यह 17 & 18 अगस्त 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. यूनेस्को ने किस राज्य में स्थित डेक्कन ट्रैप्स को वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में शामिल किया?
UNESCO included the Deccan Traps located in which state in the tentative list of World Heritage?
a. मेघालय
b. नगालैंड
c. आंध्र प्रदेश
d. महाराष्ट्र
Answer: d. महाराष्ट्र

– यह महाराष्ट्र के पंचगनी और महाबलेश्वर में स्थित है, जिसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में शामिल किया गया है।
डेक्कन ट्रैप्स क्या है?
– डेक्कन ट्रैप्स भारत का एक बहुत बड़ा ज्वालामुखी क्षेत्र है, जो महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और दक्षिणी राजस्थान में फैला है।
– यह करीब 6.5 करोड़ साल पहले तब बना, जब धरती के अंदर से बहुत सारा लावा और गैसें निकली थीं।
– यह पृथ्वी के सबसे बड़े ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक है और इसका क्षेत्रफल लगभग 5 लाख वर्ग किलोमीटर है।
– पहले यह और भी बड़ा था।
– डेक्कन ट्रैप्स सिर्फ भूवैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भारत की खेती, संस्कृति और पर्यावरण के लिए भी खास है। यह हमें धरती के पुराने इतिहास और प्राकृतिक प्रक्रियाओं के बारे में बहुत कुछ बताता है।
कैसे बना:
– यह क्षेत्र रीयूनियन हॉटस्पॉट की वजह से बना, जो उस समय भारत के नीचे था। इस हॉटस्पॉट से धरती के अंदर से गर्म लावा निकला, जो बाहर आकर जम गया।
– यह ज्वालामुखी गतिविधि कई लाख साल तक चली और इससे लावा की कई परतें बनीं, जो सीढ़ी जैसी दिखती हैं। इसीलिए इसे “ट्रैप्स” कहते हैं, क्योंकि “ट्रैप” का मतलब स्वीडिश भाषा में सीढ़ी होता है।
कहाँ-कहाँ फैला है:
– यह खासकर महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट में है, जैसे पंचगनी, महाबलेश्वर, नासिक, पुणे और सतपुड़ा की पहाड़ियों में।
– कुछ जगहों पर लावा की परतें 2 किलोमीटर तक मोटी हैं।
डायनासोर के विलुप्त होने से इसका क्या संबंध है?
– वैज्ञानिक मानते हैं कि डायनासोर का अंत उल्कापिंड की वजह से हुआ, लेकिन इसके साथ-साथ कई सारी परिस्थितियां भी जिम्मेदार थीं।
– डेक्कन ट्रैप्स के ज्वालामुखी पहले से ही धरती का पर्यावरण खराब कर रहे थे।
– उसी समय भारत और कुछ देशों में बड़े-बड़े ज्वालामुखी फट रहे थे। इनसे निकली गैसें और लावा ने मौसम को बदल दिया।
– हवा में सल्फर और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसों ने धरती को ठंडा और फिर गर्म किया, जिससे जीव-जंतुओं के लिए जीना मुश्किल हो गया।
– उल्कापिंड ने आखिरी और सबसे बड़ा झटका दिया।
– यह उल्कापिंड 6.6 करोड़ साल पहले पृथ्वी से टकराया था। इससे धूल और गैसें हवा में फैल गईं, सूरज की रोशनी रुक गई, ठंड बढ़ी और पौधों का विकास रुक गया। इस वजह से डायनासोर और कई अन्य जीव मर गए।
– लेकिन डेक्कन ट्रैप्स की कहानी भी कम महत्वपूर्ण नहीं है।
आर्थिक फायदा:
– यहाँ की चट्टानों से बनी “काली मिट्टी” बहुत उपजाऊ है, खासकर कपास की खेती के लिए। इसीलिए इस क्षेत्र को “कपास का कटोरा” कहते हैं।
– यहाँ कुछ खनिज भी मिलते हैं।
प्रकृति और संस्कृति:
– डेक्कन ट्रैप्स की वजह से यहाँ खूबसूरत पहाड़ियाँ और प्राकृतिक नजारे हैं, जैसे पश्चिमी घाट।
– यह क्षेत्र अजंता और एलोरा की गुफाओं जैसी ऐतिहासिक जगहों के लिए भी मशहूर है, जो इन चट्टानों में बनाई गई हैं।
वैज्ञानिक नजरिया:
– वैज्ञानिक इस क्षेत्र का अध्ययन करते हैं ताकि धरती के पुराने इतिहास, मौसम के बदलाव और डायनासोर के खत्म होने की वजहों को समझ सकें।
– ज्वालामुखियों से निकली गैसें, जैसे सल्फर और कार्बन डाइऑक्साइड, ने धरती का तापमान बदला, जिससे पर्यावरण पर बड़ा असर पड़ा।
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UPSC & State PCS लेवेल के प्रिलिम्स प्रश्न: –
Q. डेक्कन ट्रैप्स को सितंबर 2025 में यूनेस्को की अस्थाई सूची में शामिल किया गया, इसके संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1) इसका निर्माण रीयूनियन हॉटस्पॉट से जुड़ा है, जो कभी भारतीय प्लेट के नीचे स्थित था।
2) डेक्कन ट्रैप्स मुख्यतः ग्रेनाइट और गनीस चट्टानों से बना है।
3) यह क्षेत्र अजंता और एलोरा की गुफाओं जैसी ऐतिहासिक धरोहरों से जुड़ा है।
4) इसका निर्माण क्रेटेशियस–पैलियोजीन सीमा (Cretaceous–Paleogene Boundary) काल से जुड़ा माना जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
a. केवल 1 और 3
b. केवल 2 और 4
c. केवल 1, 3 और 4
d. 1, 2, 3 और 4
Answer: c. केवल 1, 3 और 4
संक्षिप्त व्याख्या –
1) सही – डेक्कन ट्रैप्स का निर्माण रीयूनियन हॉटस्पॉट से हुआ था।
2) गलत – यह मुख्यतः बेसाल्ट (Basalt) से बना है, ग्रेनाइट-गनीस से नहीं।
3) सही – अजंता व एलोरा गुफाएँ डेक्कन ट्रैप्स की बेसाल्ट चट्टानों में बनाई गई हैं।
4) सही – यह लगभग 65–66 मिलियन वर्ष पहले क्रेटेशियस–पैलियोजीन सीमा पर बना।
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डेक्कन ट्रैप्स को सितंबर 2025 में यूनेस्को की अस्थाई सूची में शामिल किया गया। डेक्कन ट्रैप्स से बनी ‘काली मिट्टी’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1) यह कपास की खेती के लिए उपयुक्त है।
2) इसमें जल धारण क्षमता (Water Holding Capacity) अधिक होती है।
3) इसमें नाइट्रोजन और फॉस्फोरस की प्रचुरता होती है।
सही उत्तर चुनिए –
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2 और 3
Answer: a केवल 1 और 2
संक्षिप्त व्याख्या –
1) सही – इसे “Cotton Soil” कहते हैं।
2) सही – इसकी जल धारण क्षमता (High Water Retention Capacity) होती है।
3) गलत – इसमें नाइट्रोजन व फॉस्फोरस की कमी होती है, लेकिन पोटाश व चूना प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
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Mains स्तर के प्रश्न:-
प्रश्न 1. “डेक्कन ट्रैप्स केवल एक भूवैज्ञानिक संरचना नहीं है, बल्कि यह पृथ्वी के जलवायु परिवर्तन, जीव-जंतुओं के विलुप्त होने तथा भारत की कृषि-संस्कृति के विकास को समझने की कुंजी भी है।”
इस कथन की आलोचनात्मक विवेचना कीजिए।
प्रश्न 2. “डेक्कन ट्रैप्स का निर्माण और क्रेटेशियस–पैलियोजीन विलुप्ति घटना (Cretaceous–Paleogene Extinction Event) आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं।”
उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए कि यह ज्वालामुखीय गतिविधि किस प्रकार वैश्विक पर्यावरणीय संकट और जैव विविधता के पतन के लिए जिम्मेदार रही।
प्रश्न 3. भारत की काली मिट्टी (Regur Soil) के भूवैज्ञानिक आधार और आर्थिक महत्त्व का विश्लेषण कीजिए।
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2. यूनेस्को ने किस राज्य में स्थित ‘सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर का भूवैज्ञानिक धरोहर’ को वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में शामिल किया?
UNESCO included the ‘Geological Heritage of St. Mary’s Island Cluster’ located in which state in the tentative list of World Heritage?
a. कर्नाटक
b. नगालैंड
c. आंध्र प्रदेश
d. महाराष्ट्र
Answer: a. कर्नाटक

– यूनेस्को ने सितंबर 2025 में कर्नाटक में स्थित ‘सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर का भूवैज्ञानिक धरोहर’ को वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में शामिल किया है।
– ये चट्टानें लगभग 88 मिलियन वर्ष पुरानी हैं, अर्थात् लेट क्रेटेशियस काल की। यह वह अवधि है जब भारतीय उपमहाद्वीप अभी मैडागास्कर से जुड़ा हुआ था, और बाद में दोनों का अलगाव हुआ।
सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर
– सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर कर्नाटक के तटीय क्षेत्र (मालपे के पास, उडुपी ज़िला) में अरब सागर में स्थित छोटे-छोटे द्वीपों का समूह है। इसमें मुख्यतः चार द्वीप शामिल हैं
1) कोकोनट आइलैंड, 2) नॉर्थ आइलैंड, 3) दर्या बहादुरगढ़ आइलैंड, 4) साउथ आइलैंड
– इसके अतिरिक्त मिडल रॉक नामक चट्टानी संरचना भी इसमें आती है।
– सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह भारत के भूगर्भीय अतीत, वैज्ञानिक अनुसंधान, शिक्षा, संरक्षण और वैश्विक पहचान – सभी दृष्टियों से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व रखता है।
भूवैज्ञानिक महत्व (Geological Significance)
– यह स्थल पृथ्वी के लेट क्रेटेशियस काल (8.8 करोड़ {88 मिलियन} वर्ष पूर्व) के भू-इतिहास का जीवित प्रमाण है।
– यहाँ की स्तंभाकार ज्वालामुखीय चट्टानें (Columnar Basalt/Rhyolite) प्लेट टेक्टोनिक्स, ज्वालामुखीय गतिविधि और महाद्वीपीय विस्थापन (Continental Drift) को समझने में मदद करती हैं।
– यह बताता है कि कैसे भारत और मैडागास्कर का अलगाव हुआ था।
वैज्ञानिक अनुसंधान महत्व (Scientific Importance)
– पेलियोमैग्नेटिज़्म (Palaeomagnetism) के अध्ययन के लिए यह स्थल महत्वपूर्ण है।
– यह स्थल भूगर्भ विज्ञान (Geology), पृथ्वी विज्ञान (Earth Sciences) और समुद्री भूगोल (Marine Geomorphology) के शोधार्थियों के लिए प्रयोगशाला की तरह है।
प्रमुख भूवैज्ञानिक विशेषताएँ
1) स्तंभाकार ज्वालामुखी चट्टानें (Columnar Rhyolitic Lava):
– कोकोनट आइलैंड पर स्तंभाकार जोइंट्स (columnar joints) दिखाई देते हैं, जो कि राइओलाइट (Rhyolite) तथा रायोडेसाइट (Rhyodacite) संरचनाएँ हैं। ये ज्यादातर स्तंभों का व्यास लगभग 20-25 सेमी है।
2) उम्र एवं विकासक्रम (Age and Geological Context):
– ये चट्टानें लगभग 88 मिलियन वर्ष पुरानी हैं, अर्थात् लेट क्रेटेशियस काल की। यह वह अवधि है जब भारतीय उपमहाद्वीप अभी मैडागास्कर से जुड़ा हुआ था, और बाद में दोनों का अलगाव हुआ।
3) भू-मैग्नेटिक एवं प्लेट टेक्टोनिक्स महत्व:
– इन चट्टानों से पेलियमैगनेटिज्म (palaeomagnetism) से जुड़े अध्ययन किए गए हैं, जिससे यह पता चलता है कि ये रचना प्लेट टेक्टोनिक्स और महाद्वीपीय आकलन (continental drift) की घटनाओं से जुड़ी है।
4) सौंदर्य एवं दृश्यात्मक विशेषता:
– स्तंभों की ज्यामितीय संरचना — बहुभुज (polygonal) स्तंभों का समूह — स्वरूप में आकर्षक है और प्राकृतिक निर्माण की एक कलात्मक छवि प्रस्तुत करती है। ये स्तंभ जिनकी ऊँचाई कुछ मीटर तक हो सकती है, प्राकृतिक वातावरण में अच्छी तरह संरक्षित हैं।
संरक्षण एवं कानूनी स्थिति
– सेंट मैरी आइलैंड्स को राष्ट्रिय भूवैज्ञानिक स्मारक (National Geological Monument) घोषित किया गया है।
– यह स्थल भारत सरकार की तटवर्ती विनियमन (Coastal Regulation Zone – CRZ) के अंतर्गत भी संरक्षित है।
यूनेस्को में अस्थायी सूची में शामिल होने का मतलब
– सितंबर 2025 में यूनेस्को की Tentative List (अस्थायी सूची) में इस स्थल को शामिल किया गया है। इसका अर्थ यह है कि भारत सरकार ने इसे संभावित विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामांकन के लिए प्रस्तावित किया है।
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UPSC & State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न: –
Q. सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए, जिसे यूनेस्को के विश्वधरोहर की अस्थाई सूची में शामिल किया गया है:
1) यह स्थल स्तंभाकार राइओलाइटिक लावा (Columnar Rhyolitic Lava) संरचनाओं के लिए प्रसिद्ध है।
2) इसकी चट्टानें लेट क्रेटेशियस काल की हैं और भारत–मैडागास्कर के अलगाव से जुड़ी हैं।
3) इसे भारत सरकार ने राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक घोषित किया है।
4) यह स्थल “साइलेंट वैली नेशनल पार्क” के अंतर्गत संरक्षित है।
सही विकल्प चुनिए:
a. केवल 1 और 2
b. केवल 1, 2 और 3
c. केवल 3 और 4
d. 1, 2, 3 और 4
Answer: b. केवल 1, 2 और 3
संक्षिप्त व्याख्या
1. सही – यहाँ स्तंभाकार राइओलाइटिक/रायोडेसाइट लावा संरचनाएँ मिलती हैं।
2. सही – ये लगभग 88 मिलियन वर्ष (लेट क्रेटेशियस काल) पुरानी हैं और भारत–मैडागास्कर अलगाव से जुड़ी हैं।
3. सही – भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक घोषित किया है।
4. गलत – यह साइलेंट वैली नेशनल पार्क (केरल) का हिस्सा नहीं है।
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Q. सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर को भूवैज्ञानिक दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है, जिसे यूनेस्को के विश्वधरोहर की अस्थाई सूची में शामिल किया गया है?
a. यह भारत में सबसे पुरानी प्रीकैम्ब्रियन शिलाओं का प्रतिनिधित्व करता है।
b. यह स्थल भारतीय उपमहाद्वीप और मैडागास्कर के अलगाव का साक्ष्य प्रस्तुत करता है।
c. यहाँ पालेओलिथिक काल के मानव अवशेष पाए गए हैं।
d. यह भारत में सबसे बड़ा बेसाल्टिक ट्रैप है।
Answer: b. यह स्थल भारतीय उपमहाद्वीप और मैडागास्कर के अलगाव का साक्ष्य प्रस्तुत करता है।
संक्षिप्त व्याख्या
a. गलत – प्रीकैम्ब्रियन शिलाएँ नहीं, बल्कि लेट क्रेटेशियस की हैं।
b. सही – यह भारत और मैडागास्कर के अलगाव का भूवैज्ञानिक साक्ष्य प्रस्तुत करता है।
c. गलत – मानव अवशेष नहीं मिले।
d. गलत – यह सबसे बड़ा बेसाल्टिक ट्रैप नहीं (वह है डेक्कन ट्रैप्स)।
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UPSC & State PCS Mains लेवेल के प्रश्न:-
प्रश्न 1. “सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर केवल एक पर्यटन स्थल नहीं है, बल्कि यह भारत के भूगर्भीय अतीत और वैश्विक भूविज्ञान की समझ में महत्वपूर्ण योगदान देता है।”
इस कथन का वैज्ञानिक दृष्टि से परीक्षण कीजिए।
प्रश्न 2. प्लेट विवर्तनिकी और महाद्वीपीय विस्थापन के संदर्भ में सेंट मैरी आइलैंड क्लस्टर का महत्व स्पष्ट कीजिए।
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3. यूनेस्को ने मेघालयन काल की गुफाओं को विश्व धरोहर की अस्थाई सूची में शामिल किया, मेघालयन एज कब शुरू हुआ था?
UNESCO included Meghalayan Age caves in the tentative list of World Heritage, when did the Meghalayan Age begin?
a. 1,200 वर्ष पूर्व
b. 2,200 वर्ष पूर्व
c. 3,200 वर्ष पूर्व
d. 4,200 वर्ष पूर्व
Answer: d. 4,200 वर्ष पूर्व

– यूनेस्को ने सितंबर 2025 में मेघालयन काल के गुफाओं को विश्व धरोहर की अस्थाई सूची में शामिल किया।
मेघालयन एज क्या है?
– यह पृथ्वी के 4.6 अरब वर्ष के इतिहास में भूगर्भिक समय पैमाने की सबसे नवीनतम इकाई है।
– इसका समयकाल आज से 4,200 वर्षों पहले शुरू हुआ है और अभी भी चल रहा है।
– “ मेघालय युग” 4,200 वर्ष पहले शुरू हुआ था और इस दौरान विश्व भर में अचानक भयंकर सूखा और ठंड का दौर आया था।
मेघालयन एज गुफाएं (ईस्ट खासी हिल्स, मेघालय)
– मेघालयन एज केव्स मेघालय के पूर्व खासी हिल्स जिले में हैं।
– ये गुफाएँ चूना पत्थर (लाइमस्टोन) से बनी हैं और बहुत खास हैं।
– इन्हें 2025 में यूनेस्को की विश्व धरोहर की अस्थायी सूची में शामिल किया गया है।
– ये गुफाएँ होलोसीन काल (हाल का भूवैज्ञानिक युग) के ‘मेघालयन एज’ (Meghalayan Age) का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो लगभग 4,200 वर्ष पूर्व (4.2 ka BP) शुरू हुआ था।
– ये गुफाएँ न सिर्फ सुंदर हैं, बल्कि धरती के इतिहास और प्रकृति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।
– इनमें कुछ गुफाएँ, जैसे क्रेम पुरी, दुनिया की सबसे लंबी रेत-पत्थर (सैंडस्टोन) गुफा हैं।
कहाँ हैं और कैसी दिखती हैं?
– जगह: मेघालय में शिलांग के पास, पूर्व खासी पहाड़ियों में। ये गुफाएँ ऊँची पहाड़ियों (लगभग 1,200 मीटर ऊँचाई) में हैं।
– मेघालयन एज गुफाएं प्रमुख गुफाएँ –
1) माव्मलुह (Mawmluh)
2) अरवाह (Arwah)
3) माव्समाई (Mawsmai)
4) क्रेम पुरी (Krem Puri)
– कुल कम से कम 12 गुफाएँ हैं, लेकिन आकार, भूवैज्ञानिक विशेषताओं और पहुँच के आधार पर चार का चयन किया गया।
– ऊँचाई: समुद्र तल से लगभग 4,025 फीट (1,227 मीटर)
– खासियत: इन गुफाओं में सुंदर प्राकृतिक संरचनाएँ हैं, जैसे टपकते पत्थर (stalactites) और जमीन से उभरे पत्थर (stalagmites)। क्रेम पुरी गुफा 24.5 किमी लंबी है, जिसमें अंदर नदियाँ, तालाब और चमकदार पत्थर हैं।
क्यों खास हैं?
धरती का इतिहास:
– ये गुफाएँ ‘मेघालयन एज’ (लगभग 4,200 साल पहले शुरू) की कहानी बताती हैं।
– उस समय दुनिया में बड़ा सूखा पड़ा था, जिसने हड़प्पा, मिस्र और मेसोपोटामिया जैसी सभ्यताओं को प्रभावित किया।
– मावम्लुह गुफा में पत्थरों (stalagmites) के रिकॉर्ड हैं, जो उस समय की जलवायु (बारिश, तापमान) की जानकारी देते हैं।
– ये रिकॉर्ड धरती के इतिहास को समझने में मदद करते हैं।
वैज्ञानिक एवं शैक्षिक महत्व
– गुफाओं में संरक्षित आइसोटोप डाटा (Oxygen isotopes आदि) से वैश्विक जलवायु इतिहास का अध्ययन किया जाता है।
– यह स्थल पृथ्वी विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान और भूगर्भीय अनुसंधान के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला है।
प्रकृति की विविधता:
– इन गुफाओं में कई दुर्लभ जीव-जंतु और कीड़े-मकड़े रहते हैं, जैसे खास मछलियाँ, मकड़ियाँ, और झींगुर। ये जीव कहीं और नहीं मिलते, इसलिए इन्हें बचाना जरूरी है।
सुंदरता:
– गुफाओं का नजारा बहुत आकर्षक है, जो पर्यटकों को खींचता है।
स्थानीय लोगों का योगदान
– खासी जनजाति इन गुफाओं की देखभाल करती है।
– ये लोग इन्हें प्राकृतिक रूप से बचाए रखते हैं।
– कुछ गुफाएँ, जैसे अरवा गुफा, पर्यटकों के लिए खुली हैं और चेरापूंजी (सोहरा) के पास हैं।
चुनौतियाँ
– ज्यादा पर्यटकों से गुफाओं के जीव-जंतुओं को नुकसान हो सकता है।
– जलवायु परिवर्तन से गुफाओं के पत्थरों को खतरा है।
– इन्हें बचाने के लिए सरकार और स्थानीय लोग मिलकर काम कर रहे हैं।
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UPSC & State PCS लेवेल के प्रिलिम्स प्रश्न: –
Q. 1 निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1) मेघालयन एज पृथ्वी के भूगर्भीय समय-पैमाने की नवीनतम इकाई है, जिसकी शुरुआत लगभग 4,200 वर्ष पूर्व हुई।
2) इस काल की पहचान विश्व के कई हिस्सों में अचानक आए सूखे और ठंड की स्थिति से की जाती है।
3) मेघालयन एज गुफाओं का निर्माण बेसाल्ट चट्टानों से हुआ है, और इनमें क्रेम पुरी दुनिया की सबसे लंबी बेसाल्ट गुफा है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2 और 3
Answer: a. केवल 1 और 2
संक्षिप्त व्याख्या
1) सही – मेघालयन एज पृथ्वी के भूगर्भीय समय पैमाने की नवीनतम इकाई है, जिसकी शुरुआत 4,200 वर्ष पूर्व हुई।
2) सही – इसकी पहचान वैश्विक स्तर पर आए अकाल/सूखे व ठंड से की जाती है।
3) गलत – गुफाएँ लाइमस्टोन (चूना पत्थर) की बनी हैं, न कि बेसाल्ट की। क्रेम पुरी दुनिया की सबसे लंबी सैंडस्टोन गुफा है।
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Q. 2 मेघालयन एज गुफाओं के संदर्भ में सही जोड़ी (Correct Matching) कौन-सी है?
1) माव्मलुह गुफा – जलवायु परिवर्तन के स्टैलैग्माइट रिकॉर्ड
2) क्रेम पुरी गुफा – दुनिया की सबसे लंबी सैंडस्टोन गुफा
3) अरवाह गुफा – मुख्यतः चूना पत्थर संरचनाएँ
4) माव्समाई गुफा – हाल ही में विश्व धरोहर सूची में स्थायी रूप से शामिल
सही विकल्प चुनिए:
a. केवल 1, 2 और 3
b. केवल 2 और 4
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2, 3 और 4
Answer: a. केवल 1, 2 और 3
1) सही – माव्मलुह गुफा → जलवायु परिवर्तन के स्टैलैग्माइट रिकॉर्ड
2) सही – क्रेम पुरी गुफा → दुनिया की सबसे लंबी सैंडस्टोन गुफा
3) अरवाह गुफा → चूना पत्थर संरचनाएँ
4) गलत – माव्समाई गुफा → यह सूची में है, पर स्थायी शामिल नहीं, केवल अस्थायी सूची में है, वो भी पूरा मेघालयन एज की सभी गुफाएं।
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Q. 3 खासी जनजाति की भूमिका मेघालयन एज गुफाओं के संदर्भ में क्या है?
a. गुफाओं में पुरातात्विक खुदाई करना
b. गुफाओं का पारंपरिक संरक्षण एवं देखभाल करना
c. गुफाओं को पर्यटन हेतु निजी संपत्ति घोषित करना
d. गुफाओं के भीतर आइसोटोप अनुसंधान करना
Answer: b. गुफाओं का पारंपरिक संरक्षण एवं देखभाल करना
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UPSC & State PCS Mains लेवेल के प्रश्न:-
Q. 1. मेघालयन एज गुफाओं को हाल ही में यूनेस्को की अस्थायी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। इन गुफाओं का
– वैश्विक जलवायु इतिहास
– प्राचीन सभ्यताओं के पतन
– और स्थानीय खासी समाज की भूमिका
के संदर्भ में महत्व स्पष्ट कीजिए।
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Q. 2. “मेघालयन एज गुफाएँ न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता का प्रतीक हैं, बल्कि एक ‘प्राकृतिक प्रयोगशाला’ भी हैं।”
इस कथन का वैज्ञानिक औचित्य स्पष्ट कीजिए और बताइए कि पर्यटन तथा जलवायु परिवर्तन इनके लिए किस प्रकार की चुनौतियाँ प्रस्तुत करते हैं।
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4. यूनेस्को ने नगा हिल ओफियोलाइट को वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में शामिल किया, यह इंडियन और किस टेक्टोनिक प्लेट के टकराव के सबूत हैं?
UNESCO has included the Naga Hill Ophiolite in the World Heritage Tentative List, which is evidence of the collision between the Indian and which tectonic plate?
a. म्यांमार / बर्मा प्लेट
b. ऑस्ट्रेलियाई प्लेट
c. प्रशांत प्लेट
d. अंटार्कटिक प्लेट
Answer: a. म्यांमार / बर्मा प्लेट

– यह टकराव लगभग 90 मिलियन वर्ष पूर्व (90 Ma) से लेकर 65–60 मिलियन वर्ष पूर्व (Ma) के बीच घटित हुआ।
– यूनेस्को ने नगा हिल ओफियोलाइट को सितंबर 2025 में वर्ल्ड हेरिटेज की अस्थाई सूची में शामिल किया।
नगा हिल ओफियोलाइट (किफाइरे, नगालैंड)
– नगालैंड के किफाइरे और फेक जिलों में स्थित एक महत्वपूर्ण भू-वैज्ञानिक स्थल है।
– ये नगा पहाड़ियों में, जो अराकान रेंज का हिस्सा हैं, स्थित हैं और समुद्र तल से 12,552 फीट तक ऊँची हैं।
– यह भारत-म्यांमार रेंज (Indo-Myanmar Range, IMR) का हिस्सा है और नगा पहाड़ियों में पाया जाता है।
भूवैज्ञानिक महत्व
ओफियोलाइट क्या है?
– ओफियोलाइट समुद्र तल की चट्टानें हैं, जो टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव (collision) से जमीन पर आ जाती हैं।
– नगा हिल ओफियोलाइट भारत और म्यांमार / बर्मा प्लेटों के टकराव का परिणाम है, जो टेथिस सागर (Neo-Tethys) के अवशेष हैं।
– यह टकराव अपर क्रेटेशियस (Late Cretaceous) से प्रारंभिक पेलियोजीन (Paleogene) काल के बीच हुआ था।
– अनुमानतः यह टकराव लगभग 90 मिलियन वर्ष पूर्व (90 Ma) से लेकर 65–60 मिलियन वर्ष पूर्व (Ma) के बीच घटित हुआ।
– इस टकराव के परिणामस्वरूप समुद्री तल की चट्टानें (ophiolite complex) ऊपर उठकर नगा हिल्स में दिखाई देती हैं।
– इसीलिए नगा हिल ओफियोलाइट भारत में एक महत्वपूर्ण भूवैज्ञानिक धरोहर (Geological Heritage) मानी जाती है, क्योंकि यह महाद्वीपीय प्लेट विवर्तनिकी (Tectonics) और हिमालय की उत्पत्ति को समझने में साक्ष्य प्रस्तुत करती है।
वैज्ञानिक मूल्य
– ये ओफियोलाइट मध्य-महासागरीय रिज (mid-ocean ridge) की प्रक्रियाओं को समझने में मदद करते हैं। इनमें मिड-ओशन रिज बेसाल्ट (MORB) और ओशन आइलैंड बेसाल्ट (OIB) जैसे मैफिक चट्टानों के रासायनिक गुण हैं, जो विभिन्न टेक्टोनिक सेटिंग्स (subduction और non-subduction) को दर्शाते हैं।
भू-सूचर (Suture)
– नगा हिल्स में “नगा सूचर” ऊपरी क्रेटेशियस और इओसीन युग (Eocene) में भारत-म्यांमार टकराव का सबूत है। यह इंडस-त्सांगपो सूचर जोन का दक्षिणी विस्तार है।
– राष्ट्रीय भूविरासत: भूवैज्ञानिक सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) ने पंगरो के पास नगा ओफियोलाइट को राष्ट्रीय भूविरासत स्मारक घोषित किया है।
जैव विविधता
– प्रकृति: नगा पहाड़ियाँ जैव विविधता से समृद्ध हैं। यहाँ IUCN की रेड-लिस्टेड प्रजातियाँ जैसे ब्लिथ्स ट्रैगोपैन (Blyth’s Tragopan), डार्क-रम्प्ड स्विफ्ट (Dark-rumped Swift), और नगा रेन-बैबलर (Naga Wren-Babbler) पाई जाती हैं।
– महत्व: ये जैव विविधता और भूवैज्ञानिक विशेषताएँ नगा हिल्स को यूनेस्को क्राइटेरिया (viii) और (x) के तहत विश्व धरोहर के लिए योग्य बनाती हैं।
सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
– स्थानीय समुदाय: नगा जनजातियाँ इस क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं। ये गुफाएँ और पहाड़ियाँ उनकी परंपराओं से जुड़ी हैं।
– पर्यटन और आजीविका: नगा हिल्स में भू-पर्यटन (geo-tourism) की संभावना है, जो स्थानीय लोगों के लिए रोजगार और आय का स्रोत बन सकता है। प्रस्तावित जियोहेरिटेज बिल इसे और बढ़ावा देगा।
संरक्षण चुनौतियाँ
– खतरे: खनन, अवैध कटाई, और पर्यावरणीय क्षरण से नुकसान।
– संरक्षण: जियोहेरिटेज बिल (2022 में प्रस्तावित) इन स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण को बढ़ावा देगा। स्थानीय समुदायों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
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UPSC & State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न: –
Q. 1. नगा हिल ओफियोलाइट के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए, जिसे यूनेस्को की अस्थाई वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल किया गया है :
1) ओफियोलाइट समुद्री तल की चट्टानें हैं, जो टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से सतह पर आती हैं।
2) नगा हिल ओफियोलाइट भारत-म्यांमार प्लेटों के टकराव का परिणाम है।
3) इस टकराव का समय अनुमानतः 200 मिलियन वर्ष पूर्व (Jurassic काल) का है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2 और 3
Answer: a. केवल 1 और 2
संक्षिप्त व्याख्या –
1) सही – ओफियोलाइट समुद्र तल की चट्टानें हैं जो टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से सतह पर आती हैं।
2) सही – नगा हिल ओफियोलाइट भारत–म्यांमार प्लेटों के टकराव का परिणाम है।
3) गलत – टकराव अपर क्रेटेशियस (90 Ma) से प्रारंभिक पेलियोजीन (65–60 Ma) के बीच हुआ, न कि 200 Ma (जुरासिक काल)।
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Q. 2. नगा हिल्स के “नगा सूचर” के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
a. यह भारतीय और अफ्रीकी प्लेटों के टकराव का सबूत है।
b. यह ऊपरी क्रेटेशियस और इओसीन युग के भारत-म्यांमार टकराव का प्रमाण है।
c. यह केवल जुरासिक काल का भूवैज्ञानिक साक्ष्य है।
d. यह नर्मदा सोन रिफ्ट जोन का विस्तार है।
Answer: b. नगा सूचर ऊपरी क्रेटेशियस और इओसीन युग के भारत-म्यांमार टकराव का प्रमाण है।
संक्षिप्त व्याख्या –
a. गलत – नगा सूचर भारत और म्यांमार प्लेटों के टकराव से संबंधित है, न कि भारत और अफ्रीका प्लेट से। भारत–अफ्रीका का विभाजन जुरासिक काल (~180 million years ago) में हुआ था जब गोंडवाना महाद्वीप टूट रहा था।
b. सही – कंटेंट के अनुसार : नगा सूचर = ऊपरी क्रेटेशियस (90 Ma) से प्रारंभिक पेलियोजीन / इओसीन (65–60 million years ago) के बीच भारत और म्यांमार प्लेटों के टकराव का प्रमाण।
c. गलत – इसे केवल जुरासिक काल से जोड़ना गलत है। जुरासिक (200–145 million years ago) काल में न तो भारत-म्यांमार टकराव हुआ था और न ही ओफियोलाइट सतह पर आए थे। सली घटना क्रेटेशियस–पेलियोजीन सीमा (~90–60 million years ago) पर हुई।
d. गलत – नर्मदा–सोन रिफ्ट जोन मध्य भारत में स्थित एक प्राचीन भ्रंश (fault) प्रणाली है। इसका नगा सूचर या भारत-म्यांमार प्लेट टकराव से कोई संबंध नहीं।
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UPSC & State PCS Mains लेवेल के प्रश्न:-
प्रश्न 1. (GS-1, 10 अंक)
यूनेस्को की अस्थाई वर्ल्ड हेरिटेज लिस्ट में शामिल ‘नगा हिल ओफियोलाइट’ को “भारत-म्यांमार प्लेट टकराव और हिमालय की उत्पत्ति” के संदर्भ में भूवैज्ञानिक धरोहर क्यों माना जाता है? स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 2. (GS-3, 15 अंक)
“नगा हिल ओफियोलाइट केवल भूवैज्ञानिक महत्व ही नहीं रखते, बल्कि जैव विविधता, सांस्कृतिक परंपराओं और स्थानीय आजीविका से भी जुड़े हैं।”
इस कथन के आलोक में चर्चा कीजिए।
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5. आर. वैशाली ने 2025 में कौन-सा टूर्नामेंट जीतकर विमेन्स कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 के लिए क्वालीफाई किया?
R. Vaishali won which tournament in 2025 to qualify for the Women’s Candidates Tournament 2026?
a. टाटा स्टील मास्टर्स
b. विमेन्स ग्रैंड प्री
c. FIDE विमेन्स ग्रैंड स्विस
d. चेस ओलंपियाड
Answer: c. FIDE विमेन्स ग्रैंड स्विस (6 सितंबर 2025 को आर. वैशाली ने कैटेरीना लाग्नो (रूस) को हराया | कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 टोरंटो, कनाडा में होगा)
– शतरंज खिलाड़ी आर. वैशाली ने FIDE विमेन्स ग्रैंड स्विस 2025 टूर्नामेंट लगातार दूसरी बार जीती है।
– लगातार दूसरी बार यह खिताब जीतने वाली वे पहली महिला खिलाड़ी बनीं।
– इस जीत से उन्होंने विमेन्स कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2026 के लिए क्वालीफाई कर ली है।
– टूर्नामेंट : FIDE Women’s Grand Swiss 2025
– स्थान : समरकंद, उज़्बेकिस्तान
– कब आयोजन : 25 अगस्त – 6 सितम्बर 2025
– परिणाम : 6 सितम्बर 2025 को समापन, जिसमें आर. वैशाली ने खिताब जीता। उन्होंने फाइनल में कैटेरीना लाग्नो (रूस) को हराया।
– इस नतीजे के बाद दोनों खिलाड़ियों ने Women’s Candidates Tournament 2026 (टोरंटो, कनाडा) के लिए क्वालीफाई किया।
महत्व
– वैशाली लगातार दूसरी बार Grand Swiss जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं।
– इससे पहले भी उन्होंने Grand Swiss 2023 (आइल ऑफ मैन, UK) जीता था।
– यह भारत के लिए गर्व का क्षण है क्योंकि अब पुरुष और महिला दोनों वर्गों में भारतीय खिलाड़ी ‘कैंडिडेट्स टूर्नामेंट’ तक पहुँच रहे हैं।
कैंडिडेट्स टूर्नामेंट क्या है?
– यह FIDE द्वारा आयोजित शतरंज की दूसरी सबसे बड़ी प्रतियोगिता है।
– विजेता खिलाड़ी को World Chess Championship में मौजूदा चैम्पियन को चुनौती देने का अधिकार मिलता है।
– 2026 का Women’s Candidates Tournament टोरंटो, कनाडा में आयोजित होगा।
भारत और वैशाली का योगदान
– वैशाली, ग्रैंडमास्टर आर. प्रज्ञानानंदा की बहन हैं।
– दोनों भाई-बहन मिलकर भारत के शतरंज को नई पहचान दे रहे हैं।
– यह उपलब्धि भारतीय महिला खिलाड़ियों की बढ़ती ताक़त को दर्शाती है।
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6. आनंदकुमार वेलकुमार ने स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप 2025 में भारत के लिए पहला खिताब ‘किस स्पर्धा’ में जीता?
Anandkumar Velkumar won the first title for India in the Speed Skating World Championships 2025 in which event?
a. 500 मीटर रिले
b. 1000 मीटर स्प्रिंट
c. 1500 मीटर रेस
d. 200 मीटर टाइम ट्रायल
Answer: b. 1000 मीटर स्प्रिंट
– आनंदकुमार वेलकुमार भारत के पहले खिलाड़ी बने, जिन्होंने स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
– आयु : 22 वर्ष
स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप 2025
– कहाँ आयोजन : बेदाइहे, चीन
– कब : 13 सितम्बर 2025 – 21 सितम्बर 2025
– यह रोलर / इनलाइन स्पीड स्केटिंग प्रतियोगिता थी।
– यह प्रतियोगिता इंटरनेशनल स्केटिंग यूनियन (ISU) द्वारा आयोजित की जाती है, जो आइस स्केटिंग और स्पीड स्केटिंग खेलों की शीर्ष संस्था है।
आनंदकुमार वेलकुमार ने क्या-क्या जीता?
– स्वर्ण पदक : सीनियर पुरुष 1000 मीटर स्प्रिंट (समय : 1:24.924 मिनट)
– कांस्य पदक : सीनियर पुरुष 500 मीटर स्प्रिंट (समय : 43.072 सेकंड)
अन्य भारतीय उपलब्धि
– जूनियर वर्ग : कृष शर्मा ने 1000 मीटर स्प्रिंट में स्वर्ण पदक जीता।
– 500 मीटर स्प्रिंट में मिला कांस्य पदक भारत का इस श्रेणी में पहला सीनियर विश्व चैम्पियनशिप पदक है।
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7. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के स्वतंत्र आयोग ने गजा में जेनोसाइड कन्वेंशन 1948 में परिभाषित जनसंहार (Genocide) के लिए किसे उत्तरदायी ठहराया?
Who has been held responsible by the Independent Commission of the United Nations Human Rights Council (UNHRC) for the genocide in Gaza as defined in the Genocide Convention 1948?
1) बेंजामिन नेतन्याहू
2) आइज़ैक हर्ज़ोग
3) योअव गैलंट
4) महमूद अब्बास
सही विकल्प चुनें:
a. केवल 1 और 2
b. केवल 1, 2 और 3
c. केवल 2 और 4
d. 1, 2, 3 और 4
Answer: b. केवल 1, 2 और 3 (बेंजामिन नेतन्याहू {इजरायल के PM}, आइजैक हर्ज़ोग {इजरायल के राष्ट्रपति} और योअव गैलंट {पूर्व रक्षा मंत्री})
– संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने फिलिस्तीन (खासकर गजा) के हालात पर स्वतंत्र आयोग का गठन किया था।
– आयोग का नाम – कमीशन ऑफ इन्क्वायरी ऑन द ऑक्यूपाइड पलेस्टीनियन टेरिटरी ऐंड इज़रायल (कब्ज़े वाले फ़िलिस्तीनी क्षेत्र और इज़रायल पर जाँच आयोग)
– जांच आयोग की अध्यक्ष : नवी पिलाय, वह अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) की पूर्व न्यायाधीश हैं।
क्या निष्कर्ष निकला?
– आयोग ने कहा कि इज़रायल ने गाज़ा में जनसंहार (Genocide) के चार कृत्य किए हैं, जैसा कि 1948 के “जेनोसाइड कन्वेंशन” (Genocide Convention) में परिभाषित है।
– आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि इजरायल ने गाजा में नरसंहार किया है।
किस इजरायली नेताओं ने जनसंहार के लिए उकसाया?
– प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
– राष्ट्रपति आइज़ैक हर्ज़ोग
– पूर्व रक्षा मंत्री योअव गैलंट
आयोग ने पाया कि इज़रायल ने—
– बड़े पैमाने पर हत्याएँ,
– मानवीय सहायता रोकना,
– जबरन विस्थापन,
– स्वास्थ्य सुविधाओं और अवसंरचना का विनाश किया है।
“Genocide Convention, 1948” के पाँच कृत्य और इज़रायल पर आरोप
1) किसी जातीय/धार्मिक समूह के सदस्यों की हत्या करना ✔️(आरोप सही पाया गया)
2) समूह के सदस्यों को गंभीर शारीरिक या मानसिक क्षति पहुँचाना ✔️(आरोप सही पाया गया)
3) समूह को ऐसी जीवन परिस्थितियों में डालना कि उनका आंशिक/पूर्ण विनाश संभव हो ✔️(आरोप सही पाया गया)
4) समूह में जन्म को रोकने हेतु कदम उठाना ✔️(आरोप सही पाया गया)
5) बच्चों को जबरन अन्य समूह में स्थानांतरित करना ❌ (यह आयोग को प्रमाणित नहीं मिला)
इजरायल का रुख
– इजरायल ने रिपोर्ट को खारिज किया और इसे “पक्षपाती तथा झूठा” बताया।
– इजरायल ने आयोग को “हमास का प्रवक्ता” तक कहा।
रिपोर्ट का कानूनी व अंतरराष्ट्रीय महत्व
– रिपोर्ट गैर-बाध्यकारी (non-binding) है।
– इसका महत्व है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) जैसे मंचों पर मुकदमे की संभावना बढ़ा सकती है।
– यह रिपोर्ट दक्षिण अफ्रीका बनाम इज़रायल (ICJ में जनसंहार का दावा) के संदर्भ में भी प्रासंगिक है।
– इससे वैश्विक नैतिक दबाव और मानवीय सहायता पर बहस तेज़ हो सकती है।
जेनोसाइड कन्वेंशन, 1948 के बारे में
– जेनोसाइड कन्वेंशन, 1948 यानी “कन्वेंशन ऑन द प्रिवेन्शन ऐंड पनिशमेंट ऑफ द क्राइम ऑफ जेनोसाइड” (CPPCG – Convention on the Prevention and Punishment of the Crime of Genocide), को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 9 दिसम्बर 1948 को अपनाया गया था और 1951 में लागू किया था।
– परिभाषा : किसी राष्ट्रीय, जातीय, नस्ली या धार्मिक समूह को पूरी तरह या आंशिक रूप से नष्ट करने के इरादे से किया गया कोई भी कार्य। यह अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत सबसे गंभीर अपराधों में गिना जाता है।
कौन-कौन से कार्य “Genocide” माने जाते हैं (कन्वेंशन के अनुच्छेद II के अनुसार):
1) समूह के सदस्यों की हत्या करना।
2) समूह को गंभीर शारीरिक या मानसिक क्षति पहुँचाना।
3) समूह को ऐसी जीवन परिस्थितियों में डालना जिनसे उसका पूर्ण या आंशिक विनाश हो।
4) समूह में जन्मों को रोकने के उपाय करना।
5) समूह के बच्चों को जबरन अन्य समूह में स्थानांतरित करना।
न्यायिक प्रवर्तन (Judicial Enforcement)
– International Court of Justice (ICJ): राज्यों के बीच विवाद सुन सकता है।
– International Criminal Court (ICC): व्यक्तियों पर अभियोजन चला सकता है (हालाँकि ICC 2002 में स्थापित हुआ, लेकिन सिद्धांत Genocide Convention से ही निकला)।
महत्त्व
– यह पहला ऐसा अंतर्राष्ट्रीय समझौता था जिसने जनसंहार को एक स्वतंत्र अपराध के रूप में परिभाषित किया।
– इसने नाज़ी जर्मनी (होलोकॉस्ट) जैसे अपराधों के बाद अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एक कानूनी ढाँचा दिया।
– वर्तमान में 150+ देश इसके पक्षकार (State Parties) हैं।
UPSC & State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न: –
Q. 1. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने फिलिस्तीन (विशेषकर गाज़ा) में हालात की जांच के लिए “कमीशन ऑफ इन्क्वायरी ऑन द ऑक्यूपाइड पलेस्टीनियन टेरिटरी ऐंड इज़रायल” गठित किया। आयोग ने निष्कर्ष निकाला कि इज़रायल ने गाज़ा में जेनोसाइड कन्वेंशन, 1948 की परिभाषा के अंतर्गत कई कृत्य किए हैं।
इन कृत्यों के संबंध में निम्न कथनों पर विचार करें:
1. आयोग ने पाया कि इज़रायल ने गाज़ा में बड़े पैमाने पर हत्याएँ कीं, मानवीय सहायता रोकने, जबरन विस्थापन, स्वास्थ्य सुविधाओं और अवसंरचना को नष्ट करने जैसे कृत्य किए।
2. जेनोसाइड कन्वेंशन, 1948 के अनुच्छेद II के अनुसार, किसी समूह के बच्चों को जबरन अन्य समूह में स्थानांतरित करना जेनोसाइड का कृत्य है।
3. आयोग ने यह साबित किया कि इज़रायल ने गाज़ा में बच्चों को जबरन अन्य समूह में स्थानांतरित किया।
4. रिपोर्ट गैर-बाध्यकारी (non-binding) है लेकिन ICJ और ICC जैसे मंचों पर मुकदमे की संभावना बढ़ा सकती है।
सही विकल्प चुनिए :
a. केवल 1 और 2 सही हैं
b. केवल 1 और 4 सही हैं
c. केवल 2 और 3 सही हैं
d. सभी कथन सही हैं
b. केवल 1 और 4 सही हैं
संक्षिप्त व्याख्या
1) सही – क्योंकि आयोग ने गाज़ा में बड़े पैमाने पर हत्याएँ, मानवीय सहायता रोकना, जबरन विस्थापन और अवसंरचना विनाश की पुष्टि की।
2) सही – यह जेनोसाइड कन्वेंशन का वास्तविक अनुच्छेद II है।
3) गलत – क्योंकि आयोग को यह प्रमाणित नहीं मिला कि इज़रायल ने बच्चों को जबरन अन्य समूह में स्थानांतरित किया।
4) सही – रिपोर्ट गैर-बाध्यकारी है लेकिन अंतरराष्ट्रीय न्यायालयों पर असर डाल सकती है।
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निम्न में से कौन-सा/से “Genocide Convention, 1948” से संबंधित सही कथन है/हैं?
1) इसे UN General Assembly ने 1948 में अपनाया और 1951 में लागू किया।
2) यह केवल युद्धकालीन अपराधों पर लागू होता है।
3) वर्तमान में 150 से अधिक देश इसके पक्षकार (State Parties) हैं।
कूट चुनिए :
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2 और 3
Answer: c. केवल 1 और 3
संक्षिप्त व्याख्या:
1) सही – 1948 में अपनाया गया और 1951 में लागू हुआ।
2) गलत – यह केवल युद्धकालीन अपराध तक सीमित नहीं है, बल्कि शांति और युद्ध दोनों में लागू होता है।
3) सही – आज 150+ देश State Parties हैं।
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UPSC & State PCS Mains लेवेल के प्रश्न:-
Q1. “सितंबर 2025 में UNHRC की आयोग रिपोर्ट ने इज़रायल को गाज़ा में Genocide के लिए जिम्मेदार ठहराया है।”
इस घटना के आलोक में Genocide Convention, 1948 की प्रासंगिकता और सीमाएँ स्पष्ट कीजिए।
Q2. “फिलिस्तीन-इज़रायल संघर्ष में हालिया आयोग की रिपोर्ट केवल नैतिक दबाव का साधन है, लेकिन कानूनी परिणाम सीमित हैं।”
ICJ और ICC की भूमिकाओं के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिए।
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8. विश्व बांस दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Bamboo Day celebrated?
a. 8 सितंबर
b. 18 सितंबर
c. 28 सितंबर
d. 30 सितंबर
Answer: b. 18 सितंबर
– इसका उद्देश्य बांस के महत्व, इसके पर्यावरणीय, आर्थिक और सांस्कृतिक लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
– इसकी शुरुआत 2009 में विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) ने की थी, ताकि बांस को एक बहुमुखी और टिकाऊ संसाधन के रूप में बढ़ावा दिया जा सके।
पर्यावरणीय महत्व:
– बांस तेजी से बढ़ने वाला पौधा है, जो कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषण में मदद करता है।
– यह मिट्टी के कटाव को रोकता है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है।
– बांस का उपयोग प्लास्टिक और लकड़ी के विकल्प के रूप में किया जा सकता है, जिससे वनों की कटाई कम होती है।
भारत में बांस:
– भारत बांस का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है (चीन के बाद)
– पूर्वोत्तर भारत (जैसे नगालैंड, मिजोरम, असम) में बांस की खेती और इसका उपयोग व्यापक है।
– भारत सरकार की राष्ट्रीय बांस मिशन (National Bamboo Mission) बांस की खेती और उद्योग को बढ़ावा देती है।
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9. किस देश ने डिएला नामक दुनिया का पहला AI मंत्री नियुक्त किया?
Which country appointed the world’s first AI minister named Diella?
a. यूएसए
b. जापान
c. अल्बानिया
d. फ्रांस
Answer: c. अल्बानिया
– अल्बानिया ने 11 सितंबर 2025 को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दुनिया की पहली AI-निर्मित “मंत्री” की नियुक्ति की है।
– प्रधानमंत्री एडी रामा ने “डिएला” (Diella) नामक एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) प्रणाली को सार्वजनिक खरीद और सरकारी अनुबंधों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए मंत्रिमंडल में शामिल किया।
– यह कदम भ्रष्टाचार पर काबू पाने और यूरोपीय संघ की सदस्यता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
नाम और भूमिका
– “डिएला” (अल्बानियाई में “सूरज”) को सार्वजनिक खरीद मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया है।
– यह एक वर्चुअल मंत्री है, जो भौतिक रूप से मौजूद नहीं है, बल्कि एक AI प्रणाली के रूप में कार्य करता है।
विकास और कार्यक्षेत्र
– डिएला को राष्ट्रीय सूचना समाज एजेंसी (AKSHI) द्वारा विकसित किया गया था और इसे जनवरी 2025 में e-Albania प्लेटफ़ॉर्म पर एक वर्चुअल सहायक के रूप में लॉन्च किया गया था।
– अब इसे सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
कानूनी और राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
– संवैधानिक स्थिति: डिएला की नियुक्ति को लेकर संवैधानिक प्रश्न उठाए गए हैं। विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी ने इसे असंवैधानिक और राजनीतिक नौटंकी करार दिया है। राष्ट्रपति बजराम बेगाज ने भी इस नियुक्ति पर पूरी तरह से समर्थन नहीं दिया है, जिससे इसकी कानूनी वैधता पर सवाल उठते हैं।
अल्बानिया
– राजधानी: तिराना
– प्रधानमंत्री : एडी रामा
– मुद्रा: अल्बानियाई लेक
– नाटो सदस्य: 2009 से
– यूरोपीय संघ: भविष्य की सदस्यता की दिशा में प्रयासरत
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10.भारत की थोक महंगाई दर अगस्त 2025 में कितनी थी?
What was India’s wholesale inflation rate in August 2025?
a. – 0.58%
b. – 0.13%
c. 1.89%
d. 0.52%
Answer: d. 0.52%
– थोक मूल्य मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) दो महीने बाद अगस्त में 0.52% पर सकारात्मक क्षेत्र में लौट आई, क्योंकि खाद्य पदार्थों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें थोड़ी बढ़ गईं।
– थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति जुलाई और जून में क्रमशः (-) 0.58 और (-) 0.19% रही। पिछले साल अगस्त में यह 1.25% थी।
थोक महंगाई दर की रिपोर्ट किसने जारी की
– Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT)
– यह Ministry of Commerce and Industry के अंतर्गत है।
(नोट – खुदरा महंगाई दर NSO जारी करता है।)
थोक महंगाई दर क्या होती है?
– यह महंगाई दर, थोक मूल्य सूचकांक (WPI – होलसेल प्राइस इंडेक्स) के आधार पर तैयार होती है।
– होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) या थोक मूल्य सूचकांक का मतलब उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है।
– ये कीमतें थोक में किए गए बिजनेस से जुड़ी होती हैं।
(नोट – खुदरा महंगाई दर, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स से तय होता है)


