
– यह करीब 10,546 वर्ग किलोमीटर में है।
– अबेई को 2004 के प्रोटोकॉल द्वारा “विशेष प्रशासनिक दर्जा” दिया गया है।
– बयेई क्षेत्र की राजधानी अबयेई टाउन है ।

यूएन पीसकीपिंग मिशन
– यूएन पीसकीपिंग मिशन को 1948 में शुरू किया गया था।
– इस मिशन का उद्देश्य संघर्षशील देशों में शांति (पीस) स्थापित करना है।
– पिछले 70 वर्षों में, 1 मिलियन से अधिक पुरुषों और महिलाओं ने यूएन के इस मिशन के तहत 70 से अधिक यूएन पीसकीपिंग मिशन में सेवा की है।
– 125 देशों के 100,000 से अधिक सैन्य, पुलिस और नागरिक कर्मी वर्तमान में 14 पीस मिशंस में कार्यरत हैं।

यूएन पीसकीपिंग मिशन में कितने भारतीय?
– 31 अक्टूबर, 2022 तक, बांग्लादेश (7,017) के बाद 12 मिशनों में तैनात 5,887 सैनिकों और कर्मियों के साथ भारत संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।

वर्तमान में यूएन पीसकीपिंग मिशंस
– MINURSO, Western Sahara
– MINUSCA, Central African Republic
– MINUSMA, Mali
– MONUSCO, D.R. of the Congo
– UNDOF, Golan
– UNFICYP, Cyprus
– UNIFIL, Lebanon
– UNISFA, Abyei
– UNMIK, Kosovo
– UNMISS, South Sudan
– UNMOGIP, India and Pakistan
– UNTSO, Middle East

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3. वर्ष 2023 के लिए असम के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान ‘असम बैभव’ पुरस्‍कार के लिए किसे चुना गया?
Who has been selected for the ‘Assam Baibhav’ award, the highest civilian honor of Assam for the year 2023?

a. कृष्णा रॉय
b. तपन सैकिया
c. नयनमोनी सैकिया
d. गिल्बर्ट संगमा

Answer: b. तपन सैकिया

– डॉ. तपन सैकिया को कैंसर के इलाज में योगदान के लिए असम के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘असम वैभव’ (वर्ष 2023) से सम्मानित किया जाएगा।
– वह मुंबई के चिकित्सक है।
– इसकी घोषणा असम सरकार ने 4 जनवरी 2023 को की।

– डॉ. तपन सैकिया दीपशिखा फाउंडेशन के संरक्षकों में से एक हैं।
– उन्होंने असम और पूर्वोत्तर में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम किया।
– उन्होंने कैंसर का जल्द पता लगाने के लिए लोगों को लक्षण दिखते ही जांच कराने के लिए प्रोत्साहित किया।
– वर्ष 2022 में रतन टाटा को इस अवॉर्ड के लिए चुना गया था। उन्‍हें कैंसर के इलाज में योगदान के लिए अवॉर्ड मिला था।

– असम सरकार ने राज्‍य के तीन पुरस्‍कारों
1. असम वैभव (सर्वोच्च)
– इसमें पुरस्कार के साथ 5 लाख रुपये मिलते है।
– इसमें प्राप्तकर्ता को शेष जीवन के लिए सरकारी खर्च पर चिकित्सा उपचार राज्य सरकार देती है।
2. असम सौरभ (दूसरा सर्वोच्च)
– इसमें पुरस्कार के साथ 4 लाख रुपये मिलते है।
– इसमें प्राप्तकर्ता को शेष जीवन के लिए एक वर्ष के लिए 3 लाख का चिकित्सा उपचार राज्य सरकार देती है।
3. असम गौरव (तीसरा सर्वोच्च)
– इसमें पुरस्कार के साथ 3 लाख रुपये मिलते है।
– इसमें प्राप्तकर्ता को शेष जीवन के लिए एक वर्ष के लिए 3 लाख का चिकित्सा उपचार राज्य सरकार देती है।

‘असम बैभव अवॉर्ड’लिस्‍ट
1. तपन सैकिया

‘असम सौरभ अवॉर्ड’ लिस्‍ट
1. कला और संस्कृति के लिए कृष्णा रॉय
2. खेल के लिए गिल्बर्ट संगमा
3. खेल के लिए नयनमोनी सैकिया
4. विज्ञान के लिए डॉ बिनॉय कुमार सैकिया
5. स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक सेवा के लिए डॉ शशिधर फुकन

‘असम गौरव अवॉर्ड’ लिस्‍ट
1. धृतिमाला डेका (लोक सेवा)
2. देबजीत बर्मन (कृषि)
3. रुस्तम बासुमतारी (पर्यटन)
4. मंजे ला पर्यटन (कृषि पर्यटन)
5. बिनंदा हातिबरुआ (पर्यावरण एवं वन)
6. अतुल च बरुआ (सामाजिक कार्य)
7. कल्याणी राजबंशी (उद्यमी)
8. शिला गोवाला (आशा कार्यकर्ता)
9. डॉ जोगेश देउरी (रेशम उत्पादन)
10. डॉ पंकज लाल गोगोई (पोल्ट्री)
11. सरबेश्वर बासुमतारी (कृषि)
12. मंथांग हमार (अनानास किसान और निर्यातक)
13. डॉ ध्रुबज्योति शर्मा (बागवानी विशेषज्ञ और उद्यमी)
14. दयाल गोस्वामी सतरिया (संस्कृति और कला)
15. डॉ सैयद इफ्तिकार अहमद (एंटी एड्स एंड एंटी ड्रग प्रचारक)

असम
मुख्‍यमंत्री: हिमंत बिस्‍वा सरमा
राजधानी: दिसपुर
राज्‍यपाल: जगदीश मुखी

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4. गृह मंत्रालय ने जनवरी 2023 में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के किस ग्रुप को आतंकवादी संगठन घोषित किया?
Which group of Lashkar-e-Taiba (LeT) was declared a terrorist organization by the Ministry of Home Affairs in January 2023?

a. PFI
b. TRF
c. PAFF
d. AFF

Answer: b. TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट)

– गृह मंत्रालय ने 05 जनवरी 2023 को लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के एक मोर्चे, द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को एक आतंकवादी संगठन घोषित किया।
– मंत्रालय ने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया।

प्रतिबंध क्यों लगाया?
– गृह मंत्रालय ने कहा कि TRF 2019 में लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रॉक्सी संगठन के रूप में अस्तित्व में आया, जोकि एक आतंकवादी संगठन है।
– TRF आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन माध्यम से युवाओं की भर्ती कर रहा था।
– इसके अलावा आतंकी गतिविधियों पर प्रचार करने में शामिल था।
– साथ ही आतंकवादियों की भर्ती, आतंकवादियों की घुसपैठ और पाकिस्तान से जम्मू-कश्मीर में हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल था।

UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट)
– वर्ष 1967 में गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) को लाया गया था।
– इस कानून के तहत पुलिस आतंकियों, अपराधियों या लोगों को चिह्नित करती है, जो आतंकी एक्टिविटी में लिप्त पाए जाते है।
– वर्ष 2004, 2008, 2012 और 2019 में इस कानून में बदलाव किए गए है।
– इस कानून के तहत सरकार किसी संगठन या संस्थाओं को ही नहीं बल्कि किसी व्यक्ति को भी आतंकी घोषित कर सकती है।

गृह मंत्रालय
मुख्यालय- नई दिल्ली
गृह मंत्री- अमित शाह

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5. भारत से कालाजार को खत्म करने के लिए भारत सरकार का किस वर्ष तक का लक्ष्य है?
By which year the Government of India aims to eliminate Kala-azar from India?

a. 2023
b. 2025
c. 2030
d. 2047

Answer: a. 2023

– भारत सरकार का वर्ष 2023 तक देश में कालाजार खत्म करने का लक्ष्य है।
– केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कालाजार के उन्मूलन की स्थिति की समीक्षा की।

मुख्यतः इन चार राज्यों की स्थिती की समीक्षा की गई-
– बिहार
– उत्तर प्रदेश
– झारखंड
– पश्चिम बंगाल

– स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार वर्ष 2007 से कलाजार के मामलों में लगभग 98.7% की गिरावट आई है।
– भारत में दिसंबर 2022 तक कालाजार के लगभग 834 है।

कालाजार को खत्म करने के लिए क्या कदम उठाए गए?
– लोगों को प्रोत्साहित किया गया कि लंबे बुखार के समय वह जांच करवाए।
– मामलों को नियंत्रित करने के लिए इलाज, जांच, स्प्रे, दवाओं आदि पर सरकार ने काम किया।
– साथ ही जिन ब्लॉक में ज्यादा मरीज पाए जाते है, वहां नियमित समीक्षा होती है।
– कालाजार के लगभग 90% से ज्यादा मामले बिहार और झारखंड में है।

कालाजार क्या है?
– कालाजार एक संक्रमण बीमारी है जो परजीवी (Parasite) लिश्मैनिया डोनोवानी के कारण होता है।
– यह बालू मक्खी से फैलता है।
– इस परजीवी का जीवन चक्र मनुष्य और बालू मक्खी के ऊपर निर्भर करता है।
– बालू मक्खी कम रौशनी वाली और नम जगहों- जैसे कि मिट्टी की दीवारों की दरारों, चूहे के बिलों तथा नम मिट्टी में रहती है।

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6. भारत के 79वें ग्रैंडमास्टर कौन बने?
Who has become the 79th Grandmaster of India?

a. भरत सुब्रमण्यम
b. आदित्य मित्तल
c. कौस्तव चटर्जी
d. M प्रणेश

Answer: d. M प्रणेश

– M प्रणेश भारत के 79वें ग्रैंडमास्टर बन गए हैं।
– M प्रणेश ने स्वीडन में आयोजित रिल्टन कप को जीत लिया।
– इस जीत के बाद उन्होंने ग्रैंड मास्टर की उपाधि हासिल करने के लिए बाकी मानदंडों को पूरा कर लिया और भारत के 79वें ग्रैंडमास्टर बन गए।

M प्रणेश
– वह 16 वर्ष के हैं। वह तमिलनाडु से हैं।

ग्रैंडमास्टर कैसे बनते हैं?
– ग्रैंडमास्टर बनने के लिए, एक खिलाड़ी को तीन ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल करना होता और 2,500 एलो पॉइंट्स की लाइव रेटिंग को पार करना होता है।
– एलो पॉइंट्स एक चेस प्लेयर की स्ट्रैंथ को मापता है।

देश के कुछ ग्रैंड मास्‍टर
79. M प्रणेश (तमिलनाडु) : 2023
78. कौस्तव चटर्जी (पश्चिम बंगाल) : 2023
77. आदित्य मित्तल (महाराष्ट्र) : 2022
76. प्रणव आनंद (कर्नाटक) : 2022
75. प्रणव वी. (तमिलनाडु) : 2022
74. राहुल श्रीवास्तव (तेलंगाना) : 2022
73. भरत सुब्रमण्यम (तमिलनाडु) : 2022

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7. भारतीय रेलवे का सबसे लंबा ऑटोमैटिक सिग्नल सेक्‍शन किस रूट में बना?
In which route the longest automatic signal section of Indian Railways was built?

a. अहमदाबाद-दिल्ली
b. गाजियाबाद-पंडित दीन दयाल उपाध्याय
c. मुंबई-पूणे
d. गाजियाबाद-इंदौर

Answer: b. गाजियाबाद-पंडित दीन दयाल उपाध्याय

– प्रयागराज मंडल के सतनरैनी-रसूलाबाद-फैजुल्लापुर सेक्शन में ऑटोमैटिक सिग्नलिंग प्रणाली शुरू हुआ।
– इसके बाद 762 किलोमीटर लंबा गाजियाबाद-पंडित दीन दयाल उपाध्याय सेक्शन पूर्णतया स्वचालित हो गया है।
– यह भारतीय रेलवे का सबसे लंबा पूर्ण स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग सेक्शन बन गया है।
– यह भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त रूट में से एक है।
– इसे मैकेनिकल इंटरलॉकिंग की जगह इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में परिवर्तित कर दिया गया है।
– इससे ट्रेनों की सिक्‍योरिटी और सेफ्टी में इजाफा होगा।
– रेलवे के अनुसार वर्ष 2022-23 में 347 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम शुरू किया गया।
– दिसंबर 2022 तक रेलवे में कुल 2888 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम शुरू हुआ।

आटोमैटिक सिग्नलिंग क्या है?
– इसमें स्टेशन यार्ड के एडवांस स्टार्टर सिग्नल के आगे हर एक किलोमीटर पर सिग्नल लगाए जाते है।
– इन सिग्नल की मदद से ट्रेनें एक-दूसरे के पीछे चलती रहेंगी।
– इससे लगभग एक किलोमीटर के अंतर में ट्रेन चल सकेंगी।
– यदि किसी सिग्नल में तकनीकी खामी आती है तो पीछे चल रही ट्रेनों को भी इनफॉर्मेशन मिल जाएगी।
– इससे ट्रेनें जहां होंगी वहीं रुक जाएंगी।
– साथ ही ट्रेनों की लोकेशन की जानकारी भी मिलती रहेगी।

रेल मंत्री – अश्विनी वैष्णव

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8. ऑफशोर (अपतटीय) सिक्योरिटी को-आर्डिनेशन कमेटी (OSCC) की 134वीं मीटिंग कहां आयोजित हुई?
Where was the 134th meeting of the Offshore Security Co-ordination Committee (OSCC) held?

a. बरेली
b. वाराणसी
c. पटना
d. इंदौर

Answer: b. वाराणसी

– ऑफशोर सिक्योरिटी को-आर्डिनेशन कमेटी (OSCC) की 134वीं मीटिंग 04 जनवरी 2023 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में आयोजित हुई।
– भारतीय तट रक्षक बल के महानिदेशक वीएस पठानिया की अध्यक्षता में यह मीटिंग आयोजित हुई।
– इस मीटिंग में प्रतिभागियों ने भारत के अपतटीय प्रतिष्ठानों (offshore installations) की सुरक्षा की तैयारी और प्रभावशीलता की समीक्षा की।

OSCC (अपतटीय सुरक्षा समन्वय समिति)
– इसका गठन अपतटीय सुरक्षा व्यवस्थाओं के कुशल कामकाज को सुनिश्चित करने और आतंकवाद के खतरों की पहचान करने के लिए किया गया था।
– OSCC की पहली मीटिंग वर्ष 1978 में हुई थी।

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9. फे वेल्डन का निधन 04 जनवरी 2023 को हो गया, वह इनमें से क्या थी?
Fay Weldon, who passed away on 04 January 2023, she was which of the following?

a. अभिनेत्री
b. निर्देशक
c. लेखिका
d. वैज्ञानिक

Answer: c. लेखिका

– फे वेल्‍डन ब्रिटिश लेखिका थी।
– वो 91 वर्ष की थी।
– वेल्डन का जन्म यूके में हुआ था, लेकिन उनका पालन-पोषण न्यूजीलैंड में हुआ।

फे वेल्डन
– उनका जन्म 22 सितंबर 1931 अल्वेचर्च, यूनाइटेड किंगडम में हुआ था।
– वर्ष 1967 में उन्होंने अपना पहला उपन्यास ‘द फैट वुमेन्स जोक’ लिखा।
– उन्होंने 30 से अधिक उपन्यास, सात नॉन फिक्शन पुस्तकें, कई लघु कथाएँ और उपन्यास, और विभिन्न टेलीविजन और रेडियो कार्यक्रम लिखे थे।
– उनके ‘द लाइफ एंड लव्स ऑफ ए शी-डेविल’, ‘लिटिल सिस्टर्स’ और ‘फीमेल फ्रेंड्स’ जैसे उपन्यास काफी प्रचलित थे।

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10. हिमाचल विधानसभा के नए अध्यक्ष कौन चुने गए?
Who was elected the new Speaker of the Himachal Legislative Assembly?

a. कुलदीप सिंह पठानिया
b. रणवीर सिंह निक्का
c. मलेंदर राजन
d. भवानी सिंह पठानिया

Answer: a. कुलदीप सिंह पठानिया

– कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह पठानिया को 05 जनवरी 2023 को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का नया अध्यक्ष चुना गया।
– वे हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सोलहवें अध्यक्ष बने।
– हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कुलदीप सिंह पठानिया के विधानसभा अध्यक्ष होने का प्रस्ताव रखा।

कुलदीप सिंह पठानिया
– कुलदीप वर्तमान में भट्टियात विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं।
– पांच बार विधायक रह चुके हैं।

हिमाचल प्रदेश
राजधानी- शिमला
राज्यपाल- राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
सीएम- सुखविंदर सिंह सुक्खू

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11. किस संस्था ने भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना शुरू की?
Which organization launched India’s first green hydrogen blending project?

a. ONGC
b. NHPC
c. BHEL
d. NTPC Limited

Answer: d. NTPC Limited

– NTPC लिमिटेड ने भारत की पहली ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना प्रारंभ की।
– इसमें नेचुरल गैस को ग्रीन हाइड्रोजन के साथ मिक्स किया जायेगा।
– यह परियोजना NTPC कवास टाउनशिप, सूरत के पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) नेटवर्क में 03 जनवरी 2023 को शुरू हुई।
– यह परियोजना NTPC तथा गुजरात गैस लिमिटेड (GGL) का संयुक्त प्रयास है।

ग्रीन हाइड्रोजन मिश्रण परियोजना
– यह परियोजना सूरत के आदित्यनगर में कवास टाउनशिप में परिवारों को H2-NG (प्राकृतिक गैस) की आपूर्ति करेगी।
– कवास में हरित हाइड्रोजन 1 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजना से बिजली का उपयोग करके पानी के इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से उत्पादित किया जाता है।
– प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन का मिश्रण CO2 उत्सर्जन को कम करेगा।

इस परियोजना का क्या फायदा?
– इससे पहले यह उपलब्धि केवल ब्रिटेन, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ गिने-चुने देशों द्वारा प्राप्त की गई है।
– यह भारत को वैश्विक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था के केंद्र में लाएगा।
– भारत न केवल अपने हाइड्रोकार्बन आयात बिल को कम करेगा।
– बल्कि विश्व में हरित हाइड्रोजन और हरित रसायन निर्यातक बनकर विदेशी मुद्रा अर्जित करेगा।

NTPC Limited
स्थापना- 1975
मुख्यालय- नई दिल्ली
चेयरमैन एंड मैनेजिंग डायरेक्टर- गुरदीप सिंह

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