8 – 9 August 2025 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्‍वपूर्ण

यह 8 – 9 अगस्‍त 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. सुप्रीम कोर्ट ने किस हिल स्‍टेशन में ‘हाथ रिक्‍शा’ पर बैन लगाया?
In which hill station did the Supreme Court ban ‘hand rickshaws’?

a. मसूरी
b. माथेरान
c. गंगटोक
d. श्री शैलम

Answer: b. माथेरान (महाराष्‍ट्र)

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सुप्रीम कोर्ट ने किस राज्‍य के हिल स्‍टेशन ‘माथेरान’ में ‘हाथ रिक्‍शा’ को अमानवीय प्रथा बताकर इसे बंद करने और इसकी जगह ई-रिक्‍शा चलाने का आदेश दिया?
In which state’s hill station ‘Matheran’, the Supreme Court called the practice of ‘hand rickshaw’ inhuman and ordered to stop it and replace it with e-rickshaw?

a. बिहार
b. महाराष्ट्र
c. पश्चिम बंगाल
d. उत्‍तर प्रदेश

Answer: b. महाराष्ट्र 

– सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 6 अगस्‍त 2025 को आया।

हिल स्‍टेशन ‘माथेरान’ के बारे में
– किस राज्‍य में : महाराष्‍ट्र
– किस जिले में : रायगढ़
– समुद्रतल से ऊचाई : 800 मीटर (2600 फीट)
– यह भारत के सबसे छोटे हिल स्टेशनों में से एक है। यह मुंबई से लगभग 90 किमी और पुणे से 120 किमी दूर है।
– माथेरान का मराठी में अर्थ है “पहाड़ों के माथे पर जंगल”।
– पर्यावरण संवेदनशीलता : यह भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा घोषित एक पर्यावरण-संवेदनशील क्षेत्र है।
– खासियत : आंशिक रूप से ऑटोमोबाइल मुक्त हिल स्टेशन है।

माथेरान में अब तक क्‍यों चल रहा था हाथ रिक्‍शा?
– दरअसल, माथेरान के पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होने के चलते वहां पेट्रोल-डीजल वाहन चलाने पर रोक है।
– ऐसे में वहां पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए हाथ रिक्शा यातायात का साधन है। इसके अलावा 400 से ज्‍यादा घोड़े भी हैं, जो पर्यटकों की मदद के लिए इस्‍तेमाल होते हैं।
– सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेशों के मद्देनजर वहां कुछ ई-रिक्शा उपलब्ध करवाए गए हैं।
– फरवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को 6 महीने में ई-रिक्शा नीति बनाने के लिए कहा था।
– अगस्‍त 2025 में कोर्ट ने हाथ रिक्शा पर तत्काल रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्‍या कहा?
– अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा, “आजादी के 78 साल, संविधान के 75 साल और इस ऐतिहासिक फैसले के 45 साल बाद भी हाथ रिक्शा जारी रहना दुर्भाग्यपूर्ण है”।
– चीफ जसिटस बीआर गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने कहा “कोई भी व्यक्ति दूसरे को अपनी इच्छा से नहीं खींचता है। वह ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसके पास जीवनयापन का कोई और साधन नहीं है, लेकिन इस तरह का चलन मानव गरिमा के विरुद्ध है। इसे जारी रखना सामाजिक और आर्थिक न्याय के संवैधानिक वायदे को नीचा दिखाने वाली बात होगी”।

1980 के एक फैसले का किया जिक्र
– कोर्ट ने अपने आदेश में 1980 के ऐतिहासिक ‘आजाद रिक्शा पुलर्स एसोसिएशन बनाम पंजाब’ फैसले का उल्लेख किया है।
– उस फैसले में रिक्शा वालों को गरिमापूर्ण जीवन देने के लिए कई निर्देश दिए गए थे।
– चीफ जस्टिस ने कहा, “आजादी के 78 साल, संविधान के 75 साल और इस ऐतिहासिक फैसले के 45 साल बाद भी हाथ रिक्शा जारी रहना दुर्भाग्यपूर्ण है”।

जापान से शुरू हुए हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे
– हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे की उत्पत्ति 1869 में जापान में हुई थी, जहां तीन उद्यमियों, सुजुकी टोकुजिरो, इज़ुमी योसुके और ताकायामा कोसुके ने इसका आविष्कार किया था।
– यह विचार जल्द ही अन्य एशियाई देशों, जैसे चीन और भारत में भी फैल गया, जहां रिक्शे परिवहन का एक लोकप्रिय साधन बन गए।
– भारत में, हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे 19वीं सदी के अंत में ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला में दिखाई दिए
– 20वीं शताब्दी के दौरान, हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शों को साइकिल रिक्शा, ऑटो रिक्शा और अंततः इलेक्ट्रिक रिक्शा जैसे अधिक आधुनिक परिवहन साधनों द्वारा रिप्‍लेस किया गया।

कोलकाता में भी थी प्रथा
– हाथ रिक्‍शा, सवा सौ साल से भी लंबे अरसे से कोलकाता की पहचान का हिस्सा रहे हैं। एक दशक पहले इस पर प्रतिबंध लग चुका है।
– कोलकाता में इन रिक्शों की शुरुआत 19वीं सदी के आखिरी दिनों में चीनी व्यापारियों ने की थी तब इसका मक़सद सामान की ढुलाई था।
– आज़ादी के पहले और उसके ठीक बाद इसे शान की सवारी और स्टेट्स सिंबल माना जाता था।
– उस दौर में धनी लोग तो पालकी से चलते थे।
– लेकिन मध्य वर्ग और उच्च मध्य वर्ग के लिए ये हाथ रिक्शा ही आवाजाही का प्रमुख साधन थे।
– 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति युद्ध के दौरान सीमा पार से आने वाले शरणार्थियों के लिए ये रिक्शा ही रोज़गार का सबसे बड़ा साधन था।
– इसे अमानवीय करार देते हुए राज्य सरकार इसपर पर पाबंदी लगा चुकी है।

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2. टैरिफ विवाद के बीच किस मंत्री ने अगस्‍त 2025 की अमेरिका यात्रा स्‍थगित कर दी, जहां दोनों देशों के बीच दस वर्षीय रक्षा साझेदारी फ्रेमवर्क पर हस्‍ताक्षर होना था?
Amid the tariff dispute, which minister postponed his August 2025 visit to the US, where a ten-year defense partnership framework was to be signed between the two countries?

a. प्रधानमंत्री
b. रक्षा मंत्री
c. विदेश मंत्री
d. गृह मंत्री

Answer: b. रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह)

– टैरिफ विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगस्‍त 2025 के अंतिम सप्‍ताह में प्रस्‍तावित अमेरिका यात्रा स्‍थगित हो गई है।
– हालांकि भारत सरकार के सूत्रों ने मीडियो से कहा है – यह यात्रा स्थगित कर दी गई है – रद्द नहीं की गई है, जैसा कि पहले बताया गया था – और यह अगले कुछ महीनों में होने की संभावना है।
– ठीक इससे पहले इंटनेशनल न्‍यूज एजेंसी ‘रॉयटर्स’ ने सूत्रों के हवाले से कहा था कि टैरिफ विवाद के चलते भारत ने रक्षा सौदों को रोक दिया है।
– हालांकि भारत सरकार के सूत्रों ने मीडिया में इसका खंडन किया और कहा कि किसी भी तरह का समझौता और रक्षा खरीद रद नहीं हुई है, भविष्‍य में ये सब होंगी।
– इस बीच भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादिमीर पुतिन से टेलिफोन पर बातचीत की।
– दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे और यूक्रेन के घटनाक्रम की समीक्षा करते हुए विस्तृत बातचीत की; यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब ट्रंप रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर दबाव बना रहे हैं।


दस वर्षीय रक्षा साझेदारी फ्रेमवर्क (next 10-year U.S.-India Defence Framework) के बारे में –

समझौते का बैकग्राउंड
– दरअसल, फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसमें एक दस वर्षीय रक्षा साझेदारी फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर करने की योजना घोषित की गई थी।
– 1 जुलाई, 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसे्थ ने फोन पर बैठक की, जिसमें अगले 10 वर्षों के लिए रक्षा सहयोग संबंधी फ्रेमवर्क पर तय समय पर हस्ताक्षर करने पर सहमति बनी थी।
– इस बीच अमेरिका ने टैरिफ विवाद हो गया। अमेरिका ने भारतीय वस्‍तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक कर दिया।
– इस विवाद के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा स्‍थगित हो गई।

दस वर्षीय रक्षा साझेदारी फ्रेमवर्क का लक्ष्‍य
– सेना-नौसेना-वायु, साइबर, स्पेस सहित सभी क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ाना।
– सह-उत्पादन (co-production) को गति देना—जैसे भारत में GE F404 और F414 इंजन का निर्माण, और Javelin मिसाइल एवं Stryker वाहन जैसी प्रणालियाँ
– इंटरऑपरेबिलिटी (सामरिक तालमेल), लॉजिस्टिक्स साझेदारी, सामरिक आपूर्ति श्रृंखला और संयुक्त अभ्यासों को मजबूत बनाना
– INDUS-X (India–U.S. Defense Acceleration Ecosystem) जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से रक्षा तकनीक में नवाचार और उद्योग सहयोग को बढ़ावा देना

प्रमुख उद्देश्‍य
– Javelin मिसाइल, Stryker वाहन, P-8I विमान, F404 / F414 इंजन, इंडस-एक्स की खरीद

इस प्रस्‍तावित समझौते का क्‍या महत्‍व है?
चीन-प्रभाव का संतुलन –
– यह फ्रेमवर्क इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव को संतुलित करने के लिए अहम है।
– अमेरिका चाहता है कि भारत इस क्षेत्र में एक सुरक्षा प्रदाता (Security Provider) की भूमिका निभाए।
– भारत के लिए यह दोहरी रणनीति है—चीन से सीमा विवाद में दबाव घटाना और हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक उपस्थिति मजबूत करना।

रक्षा प्रौद्योगिकी का ट्रांसफर
– सह-उत्पादन और सह-विकास (Co-development) से भारत को उन्नत तकनीक और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमता मिलेगी।
– उदाहरण: GE F-414 इंजन → स्वदेशी लड़ाकू विमानों के लिए, Javelin ATGM → एंटी-टैंक क्षमता में वृद्धि, Stryker आर्मर्ड व्हीकल → मोबाइल युद्धक क्षमता

रक्षा निर्यात पर असर
– भारत अमेरिकी पार्टनरशिप का इस्तेमाल करके दक्षिण-पूर्व एशिया, अफ्रीका और मध्य-पूर्व के बाजारों में रक्षा निर्यात बढ़ा सकता है।
– ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा उपकरणों को अंतरराष्ट्रीय मानक पर प्रमाणित करवाने में अमेरिका का सहयोग मिलेगा।

इंटरऑपरेबिलिटी और संयुक्त ऑपरेशन
– दोनों देशों की सेनाओं के बीच संचार, लॉजिस्टिक्स और ऑपरेशन प्रोटोकॉल का मेल बढ़ेगा।
– मालाबार नौसैनिक अभ्यास, युद्ध अभ्यास, और टाइगर ट्रायंफ जैसे संयुक्त प्रशिक्षण अब और उन्नत स्तर पर होंगे।

चुनौतियाँ और सावधानियाँ
– रूस के साथ रक्षा संबंध—भारत अभी भी रूस से S-400 और अन्य हथियार खरीद रहा है, जिससे अमेरिका के साथ टेक ट्रांसफर में सावधानी बरती जाएगी।
– टेक्नोलॉजी नियंत्रण कानून (ITAR)—अमेरिकी हथियार टेक्नोलॉजी पर सख्त नियम लागू होते हैं, जिससे पूरी तरह खुला ट्रांसफर संभव नहीं होगा।
– घरेलू रक्षा उद्योग पर प्रतिस्पर्धी दबाव—विदेशी टेक आने से भारतीय निजी और सरकारी कंपनियों को तेज़ी से अपग्रेड होना पड़ेगा।

संभावित दीर्घकालिक असर
– भू-राजनीति : चीन के खिलाफ भारत की सामरिक स्थिति मजबूत होगी
– रक्षा उत्पादन : भारत दुनिया के शीर्ष 5 रक्षा उत्पादक देशों में आ सकता है
– समुद्री सुरक्षा : हिंद महासागर में अमेरिकी-भारतीय नौसैनिक गश्त और निगरानी बढ़ेगी
– टेक्नोलॉजी : ड्रोन, AI-आधारित युद्ध प्रणाली, हाइपरसोनिक हथियार विकास में प्रगति
– कूटनीति : क्वाड (Quad) और इंडो-पैसिफिक रणनीति में भारत की भूमिका और केंद्रीय होगी

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3. PM मोदी 31 अगस्त और 1 सितंबर को किस देश में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में शामिल होने जाएंगे?
In which country will PM Modi visit to attend the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) Summit on 31 August and 1 September?

a. चीन
b. रूस
c. ईरान
d. पाकिस्तान

Answer: a. चीन

– 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैन्य झड़प के बाद मोदी की पहली चीन यात्रा होगी।
– मोदी इससे पहले वर्ष 2018 में वहां गए थे। बतौर प्रधानमंत्री पीएम मोदी का यह छठा चीन दौरा होगा।
– जो 70 सालों में किसी भी भारतीय PM की सबसे ज्यादा चीन यात्रा है।
– अक्टूबर 2024 में कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी।
– SCO समिट में जाने की यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कड़े टैरिफ लगाए जाने और रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर बढ़ते दबाव के बीच हो रही है।
– ऐसी उम्मीद है कि इन परिस्थितियों में, चीन के साथ भारत के संबंधों में सुधार अमेरिका के लिए एक संतुलनकारी कारक साबित होगा।

रक्षा मंत्री ने हस्ताक्षर करने से इनकार किया था
– जून 2025 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO के तहत रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था।
– क्योंकि इसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का कोई उल्लेख नहीं था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।
– इसके बजाय, इसमें बलूचिस्तान का उल्लेख किया गया था, तथा भारत पर वहां अशांति पैदा करने का मौन आरोप लगाया गया था।
– हालांकि, हाल ही में चीन ने आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा बयान जारी किया, क्योंकि अमेरिका ने पहलगाम हमले में संलिप्तता के लिए पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया।
– इस बार SCO समिट में दस सदस्य देशों के साथ व्यापार के साथ-साथ आतंकवाद और क्षेत्रीय सुरक्षा पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।

पिछले महीने जयशंकर ने चीन का दौरा किया
– जुलाई 2025 में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन का दौरा किया था, जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की।
– जयशंकर ने जल संसाधन डेटा शेयर करने, व्यापार प्रतिबंधों, LAC पर तनाव कम करने और आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने जैसे मुद्दों पर बात की थी।
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मुलाकात ने मोदी की चीन यात्रा का रोडमैप तैयार किया था।

2019 में भारत दौरे पर आए थे जिनपिंग
– शी जिनपिंग आखिरी बार 2019 में भारत दौरे पर आए थे। तब दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के महाबलीपुरम में मुलाकात थी।
– यह यात्रा भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और आपसी मतभेदों को प्रबंधित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।

दोनों नेताओं ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमति जताई थी।

शंघाई सहयोग संगठन (SCO)
– SCO एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है।
– यह चीन और रूस द्वारा स्थापित एक यूरेशियन राजनीतिक,आर्थिक, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा संगठन है।
– यह शंघाई फाइव का विस्‍तार है, जिसका गठन 1996 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान के बीच हुआ था।
– अभी SCO के 10 सदस्‍य देश हैं।
– यह एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।

सदस्‍य देश
– चीन
– रूस
– कजाकिस्तान
– किर्गिस्‍तान
– ताजिकिस्तान
– उज्बेकिस्तान
– भारत
– पाकिस्तान
– ईरान
– बेलारूस

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4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 अगस्त, 2025 को कॉमन सेंट्रल सचिवालय भवन के एक हिस्‍से का उद्घाटन किया, इसका क्‍या नाम है?
Prime Minister Narendra Modi inaugurated a part of the Common Central Secretariat Building on August 6, 2025, what is its name?

a. कार्य भवन-3
b. राष्‍ट्र भवन-2
c. कर्तव्य भवन-3
d. पथ भवन

Answer: c. कर्तव्य भवन-3

– कर्तव्य भवन नौकरशाही के लिए बनने वाले दस कॉमन सेंट्रल सचिवालय भवनों में से पहला है।
– इस परियोजना का उद्देश्य दक्षता के लिए मंत्रालयों और विभागों को एक छत के नीचे लाना है।
– सबसे पहले उद्घाटन किए जाने वाले कर्तव्य भवन-03 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, एमएसएमई, डीओपीटी, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय होगा।
– आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने सरकार की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (सीसीएस) के हिस्से के रूप में दस भवनों के निर्माण की योजना बनाई है।
– कर्तव्य भवन-03 का प्लिंथ क्षेत्रफल 1.5 लाख वर्ग मीटर है और बेसमेंट क्षेत्रफल 40,000 वर्ग मीटर है। – इसकी पार्किंग में 600 कारें खड़ी हो सकती हैं।
– आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने कहा कि कर्तव्य भवन-03 में एक शिशुगृह, एक योग कक्ष, एक चिकित्सा कक्ष, एक कैफे, एक रसोईघर और एक बहुउद्देशीय हॉल है।
– इसमें 24 मुख्य सम्मेलन कक्ष हैं, जिनमें से प्रत्येक में 45 लोगों के बैठने की क्षमता है।
– 26 छोटे सम्मेलन कक्ष हैं, जिनमें से प्रत्येक में 25 लोगों के बैठने की क्षमता है, 67 बैठक कक्ष और 27 लिफ्ट हैं।

इसलिए पड़ी जरूरत
– सरकार के अनुसार, कई प्रमुख मंत्रालय 1950 और 1970 के दशक के बीच निर्मित शास्त्री भवन, कृषि भवन, उद्योग भवन और निर्माण भवन जैसी पुरानी इमारतों में काम कर रहे हैं, जो अब “संरचनात्मक रूप से पुरानी हो चुकी हैं।

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5. रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने देश की सैन्य तैयारियों को मजबूत करने के लिए अगस्‍त 2025 में कितने करोड़ के कई खरीद प्रस्तावों को मंजूरी दी?
The Defense Acquisition Council (DAC) approved several procurement proposals worth how many crores in August 2025 to strengthen the country’s military preparedness?

a. 60,000 करोड़ रुपये
b. 57,000 करोड़ रुपये
c. 66,000 करोड़ रुपये
d. 67,000 करोड़ रुपये

Answer: d. 67,000 करोड़ रुपये

– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी ने आर्मी, एयरफोर्स और नेवी की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए मंजूरी दी।
– आर्मी के लिए, BMP (बोयेवया मशीना पेखोटी) के लिए थर्मल इमेजर-आधारित ड्राइवर नाइट साइट की खरीद स्वीकृति (AoN) दी गई है।
– इससे BMP की रात्रिकालीन ड्राइविंग क्षमता में वृद्धि होगी।
– माउंटेन रडार की खरीद और ‘सक्षम/स्पाइडर’ हथियार प्रणाली के अपग्रेडेशन को भी मंजूरी दी गई है।
– माउंटेन रडार की तैनाती से पहाड़ी इलाकों में सीमाओं के आसपास हवाई निगरानी की क्षमता बढ़ेगी।
– वहीं, स्पाइडर सिस्टम को ‘इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम’ से जोड़ने से एयरफोर्स की क्षमता में इजाफा होगा।

– नेवी के लिए, कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट, ब्रह्मोस फायर कंट्रोल सिस्टम और लॉन्चरों की खरीद और बराक-1 पॉइंट डिफेंस मिसाइल सिस्टम के लिए AoN प्रदान किया गया।
– कॉम्पैक्ट ऑटोनॉमस सरफेस क्राफ्ट की खरीद से नेवी को पनडुब्बी रोधी युद्ध अभियानों में खतरों का पता लगाने की क्षमता प्राप्त होगी।
– तीनों सेनाओं के लिए मध्यम ऊंचाई वाले लंबी क्षमता वाले (MALE) रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPA) की खरीद को मंजूरी दी गई।
– प्रस्तावित MALE RPA कई पेलोड और हथियार ले जा सकते हैं।
– इसके अतिरिक्त, डीएसी ने सी-17 और सी-130जे बेड़े के रखरखाव के लिए एओएन और एस-400 लंबी दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के वार्षिक रखरखाव अनुबंध को भी मंजूरी दी है।

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6. किस देश ने गाजा पर कब्‍जा करने की योजना की घोषणा की?
Which country announced plans to capture Gaza city?

a. यूएसए
b. फ्रांस
c. इजरायल
d. सीरिया

Answer: c. इजरायल

– इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने घोषणा की है कि इजरायली सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा शहर पर कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी है।
– यह निर्णय 8 अगस्त 2025 को लिया गया, जो हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के जवाब में शुरू किए गए इजरायल के 22 महीने के सैन्य अभियान में एक और वृद्धि को दर्शाता है।
– यह कदम अंतरराष्ट्रीय चिंताओं, घरेलू विरोध और क्षेत्र में पहले से ही गंभीर मानवीय संकट के बावजूद उठाया गया है।

UN ने
– इस बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को इजरायल सरकार से गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य कब्जे की योजना को तत्काल रोकने की मांग की।
– उन्होंने चेतावनी दी कि यह योजना बड़े पैमाने पर विस्थापन, अधिक हत्याओं, असहनीय पीड़ा, और अत्याचार अपराधों को बढ़ाएगी।
– तुर्क ने इस योजना को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) के उस फैसले के खिलाफ बताया, जिसमें इजरायल से अपनी कब्जे की नीति को जल्द से जल्द समाप्त करने और दो-राष्ट्र समाधान को लागू करने की मांग की गई थी।

मानवीय प्रभाव:
– गाजा में पहले से ही युद्ध के कारण व्यापक विनाश हुआ है, जिसमें 61,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है और क्षेत्र की लगभग 75% आबादी विस्थापित हो चुकी है।
– गाजा शहर में एक बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान से हजारों और लोगों के विस्थापन और भोजन वितरण में व्यवधान की आशंका है, जिससे भुखमरी का संकट और गहरा सकता है।

बंधकों की स्थिति:
– हमास द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को 251 लोगों को बंधक बनाया गया था, जिनमें से 50 अभी भी गाजा में हैं, और इजरायल का मानना है कि इनमें से लगभग 20 जीवित हैं।
– बंधकों के परिवारों ने इस योजना का विरोध किया है, क्योंकि उनका मानना है कि सैन्य वृद्धि उनके प्रियजनों की जान को खतरे में डाल सकती है।

इजरायल – हमास युद्ध
– 7 अक्टूबर 2023 को हमास के नेतृत्व में हुए हमले में लगभग 1,200 इजरायलियों की हत्या और 251 लोगों को बंधक बनाया गया, जिसके बाद इजरायल ने गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान शुरू किया।
– इस युद्ध में अब तक गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 61,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, हालांकि यह आंकड़ा नागरिकों और लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता।
– संयुक्त राष्ट्र और स्वतंत्र विशेषज्ञों ने इन आंकड़ों को विश्वसनीय माना है।

इजरायल
– राजधानी: जेरूसलम (सीमित अंतरराष्ट्रीय मान्यता)
– राष्ट्रपति: इसहाक हर्ज़ोग (Isaac Herzog)
– प्रधानमंत्री: बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu)
– मुद्रा: न्यू शेकेल
– आबादी: लगभग एक करोड़
पड़ोसी देश: लेबनान, सीरिया, जॉर्डन, मिस्र, फिलिस्‍तीन

फिलिस्तीन
– दो हिस्‍से में : वेस्‍ट बैंक और गाजा पट्टी
– घोषित राजधानी: यरुशलम (पूर्वी यरुशलम, सीमित अंतरराष्ट्रीय मान्यता)
– प्रशासनिक केंद्र: रमल्लाह
– मुद्रा: इजरायली न्यू शेकेल, जॉर्डनियन दीनार, मिस्री पाउंड
– आबादी: लगभग 54.77 लाख
– पड़ोसी देश: इजरायल, जॉर्डन, मिस्र
– राष्ट्रपति: महमूद अब्बास (Mahmoud Abbas)
– प्रधानमंत्री: मोहम्मद मुस्तफा (Mohammad Mustafa)
– गाजा पट्टी में हमास का नियंत्रण है, जबकि वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Fatah के नेतृत्व में) का आंशिक शासन है।

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7. राहुल गांधी ने वोट चोरी का आरोप लगाया, प्रेस कांफ्रेंस में सबूत पेश किए
Rahul Gandhi alleges vote theft, presents evidence in press conference

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने 7 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनावों और हाल के अन्य चुनावों में बड़े पैमाने पर वोटर फ्रॉड हुआ है।
– उन्होंने इसे “वोट चोरी” का नाम दिया और कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए खतरा है।
– उनके अनुसार, यह धांधली मुख्य रूप से मतदाता सूची में हेरफेर के जरिए की गई, जिसमें डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते, और अवैध तरीके से नए वोटर जोड़ना शामिल है।
– उन्‍होंने भारतीय चुनाव आयोग (ECI) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर 2024 के लोकसभा चुनावों और अन्य हालिया चुनावों में “वोट चोरी” (वोटर फ्रॉड) के गंभीर आरोप लगाए हैं।
– इन आरोपों ने भारतीय राजनीति में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है, जो लोकतंत्र, चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता, और संवैधानिक संस्थाओं की विश्वसनीयता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करता है।

चुनाव आयोग ने क्‍या कहा
– चुनाव आयोग ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से कहा है कि वे वोट चोरी के अपने दावे को सही मानते हैं तो हलफनामे पर साइन करके दें। अगर उन्हें अपने दावों पर भरोसा नहीं है तो देश से माफी मांगें।

वोट चोरी के प्रमुख आरोप – राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दिया:
– डुप्लीकेट और फर्जी वोटर: उन्होंने कर्नाटक के बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां 1,00,250 से अधिक फर्जी वोट पाए गए। इसमें 11,965 डुप्लीकेट वोटर, 40,009 गलत पते वाले वोटर, 10,452 एक ही पते पर दर्ज वोटर, और 4,132 अस्पष्ट फोटो वाले वोटर शामिल हैं।
– चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल: गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने इस धांधली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पारदर्शिता की कमी के कारण वोटर लिस्ट का मशीन-रीडेबल डेटा और सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराया।
– बीजेपी पर निशाना: उन्होंने दावा किया कि यह धांधली बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए की गई, क्योंकि अन्य पार्टियां सत्ता विरोधी लहर (anti-incumbency) का सामना करती हैं, लेकिन बीजेपी इससे बची रहती है।
– कर्नाटक और महाराष्ट्र में गड़बड़ी: गांधी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस को 16 सीटें जीतनी थीं, लेकिन धांधली के कारण केवल 9 सीटें मिलीं। महाराष्ट्र में भी लाखों वोटरों के नाम संदिग्ध तरीके से जोड़े गए।
– सबूतों का दावा: राहुल गांधी ने कहा कि उनकी टीम ने 6 महीने तक इस मामले की जांच की और उनके पास “100% पुख्ता सबूत” हैं, जो जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे।
– उत्तर प्रदेश का मामला: राहुल गांधी ने दावा किया था कि एक व्यक्ति, आदित्य श्रीवास्तव, कर्नाटक, महाराष्ट्र, और लखनऊ में वोटर था। हालांकि, यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इसे खारिज करते हुए कहा कि वह केवल कर्नाटक के महादेवपुरा में दर्ज है।

बीजेपी की प्रतिक्रिया:
– बीजेपी नेताओं, जैसे केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र यादव, ने आरोपों को कांग्रेस की हताशा और लोकतंत्र पर हमला करार दिया।

लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाएं:
– यह मामला भारतीय लोकतंत्र की बुनियाद, यानी “एक व्यक्ति, एक वोट” के सिद्धांत पर सवाल उठाता है।
– चुनाव आयोग की स्वायत्तता और निष्पक्षता पर चर्चा महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह एक संवैधानिक निकाय है (अनुच्छेद 324)। यूपीएससी के लिए यह गवर्नेंस और संवैधानिक ढांचे का हिस्सा है।

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8. भारत छोड़ो आंदोलन दिवस कब मनाया जाता है?
When is Quit India Movement Day celebrated?

a. 6 अगस्त
b. 7 अगस्त
c. 8 अगस्त
d. 9 अगस्त

Answer: c. 8 अगस्त

– वर्ष 2024 में इस महत्‍वपूर्ण आंदोलन की 82वीं वर्षगांठ है।
– महात्मा गांधी ने 8 अगस्त 1942 को मुंबई में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सत्र दौरान अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की थी।
– भारत छोड़ो भाषण में “करो या मरो” का नारा दिया था।
– इस दिवस को अगस्त आंदोलन या अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है।

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9. विश्‍व नागासाकी दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Nagasaki Day?

a. 12 अगस्‍त
b. 11 अगस्‍त
c. 10 अगस्‍त
d. 9 अगस्‍त

Answer: d. 9 अगस्‍त

– अमेरिका ने 9 अगस्त 1945 को दक्षिणी जापान के बन्दरगाह नगर नागासाकी पर 11 बजकर, 1 मिनट पर 6.4 किलो. का प्लूटोनियम-239 वाला ‘फैट मैन’ नाम का बम गिराया गया था।
– इससे पहले 6 अगस्त 1945 को अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा शहर पर ‘लिटिल बॉय’ नाम का यूरेनियम बम गिराया जा चुका था।
– धमाका इतना तेज़ था कि 8 किलोमीटर दूर बने घरों के शीशों के परखच्चे उड़ गए
– इससे लगभग एक लाख चालीस हज़ार लोग मारे गए थे।
– जब नागासाकी पर प्लूटोनियम परमाणु बम गिराया गया, तब 43 सेकण्ड के बाद ज़मीन से 1,540 फीट की ऊँचाई पर यह बम फटा।
– और इससे 21 किलोटन टी.एन.टी. के बराबर धमाका हुआ।
– 3,900 डिग्री सेल्सियस की ऊष्मा उत्पन्‍न हुई।
– हवा की गति 1005 कि.मी. प्रति घण्टे तक पहुँच गयी।
– इससे तत्काल हुई मौतों की संख्या का अनुमान 40,000 से 75,000 के बीच था।
– 1945 के अन्त तक यह आँकड़ा 80,000 तक जा पहुँचा।

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10. विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस कब मनाया जाता है?
When is the International Day of the World’s Indigenous Peoples observed?

a. 6 अगस्त
b. 7 अगस्त
c. 8 अगस्त
d. 9 अगस्त

Answer: d. 9 अगस्त

– दुनिया भर के लोगों को स्वदेशी लोगों के अधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन पर संयुक्त राष्ट्र के संदेश को फैलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 9 अगस्त को विश्व के स्वदेशी लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है।


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