17 & 18 August 2025 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्‍वपूर्ण

यह 17 & 18 अगस्‍त 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने अपना उपराष्‍ट्रापति पद के लिए उम्‍मीदवार किसे बनाया?
Who has been nominated by the National Democratic Alliance (NDA) as its candidate for the post of Vice President?

a. जेपी नड्डा
b. सीपी राधाकृष्णन
c. आरके रामास्‍वामी
d. राधिका बनर्जी

Answer: b. सीपी राधाकृष्णन

– NDA ने सीपी राधाकृष्‍णन को उपराष्‍ट्रपति उम्‍मीदवार बनाया।
– भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके नाम का ऐलान किया।

सीपी राधाकृष्णन के बारे में
– वह मूलत: तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
– 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में जन्म हुआ था।
– उन्‍होंने बीबीए (बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन) की पढ़ाई की हुई।
– शुरुआत RSS के स्‍वयंसेवक के रूप में किया था।
– 1998 और 1999 में कोयम्‍बटूर से सांसद बने।
– 2004 – 07 तक तमिलनाडु BJP के अध्‍यक्ष रहे।
– 2023 में झारखंड के राज्‍यपाल बने। (अतिरिक्‍त प्रभार – तेलंगाना राज्‍यपाल और पुदुचेरी – उपराज्‍यपाल)
– 2024 में महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल बने।

उपराष्‍ट्रपति से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
– अनुच्छेद 63 : भारत में एक उपराष्ट्रपति होगा।
– अनुच्छेद 64 : उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष (Chairman of Rajya Sabha) होंगे।
– अनुच्छेद 65 : राष्ट्रपति के पद रिक्त होने या अनुपस्थिति/असमर्थता की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेंगे।
– अनुच्छेद 66 : उपराष्ट्रपति का चुनाव और उससे संबंधित प्रावधान।
– अनुच्छेद 67 : उपराष्ट्रपति का कार्यकाल – 5 वर्ष (जब तक राष्ट्रपति के उत्तराधिकारी को पदभार न सौंप दें)।
– अनुच्छेद 68 : उपराष्ट्रपति के चुनाव में रिक्ति भरने की प्रक्रिया।
– अनुच्छेद 71 : चुनाव से संबंधित विवादों का निर्णय सुप्रीम कोर्ट करेगा।

उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया
1) निर्वाचन मंडल (Electoral College)
– उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यगण (लोकसभा + राज्यसभा, निर्वाचित और मनोनीत दोनों) मिलकर करते हैं।
– इसमें राज्य विधानसभाओं की कोई भूमिका नहीं होती (राष्ट्रपति चुनाव के विपरीत)।

2) मतदान की पद्धति
– चुनाव एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System – STV) से प्रतिनिधिक अनुपातात्मक प्रतिनिधित्व (Proportional Representation) के आधार पर होता है।
– मतदान गुप्त मतपत्र (Secret Ballot) द्वारा कराया जाता है।

3) योग्यता (Qualifications) : उपराष्ट्रपति बनने के लिए व्यक्ति को –
– भारत का नागरिक होना चाहिए।
– कम से कम 35 वर्ष की आयु होनी चाहिए।
– राज्यसभा का सदस्य बनने की पात्रता होनी चाहिए।
– कोई लाभ का पद (Office of Profit) धारण नहीं करना चाहिए।

4) नामांकन
– उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कम से कम 20 सांसद प्रस्तावक और 20 सांसद अनुमोदक (seconder) चाहिए।
– एक निश्चित सुरक्षा राशि (Security Deposit) जमा करनी होती है।

5) चुनाव अधिकारी
– उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) कराता है।

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कार्यकाल और पद से हटाना
– कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, लेकिन पुनः निर्वाचित हो सकते हैं।
– कार्यकाल समाप्त होने के बाद उत्तराधिकारी पदभार ग्रहण न करे तब तक वे पद पर बने रहते हैं।

पद से हटाना (Removal):
– संविधान में उपराष्ट्रपति को हटाने की प्रक्रिया दी गई है।
– केवल राज्यसभा में सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव (Resolution) लाया जा सकता है और विशेष बहुमत (Effective majority) {निर्वाचित/जीवित सदस्यों की कुल संख्या पर आधारित} से पारित करना होता है।
– इसके बाद प्रस्ताव को लोकसभा में साधारण बहुमत से अनुमोदित करना होता है।

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2. यूक्रेन-रूस युद्ध के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच किस जगह पहली मीटिंग हुई?
Where did the first meeting take place between US President Donald Trump and Russian President Vladimir Putin in the wake of the Ukraine-Russia war?

a. अलास्का, USA
b. न्‍यूयार्क, USA
c. मॉस्‍को, रूस
d. पेरिस, फ्रांस

Answer: a. अलास्का, USA (एंकोरेज में 15-16 अगस्त 2025 को अलास्का समिट समिट हुई)

अलास्का समिट: यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने के प्रयास
– अलास्का समिट (Alaska Summit) 15-16 अगस्त 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच एंकोरेज, अलास्का में आयोजित हुई।
– इसका मुख्य उद्देश्य यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए सीजफायर (ceasefire) और शांति समझौते पर चर्चा करना था।
– यह समिट 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद अमेरिका-रूस के बीच पहली उच्च-स्तरीय बैठक थी, जिसमें कोई ठोस समझौता नहीं हुआ, लेकिन ट्रंप ने इसे “उत्पादक” बताया।
– खबरों के अनुसार इस समिट में पुतिन ने साफ कह दिया कि जीते हुए यूक्रेनी हिस्‍से से कब्‍जा नहीं छोड़ेगा। यूक्रेन को यह क्षेत्र रूस के लिए छोड़ना होगा।
– यह घटना अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह युद्ध के समाधान, क्षेत्रीय सीमाओं और वैश्विक शक्ति संतुलन को प्रभावित करती है।

UPSC एग्‍जाम में यह टॉपिक
– UPSC परीक्षा के दृष्टिकोण से, यह GS Paper 2 (अंतरराष्ट्रीय संबंध) और GS Paper 3 (सुरक्षा और आर्थिक प्रभाव) के लिए प्रासंगिक है, जहां बहुपक्षीय कूटनीति, क्षेत्रीय विवाद और भारत की विदेश नीति पर फोकस होता है।

यूक्रेन – रूस युद्ध
– यूक्रेन-रूस युद्ध फरवरी 2022 में रूस के आक्रमण से शुरू हुआ था।
– रूस ने क्रीमिया (2014 से कब्जा), डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जैपोरिजिया क्षेत्रों पर दावा किया।
– युद्ध में अब तक लाखों मौतें, विस्थापन और वैश्विक ऊर्जा-खाद्य संकट हुआ है।
– ट्रंप ने चुनावी वादा किया था कि वे युद्ध को 24 घंटे में समाप्त कर देंगे, और अलास्का समिट इसी प्रयास का हिस्सा थी।

ट्रंप के प्रयास (Trump’s Efforts):
– ट्रंप ने समिट को “बहुत उपयोगी” बताया और पुतिन के साथ 3 घंटे की बैठक की।
– शुरू में सीजफायर पर जोर दिया, लेकिन पुतिन से मिलने के बाद “डायरेक्ट पीस एग्रीमेंट” पर शिफ्ट हो गए, जिसमें क्षेत्रीय समझौते शामिल हैं।
– ट्रंप के सलाहकार स्टीव विटकॉफ के प्लान में यूक्रेन को डोनेट्स्क और लुहान्स्क छोड़ना शामिल था।
– ट्रंप ने फॉक्स न्यूज पर जेलेंस्की से “डील बनाने” की अपील की, कहते हुए कि “रूस एक बड़ी ताकत है”।
– ट्रंप ने “क्षेत्रीय स्वैप” का जिक्र किया, लेकिन कोई ठोस समझौता नहीं हुआ।
– आलोचकों का कहना है कि यह “अमेरिका फर्स्ट” नीति के तहत यूक्रेन को दबाव में डाल रहा है, जबकि समर्थक इसे युद्ध समाप्त करने का व्यावहारिक कदम मानते हैं।

पुतिन का रुख (Putin’s Stance):
– पुतिन ने समिट को “बहुत उपयोगी” कहा और ट्रंप की शांति प्रयासों की प्रशंसा की।
– वह सीजफायर का विरोध करते हैं, क्योंकि इसे यूक्रेन के पुनर्मिलिटरीकरण का मौका मानते हैं। इसके बजाय, वे पूर्ण शांति समझौते की मांग करते हैं, जिसमें: यूक्रेन डोनबास (डोनेट्स्क-लुहान्स्क), क्रीमिया, खेरसॉन और जैपोरिजिया से सैनिकों को हटाए। यूक्रेन तटस्थ, गैर-परमाणु और NATO-मुक्त बने। रूसी-भाषी नागरिकों के अधिकार सुनिश्चित हों। पश्चिमी प्रतिबंध हटें।
– पुतिन का लक्ष्य “मैक्सिमलिस्ट” है, जिसमें यूक्रेन का समर्पण शामिल है। समिट के बाद रूस ने हमले तेज किए, जो पुतिन की रणनीति को दर्शाता है।

यूरोपीय नेताओं की सोच (European Leaders’ Thinking):
– प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं: कई इसे पुतिन की कूटनीतिक जीत मानते हैं। यूरोपीय नेता चिंतित हैं कि ट्रंप यूक्रेन को क्षेत्र छोड़ने के लिए मजबूर करेगा, जो “म्यूनिख समझौते” जैसा होगा।
– फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा कि रूस “यूक्रेन का समर्पण चाहता है, शांति नहीं”। जर्मन मीडिया ने इसे यूक्रेन की हार बताया।
– EU नेता ब्रसेल्स में मिले और ट्रांस-अटलांटिक एकता, यूक्रेन की EU सदस्यता और सुरक्षा गारंटी पर जोर दिया। वे “बिना यूक्रेन के निर्णय” का विरोध करते हैं और NATO की भूमिका को मजबूत करना चाहते हैं। एस्टोनियाई सांसद मार्को मिहकेलसन ने चेतावनी दी कि यह “माइट ट्रंप्स राइट” का सिद्धांत स्थापित कर सकता है, जो बाल्टिक देशों की सुरक्षा को खतरे में डालेगा।

अन्य वैश्विक आयाम:
– यूक्रेन का दृष्टिकोण: जेलेंस्की ने कहा कि रूस की अस्वीकृति युद्ध को जटिल बनाती है।
– यूक्रेन क्षेत्रीय समर्पण को असंवैधानिक मानता है और EU-NATO सदस्यता चाहता है।
– वैश्विक प्रभाव: समिट ने रूस को वैश्विक मंच पर वापस लाया, लेकिन कोई सीजफायर नहीं हुआ। यह ताइवान, फिलीपींस जैसे क्षेत्रों के लिए खतरनाक उदाहरण सेट कर सकता है।

भारत पर प्रभाव (Impact on India)
– भारत ने समिट का स्वागत किया, PM मोदी के “यह युद्ध का युग नहीं है” को दोहराते हुए। भारत की रणनीतिक स्वायत्तता (strategic autonomy) यहां दिखती है:
– आर्थिक प्रभाव: युद्ध से ऊर्जा कीमतें बढ़ीं, भारत की महंगाई प्रभावित हुई। रूस से सस्ता तेल आयात बढ़ा (2024 में 40% से अधिक), लेकिन ट्रंप की 50% टैरिफ धमकी भारत को प्रभावित कर सकती है।
– सुरक्षा और रक्षा: भारत रूस पर निर्भर (S-400, Su-30), लेकिन युद्ध से आपूर्ति प्रभावित। भारत QUAD और I2U2 जैसे गठबंधनों से पश्चिम के साथ संतुलन रखता है।
– कूटनीतिक प्रभाव: भारत मध्यस्थता की भूमिका की कोशिश की है (मोदी की रूस यात्रा), हालांकि मध्‍यस्‍त नहीं बन सका।
– युद्ध लंबा चला तो वैश्विक खाद्य सुरक्षा प्रभावित, भारत के खाद्य निर्यात पर असर।

 

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3. अंतरिक्ष यात्रा के बाद भारत लौटे शुभांशु शुक्‍ला
Shubhanshu Shukla returned to India after space travel

– एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला 17 अगस्‍त 2025 को अमेरिका से भारत आ गए।
– वह मूलत: लखनऊ से हैं। एयरफोर्स के पायलट हैं।
– एक्सियम मिशन-4 के तहत 25 जून को शुभांशु शुक्ला सहित चार एस्ट्रोनॉट इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे।
– 26 जून को भारतीय समयानुसार शाम 4:01 बजे ISS पहुंचे थे। – अंतरिक्ष में 20 दिन और ISS में 18 दिन रहने के बाद 15 जुलाई को पृथ्वी पर लौटे थे। अमेरिका के कैलिफोर्निया के तट पर लैंडिंग हुई थी।
– उन्‍होंने ISS पर कई तरह के रिसर्च किए।
– शुभांशु शुक्‍ला ISS पर जाने वाले पहले भारतीय हैं।
– जबकि अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय। पहले भारतीय राकेश शर्मा थे। 41 साल पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत यूनियन के स्पेसक्राफ्ट से अंतरिक्ष यात्रा की थी।

लोकसभा में शुभाशु शुक्‍ला पर चर्चा
– लोकसभा में 18 अगस्‍त 2025 को शुभांशु शुक्ला की सफल अंतरिक्ष यात्रा पर विशेष चर्चा हुई।
– बहस का विषय था- ‘अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री-विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका।’

6 साल की ट्रेनिंग के बाद पहुंचे ISS में
– शुभांशु शुक्‍ला इंडियन एयरफोर्स के पायलट हैं।
– उन्‍हें 2019 में गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री (एट्रोनॉट) चुना गया था।
– 2019 से 21 तक रूस के यूरी गागरिन कॉस्‍मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में बेसिक एस्‍ट्रोनॉट ट्रेनिंग कप्‍लीट की।
– 2022 में भारत में बंगलुरु में एस्‍ट्रोनॉट ट्रेनिंग फैसिलिटी सेंटर में ट्रेनिंग जारी रखी।
– 2025 में अमेरिका में स्‍पेसएक्‍स में ट्रेनिंग पूरी की। एस्‍पेसएक्‍स ही उन्‍हें एक्सियम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) की यात्रा पर ले गया था।

गगनयान मिशन में अनुभव काम आएगा
– शुभांशु का ये अनुभव भारत के गगनयान मिशन में काम आएगा।
– यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।
– इसका उद्देश्य भारतीय गगनयात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है।
– इसके 2027 में लॉन्च होने की संभावना है।
– भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहा जाता है। इसी तरह रूस में कॉस्मोनॉट और चीन में ताइकोनॉट कहते हैं।

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4. किस एक्वानॉट्स ने उत्‍तरी अटलांटिक महासागर में 5002 मीटर की गहराई में जाकर भारतीय रिकॉर्ड बनाया?
Which aquanaut created an Indian record by diving to a depth of 5002 meters in the North Atlantic Ocean?

a. गोता सिंह
b. जतिंदर पाल सिंह
c. राजू रमेश
d. इनमें से कोई नहीं

Answer: b. जतिंदर पाल सिंह (फ्रांसीसी पनडुब्बी ‘नॉटाइल’ के जरिए 6 अगस्‍त को जतिंदर पाल सिंह 5002 मीटर और 5 अगस्‍त को राजू रमेश 4,025 मीटर गहराई में गए)

– शुभांशु शुक्ला के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचने के लगभग एक महीने बाद दो भारतीय एक्वानॉट्स ने समुद्र में सबसे ज्यादा गहराई तक जाने का रिकॉर्ड बनाया।
– फ्रांसीसी पनडुब्बी ‘नॉटाइल’ के जरिए 6 अगस्‍त को जतिंदर पाल सिंह 5002 मीटर और 5 अगस्‍त को राजू रमेश 4,025 मीटर गहराई में गए।
– दोनों ने उत्‍तरी अटलांटिक महासागर में में पनडुब्‍बी के जरिए गोता लगाया।
– यह फ्रांस के साथ जॉइंट मिशन था।

एक्वानॉट्स के बारे में
– समुद्र के अंदर गहराई में जाने वाले को एक्वानॉट्स कहा जाता है।
– राजू रमेश, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी के साइंटिस्ट हैं।
– जतिंदर पाल सिंह, भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कमांडर हैं।

समुद्रयान ‘मत्स्य 6000’
– यह मिशन भारत के समुद्रयान ‘मत्स्य 6000’ की तैयारी का हिस्सा है।
– भारत की स्वदेशी ‘मत्स्य 6000’ पनडुब्बी 2027 में लॉन्च होगी। यह समुद्र के अंदर 6000 मीटर की गहराई तक जाएगी।
– भारत छठा देश है, जिसने मानव सबमर्सिबल बनाई है। इसके पहले अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस और चीन मानवयुक्त सबमर्सिबल बना चुके हैं।

‘मत्स्य 6000’
– मत्स्य 6000’ सबमर्सिबल 12-16 घंटे तक बिना रुके चल सकती है।
– इसमें 96 घंटे तक ऑक्सीजन सप्लाई रहेगी।
– इसका व्यास 2.1 मीटर है। इसमें तीन लोग बैठ सकते हैं।
– यह 80mm के टाइटेनियम एलॉय से बनी है।
– यह 6000 मीटर की गहराई पर समुद्र तल के दबाव से 600 गुना ज्यादा यानी 600 बार (दबाव मापने की इकाई) प्रेशर झेल सकती है।

सबमर्सिबल क्या है, ये पनडुब्बी से कैसे अलग है?
– पनडुब्बी और सबमर्सिबल दोनों पानी के अंदर चलते हैं, लेकिन उनके डिजाइन, काम और उद्देश्य अलग-अलग हैं।
– पनडुब्बी एक प्रकार का जलयान है जो सतह और पानी के नीचे दोनों पर काम कर सकता है।
– यह बिजली या डीजल इंजन से चलता है। पनडुब्बियां आमतौर पर आकार में बड़ी होती हैं और कई लोगों को ले जा सकती हैं।
– इनका उपयोग मुख्य रूप से टोही, निगरानी और सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

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5. जम्‍मू कश्‍मीर के किस जिले में अगस्‍त 2025 में बादल फटने से 60 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई और सैंकड़ों लोग घायल हुए?
In which district of Jammu and Kashmir, more than 60 people died and hundreds were injured due to cloudburst in August 2025?

a. जम्‍मू
b. किश्तवाड़
c. रियासी
d. राजौरी

Answer: b. किश्तवाड़

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में लगातार बादल फटे
– जम्मू-कश्मीर में बादल फटने 15 से 17 अगस्‍त के दौरान कई इलाकों में बादल फटने की घटना हुई।
– सबसे घातक घटना किश्तवाड़ जिले के चसोटी गांव में हुई।
– यहां बादल फटने के बाद आई बाढ़ और मलबे में दबने से 60 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई।
– इसके बाद कठुआ जिले में बॉर्डर से सटे इलाके में 3 जगह बादल फटा। इसमें कई लोग मारे गए।
– दूसरी ओर हिमाचल प्रदेश में 18 अगस्‍त 2025 को कुल्लू के टकोली में बादल फटा। कुल्लू के पनारसा, नगवाई में भी फ्लैश फ्लड के बाद चारों तरफ मलबा बिखरा है। इससे कुल्लू और मंडी के कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ है।

मचैल यात्रा स्थगित
– जम्मू-कश्मीर के किश्‍तवाड़ जिले में बादल फटने से चिसोती में अचानक बाढ़ आ गई, उस समय जब मचैल माता मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए बड़ी संख्या में लोग गाँव में एकत्रित हुए थे।
– यह यात्रा 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी। 9,500 फुट ऊँचे मंदिर तक 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा चिसोती से शुरू होती है, जो किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर स्थित है।

बादल फटना होता क्या है?
– छोटे से इलाके में बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होने को बादल फटना कहते हैं।
– इसमें बादल के फटने जैसा कुछ नहीं होता। हां, ऐसी बारिश इतनी तेज होती है जैसे बहुत सारे पानी से भरी एक बहुत बड़ी पॉलीथीन आसमान में फट गई हो। इसलिए इसे हिंदी में बादल फटना और अंग्रेजी में cloudburst के नाम से पुकारा जाता है।
– हालाँकि, बहुत भारी वर्षा की सभी घटनाएँ बादल फटना नहीं होतीं।
– बादल फटने की एक बहुत ही विशिष्ट परिभाषा है: लगभग 10 किमी x 10 किमी क्षेत्र में एक घंटे में 10 सेमी या उससे अधिक वर्षा को बादल फटने की घटना माना जाता है। इस परिभाषा के अनुसार, उसी क्षेत्र में आधे घंटे की अवधि में 5 सेमी वर्षा भी बादल फटने की श्रेणी में आएगी।
– ऐसे में 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े इलाके में 100 लीटर या उससे ज्यादा पानी बरस जाए, वो भी एक घंटे या उससे भी कम समय में, तो समझिए कि इस इलाके पर बादल फट गया।

आखिर बादल फटता क्यों है?
– दरअसल, बादल, सूरज की गर्मी के चलते समुद्र के ऊपर बने भाप के गुबार होते हैं, जो समुद्र की नम हवाओं के साथ बहकर धरती के ऊपर आते हैं। घने बादलों वाली ये नम हवा जब समुद्र से धरती पर पहुंचती हैं तो हम कहते हैं मानसून आ गया।
– फ्रिज का ठंडा पानी किसी गिलास या जग में भरने पर उसकी सतह पर पानी जमा हो जाता है। ठीक ऐसे ही जब ऊपरी वातावरण में बादल ठंडे होते हैं तो बूंदों में बदलने लगते हैं। जब ये बूंदें भारी होकर धरती पर गिरने लगती हैं, तो इसे ही बारिश कहा जाता है।
– मानसूनी हवाओं वाले बादल हिमालय से टकराकर धीरे-धीरे भारी मात्रा में जमा हो जाते हैं और एक ऐसा समय आता है कि किसी इलाके ऊपर मंढरा रहे ये बादल पानी से भरी एक थैली तरह फट जाते हैं। यानी बहुत तेजी से एक छोटे से इलाके में बरस पड़ते हैं।

बादल फटना कितना आम है?
– बादल फटना कोई असामान्य घटना नहीं है, खासकर मानसून के महीनों में।
– ज़्यादातर ये घटनाएँ हिमालयी राज्यों में होती हैं जहाँ स्थानीय स्थलाकृति, पवन प्रणालियाँ और निचले व ऊपरी वायुमंडल के बीच तापमान में बदलाव ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती हैं।

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6. विश्व मानवतावादी दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Humanitarian Day celebrated?

a. 18 अगस्त
b. 19 अगस्त
c. 20 अगस्त
d. 21 अगस्त

Answer: b. 19 अगस्त

– इस दिवस को संयुक्‍त राष्‍ट्र ने घोषित किया हुआ है।
– दरअसल, 19 अगस्त, 2003 को इराक के बगदाद में कैनाल होटल पर एक विनाशकारी बम हमले हुआ था।
– उसमें इराक के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो सहित 22 मानवीय सहायता कर्मियों की जान चली गई थी।
– इसके बाद इस दिन को विश्व मानवतावादी दिवस घोष‍ित किया गया।

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7. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) के महासचिव का चुनाव किसने जीता?
Who won the election for the General Secretary of the Constitution Club of India (CCI)?

a. संजीव बालियान
b. राजीव प्रताप रूडी
c. अमित शाह
d. वीके सिंह

Answer: b. राजीव प्रताप रूडी

– राजीव प्रताप रूडी फिर से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (CCI) के महासचिव बने हैं।
– अगस्‍त 2025 में चुनाव के दौरान बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी और संजीव बालियान के बीच मुकाबला था।
– नाव नतीजों में राजीव प्रताप रूडी ने 392 वोटो के साथ जीत हासिल की। वहीं संजीव बालियान को 290 वोट मिले। रूडी ने अपने प्रतिद्वंदी बालियान को 102 वोट से हराकर जीत हासिल की।

अन्‍य पदाधिकारी
– सचिव (संस्कृति) : राज्यसभा सांसद तिरुचि शिवा
– सचिव (खेल) : राजीव शुक्ला
– कोषाध्यक्ष : ए. पी. जितेंदर रेड्डी (तेलंगाना); वर्तमान में दिल्ली में तेलंगाना सरकार के विशेष प्रतिनिधि

संविधान क्लब ऑफ इंडिया (CCI) क्या है?
– संविधान क्लब ऑफ इंडिया (Constitution Club of India – CCI) संसद भवन के पास स्थित एक प्रतिष्ठित संस्थान है।
– स्थापना : संविधान क्लब की स्थापना 1947 में हुई थी।
– उद्देश्य : सांसदों को एक ऐसा स्थान उपलब्ध कराना, जहाँ वे राजनीतिक और वैचारिक मतभेदों से ऊपर उठकर आपसी संवाद कर सकें, आराम कर सकें और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों में शामिल हो सकें।
– स्थान : यह Rafi Marg, नई दिल्ली में स्थित है, संसद भवन के नजदीक।
– सदस्यता : संसद सदस्य (लोकसभा और राज्यसभा) इसके स्थायी सदस्य होते हैं। पूर्व सांसद भी क्लब की सदस्यता ले सकते हैं। कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों को विशेष सदस्यता दी जाती है।
– सुविधाएँ : रेस्तरां, जिम, स्वीमिंग पूल, लाइब्रेरी, मीटिंग हॉल और ऑडिटोरियम। यहाँ विभिन्न सम्मेलन, सेमिनार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बुक लॉन्च और सामाजिक आयोजन भी होते रहते हैं।
– महत्त्व : यह सिर्फ मनोरंजन का स्थान नहीं बल्कि लोकतांत्रिक विमर्श और संवाद का मंच भी है। यहाँ सांसद आरामदायक माहौल में राजनीति से जुड़े गंभीर मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं।

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8. भारत और किस देश की नौसेना के बीच अगस्‍त 2025 में SLINEX-2025 युद्धाभ्‍यास हुआ?
SLINEX-2025 war exercise took place between the navies of India and which country in August 2025?

a. जापान
b. श्रीलंका
c. ऑस्‍ट्रेलिया
d. बांग्‍लादेश

Answer: b. श्रीलंका

– SLINEX : श्रीलंका–भारत नौसैनिक अभ्यास
– कब से कब तक : 14 से 18 अगस्त 2025
– कौन सा संस्‍करण : 12वां
– कहां आयोजन : कोलंबो, श्रीलंका
– किस भारतीय युद्धपोत ने हिस्‍सा लिया : आईएनएस राणा (गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर) और आईएनएस ज्योति (फ्लीट टैंकर)

श्रीलंका
– राष्‍ट्रपति : अनुरा कुमारा दिसानायके
– प्रधानमंत्री : हरिणी अमरसूर्या
– राजधानी : श्री जयवर्धनेपुरा कोट्टे (विधायी) और कोलंबो (कार्यकारी और न्यायिक)
– मुद्रा : श्रीलंकाई रुपया
– आधिकारिक भाषाएँ : सिंहली और तमिल

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9. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सातवीं पुण्यतिथि कब मनाई गई?
When was the seventh death anniversary of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee celebrated?

a. 6 अगस्त, 2025
b. 16 अगस्त, 2025
c. 26 अगस्त, 2025
d. 8 अगस्त, 2025

Answer: b. 16 अगस्त, 2025

– कवि, लेखक, वक्ता और राजनेता, वाजपेयी तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और अपना कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता थे।
– अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। बाद में वह आगरा के बाह में बढे।
– उन्होंने 1996 में 13 दिनों के लिए, 1998-1999 में 13 महीनों के लिए और फिर 1999 से 2004 तक पूरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।

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10. ‘विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस’ कब मनाया जाता है?
When is ‘Partition Horrors Remembrance Day’ celebrated?

a. 15 अगस्त
b. 14 अगस्त
c. 13 अगस्त
d. 12 अगस्त

Answer: b. 14 अगस्त

– इस दिवस को पहली बार वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किया गया था।
– यह दिवस भारत-पाकिस्‍तान के विभाजन के दौरान लोगों के पीड़ितों और कष्टों को याद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।


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