यह 9 अक्टूबर 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. वन्यजीव सप्ताह 2025 कब मनाया गया?
When was Wildlife Week 2025 celebrated?
a. 2-8 अक्टूबर
b. 3-9 अक्टूबर
c. 4-10 अक्टूबर
d. 5-15 अक्टूबर
Answer: a. 2-8 अक्टूबर
2025 की थीम
– थीम 2025: सेवा पर्व- प्रकृति के प्रति सेवा और उत्तरदायित्व पर ध्यान केंद्रित करना
– Theme 2025: Seva Parv – Focusing on service and responsibility towards nature
– केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय ने 2-8 अक्टूबर 2025 तक वन्यजीव सप्ताह का आयोजन किया।
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2. वन्यजीव सप्ताह 2025 के दौरान केंद्र सरकार ने किन पांच राष्ट्रीय परियोजनाओं की शुरुआत की?
Which five national projects were launched by the Central Government during Wildlife Week 2025?
a. प्रोजेक्ट डॉल्फिन (Phase II), प्रोजेक्ट स्लॉथ बीयर, प्रोजेक्ट घड़ियाल
b. मानव–वन्यजीव संघर्ष के लिए उत्कृष्टता केंद्र (CoE-HWC), टाइगर रिजर्व के बाहर बाघों की पहल
c. प्रोजेक्ट मोर, प्रोजेक्ट चीतल, प्रोजेक्ट बाघ, प्रोजेक्ट बीयर, प्रोजेक्ट वन
d. a और b दोनों
Answer: d. a और b दोनों (1. प्रोजेक्ट डॉल्फिन (Phase II), 2. प्रोजेक्ट स्लॉथ बीयर, 3. प्रोजेक्ट घड़ियाल, 4. मानव–वन्यजीव संघर्ष के लिए उत्कृष्टता केंद्र (CoE-HWC), 5. टाइगर रिजर्व के बाहर बाघों अभियान)
1) प्रोजेक्ट डॉल्फिन (चरण-II) : नदी और समुद्री डॉल्फिन की निगरानी और सुरक्षा का विस्तार, आवास सुधार, पानी के भीतर शोर, मछली पकड़ने के खतरे और प्रदूषण कम करना।
2) प्रोजेक्ट स्लॉथ बियर – स्लॉथ बीयर की आबादी पर प्रभाव डालने वाले आवास हानि, संघर्ष क्षेत्र और अवैध शिकार को रोकने के लिए राष्ट्रीय क्रियान्वयन ढांचा
3) परियोजना घड़ियाल – नदी पारिस्थितिकी तंत्र, घोंसला स्थल पुनर्स्थापना और प्रजनन कार्यक्रम होगा। गंभीर रूप से लुप्तप्राय घड़ियाल के संरक्षण की संरचित योजनाओं पर काम होगा।
4) एसएसीओएन में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई-एचडब्ल्यूसी) – भारत में मानव-वन्यजीव संघर्षों की नीति, अनुसंधान और क्षेत्र-आधारित शमन का समर्थन करने के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना, साथ ही एक सूचना पुस्तिका का विमोचन।
5) टाइगर रिजर्व के बाहर बाघों के लिए अभियान : इसका उद्देश्य संरक्षित क्षेत्रों के बाहर संघर्षों का निवारण भूदृश्य दृष्टिकोण, तकनीकी हस्तक्षेप, क्षमता निर्माण और सामुदायिक समर्थन का उपयोग करके करना है।
चार जनसंख्या अनुमान और निगरानी पहल भी लॉन्च हुई
1) नदी डॉल्फिन और अन्य सीटेशियन की जनसंख्या अनुमान का दूसरा चक्र, जिसमें ब्रोशर और फील्ड गाइड बनाई गई।
2) अखिल भारतीय बाघ आकलन चक्र-6: आठ क्षेत्रीय भाषाओं में फील्ड गाइड तैयार की गई।
3) हिम तेंदुए की जनसंख्या अनुमान के दूसरे चक्र के लिए कार्य योजना।
4) ग्रेट इंडियन बस्टर्ड और लेसर फ्लोरिकन की जनसंख्या अनुमान पर प्रगति रिपोर्ट।
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3. केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के कितने वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रव्यापी समारोह मनाने का फैसला किया?
The Union Cabinet decided to celebrate nationwide celebrations to mark the completion of how many years of the national anthem “Vande Mataram”?
a. 100 वर्ष
b. 125 वर्ष
c. 150 वर्ष
d. 160 वर्ष
Answer: c. 150 वर्ष
– केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के राष्ट्रीय गीत, वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक वर्ष तक चलने वाले समारोह की घोषणा की है।
– सरकार का कहना है कि ऐसा देश के स्वतंत्रता संग्राम में इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का सम्मान करने के लिए किया जाएगा
– केंद्रीय कैबिनेट ने यह फैसला एक अक्टूबर 2025 को लिया।
राष्ट्रगीत के बारे में
– वंदे मातरम गीत की रचना बंकिमचंद्र चटर्जी ने 1875 में संस्कृत में की थी और यह उनके उपन्यास आनंद मठ (1882) में शामिल है।
– डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा में इसे आधिकारिक रूप से राष्ट्रगीत घोषित किया और कहा कि इसे राष्ट्रगान, जन गण मन के बराबर दर्जा प्राप्त होगा।
– भारतीय संविधान, अनुच्छेद 51A(a) के तहत, नागरिकों से संविधान, उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करने की अपेक्षा करता है, लेकिन इसमें राष्ट्रगीत का उल्लेख नहीं है।
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भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की मूल भाषा क्या है?
What is the original language of India’s national song ‘Vande Mataram’?
a. बांग्ला
b. संस्कृत
c. हिन्दी
d. तमिल
Answer: b. संस्कृत (भारत के राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की मूल भाषा संस्कृत थी, लेकिन इसे बंगाली लिपि में लिखा गया था।)
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4. अरुणाचल प्रदेश के किस जिले में राज्य की पहली वाणिज्यिक कोयला खदान है, जिसका उद्घाटन केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किया?
Which district of Arunachal Pradesh has the state’s first commercial coal mine, which was inaugurated by Union Coal and Mines Minister G. Kishan Reddy?
a. दिबांग घाटी
b. चांगलांग
c. अंजाव
d. कामले
Answer: b. चांगलांग
– केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने 6 अक्टूबर 2025 को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू के साथ ये उद्घाटन किया।
– यह राज्य की पहली वाणिज्यिक कोयला खदान है।
– नाम : नामचिक नामफुक कोयला खदान
– नामचिक नामफुक कोयला खदान में 1.5 करोड़ टन कोयले का भंडार है और यह आज से चालू हो गई है।
इससे किस क्षेत्र के विकास को गति
– नामचिक नामफुक कोयला खदान पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और साथ ही आत्मनिर्भर भारत की ओर भारत की यात्रा को मज़बूत करेगी।
– यह न केवल स्थानीय रोज़गार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा और आत्मनिर्भरता में क्षेत्र के योगदान को भी बढ़ाएगी।
– कुछ न्यूज के अनुसार नामचिक नामफुक कोयला क्षेत्र से वार्षिक 100 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने की आशा है।
अरुणाचल प्रदेश
– मुख्यमंत्री : पेमा खांडू
– राजधानी : ईटानगर
– गवर्नर : लेफ्टिनेंट जनरल कैवल्य त्रिविक्रम परनायक
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5. इंडियन नेवी में शामिल होने वाला दूसरा पनडुब्बी रोधी युद्ध पोत (ASW-SWC) का नाम बताएं, जो अर्नाला-क्लास का जहाज है?
Name the second Anti-Submarine Warfare (ASW-SWC) ship to be inducted into the Indian Navy, which is an Arnala-class ship?
a. INS एंड्रोथ
b. INS अजय
c. INS अंजादीप
d. INS विक्रांत
Answer: a. INS एंड्रोथ
– INS एंड्रोथ भारतीय नौसेना के एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC) के अर्नाला वर्ग का दूसरा जहाज है ।
– इस जहाज को 6 अक्टूबर 2025 को कमीशन किया गया था।
– इस समारोह की अध्यक्षता पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर ने की।
– यह इंडियन नेवी में शामिल होने वाला दूसरा पनडुब्बी रोधी युद्ध पोत (ASW-SWC) है।
– हाल ही में INS एन्ड्रोथ को पानी में उतारा गया है। इससे पहले अर्नाला, निस्तार, उदयगिरि और नीलगिरि जैसे युद्धपोत भी नौसेना में शामिल किए गए हैं।
– ये सभी जहाज़ दिखाते हैं कि नौसेना को नए और अलग-अलग तरह के प्लेटफार्मों से मजबूत और आधुनिक बनाया जा रहा है।”
INS एंड्रोथ के बारे
– नाम : INS एंड्रोथ
– किसके नाम पर : एंड्रोथ द्वीप
– क्लास : अर्नाला क्लास
– मालिक : भारतीय नौसेना
– ऑपरेटर : भारतीय नौसेना
– निर्माता : गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता
– लागत: करीब ₹ 789 करोड़
– लॉन्च : 6 अक्टूबर 2025
– स्पीड : 25 समुद्री मील (46 किमी/घंटा; 29 मील प्रति घंटा)
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6. विश्व कपास दिवस (WCD) कब मनाया जाता है?
When is World Cotton Day (WCD) celebrated?
a. 06 अक्टूबर
b. 07 अक्टूबर
c. 08 अक्टूबर
d. 10 अक्टूबर
Answer: b. 07 अक्टूबर
वर्ष 2025 की थीम
– कपास 2040: प्रौद्योगिकी, जलवायु और प्रतिस्पर्धात्मकता
– Cotton 2040: Technology, Climate & Competitiveness
– यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2021 में घोषित किया था।
– भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास उत्पादक और उपभोक्ता है, और वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाता है।
– शीर्ष पांच कपास उत्पादक देश चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील और पाकिस्तान हैं, जिनकी संयुक्त हिस्सेदारी वैश्विक उत्पादन में तीन-चौथाई से अधिक है।
– कपास हर दिन हमारे संपर्क में आता है, यह महिलाओं और उनके परिवारों सहित लाखों छोटे किसानों और मजदूरों के लिए आजीविका का स्रोत है, और कई विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
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7. बिहार के किन दो वेटलैंड को सितंबर 2025 में वैश्विक रामसर स्थल का दर्जा मिला?
Which two wetlands of Bihar got the status of global Ramsar site in September 2025?
a. गोगाबिल झील और कुशेश्वर स्थान झील
b. गोकुल जलाशय और उदयपुर झील
c. अनुपम झील और मत्स्यगंधा झील
d. खड़गपुर झील और घोघा झील
Answer: b. गोकुल जलाशय और उदयपुर झील (गोकुल बक्सर में और उदयपुर झील पश्चिम चंपारण में है। यहां पहले से दो अन्य रामसर स्थल हैं – काबरताल (कांवर झील), नागी पक्षी अभयारण्य और नकटी पक्षी अभयारण्य। अक्टूबर 2025 तक कुल संख्या 5 हो गई।)
– भारत ने बिहार से दो नई आर्द्रभूमि — बक्सर में गोकुल जलाशय और पश्चिम चंपारण में उदयपुर झील — को अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के रामसर सम्मेलन स्थलों की वैश्विक सूची में शामिल किया है।
– इन स्थलों के जुड़ने के साथ, भारत के रामसर स्थलों की संख्या अब 93 हो गई है, जो 13,60,719 हेक्टेयर क्षेत्रफल को कवर करती हैं।
– यह एशिया में अपनी शीर्ष स्थान बनाए रखते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जबकि यूके (176) और मेक्सिको (144) पहले और दूसरे स्थान पर हैं।
वेटलैंड किसे कहते हैं?
– यह ऐसी नम भूमि (wetland) होती है, जहां बारिश के समय पानी जमा होता है। साथ ही इस क्षेत्र में पक्षियों की बड़ी संख्या में प्रजाति भी पाई जाती है।
– पिछले वर्षों में कई साइट को रामसर साइट में शामिल किया गया है इसके संरक्षण के लिए यूनेस्को मदद देता है।
रामसर स्थल क्यों कहते हैं?
– रामसर, ईरान का एक शहर है।
– यहां पर 2 फरवरी, 1971 को रामसर आर्द्रभूमि समझौता (Ramsar Convention on Wetlands) पर दुनिया के देशों ने सिग्नेचर किए थे।
– इसलिए इसे रामसर संधि कहा जाता है. कुछ लोग इस संधि को आर्द्रभूमि संधि (Wetland Convention) भी कहते हैं।
– यह 1975 में लागू हुई।
– इस संधि का औपचारिक नाम है – अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व, विशेषकर जल पक्षी आवास के रूप में आर्द्रभूमियों के विषय में संधि।
– यह एक अंतर-सरकारी संधि है जो आर्द्रभूमि के संरक्षण और समुचित उपयोग के सम्बन्ध में मार्गदर्शन करती है।
– भारत ने 1982 में इस संधि पर हस्ताक्षर किए।
– भारत में आर्द्रभूमि (वेटलैंड) के संरक्षण के मामलों के लिए केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु-परिवर्तन मंत्रालय नोडल मंत्रालय घोषित है।
भारत के 93 रामसर स्थल (10 अक्टूबर 2025 तक)
1. अस्थमुड़ी वेटलैंड, केरल
2. ब्यास कंजर्वेशन रिजर्व, पंजाब
3. भितरकनिका मैंग्रोव, उड़ीसा
4. भोज वेटलैंड्स, मप्र
5. चंदेरटल वेटलैंड, हिमाचल प्रदेश
6. चिल्का झील, उड़ीसा
7. दीपोर बील, असम
8. पूर्वी कोलकाता वेटलैंड्स, पश्चिम बंगाल
9. हरिके झील, पंजाब
10. होकेरा वेटलैंड, जम्मू और कश्मीर
11. कांजली झील, पंजाब
12. केवलादेव घाना एनपी, राजस्थान
13. केशोपुर-मियां सामुदायिक रिजर्व, पंजाब
14. कोल्लेरू झील, आंध्र प्रदेश
15. लोकतक झील, मणिपुर
16. नालसरोवर पक्षी अभयारण्य, गुजरात
17. नंदुर मदमहेश्वर, महाराष्ट्र
18. नांगल वन्यजीव अभयारण्य, पंजाब
19. नवाबगंज पक्षी अभयारण्य, उत्तर प्रदेश
20. पार्वती आगरा पक्षी अभयारण्य, उत्तर प्रदेश
21. प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
22. पोंग डैम झील, हिमाचल प्रदेश
23. रेणुका वेटलैंड, हिमाचल प्रदेश
24. रोपड़ झील, पंजाब
25. रुद्रसागर झील, त्रिपुरा
26. समन पक्षी अभयारण्य, उत्तर प्रदेश
27. समसपुर पक्षी अभयारण्य, उत्तर प्रदेश
28. सांभर झील, राजस्थान
29. सांडी पक्षी अभयारण्य, उत्तर प्रदेश
30. सरसई नवर, उत्तर प्रदेश
31. सस्तमकोट्टा झील, केरल
32. सुंदरबन वेटलैंड, पश्चिम बंगाल
33. सुरिंसार-मानसर झीलें, जम्मू और कश्मीर
34. त्सोमोरिरी झील, जम्मू और कश्मीर
35. ऊपरी गंगा नदी, यूपी
36. वेम्बनाड कोल वेटलैंड, केरल
37. वुलर झील, जम्मू और कश्मीर
38. आसन कंजर्वेशिन रिजर्व, उत्तराखंड
39. काबरताल (कांवर झील), बिहार
40. कीठम झील (सूरसरोवर), उत्तर प्रदेश (आगरा)
41. लोनार झील, महाराष्ट्र
42. ‘स्तार्तासापुक त्सो’ और ‘त्सो कर’ झील, लद्दाख
43. सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान, हरियाणा
44. भिड़ावास वन्यजीव अभ्यारण्य, हरियाणा
45. थोल झील वन्यजीव अभ्यारण, गुजरात
46. वाधवाना आर्द्रभूमि क्षेत्र, गुजरात
47. हैदरपुर वेटलैंड, उत्तर प्रदेश
48. खिजादिया बर्ड सेंचुरी, गुजरात
49. बखिरा वाइल्डलाइफ सेंचुरी, उत्तर प्रदेश
50. करीकिली पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
51. पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट, तमिलनाडु
52. पिचवरम मैंग्रोव, तमिलनाडु
53. पाला वेटलैंड, मिजोरम
54. साख्य सागर वेटलैंड, मध्य प्रदेश
55. कूनथनकुलम पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
56. सतकोसिया गॉर्ज, ओडिशा
57. नंदा झील, गोवा
58. ‘गल्फ ऑफ मन्नार मरीन बायोस्फीयर रिजर्व’, तमिलनाडु
59. रंगनाथितु पक्षी अभ्यारण्य, कर्नाटक
60. वेम्बन्नूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, तमिलनाडु
61. वेलोड पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
62. सिरपुर वेटलैंड, मध्य प्रदेश
63. वेदान्थंगल पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
64. उदयमार्थंदपुरम पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
65. तंपारा झील, ओडिशा
66. हीराकुंड जलाशय, ओडिशा
67. अंशुपा झील, ओडिशा
68. यशवंत सागर, मध्य प्रदेश
69. चित्रांगुडी पक्षी अभ्यारण्य, तमिलनाडु
70. सुचिन्द्रम थेरूर वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, तमिलनाडु
71. वडुवूर पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
72. कांजीरकुलम पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
73. ठाणे क्रीक, महाराष्ट्र
74. हाइगम वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व, जम्मू और कश्मीर
75. शालबुग वेटलैंड कंजर्वेशन रिजर्व, जम्मू और कश्मीर
76. अंकसमुद्र पक्षी संरक्षण रिजर्व, कर्नाटक
77. अघानाशिनी अभ्यारण्य, कर्नाटक
78. मगदी केरे संरक्षण रिजर्व, कर्नाटक
79. कराईवेट्टी पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
80. लॉन्गवुड शोला रिजर्व वन, तमिलनाडु
81. नागी पक्षी अभयारण्य, बिहार
82. नकटी पक्षी अभयारण्य, बिहार
83. नंजरायन पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
84. काज़ुवेली पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
85. तवा जलाशय, मध्य प्रदेश
86. सक्करकोट्टई पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
87. थेरथंगल पक्षी अभयारण्य, तमिलनाडु
88. खेचोपलरी वेटलैंड, सिक्किम
89. उधवा झील, झारखंड
90. मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स, राजस्थान (उदयपुर)
91. खीचन वेटलैंड, राजस्थान (जोधपुर)
92. गोकुल जलाशय, बिहार (बक्सर)
93. उदयपुर झील, बिहार (पश्चिम चंपारण)
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8. गोकुल जलाशय किस राज्य में स्थित है, जिसे रामसर स्थल का दर्जा मिला?
In which state is Gokul Reservoir located, which has been given the status of Ramsar site?
a. उत्तर प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c. राजस्थान
d. बिहार
Answer: d. बिहार
– गोकुल जलाशय को सितंबर 2025 में रामसर स्थल की सूची में शामिल किया गया।
– गंगा नदी के दक्षिणी किनारे स्थित ऑक्सबो झील। (एक यू-आकार की झील या तालाब है जो नदी के चौड़े घुमाव (मेन्डर) के मुख्य धारा से कट जाने के कारण बनती है, जिससे नदी का वह मुड़ा हुआ भाग एक अलग जल निकाय बन जाता है। ये झीलें नदी के विकास और अपरदन की प्रक्रिया का परिणाम होती हैं, अक्सर बाढ़ के मैदानों में पाई जाती हैं।)
– पारिस्थितिक भूमिका: पास के गाँवों के लिये प्राकृतिक बाढ़ अवरोधक का कार्य करता है और 50 से अधिक पक्षी प्रजातियों के लिये निवास स्थान प्रदान करता है।
– सामुदायिक संपर्क: मत्स्यन, कृषि और सिंचाई के माध्यम से आजीविका प्रदान करता है।
– स्थानीय परंपरा: गाँववाले प्रत्येक वर्ष एक उत्सव के दौरान जलग्रहण क्षेत्र की सफाई करते हैं।
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9. उदयपुर झील, बिहार के किस जिले में स्थित है, जिसे रामसर स्थल का दर्जा मिला?
Udaipur Lake, which has been declared a Ramsar site, is located in which district of Bihar?
a. पटना
b. आरा
c. मुजफ्फरपुर
d. पश्चिम चंपारण
Answer: d. पश्चिम चंपारण
– इस झील को सितंबर 2025 में रामसर स्थल का दर्जा मिला।
उदयपुर झील, पश्चिम चंपारण के बारे में
– यह गाँव के चारों ओर स्थित ऑक्सबो झील है। (एक यू-आकार की झील या तालाब है जो नदी के चौड़े घुमाव (मेन्डर) के मुख्य धारा से कट जाने के कारण बनती है, जिससे नदी का वह मुड़ा हुआ भाग एक अलग जल निकाय बन जाता है। ये झीलें नदी के विकास और अपरदन की प्रक्रिया का परिणाम होती हैं, अक्सर बाढ़ के मैदानों में पाई जाती हैं।)
– जैव विविधता: यहाँ 280 पादप प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें एलिसिकार्पस रॉक्सबर्गियानस (Alysicarpus roxburghianus) (भारत के लिये स्थानीय) भी शामिल है।
– यह 35 प्रवासी पक्षी प्रजातियों के लिये एक महत्त्वपूर्ण शीतकालीन निवास स्थान है, जिनमें संकटग्रस्त कॉमन पोचार्ड भी शामिल है।
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10. किस जिले और राज्य में स्थित मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स को रामसर स्थल का दर्जा मिला?
In which district and state did the Menar Wetland Complex get the status of Ramsar site?
a. उदयपुर, राजस्थान
b. जोधपुर, राजस्थान
c. कोल्लम, केरल
d. आगरा, उत्तर प्रदेश
Answer: a. उदयपुर, राजस्थान
– इसे विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2025) को रामसर स्थल का दर्जा मिला।
– कॉम्प्लेक्स का मतलब कि कई तालाब, झील का समूह।
मेनार वेटलैंड कॉम्प्लेक्स के बारे में
– यह स्थल वर्षा आधारित ताजे जल का आर्द्रभूमि परिसर है, जो तीन प्रमुख तालाबों ‘ब्रह्म तालाब’, ‘ढांढ तालाब’ और ‘खेड़ा तालाब’ तथा इन्हें जोड़ने वाली कृषि भूमि से निर्मित है।
– अवस्थिति : उदयपुर जिले के मेनार गाँव के समीप स्थित
– प्रमुख विशेषताएँ : मॉनसून के समय कृषि भूमि में जल भर जाने से यह क्षेत्र पक्षियों के लिए आदर्श आवास बन जाता है। यहाँ 100 से अधिक जलपक्षियों की पाई जाती हैं, जिनमें 67 प्रवासी प्रजातियाँ हैं। यहाँ गंभीर रूप से संकटग्रस्त गिद्ध प्रजातियाँ वाइट-रंप वल्चर (Gyps bengalensis) और लॉन्ग बिल्ड वल्चर (Gyps indicus) भी यहाँ देखी जाती हैं यहाँ 70 से अधिक पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें ब्रह्म तालाब के आसपास के आम के वृक्षों पर इंडियन फ्लाइंग फॉक्स (प्टेरोपस गिगेंटस) की एक बड़ी कॉलोनी रहती है।
– सामुदायिक योगदान: यह स्थल राजस्थान में सामुदायिक संरक्षण का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यहाँ के स्थानीय लोग स्वयं शिकार और मछली पकड़ने जैसी गतिविधियों पर रोक लगाकर वन्यजीवों की रक्षा करते हैं। इससे यह क्षेत्र पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रयस्थल बन गया है।
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11. किस जिले और राज्य में स्थित खीचन वेटलैंड को रामसर स्थल का दर्जा मिला?
In which district and state did Khichan Wetland get the status of Ramsar site?
a. उदयपुर, राजस्थान
b. जोधपुर, राजस्थान
c. कोल्लम, केरल
d. आगरा, उत्तर प्रदेश
Answer: b. जोधपुर, राजस्थान
– इस झील को विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून 2025) को रामसर स्थल का दर्जा मिला।
– परिचय : उत्तरी थार रेगिस्तान में स्थित खीचन वेटलैंड में दो जल निकाय ‘रात्रि नदी’ एवं ‘विजयसागर तालाब’ तटवर्ती आवास और झाड़ीदार भूमि शामिल हैं।
– कहां स्थित है : जोधपुर ज़िले के फालोदी क्षेत्र में
– प्रमुख विशेषताएँ : यह रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र सूखा-प्रतिरोधी पौधों की प्रजातियों का महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो 150 से अधिक पक्षी प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करते हैं।
यह स्थल विशेष रूप से प्रवासी डेमोइसेल क्रेन (Anthropoides virgo) के विशाल शीतकालीन झुंडों के लिए जाना जाता है जिनकी संख्या प्रति वर्ष 22,000 से अधिक होती है।
– स्थानीय प्रयास: यहाँ के स्थानीय लोग डेमोइसल क्रेनों की रक्षा हेतु बिजली लाइनों की टक्करों और आवारा कुत्तों के हमलों से होने वाली मौतों को कम करके, क्रेन के अस्तित्व के लिए खतरों को कम करने के लिए काम करते हैं यह स्थल पक्षी प्रेमियों, वैज्ञानिकों, छात्रों और पर्यटकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
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12. वायु सेना दिवस कब मनाया जाता है?
When is Air Force Day celebrated?
a. 5 अक्टूबर
b. 6 अक्टूबर
c. 7 अक्टूबर
d. 8 अक्टूबर
Answer: d. 8 अक्टूबर
8 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है दिवस
– 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी।
– उस वक्त यह रॉयल इंडियन एयरफोर्स (RIAF) के नाम से जाना जाता था।
– स्थापना के अगले साल 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना।
– भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भी अहम भूमिका निभाई थी।
– देश की आजादी से पहले आर्मी के अंडर में वायु सेना काम करती थी।
– आजादी के बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था।
– आजाद भारत में सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था।
गीता से लिया आदर्श वाक्य
– भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम्’ (गर्व के साथ आकाश को छूना)
– यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है
– यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
एयर चीफ मार्शल: अमरप्रीत सिंह
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13. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने ₹24,634 करोड़ की लागत की चार रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी।
The Cabinet Committee on Economic Affairs (CCEA) approved four railway projects worth ₹24,634 crore.
कुल निवेश: ₹24,634 करोड़
नेटवर्क वृद्धि: 894 रूट किमी
अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता: 78 मिलियन टन प्रति वर्ष
परियोजना, लंबाई (km), राज्य
1) वर्धा – भुसावल तीसरी एवं चौथी लाइन, 314, महाराष्ट्र
2) वडोदरा – रतलाम तीसरी एवं चौथी लाइन, 259, गुजरात एवं मध्य प्रदेश
3) गोंदिया – डोंगरगढ़ चौथी लाइन, 84, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ़
4) इटारसी – भोपाल – बीना चौथी लाइन, 237, मध्य प्रदेश
– ये परियोजनाएँ कोयला, सीमेंट, कंटेनर, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न और स्टील जैसे औद्योगिक माल के परिवहन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
– नई लाइनों से भारतीय रेल की वार्षिक माल ढुलाई क्षमता 1.61 बिलियन टन (FY 2024–25) से बढ़कर 2 बिलियन टन तक पहुँचने की संभावना है।
साथ ही, ये मार्ग कई प्रमुख पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगे, जैसे —
– सांची – यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल
– सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व
– भीमबेटका रॉक शेल्टर्स
– हज़ारा जलप्रपात
– नवेगाँव राष्ट्रीय उद्यान
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