China's Land Border Law, New Land Border Law, China border dispute, Nepal border dispute, Bhutan Border dispute

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क्या है चीन का LAND BORDER LAW?
भारत पर कैसे पड़ेगा असर?

– बैठे-ठाले चीन ने एक और खेला कर दिया है। एक ऐसा कानून बना दिया है जिससे सीमा से लगी जमीनों ही नहीं, वहां के लोगों का भी इस्तेमाल सैनिक कार्यों के लिए किया जा सकेगा।
– इस कानून की धारा 22 कहती है कि PLA को सीमा पर अभ्यास के साथ-साथ किसी तरह के अतिक्रमण या उकसावे से मुकाबले के लिए खुलकर काम करने का मौका मिलेगा।
– जाहिर है फौरी तौर पर इससे भारत पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। – टाइमिंग देखिये कि ये तब हुआ है जब चीन ने पिछले डेढ़ साल से भारत को जबरन सीमा विवाद में उलझा रखा है।

– क्या है चीन का नया सीमा भूमि कानून?
– इससे PLA को क्या मिलेंगे अधिकार?
– भारत के साथ-साथ भूटान और नेपाल पर क्या होगा असर?
– क्या पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध और बढ़ेगा?
– क्या है इसके पीछे चीन की रणनीति?

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क्या है नया सीमा भूमि कानून में- 

– चलिये, आज के सेशन का श्रीगणेश करते हैं औऱ सबसे पहले जानते हैं कि चीन के इस नये सीमा संबंधी कानून में है क्या-क्या?
– इसके मुताबिक सीमा सुरक्षा में मजबूती के साथ वहां आर्थिक-सामाजिक विकास किये जा सकेगे।
– सीमाई क्षेत्रों को खोलने और बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाया जा सकेगा।
– सीमा के पास बसे लोगों को मदद देने के लिए ज्यादा कदम उठाये जा सकेंगे।
– इसके अलावा ये भी कहा गया है कि….देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता अटूट और अनुल्लंघनीय है।
– पड़ोसी देशों के साथ सीमा संबंधी मुद्दों को निपटाया जाएगा।
– सीमा संबंधी लंबित मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता की जाएगी।

– ऊपर से देखने में लगता है कि ये सामान्य सी बातें हैं लेकिन दरअसल तैयारी है सीमाई इलाकों में बसे लोगों को बरगलाने औऱ नये लोगों को बसाने की ताकि पड़ोसी देश के लिए इन इलाकों में सैन्य कार्रवाई और मुश्किल हो जाए।
– दूसरा, संप्रभुता और अखंडता की दुहाई देकर दरअसल यह कहने की कोशिश की गई है कि जिन-जिन क्षेत्रों में दावा है वहां वहां तक चीन एक है और इसका कोई उल्लंघन नहीं कर सकता।
– तीसरा, बुनियादी ढांचे यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास और लंबित मुद्दों के समाधान की बात करें तो एक तो वो पहले से ही सीमा से लगे इलाकों में धुआंधार सड़क, पुल और दूसरे निर्माण कर रहा है
– भारत से हाल ही में 13वें दौर की कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान उसने लंबित तो छोड़िये, हॉट स्प्रिंग, डेमचोक और डेपसांग प्लेन्स के मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए भी चीन तैयार नहीं हुआ।

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चीन का कितने देशो के साथ सीमा विवाद
– ये कानून उस देश मे बना है जिसके 21 देशों के साथ सीमा विवाद हैं । हालांकि दावा ये किया जाता है कि 12 देशों से विवाद सुलझा लिया गया है।
– बहरहाल, चीन का ये नया लैंड बॉर्डर लॉ 1 जनवरी यानी नये साल से लागू होगा।

भारत चीन सीमा विवाद
– इस कानून से जुड़े भारतीय सरोकारों की बात करें तो इससे पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद और लंबा खिंच सकता है।
– क्योंकि चीन कानून के जरिये अपने सीमाई इलाकों में सैनिक गतिविधियां बढ़ाएगा।
– अपने सीमाई इलाकों में दबदबा बढ़ाने के बाद चीन नये मोर्चे भी खोल सकता है।
– दोनों देशों में सीमा पर पिछले करीब डेढ़ साल से तनाव और गतिरोध बना हुआ है
– साथ ही एलएसी पर अब तक हुए समझौते को पूरी तरह लागू किया जाना भी बाकी है।
– ऐसे में ये कानून इस प्रक्रिया पर असर डाल सकता है और नया विवाद पैदा कर सकता है।

– इससे ये संभावना और बलवती यानी मजबूत हो जाती है कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा के पास लंबे समय तक टिके रहने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
– ऐसी आशंका हाल ही में सेना प्रमुख एम नरवणे भी जाहिर कर चुके हैं।
– सीमा के उस पार अब भी चीन की सेना यानी पीएलए अर्थात पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने हजारों सैनिक तैनात किये हुए हैं और उसने कई नये मिलिट्री बेस यानी सैन्य ठिकाने भी तैयार कर लिये हैं।
– भारत एलएसी यानी एक्चुअल लाइन ऑफ कंट्रोल अर्थात वास्तविक नियंत्रण रेखा को 3488 किमी की मानता है लेकिन चीन इसके सिर्फ दो हजार किमी को सीमा रेखा मानता है।
– यहां तक कि तिब्बत पर अवैध कब्जा करने के बाद से वो 890 किलोमीटर की उस मैकमोहन लाइन को भी नहीं मानता जो तिब्बत और ब्रिटेन के बीच 1914 में तय हुई थी।

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भारत के लिए चिंता का विषय चीन
सीमाएं मानना नहीं, लगातार सीमा का लांघने की कोशिश करना, सीमा के पास सैन्य गतिविधि बढ़ाना, बातचीत का सिर्फ ढोंग करना और अब ये नया कानून, जो उसे अपने इलाकों में मनमानी की खुली छूट देगा।
भारत के लिए चीन चिंता का विषय बन गया है। आगे भूटान और नेपाल की बात।

भूटान के सरोकार
– भूटान के साथ चीन का करीब 400 किमी की सीमा पर विवाद है।
– हाल ही में उसने सीमा विवाद हल करने के लिए भूटान से एक एमओयू भी किया है।
– लेकिन कूटनीतिक क्षेत्रों में इसे संदेह की नजर से देखा जा रहा है।
– क्योंकि संभव है कि चीन डोकलाम को हथियाने का कुचक्र रच रहा है जो एक रणनीतिक रूप से भारत के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है

नेपाल के सरोकार
– नेपाल में हाल ही में हुमला में चीन के बाड़ लगाने की पुष्टि एक सरकारी रिपोर्ट में हुई।
– इस घटनाक्रम के बाद से नेपाल में चीन के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं।
– नेपाल के साथ चीन ये सब दोस्ती का नाटक करते हुए कर रहा है
और नेपाल का कमजोर राजनीतिक नेतृत्व उसका विरोध नहीं कर पा रहा है।

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अब आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक संभावित डिस्क्रिप्टिव प्रश्न।

– चीन में हाल ही बनाये गये सीमा भूमि से संबंधित कानून का विस्तार से वर्णन कीजिये। इस कानून से जुड़ी भारतीय सरोकारों और चिंताओं का तथ्यों के साथ विश्लेण करें?

वैसे विकल्प आधारित कई प्रश्न बनते हैं जैसे

चीन का नया सीमा भूमि कानून कब से लागू होगा?

A) 24 अक्टूबर 2021
B) 24 नवंबर 2021
C) 1 जनवरी 2021
D) 1 जनवरी 2022

Answer: D) 1 जनवरी 2022

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हाल ही भारत-चीन कमांडर स्तर वार्ता का कौन सा चरण संपन्न हुआ?

A) पहला चरण
B) नौवां चरण
C) तेरहवां चरण
D) दूसरा चरण

Answer: C) तेरहवां चरण

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दरअसल नये बॉर्डर लैंड लॉ के माध्यम से चीन की रणनीति ये है कि किस तरह भारत, भूटान और नेपाल से लगने वाली सीमाओं के ग्रामीण इलाकों में पीएलए के जवान वहां के लोगों की आड़ में या उन्हें इस्तेमाल करते हुए कैसे उसकी पहली रक्षा पंक्ति यानी फ्रंट डिफेंस लेयर को मजबूत कर सकें।


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