1. भारत के किस दर्रे (pass) पर दुनिया की सबसे ऊंची और लंबी हाइवे सुरंग बनेगी?
a. शिंकू ला पास
b. पेंसी ला पास
c. सेन्गे‑ला पास
d. गुम्बोक रंगान पास
Answer: a. शिंकू ला पास (Shinku La Pass)
– इसे ‘शिंगो ला’ पास के नाम से भी जाना जाता है।
– भारत में ‘शिंकू ला पास’ (शिंकू ला दर्रा) पर दुनिया की सबसे ऊंची और लंबी सुरंग (टनल) बनेगी।
– यह जानकारी बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट राजीव चौधरी ने 16 अप्रैल 2022 को न्यूज एजेंसी पीटीआई (PTI) को दी।
सुरंग के बारें में
– शिंकू ला पास कहां है : हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के बॉर्डर पर।
– टनल कहां से कहां को जोड़ेगा : हिमाचल प्रदेश को लद्दाख के ज़ांस्कर घाटी से।
– समुद्र तल से टनल की ऊंचाई : 16,580 फीट
– टनल की लंबाई : 4.25 किलोमीटर
– किस दर्रे पर सुरंग का निर्माण : शिंकू ला पास
– कब शुरू होगा निर्माण : जुलाई 2022 तक।
– निर्माण पूरा होने की तिथि : वर्ष 2025
– किस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण : योजक
प्रोजेक्ट योजक क्या है?
– बॉर्डर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी लाने के लिए BRO ने जनवरी 2022 में प्रोजेक्ट योजक को लॉन्च किया था।
– यह प्रोजेक्ट भारत के मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के अंतर्गत आता है।
– इस प्रोजेक्ट को मुख्यतः लद्दाख पर कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए लॉन्च किया गया था।
– इसके अलावा अटल टनल जैसी और ज्यादा टनल्स बनाना इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य था।
वर्तमान में दुनिया की सबसे लंबी हाइवे सुरंग कौनसी?
– अटल टनल
– वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने आधिकारिक तौर पर अटल टनल को दुनिया में 10,000 फीट से ऊपर की सबसे लंबी हाइवे टनल के रूप में प्रमाणित किया है।
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2. PM नरेंद्र मोदी ने ‘डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन’ (WHO GCTM) का शिलान्यास किस जगह किया?
a. जामनगर
b. उदयपुर
c. पटना
d. चंडीगढ़
Answer: a. जामनगर
– PM नरेंद्र मोदी ने 19 अप्रैल 2022 को इसका शिलान्यास किया।
– इस दौरान मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के DG टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस मौजूद थे।
– यह दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए पहला और एकमात्र ग्लोबल आउटपोस्टेड सेन्टर होगा।
– इस सेंटर की स्थापना भारत सरकार और WHO के बीच एक होस्ट एग्रीमेन्ट के तहत की जा रही है।
– इस केंद्र की स्थापना के लिए एक ज्वाइंट टास्क फोर्स (JTF) का गठन किया गया है।
WHO ने इसकी घोषणा कब की थी?
– WHO के महानिदेशक टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने 13 नवंबर 2020 को पांचवें आयुर्वेद दिवस पर WHO GCTM की स्थापना करने की घोषणा की थी।
– आयुष मंत्रालय के तहत ये स्थापित की जाएगी।
इसके फायदे
– आयुष प्रणालियों को दुनिया भर में स्थापित करना।
– ट्रेडिशनल मेडिसिन से संबंधित ग्लोबल हेल्थ मामले में नेतृत्व देना।
– ट्रेडिशनल मेडिसिन की क्वालिटी, सेफ्टी और उसके यूज को तय करना।
– डेटा बैंकों, शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों (academic and research Institutions) के सहयोग से WHO टीएम सूचना विज्ञान केंद्र की परिकल्पना करेगी।
– स्पेसफिक कैपासिटी बिल्डिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स को डेवलप करना।
– कैंपस, रेजिडेन्शियल, या वेब-बेस्ड ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलना।
– WHO GCTM पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित नीतियों के लिए सदस्य देशों को समर्थन देगा।
गुजरात
सीएम – भूपेंद्र पटेल
गवर्नर – आचार्य देवव्रत
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3. नासा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अंतरिक्ष में भारत के कचरे के कितने टुकड़े (space debris) पाए गए?
a. 120
b. 114
c. 109
d. 100
Answer: b. 114
– यह आंकड़ा 4 फरवरी 2022 तक का है, जिसे अप्रैल 2022 में नासा ने जारी किया।
– नासा ऑरबिटल डेबरिस क्वार्टरली न्यूज जारी करता है।
– इसमें पृथ्वी के लोअर ऑर्बिट (पृथ्वी की सहत से 2000 किलोमीटर के अंदर) का आंकड़ा होता है।
स्पेस डेबरिस (अंतरिक्ष का कचरा) क्या होता है?
– स्पेस में सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स और रॉकेट काफी लंबे समय तक रहते है, जब इनका समय पूरा होता है तो इनको अंतरिक्ष में छोड़ दिया जाता है या फिर नष्ट किया जाता है।
– अंतरिक्ष में इन्ही सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स और रॉकेट के बचे हुए हिस्से या टुकड़ों को स्पेस डेबरिस कहा जाता है।
स्पेस डेबरिस से क्या खतरा?
– ऑरबिट में सेटेलाइट्स को खतरा।
– स्पेस डेबरिस इन सेटेलाइट्स को हिट या डेमैज कर सकता है।
– प्रदूषण के कारण स्पेस डेबरिस संभावित रूप से ऑरबिट के अनुपयोगी क्षेत्रों का निर्माण कर सकते हैं।
अंतरिक्ष में कितना कचरा
– कुल 17,011 टुकड़े।
– इसका आकार 10 सेटीमीटर से बड़ा है।
– इन टुकड़ो में से भारत के 114 ऑबजेक्ट्स हैं।
– इसके अलावा स्पेस में भारत के 103 स्पेसक्राफ्ट है।
अन्य देशों के डेबरिस ऑब्जेक्ट्स
– CIS: 7032
– अमेरिका: 5216
– चीन: 3854
– फ्रांस: 520
– जापान: 117
– अन्य: 97
अन्य देशों के स्पेसक्राफ्ट
– CIS: 1551
– अमेरिका: 4144
– चीन: 517
– फ्रांस: 80
– जापान: 205
– अन्य: 1027
नोट
– कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेन्डेंट स्टेट्स (CIS) पूर्वी यूरोप और एशिया में एक क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन है।
– इसका गठन 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद हुआ था।
– आर्मेनिया, अजरबैजान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, मोल्दोवा, रूस, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान CIS के सदस्य हैं।
वर्ष 2019 में बढ़ा भारत का अंतरिक्ष कचरा
– देश के पहले एंटी-सैटेलाइट परीक्षण के बाद 2019 में डेबरिस में भारत का योगदान तेजी से बढ़ा था।
– 27 मार्च, 2019 को, भारत ने क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए अपने स्वयं के 740 किलोग्राम के माइक्रोसैट-आर सेटेलाइट को मार गिराया था।
– माइक्रोसैट-आर सेटेलाइट के नष्ट होने से बड़ी मात्रा में स्पेस डेबरिस का निर्माण हुआ था।
– नासा ने अनुमान लगाया था कि इससे डेबरिस के लगभग 400 बड़े और छोटे टुकड़े बने थे।
– हालांकि, केवल 100 ही इतने बड़े थे, कि उन्हें ट्रैक किया जा सके।
– परीक्षण के कुछ ही हफ्तों के भीतर कुल टुकड़ों में से लगभग 90 प्रतिशत पृथ्वी पर गिरकर जल गए।
– नासा ने करीब 50 बड़े टुकड़ों का पता लगाया था जो कई हफ्तों से अंतरिक्ष में रह गए थे।
– लेकिन अब कचरा कम हुआ है।
क्या स्पेस डेबरिस को साफ किया जाता है?
– नासा के अनुसार, 600 किलोमीटर से नीचे के ऑर्बिट में डेबरिस कई वर्षों के भीतर वापस पृथ्वी पर गिर जाएगा।
– लेकिन 1,000 किलोमीटर से ऊपर यह एक सदी या उससे अधिक समय तक पृथ्वी का चक्कर लगाता रहेगा।
– जापान की एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने डेबरिस को साफ करने के लिए एक जापानी स्टार्ट-अप एस्ट्रोस्केल के साथ अनुबंध किया।
– यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी 2025 में एक मिशन शुरू करने के लिए स्विस स्टार्ट-अप क्लियरस्पेस के साथ काम कर रही है।
– भारत में इसरो डेबरिस को हटाने के लिए आवश्यक तकनीकों पर विचार कर है।
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4. किस देश के रॉकेट का हिस्सा अंतरिक्ष से महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में अप्रैल 2022 में गिरा?
a. अमेरिका
b. रूस
c. चीन
d. पाकिस्तान
Answer: c. चीन
– महाराष्ट्र के चंद्रपुर में 2 अप्रैल की शाम को आसमान में चमकती रोशनी दिखाई दी थी।
– अगली सुबह जब लोगों ने देखा तो एक मेटल रिंग और सिलेंडर जैसा टुकड़ा पाया गया।
– इसरो के वैज्ञानिकों की टीम ने इसकी जांच की।
– हिन्दुस्तान टाइम्स में 17 अप्रैल को इस संबंध में न्यूज पब्लिश हुई है।
चीन के रॉकेट का टुकड़ा
– इसरो के वैज्ञानिकों ने प्रिलिमनरी इन्वेस्टिगेशन के अनुसार यह चीन के रॉकेट ‘लॉंग मार्च’ का टुकड़ा है।
किस रॉकेट का कचरा?
– न्यूजपेपर द हिन्दू के अनुसार यह अंतरिक्ष का कचरा चीन के चांग झेंग 3 बी सीरियल नंबर Y77(Chang Zheng 3B serial number Y77) रॉकेट का हिस्सा था, जिसको फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था।
– लेकिन चीन और भारत की ऑथोरिटीज ने इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है।
स्पेस डेबरिस (अंतरिक्ष का कचरा) क्या होता है?
– स्पेस में सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स और रॉकेट काफी लंबे समय तक रहते है, जब इनका समय पूरा होता है तो इनको अंतरिक्ष में छोड़ दिया जाता है या फिर नष्ट किया जाता है।
– अंतरिक्ष में इन्ही सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट्स और रॉकेट के बचे हुए हिस्से को स्पेस डेबरिस कहा जाता है।
भारत में स्पेस डेबरिस की जांच कौन करता है?
– स्पेस डेबरिस की जांच के लिए तो वैसे कई अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं उपलब्ध है।
– लेकिन भारत में इसकी जांच के लिए इसरो का डायेरेक्ट्रेट ऑफ स्पेस सिचुएशनल अवयेरनेस एंड मैनजमैंट (DSSAM) है, जिसे बेंगलुरु में स्थापित किया गया है।
इसरो
चेयरमैन : एस सोमनाथ
स्थापना : 1963
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5. किस देश ने लेजर मिसाइल डिफेंस सिस्टम ‘आयरन बीम’ का सफल परीक्षण किया?
किस देश ने नए लेजर इंटरसेप्शन एयर डिफेंस सिस्टम ‘आयरन बीम’ का सफल परीक्षण किया?
a. इजरायल
b. पाकिस्तान
c. श्रीलंका
d. यूक्रेन
Answer: a. इजरायल
– इजरायल ने अप्रैल 2022 में सफलातपूर्वक लेजर इंटरसेप्शन एयर डिफेंस सिस्टम ‘आयरन बीम’ का परीक्षण किया।
– यह खुलासा इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने 14 अप्रैल 2022 को एक ट्विट करके दी।
– इस सिस्टम ने रॉकेट्स, मोर्टर्स और अंमैन्ड एरियल वैक्हिल्स (UAV) को अवरोध और तबाह कर दिया है।
– यह परीक्षण पिछले महीने मार्च में नेगेव रेगिस्तान पर किया गया था।
आयरन बीम
– आयरन बीम एक लेजर इंटरसेप्शन एयर डिफेंस सिस्टम है।
– नफ्ताली बेनेट के अनुसार यह दुनिया का पहला एनर्जी बेस्ड वेपन्स सिस्टम है।
– इसकी लागत 3.50 डॉलर प्रति शॉट है।
– इसके लेजर से UAV, रॉकेट और मोर्टार को तबाह किया जा सकता है।
– इसे जल्द ही इज़राइल के एयर डिफेंस में शामिल किया जायेगा।
– यह मौजूदा सिस्टम्स का पूरक होगा, जिसमें प्रसिद्ध आयरन डोम भी शामिल है।
– ऐसा अनुमान है कि आयरन बीम को जमीन, समुद्र और हवा में तैनात किया जाएगा।
– इसका उद्देश्य देश के सामने आने वाले किसी भी हवाई खतरे को रोकने के लिए बॉर्डर्स के पार इसे तैनात करना है।
नोट: आयरन डोम एक मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम है, जो रॉकेटों को रोकने के लिए मिसाइलों का उपयोग करता है।
तेजी में तैयार किया जा रहा सिस्टम
– मूल रूप से, आयरन बीम को 2024 में इज़राइल के डिफेंस सिस्टम में शामिल किया जाना था।
– सिस्टम के उत्पादन में तेजी लाने का नेतृत्व रक्षा मंत्रालय के डायरेक्ट्रेट ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट, रक्षा समूह राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और एल्बिट सिस्टम्स के साथ साझेदारी में किया जाएगा।
– रक्षा समूह राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स और एल्बिट सिस्टम्स दोनों इजरायली फर्म है।
इस सिस्टम के बनाने की शुरूआत कब हुई?
– आयरन बीम पूरी तरह से नया कॉन्सेप्ट नहीं है।
– डिफेंस रिपोर्टों के अनुसार, इज़राइल 2000 के दशक की शुरुआत से एक लेजर-बेस्ड एयर डिफेंस सिस्टम की योजना बना रहा है।
– इज़राइल आयरन डोम का विकल्प चाहता था।
– राफेल ने 2009 में एक लेजर-आधारित रक्षा प्रोटोटाइप पर काम शुरू किया।
– 2014 में, कंपनी ने सिंगापुर एयर शो में आयरन बीम का एक प्रारंभिक वर्जन प्रदर्शित किया था।
– अब सात साल बाद, इसका परीक्षण किया गया, और इसकी तैनाती की जा सकती है।
आयरन बीम से ईरान को धमकी
– प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने फरवरी, 2022 में कहा था कि इजरायल एक साल के भीतर इस सिस्टम का उपयोग शुरू कर देगा।
– यह घोषणा उन्होंने ने अपने कट्टर दुश्मन ईरान को धमकाने के लिए की थी।
क्या भारत के पास लेजर हथियार हैं?
– वर्ष 2018 में डिफेंस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) ने लेजर के प्रकार वाले हथियारों का सफल परीक्षण किया था।
– कर्नाटक के चित्रदुर्ग में लेजर वाले वेपन्स का परीक्षण किया गया था।
– DRDO के अनुसार 1 KV (किलोवाट) की ये लेजर किरणें वाले वेपन्स 250 मीटर की दूरी तक वार कर सकते हैं और किसी भी मेटल में 30 सेकंड के अंदर तेजी से छेंद कर सकते हैं।
– भारत का गोपनीय हथियार काली है, जो इसी तरह का बताया जा रहा है।
– दुनिया के कई देशों के पास इस तरह के हथियार हैं।
चीन ने फरवरी में ऑस्ट्रलिया के सैन्य विमान पर लेजर हमला किया
– आस्ट्रेलियन डिफेंस डिपार्टमेंट ने कहा था कि चीन ने 17 फरवरी 2022 को उसके P-8A Poseidon plane (निगरानी विमान) पर लेजर फायर किया।
– वर्ष 2019 में साउथ चाइना सी में अभ्यास के दौरान ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के हेलीकॉप्टर पायलट्स पर चीन के द्वारा लेजर फायर करने का मामला सामने आया था।
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6. किस राज्य के प्रसिद्ध गायक और संगीतकार प्रफुल्ल कर का निधन 17 अप्रैल 2022 को हो गया?
a. पंजाब
b. ओडीशा
c. बिहार
d. मिजोरम
Answer: b. ओडीशा
– उनका निधन 83 वर्ष की उम्र में हो गया।
– वह लोकप्रिय उडि़या गायक और म्यूजीशियन थे।
– उन्हें 2015 में प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार मिला था।
– उन्होंने 1962 में उड़िया फिल्म श्री श्री पतिता पबाना (Shri Shri Patita Pabana) से एक गायक के रूप में अपना करियर शुरू किया था।
ओडीशा
सीएम – नवीन पटनायक
गवर्नर – गणेषी लाल
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7. विश्व लीवर दिवस (World Liver Day) कब मनाया जाता है?
a. 19 अप्रैल
b. 20 अप्रैल
c. 21 अप्रैल
d. 22 अप्रैल
Answer: a. 19 अप्रैल
लीवर क्यों महत्वपूर्ण है?
– संक्रमण और बीमारी से लड़ता है
– शरीर से विषैले पदार्थों को निकालता है
– कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करता है
– खून को जमने में मदद करता है
– शरीर के कई आवश्यक प्रोटीन बनाता है
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8. केंद्र सरकार ने एअर इंडिया एसेट होल्डिंग (AIAHL) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (CMD) के रूप में किसकी नियुक्ति को मंजूरी दी?
a. राजेंद्र पचौरी
b. विवेक चौधरी
c. अजय सिंह
d. विक्रम देव दत्त
Answer: d. विक्रम देव दत्त
– इससे पहले, दत्त एअर इंडिया के सीएमडी के रूप में प्रभारी थे।
– इसी कंपनी के अंडर में एअर इंडिया थी, जिसे टाटा समूह ने 18,000 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की बोली जीती।
– विक्रम देव दत्त एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश) कैडर के 1993-बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
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9. मल्टी लेवेल मार्केटिंग के नाम पर पिरामिड फ्रॉड के आरोप में किस एजेंसी ने Amway की 757.77 करोड़ की संपत्ति अटैच की?
a. सीबीआई
b. ईडी
c. डीआरआई
d. एनसीबी
Answer: b. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय)
– एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) का कहना है कि एमवे इंडिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में MLM पिरामिड स्कीम चला रही थी।
– डायरेक्ट सेलिंग और मल्टी लेवेल मार्केटिंग का मतलब है सीधे ग्राहकों को सामान बेचना।
– ED ने एमवे की अटैच कुल 757.77 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है।
– इनमें से अचल और चल संपत्ति 411.83 करोड़ रुपए की है। जैसे फैक्ट्री बिल्डिंग, प्लांट, मशीनरी, वाहन।
– इसके अलावा एमवे से जुड़े 36 बैंक अकाउंट में जमा 345.94 करोड़ का बैंक बैलेंस है।
– ये सारी संपत्ति इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट ने अटैच कर ली हैं।
किस कानून के तहत पिरामिड स्कीम अवैध है?
– कंज्यूमर प्रोटेक्शन (डायरेक्ट सेलिंग) रूल्स, 2021
– इस कानून के तहत कोई भी कंपनी सामान बेचने के लिए पिरामिड स्कीम नहीं चला सकती है। इसमें सजा का भी प्रावधान है।
– पिरामिड स्कीम एक तरह का मल्टी लेयर्ड नेटवर्क होता है। इस स्कीम में एक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को जोड़ता है।
– नए व्यक्ति को जोड़ने पर उसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से कोई न कोई बेनिफिट मिलता है। इस स्कीम में मनी-सर्कुलेशन यानी पैसे को घुमाया जाता है, जिसमें नए जुड़े लोगो का पैसा पुराने लोगो को मिलता है।
– पिरामिड स्कीम और डायरेक्ट सेलिंग एक जैसे ही लगते हैं, लेकिन फर्क प्रोडक्ट को लेकर आता है।
– डायरेक्ट सेलिंग में पैसे प्रोडक्ट खरीदने के देने होते है, और पिरामिड स्कीम में जॉइनिंग फीस के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं।
– प्रोडक्ट की बिक्री के बहाने सदस्य बनाने के लिए सेमिनार आयोजित करके एमवे की पिरामिड योजना को बढ़ावा देने में एक प्रमुख भूमिका निभाई।
– एजेंसी ने कहा कि प्रमोटरों ने मेगा सम्मेलन आयोजित किए, एक शानदार जीवन शैली का प्रदर्शन किया और भोले-भाले निवेशकों को लुभाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया।
एमवे के ज्यादातर प्रोडक्ट काफी महंगे
– ED का कहना है कि जांच में पता चला कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क की आड़ में पिरामिड फ्रॉड चला रहा था।
– ED ने कहा कि ‘वास्तविक तथ्यों को जाने बिना, आम भोली भाली जनता कंपनी के मेंबर बनने के लिए बहुत महंगी कीमतों पर प्रोडक्ट खरीदकर अपनी मेहनत की कमाई खो रहे थे।
– नए मेंबर प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने के लिए नहीं खरीद रहे थे, बल्कि अपलाइन मेंबर के दिखाए अमीर बनने के लालच में ऐसा करते थे।
कंपनी का पूरा फोकस प्रोडक्ट बेचने पर नहीं
– एजेंसी ने कहा, ‘कंपनी का पूरा फोकस यह प्रचार करने पर है कि कैसे मेंबर बनकर अमीर बन सकते हैं। प्रोडक्ट पर कोई ध्यान नहीं है।
एमवे की कितनी कमाई
– एमवे लगभग अमेरिकी कंपनी है और करीब 24 वर्षों से भारत में कारोबार कर रही है।
– वित्त वर्ष 2003 से 2022 तक 27 हजार 522 करोड़ रुपए सामान बेचकर इकट्ठे किए थे।
– इनमें से 7588 करोड़ रुपए कमीशन के रूप में इससे जुड़े लोगों को बांट दिए गए थे।
– ईडी ने कहा है कि कमीशन के चलते आम आदमी को महंगे प्रोडक्ट बेचे जा रहे थे। और इसके सदस्य सामान इसलिए नहीं खरीद रहे थे, कि अच्छे प्रोडक्ट है, दरअसल अमीर बनने के लिए खरीद रहे थे, जिससे वे बर्बाद हो रहे थे।
एमवे ने क्या कहा
– एमवे इंडिया ने कहा, “उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (डायरेक्ट सेलिंग) नियम, 2021 के तहत वह कानूनों का पालन कर रही है। एमवे के पास उच्चतम स्तर की ईमानदारी, अखंडता, कॉर्पोरेट प्रशासन और उपभोक्ता संरक्षण को बनाए रखने का एक समृद्ध इतिहास है, जो बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं के हित में समय से बहुत आगे है। ”
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10. भारतीय सेना की किस कोर ने सैन्य अभ्यास कृपाण शक्ति का आयोजन अप्रैल 2022 में किया?
a. स्ट्राइक कोर
b. त्रिशक्ति कोर
c. शक्ति कोर
d. इनमें कोई नहीं
Answer: b. त्रिशक्ति कोर
– इस कोर का नाम XXXIII Corps है। लेकिन निक नेम त्रिशक्ति कोर है।
– इस कोर का हेडक्वार्टर सिलिगुड़ी (पश्चिम बंगाल) में है।
– सिलीगुड़ी के पास तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज (TFFR) में यह आयोजित किया गया।