यह 20 अगस्त 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार किसे बनाया?
Who did the opposition parties make the Vice Presidential candidate?
a. राजेंद्र पटेल
b. वीके गोस्वामी
c. बी. सुदर्शन रेड्डी
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: c. बी. सुदर्शन रेड्डी

– बी. सुदर्शन रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज हैं।
– उनका जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश के अकुला मायलाराम गांव में हुआ था।
– 1971 में ही एडवोकेट के तौर नामांकित हुए।
– 1988-90 के दौरान हाईकोर्ट में सरकारी वकील के तौर पर काम किया।
– 2 मई 1995 को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया।
– 2005 में गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
– वह 2007 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 2011 में रिटायर हुए।
NDA ने सीपी राधाकृष्णन को बनाया उम्मीदवार
– NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल और वरिष्ठ बीजेपी नेता सी. राधाकृष्णन को आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
चुनाव कब होंगे?
– उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान 9 सितंबर, 2025 को संसद भवन में होगा।
– मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद मतों की गणना की जाएगी और चुनाव आयोग की देखरेख में रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएँगे।
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2. गलवान संघर्ष के बाद पहली बार चीन के विदेश मंत्री अगस्त 2025 में भारत आए, उनका नाम बताइए?
For the first time after the Galwan conflict, the Foreign Minister of China visited India in August 2025, name him?
a. ली कियांग
b. डोंग जून
c. ली शांगफू
d. वांग यी
Answer: d. वांग यी

चीनी विदेश मंत्री का भारत दौरा
– गलवान संघर्ष (2020) के बाद पहली बार अगस्त 2025 में चीन के विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली पहुंचे।
वांग यी क्यों भारत आए
– JNU के चाइनीज स्टडीज के प्रोफेसर श्रीकांत कोडपल्ली के अनुसार इसकी तीन वजह है।
पहली वजह
– भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों के 24वें दौर की वार्ता में उन्हें शिरकत करनी थी।
– इसमें द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हुई। उनकी राय थी कि दोनों देशों को आपसी बातचीत जारी रखनी चाहिए और वैश्विक आर्थिक अस्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
– हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर इससे सहमत नहीं थे।
– उनका स्पष्ट कहना है कि जब तक तीन बातों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाना मुश्किल है।
– ये तीन बातें हैं- परस्पर सम्मान, संवेदनशीलता और एक-दूजे के हितों का ध्यान।
दूसरी वजह
– वांग यी के दौरे का दूसरा मकसद उन मुद्दों पर सहमति बनाने का था, जिसे इस महीने के अंत में शंघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक के बाद साझा बयान में शामिल किया जाएगा।
– आमतौर पर हरेक बड़े आयोजन से पहले यह होता है कि मेजबान देश का विदेश मंत्री भागीदार देशों में जाकर पहले ही उन मुद्दों पर आम राय बनाने का प्रयास करता है, जिन पर बैठक में चर्चा होनी है।
– दो दिवसीय यह सम्मेलन चीन के तिआनजिन शहर में प्रस्तावित है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिरकत कर सकते हैं। यह सात साल के बाद भारतीय प्रधानमंत्री का चीन दौर होगा।
तीसरी वजह
– चीनी विदेश मंत्री के दिल्ली आने की तीसरी वजह अमेरिकी टैरिफ को लेकर एक साझा रुख अपनाने के लिए भारत को तैयार करना था।
– यह माना जा रहा है कि अमेरिका जिस तरह से टैरिफ बढ़ाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, उससे निपटने के लिए तमाम देशों को एकजुट होना चाहिए।
– ऐसा प्रयास किया भी गया था और चीन, यूरोपीय संघ, भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं ने हाथ मिलाने की कोशिश शुरू की थी, लेकिन यह कवायद परवान नहीं चढ़ सकी।
ब्रिक्स का भी मामला
– JNU के चाइनीज स्टडीज के प्रोफेसर श्रीकांत कोडपल्ली के अनुसार यहां एक मसला ब्रिक्स भी है।
– चीन और भारत, दोनों इसके महत्वपूर्ण सदस्य हैं। इस संगठन पर अमेरिका की टेढ़ी नजर है।
– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मानते हैं कि यह संगठन ‘डी-डॉलराइजेशन’ को आगे बढ़ाना चाहता है, यानी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डॉलर की हैसियत कम करने की दिशा में ब्रिक्स के देश काम कर रहे हैं।
– उन्होंने ऐसा करने वाले राष्ट्रों के खिलाफ 100 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने का एलान भी किया था।
– मगर ऐसा कहते हुए ट्रंप भूल रहे थे कि भारत ने ऐसी किसी कवायद से इनकार किया है। बेशक, कुछ अंतरराष्ट्रीय लेन-देन रुपये में भी हुए हैं, लेकिन चीन रेनमिनबी (चीनी मुद्रा युआन का आधिकारिक नाम) का विस्तार चाहता है, जो ब्रिक्स के अन्य देशों को पसंद नहीं।
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3. किस पड़ोसी देश के विदेश मंत्री ने अगस्त 2025 में भारत को आश्वस्त किया कि वह उर्वरकों, दुर्लभ खनिजों तथा टनल बनाने वाली मशीनों की आपूर्ति शुरू करेगा?
The Foreign Minister of which neighbouring country assured India in August 2025 that it would start supplying fertilizers, rare minerals and tunnel making machines?
a. श्रीलंका
b. बांग्लादेश
c. चीन
d. भूटान
Answer: c. चीन
– गलवान संघर्ष (2020) के बाद पहली बार अगस्त 2025 में चीन के विदेश मंत्री वांग यी दिल्ली पहुंचे।
– उन्होंने भारत के साथ बातचीत में चीन ने आश्वस्त किया है कि वह उर्वरकों, दुर्लभ खनिजों तथा टनल बनाने वाली मशीनों की आपूर्ति शुरू करेगा।
– दोनों देशों के बीच संबंधों में आए तनाव के कारण चीन ने इन महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति भारत को बंद कर दी थी।
– लेकिन अब दोनों देशों के संबंध पटरी पर आ रहे हैं और चीन ने प्रतिबंधों को खत्म करने का फैसला किया है।
– चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 18 अगस्त 2025 को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी।
– इसके बाद 19 अगस्त को
सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान दोनों के बीच इस संबंध में सहमति बनी है। आगे और बेहतरी की उम्मीद है।
क्या हैं दुर्लभ खनिज
– दुर्लभ खनिज 17 तत्वों का एक समूह है।
– इनमें समैरियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम, ल्यूटेटियम, स्कैंडियम और यिट्रियम शामिल हैं।
– यह ऐसे चुम्बकीय तत्व हैं, जिनका उपयोग कार, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद और अन्य चीजों में होता है।
– दुनिया में कुल उत्पादन का 65 फीसदी चीन में होता है, लेकिन वैश्विक स्तर पर उसका 90 फीसदी नियंत्रण है।

17 दुर्लभ अर्थ मेटल्स और उनके उपयोग
1) गेडोलिनियम (Gadolinium): MRI मशीन, परमाणु रिएक्टर, डेटा स्टोरेज
2) समेरियम (Samarium) :परमाणु रिएक्टर नियंत्रण, उच्च शक्ति वाले मैग्नेट, इलेक्ट्रिक मोटर, हड्डी कैंसर, सैन्य तकनीक जैसे मिसाइल गाइडेड सिस्टम
3) ल्यूटेशियम (Lutetium): PET स्कैन (कैंसर डिटेक्शन), कैटालिस्ट, OLED, गैसोलीन और डीजल के उत्पादन के अलावा कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने में अहम भूमिका है।
4) टर्बियम (Terbium): फ्लोरोसेंट लाइट, LED, उच्च शक्ति वाले मैग्नेट, सेंसर और स्पीकर
5) स्कैन्डियम (Scandium): एयरोस्पेस मिश्रधातु (वायुयान के पुर्जो), स्पोर्ट्स उपकरण, LED, सेमीकंडक्टर
6) लैंथेनम (Lanthanum): कैमरा व टेलीस्कोप लेंस, हाइब्रिड कार बैटरी, पेट्रोलियम रिफाइनिंग
7) सेरियम (Cerium): कैटलिस्ट (गाड़ियों के धुएँ को शुद्ध करने में), ग्लास पॉलिशिंग, LED
8) प्रसीओडाइमियम (Praseodymium): मजबूत मैग्नेट, हवाई जहाज़ इंजन, ग्लास में हरा रंग
9) नियोडाइमियम (Neodymium): पवन टरबाइन व EV मोटर के लिए शक्तिशाली मैग्नेट, लेज़र
10) प्रोमेथियम (Promethium): परमाणु बैटरी, अंधेरे में चमकने वाली सामग्री (luminescent paint), दुर्लभ रेडियोधर्मी तत्व
11) युरोपियम (Europium): टीवी और LED डिस्प्ले में लाल व नीली रोशनी, एंटी-काउंटरफिट नोट्स में सुरक्षा
12) डिस्प्रोसियम (Dysprosium): EV और विंड टरबाइन मोटर में गर्मी-सहनशील मैग्नेट, लेज़र
13) होल्मियम (Holmium): सबसे शक्तिशाली चुंबकीय गुण, लेज़र और नाभिकीय रिएक्टर
14) एर्बियम (Erbium): फाइबर-ऑप्टिक कम्युनिकेशन, लेज़र, न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी
15) थुलियम (Thulium): पोर्टेबल एक्स-रे मशीन, लेज़र
16) इट्रिबियम (Ytterbium): स्टील को मजबूत करने में, लेज़र, भूकंपीय सेंसर
17) इट्रियम (Yttrium): सुपरकंडक्टर, लेज़र, टीवी स्क्रीन, मेडिकल टेक्नोलॉजी
चीन इसे कैसे रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करता है
– चीन दुर्लभ अर्थ धातुओं (Rare Earth Elements – REEs) को सिर्फ आर्थिक संसाधन नहीं, बल्कि रणनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करता है।
– चीन REEs को “Strategic Leverage” की तरह प्रयोग करता है, ठीक वैसे ही जैसे तेल (Oil) को OPEC देश करते हैं।
– चीन के पास दुनिया के लगभग 60–65% REEs का उत्पादन और 85–90% प्रोसेसिंग क्षमता है। अमेरिका, जापान और यूरोप भी इन पर निर्भर हैं।
– 2010 में चीन ने जापान को REEs की सप्लाई रोक दी, जब दोनों देशों के बीच सेनकाकु द्वीप विवाद हुआ।
– अमेरिका के पास खदानें (जैसे कैलिफोर्निया की Mountain Pass) हैं, लेकिन प्रोसेसिंग के लिए वह चीन पर निर्भर है।
– 2025 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ बढ़ाने की मंशा रखी तो चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स की बिक्री में कमी कर दी। इससे ट्रंप दबाव में आ गए और बहुत ज्यादा टैरिफ बढ़ाने से खुद को रोक लिया।
भारत के संदर्भ में
– भारत में REEs के भंडार (विशेषकर मोनाजाइट सैंड – केरल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश) मौजूद हैं।
– लेकिन भारत के पास प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी सीमित है और यहाँ का उत्पादन बहुत कम है।
– चीन की सप्लाई चेन डॉमिनेंस के कारण भारत को अपने इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा और ऊर्जा सेक्टर में चुनौतियाँ झेलनी पड़ती हैं।
– भारत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ मिलकर “Critical Minerals Partnership” में काम कर रहा है।
संक्षेप में –
– चीन : Monopoly बनाकर सप्लाई हथियार की तरह प्रयोग करता है।
– अमेरिका : खनन कर सकता है, लेकिन प्रोसेसिंग में चीन पर निर्भर → Diversification की ओर।
– भारत : भंडार है, लेकिन टेक्नोलॉजी व स्केल की कमी → सहयोग की राह।
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4. केंद्र सरकार ने इंडियन एयरफोर्स के लिए कितने LCA मार्क 1A फाइटर जेट खरीदने के लिए ₹62 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी?
The central government approved a project worth ₹ 62 thousand crores to purchase how many LCA Mark 1A fighter jets for the Indian Air Force?
a. 50
b. 87
c. 97
d. 99
Answer: c. 97

– सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने 19 अगस्त 2025 को इंडियन एयरफोर्स (IAF) के लिए 97 LCA मार्क 1A फाइटर जेट खरीदने के लिए ₹62 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी।
– इस विमान का निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) करेगा।
– यह स्वदेशी एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों के लिए दूसरा ऑर्डर है।
– फरवरी 2021 में, सरकार ने लगभग 48,000 करोड़ रुपये मूल्य के 83 विमानों का ऑर्डर दिया था।
– इस प्रोजेक्ट से इंडियन एयरफोर्स अपने पुराने पड़ चुके मिग-21 बेड़े को चरणबद्ध तरीके से हटा सकेगी, जिसे इस साल सितंबर में सेवानिवृत्त होना है।
– यह परियोजना न केवल स्वदेशीकरण को मज़बूत करेगी, बल्कि रक्षा क्षेत्र में छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए महत्वपूर्ण व्यवसाय भी उत्पन्न करेगी।
इंजन की आपूर्ति की चुनौती
– हालाँकि, यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब पहले से ऑर्डर किए गए 83 LCA एमके-1AS की डिलीवरी समय पर पूरा करने की एचएएल की क्षमता पर सवाल बने हुए हैं।
– मार्च 2025 में, HAL को इस कार्यक्रम के लिए पहला अमेरिकी निर्मित जीई इंजन प्राप्त हुआ।
– इससे पहले, अगस्त 2021 में, कंपनी ने तेजस एमके 1ए को शक्ति प्रदान करने के लिए 99 एफ404 इंजनों के लिए जीई एयरोस्पेस के साथ ₹5,375 करोड़ का अनुबंध किया था।
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के साथ फोन पर बातचीत की, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए चल रही और आगामी पहलों की समीक्षा की।
LCA मार्क 1A में तेजस से ज्यादा फीचर्स
– LCA मार्क 1A में AESA रडार लगा है। इस रडार की रेंज पुराने तेजस एयरक्राफ्ट से ज्यादा है और जैमिंग को बेहतर तरीके से रोकता है।
– इसमें मिड-एयर रिफ्यूलिंग की क्षमता है। इससे सिंगल इंजन फाइटर जेट की रेंज बढ़ाने में मदद मिलेगी।
– इसमें लगभग 40 सुधार किए गए हैं, जिनसे इसका मेंटेनेंस आसान हो जाएगा।
– इसमें अपग्रेडेड रडार वॉर्निंग ‘रिसीवर सिस्टम (RWR) लगाया गया है। इससे एयरक्राफ्ट खतरों का जल्दी डिटेक्ट कर पाएगा।
– इसमें डिजिटल मैप जेनरेटर, स्मार्ट मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले और एडवांस रेडियो अल्टीमीटर भी दिया गया है।
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5. राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा दिवस कब मनाया जाता है?
When is National Renewable Energy Day celebrated?
a. 18 अगस्त
b. 19 अगस्त
c. 20 अगस्त
d. 21 अगस्त
Answer: c. 20 अगस्त
– इस दिवस को अक्षय ऊर्जा दिवस वर्ष 2004 में केंद्र सरकार ने शुरू किया था।
– यह दिवस रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट प्रोग्राम का समर्थन करने और ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों का उपयोग करने के बजाय उनके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था।
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6. भारत ने लक्ष्य के कितने वर्ष पहले 2025 में विद्युत उत्पादन क्षमता का 50% हिस्सा गैर जीवाश्म ईंधन (नवीनीकरणनीय ऊर्जा) स्रोतों से प्राप्त किया?
India achieved 50% of its electricity generation capacity from non-fossil fuel (renewable energy) sources in 2025, how many years ahead of the target?
a. 1
b. 2
c. 4
d. 5
Answer: d. 5 (भारत ने पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर 50% विद्युत उत्पादन क्षमता वर्ष 2030 तक करने का लक्ष्य रखा था।)
5 साल पहले लक्ष्य पूरा हुआ
– भारत ने 30 जून 2025 को अपनी कुल विद्युत क्षमता लगभग 484 गीगावाट का 50% गैर जीवाश्म ईंधन स्रोतों (रिन्युएबल एनर्जी) से प्राप्त करने का महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लिया है।
– यह पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान [एनडीसी] के तहत निर्धारित लक्ष्य से पाँच साल पहले है।
– रिन्युएबल एनर्जी : सौर, पवन, बायोमास, जल विद्युत (लघु और वृहद), ग्रीन हाइड्रोजन और परमाणु ऊर्जा
भारत की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता
– जुलाई 2025 में भारत की कुल विद्युत क्षमता लगभग 484.8 गीगावाट थी।
– इसमें से 242.8 गीगावाट उत्पादन क्षमता रिन्युएबल एनर्जी से है।
बिजली स्टोरेज की कमी से आपूर्ति 30% ही
– न्यूजपेपर द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध आंकड़े दर्शाते हैं कि वास्तव में आपूर्ति की गई बिजली में स्वच्छ ऊर्जा का हिस्सा 30% से कम है।
– वजह : सौर ऊर्जा के उपयोग में सुधार के लिए, हमें मुख्यतः दो चीज़ों की आवश्यकता है: ग्रिड में लचीलापन और बेहतर बैटरी स्टोरेज। बैटरी स्टोरेज की कमी की वजह से शाम होते ही बिजली की निर्भरता कोयला से चलने वाले पावर प्लांट पर बढ़ जाती है।
– भारत की बढ़ती पीक और चौबीसों घंटे बिजली की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सौर, पवन, जलविद्युत और भंडारण तत्वों को मिलाकर ‘हाइब्रिड’ बिजली परियोजनाओं में वृद्धि ही आगे का रास्ता है।
– बैटरी स्टोरेज के साथ जोड़े जाने पर, ये हाइब्रिड अतिरिक्त ऊर्जा का भंडारण कर सकते हैं और इसे पीक डिमांड के समय, खासकर शाम के समय, जारी कर सकते हैं।
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7. बिहार की नमिता कुमारी ने यूरोप के किस सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर तिरंगा फहराया?
Namita Kumari of Bihar hoisted the tricolor on which highest mountain peak of Europe?
a. माउंट एल्ब्रस
b. ल्होत्से
c. कामेट पर्वत
d. मनास्लु
Answer: a. माउंट एल्ब्रस
– नमिता कुमारी ने अगस्त 2025 में यूरोप की सबसे ऊंची पर्वत चोटी ‘माउंट एल्ब्रस’ को सफलतापूर्वक फतह किया।
– नमिता कहती हैं कि माउंट एल्ब्रुस पर तिरंगा फहराना केवल मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह बिहार की उन अनगिनत बेटियों को समर्पित है जो समाज की सीमाओं से परे जाकर कुछ बड़ा करने का सपना देखती हैं।
– वह बिहार ग्रामीण बैंक की सहायक प्रबंधक भागलपुर इशाकचक निवासी त्रिभुवन पांडेय और चिंता देवी की बेटी हैं।
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8. मुंबई में तेज बारिश
heavy rain in mumbai
– मुंबई में तेज बारिश का 20 अगस्त को तीसरा दिन है।
– 24 घंटे में यहां 300mm बारिश हुई।
– लगातार तीसरे दिन मुंबई में स्कूल-कॉलेज और गवर्नमेंट और सेमी-गवर्नमेंट ऑफिस को बंद रखा गया है।
– मुंबई लोकल की 34 ट्रेनें (17 जोड़ी) कैंसिल हैं। 250 से ज्यादा फ्लाइट्स पर भी असर पड़ा है।
– एक दिन पहले 19 अगस्त की शाम मुंबई में 2 मोनोरेल से करीब 800 लोगों को रेस्क्यू किया गया।
– मैसूर कॉलोनी रेलवे स्टेशन के पास शाम 6 बजे एक मोनोरल एलिवेटेड ट्रैक पर अटक गई थी।
– इसमें मौजूद 582 यात्रियों को विंडो तोड़कर क्रेन की मदद से करीब 40-50 फीट की ऊंचाई से रेस्क्यू किया गया।
– रेल में सवार यात्री सागर ने कहा- बिजली और एसी बंद होने से डिब्बों में घुटन होने लगी थी। बाहर बारिश हो रही थी और अंधेरा बढ़ रहा था। सबसे डरावना पल तब था, जब ट्रेन खतरनाक ढंग से झुक गई थी, हम दुआ कर रहे थे कि जिंदा बाहर निकल जाएं।
– मीठी नदी, जो पहले नाले की तरह दिखती थी, वह खतरे के निशान से ऊपर चली गई है।
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9. किस शहर में विश्व रोबोट खेल 2025 का आयोजन हुआ?
In which city World Robot Games 2025 was organized?
a. जापान (टोक्यो)
b. चीन (बीजिंग)
c. भारत (बेंगलुरु)
d. फ्रांस (पेरिस)
Answer: b. चीन (बीजिंग)
– चीन की राजधानी बीजिंग में 16 देशों के 500 से ज़्यादा ह्यूमनॉइड रोबोट विश्व ह्यूमनॉइड रोबोट गेम्स में प्रतिस्पर्धा करने के लिए एकत्रित हुए।
कार्यक्रम
– 100 मीटर स्प्रिंट – 21.5 सेकंड में सबसे तेज़ रोबोट
– फ़ुटबॉल – पूरी तरह से स्वायत्त रोबोटों ने समन्वित खेल का प्रयास किया
– किकबॉक्सिंग – वास्तविक समय संतुलन और रिकवरी का प्रदर्शन
– नृत्य और रिले दौड़ – समन्वय और समूह गतिशीलता का परीक्षण
– प्रत्येक कार्यक्रम का उद्देश्य रोबोट के सेंसर, एआई निर्णय-निर्माण, मोटर नियंत्रण और अनुकूलनशीलता को चुनौती देना था, तथा वर्तमान इंजीनियरिंग सीमाओं को आगे बढ़ाना था।




