केंद्र सरकार ने PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) नियमों में संशोधन करके इसके दायरे में किसे शामिल किया?
Who has been included in the purview of the PMLA by amending the rules?
a. NGO
b. Politically exposed persons
c. केवल b
d. a और b
Answer: d. a और b (NGO और Politically exposed persons)
– वित्त मंत्रालय ने ‘धन शोधन निवारण अधिनियम’ (PMLA – Prevention of Money Laundering Act) के नियमों में 09 मार्च 2023 को संशोधन किया।
– इससे कानून में बदलाव से ईडी जैसी एजेंसी के काम का दायरा बढ़ जाएगा।
इन महत्वपूर्ण टॉपिक पर डिटेल
– PMLA कानून क्या है?
– PMLA में क्या संशोधन हुए?
– किस अंतर्राष्ट्रीय संगठन के सुझाव पर ये संशोधन हुए?
– ED (प्रवर्तन निदेशालय) का दायरा कितना बढ़ा?
– Politically Exposed Persons कौन हैं?
– संशोधन के तहत ED क्या करेगा?
क्या संशोधन हुए
– संशोधित नियम के अनुसार PMLA के तहत ‘ऐसे मामलों में 10 लाख रुपये और उससे अधिक के लेनदेन की रिपोर्ट ‘वित्तीय खुफिया इकाई’ को करनी होगी।’
– इसके दायरे में गैर सरकारी संगठन (NGO) और पॉलिटिकल एक्सपोज्ड पर्सन (राजनीतिक रूप से उजागर व्यक्ति) को शामिल किया गया है।
– NGO की कैटेगरी में सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन को भी रखा गया है।
– इसका मतलब हुआ कि PMLA के तहत राजनीति लोग, NGO, सैन्य अधिकारी और जज को भी कानून के दायरे में शामिल किया गया है।
किसके सुझाव पर कानून में संशोधन
– FATF के सुझाव पर केंद्र सरकार ने यह संशोधन किया है।
– दरअसल, इस वर्ष के अंत में FATF भारत की समीक्षा कर सकता है। इसी के मद्देनजर यह बदलाव हुआ है।
– FATF दुनिया के देशों को मनी लॉड्रिंग रोकने के लिए नियम तय करती है और इसे न मानने वाले देशों को ग्रे या ब्लैक लिस्ट में शामिल करती है।
Politically Exposed Persons कौन हैं?
वित्त मंत्रालय के नोटिफिकेशन के अनुसार – Politically Exposed Persons (PEP) ये कहे जाएंगे –
– जिन्हें दूसरे देश द्वारा प्रमुख सार्वजनिक कार्य सौंपे गए हों
– राज्यों या सरकारों के प्रमुख
– पॉलिटीशियन
– सीनियर गवर्नमेंट
– न्यायिक अधिकारी (जज)
– सैन्य अधिकारी
– राज्य के स्वामित्व वाले वरिष्ठ अधिकारी
– निगमों और महत्वपूर्ण राजनीतिक दल के अधिकारी
कानून में संशोधन से बदलाव हुआ
– नए बदलाव से बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनी को बहुत सारे ऐसे इंडीविजुअल और इंटिटी का रिकॉर्ड रखना पड़ेगा, जो पहले इस दायरे में नहीं आते थे।
– नियम के अनुसार पहले से कुछ खास लोगों के लिए इन कंपनियों को स्पेशल KYC (Know your customer) करना होता है।
– अब नए बदलाव से इन फाइनेंशियल कंपनियों को पॉलिटिकली एक्सपोज पर्सन (राजनीतिक दलों के नेता, कार्यकर्ता, सरकारी कंपनी के अधिकारी, जज सैन्य अधिकारी) को जोड़ने के लिए कारोबार करने के लिए स्पेशल KYC करना होगा।
– पॉलिटिकल एक्सपोज पर्सन होने की वजह से यह दायरा बहुत बड़ा हो जाएगा।
– दूसरा बदलाव NGO और सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन के लिए किया गया है।
– अगर उसका एक्सपोजर अगर पॉलिटिकल एक्सपोज पर्सन के साथ है, तो उसके काम काज को भी मनी लॉड्रिंग प्रिवेंशन एक्ट के तहत लाया गया है।
– इससे भारत में मनी लॉड्रिंग प्रिवेंशन का दायरा काफी बड़ा हो गया है और ईडी के कार्य का विस्तार हुआ है।
– ‘ऐसे मामलों में 10 लाख रुपये और उससे अधिक के लेनदेन की वित्तीय खुफिया इकाई को रिपोर्ट करनी होगी।’
PMLA कानून
– धन शोधन या मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) से तात्पर्य वैसे धन के रूपांतरण से है जो गैरकानूनी स्रोतों और विधियों द्वारा अवैध रूप से प्राप्त किया गया है।
– यह एक जघन्य अपराध है, जो न केवल देश के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करता है, बल्कि आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी जैसे अन्य गंभीर अपराधों को भी बढ़ावा देता है।
– PMLA को भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता (वियना कन्वेंशन) के अनुरूप मनी लॉन्ड्रिंग की समस्या से मुकाबला करन के लिए वर्ष 2002 में बनाया गया।
– किसी व्यक्ति पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया जाएगा, यदि वह व्यक्ति किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपराध से अर्जित आय से संलग्न है।
Enforcement Directorate (प्रवर्तन निदेशालय)
– स्थापना – एक मई 1956
– डायरेक्टर – संजय कुमार मिश्रा
– कानून – फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, 1999 और प्रिवेंशनल ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002