यह 19 मार्च 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रेनॉट्स का नाम बताएं, जो 8 दिन के लिए इंस्टरनेशनल स्पेस स्टेशन गई थी, लेकिन पृथ्वी पर लौटने में 9 महीने से ज्यादा लग गए?
Name the Indian-origin American astronaut who went to International Space Station for 8 days but took more than 9 months to return to Earth?
a. कल्पना चावला
b. सुनीता विलियम्स
c. राजा चारी
d. सिरिशा बांदला
Answer: b. सुनीता विलियम्स
– भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रेनॉट्स सुनीता विलियम्स और अमेरिकी बुच विल्मोर NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर 5 जून 2024 को गए थे। लेकिन स्पेसक्राफ्ट में खराबी आ गई।
– उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय लग गया।

9 महीने 14 दिन बाद पृथ्वी पर वापसी
– सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने 14 दिन बाद 19 मार्च 2025 को पृथ्वी पर लौट आए।
– उनके साथ क्रू-9 के दो और एस्ट्रोनॉट, अमेरिका के निक हेग और रूस के अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी वापस आए।
– उनका ‘ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट’ भारतीय समयानुसार 19 मार्च को सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड हुआ।
– ये चारों एस्ट्रोनॉट इसके एक दिन पहले 18 मार्च 2025 को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए थे।
– ISS से ड्रैगन कैप्सूल के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे।
– स्पेसक्राफ्ट के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था।
– इस दौरान करीब 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा, यानी यान से संपर्क नहीं रहा।
– हालांकि सकुशल वापसी हो गई।
8 दिन के मिशन पर गए थे, लेकिन 9 महीने से ज्यादा समय लग गया
– एस्ट्रेनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर NASA के 8 दिन के जॉइंट ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर 5 जून 2024 को गए थे।
– इस मिशन का उद्देश्य बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करना था।
– एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन पर 8 दिन में रिसर्च और कई एक्सपेरिमेंट भी करने थे।
– लेकिन थ्रस्टर में आई गड़बड़ी के बाद उनका 8 दिन का मिशन 9 महीने से ज्यादा समय लग गया। शुरुआत में ही हीलियम भी लीक हो गए थे। ये हीलियम प्रोपेलैंट को थ्रस्टरों तक पहुचाने के लिए बहुत जरूरी थे।
– विलियम्स और विल्मोर अनुभवी अंतरिक्ष यात्री हैं, और उन्हें कोई परेशानी नहीं थी। इसलिए, नासा ने उन्हें वापस लाने में जल्दबाजी नहीं की। ISS इतना बड़ा है कि किसी भी समय 10-12 अंतरिक्ष यात्री उसमें रह सकते हैं। इसमें आमतौर पर कम लोग होते हैं। केवल बदलाव के समय ही यह लगभग पूरी क्षमता से भरा होता है।
– लंबे समय बाद नासा ने एस्ट्रेनॉट्स को ISS से वापस लाने की जिम्मेदारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को दी।
वापस लौटने का प्रौसेस क्या होता है
– एस्ट्रोनॉट प्रेशर सूट पहनते हैं। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट के रिसाव की जांच होती है।
– इसके बाद स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग होता है। इसके थ्रस्टर्स यान को स्टेशन से दूर धकेलते हैं।
– इसके बाद डीऑर्बिट बर्न शुरू किया जाता है। थ्रस्टर्स अपनी कक्षा की उल्टी दिशा में फायर करते हैं। इससे स्पेसक्राफ्ट की स्पीड कम हो जाती है।
– इसके बाद 27,000 Km/hr की स्पीड से पृथ्वी के वापयुमंडल में प्रवेश करता है। इससे स्पेसक्राफ्ट के बाहरी हिस्से का टेंपरेचर 1650 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। कुछ मिनट कम्युनिकेशन ठप हो जाते हैं।
– करीब 18,000 फीट की ऊंचाई पर दो पैराशूट खुलते हैं। फिर 6,000 फीट पर चार मुख्य पैराशूट खुलते हैं। इससे स्पेसक्राफ्ट की स्पीड 24 km/Hr हो जाती है।
– जब समुद्र में स्पेसक्राफ्ट उतरता है, तो इसे स्प्लैशडाउन कहते हैं। पहले से रिकवरी शिप तैयार रहते हैं। टीमें यहां पहुंचती हैं और टेंपरेचर और गैस की जांच करती है। इसके बाद एस्ट्रेनॉट्स को बाहर निकाला जाता है।
सुनीता विलियम ने स्पेस में नया रिकॉर्ड बनाया
– स्पेसवॉक में रिकॉर्ड बनाया: सुनीता विलियम्स अब तक वह कुल 9 बार में 62 घंटे और 6 मिनट स्पेसवॉक कर चुकी हैं। यह किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा सबसे अधिक समय तक स्पेसवॉक का रिकॉर्ड है। जनवरी 2025 में उन्होंने दो बड़ी स्पेसवॉक की थी- एक 5 घंटे 26 मिनट और दूसरी 6 घंटे की।
– वैज्ञानिक प्रयोग: उन्होंने और उनके साथी बुच विल्मोर ने स्पेस स्टेशन में 150 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए। इनमें जैव-चिकित्सा अनुसंधान, पर्यावरणीय अध्ययन, और नई तकनीकों का परीक्षण शामिल था।
– स्पेस स्टेशन का मेंटेनेंस: सुनीता ने ISS की सफाई, पुराने उपकरणों को बदलने, और हार्डवेयर के निरीक्षण जैसे रेगुलर मेंटेनेंस वर्क किए। ISS का आकार एक फुटबॉल मैदान जितना बड़ा है, और इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए लगातार मेंटेनेंस की जरूरत होती है।
विज्ञान के लिए उपयोगी होगा सुनीता का अनुभव
– सुनीता विलियम्स और विल्मोर अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने पर मानव शरीर की प्रतिक्रिया का आकलन करने के लिए नासा के चल रहे अध्ययन में बहुत उपयोगी हो सकते हैं।
– उन्होंने ISS पर इतना समय बिताने के लिए प्रशिक्षण नहीं लिया था और उनके शरीर ने उन लोगों की तुलना में अलग तरह से प्रतिक्रिया की होगी जो लंबे समय तक रहने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार हैं।
चंद्रमा पर स्टेशन बनाने में काम आएगा अनुभव
– नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रमा पर एक स्थायी विज्ञान सुविधा स्थापित करने की तैयारी कर रही हैं, जिसके लिए मनुष्यों को लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहना होगा।
– इस प्रकार, यह अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के स्वास्थ्य प्रभावों का अध्ययन करने के लिए एक कार्यक्रम चला रहा है। – आईएसएस पर जाने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री अब ऐसे प्रयोगों का हिस्सा बनने के लिए स्वेच्छा से आगे आ सकते हैं।
लंबे समय तक स्पेस में रहने से शरीर पर क्या होता है?
– पिछले अध्ययनों से पता चला है कि पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में हड्डियों का घनत्व और मांसपेशियों की गुणवत्ता तेज़ी से बिगड़ती है।
– कम गुरुत्वाकर्षण मस्तिष्क के तरल पदार्थों को प्रभावित करता है, और लंबे समय तक रहने से मस्तिष्क की संरचना में संभावित रूप से बदलाव आ सकता है।
– लंबे समय तक रहने से हृदय रोग का खतरा भी बढ़ सकता है।
– विलियम्स और विल्मोर, शोधकर्ताओं को अंतरिक्ष में फंसे रहने के मानसिक और मनोवैज्ञानिक प्रभावों का अध्ययन करने का अवसर प्रदान कर सकते हैं।

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2. सर्वाधिक घंटों का स्पेसवॉक का महिलाओं का रिकॉर्ड किस महिला एस्ट्रेनॉट्स ने बनाया?
Which female astronaut set the record for most hours of spacewalking?
a. कल्पना चावला
b. सुनीता विलियम्स
c. राजा चारी
d. सिरिशा बांदला
Answer: b. सुनीता विलियम्स
– सुनीता विलियम्स अब तक वह कुल 9 बार स्पेसवॉक की। यह संख्या किसी महिला के द्वारा दूसरा सबसे अधिक है।
– जबकि वह 9 बार में कुल 62 घंटे और 6 मिनट स्पेसवॉक कर चुकी हैं। यह किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा सबसे अधिक समय तक स्पेसवॉक का रिकॉर्ड है।
– जनवरी 2025 में उन्होंने दो बड़ी स्पेसवॉक की थी- एक 5 घंटे 26 मिनट और दूसरी 6 घंटे की।
– सुनीता विलियम्स 9 महीने से ज्यादा समय के बाद 19 मार्च 2025 को पृथ्वी पर वापस लौटीं।
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3. UNCESO ने किन स्थलों को विश्व धरोहर स्थलों की अस्थाई सूची में शामिल किया, जिससे भारत में इसकी संख्या 62 हो गई?
Which sites were included by UNCESO in the tentative list of World Heritage Sites, taking its number to 62 in India?
a. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर
b. मौर्य मार्गों के साथ अशोक शिलालेख, चौसठ योगिनी मंदिर
c. उत्तर भारत में गुप्त मंदिर, बुंदेलों के महल-किले
d. उपरोक्त सभी
Answer: d. उपरोक्त सभी [1. कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, 2. मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर, 3. मौर्य मार्गों के साथ अशोक शिलालेख, 4. चौसठ योगिनी मंदिर, 5. उत्तर भारत में गुप्त मंदिर और 6. बुंदेलों के महल-किले]
– इन छह विश्व धरोहर स्थलों को UNCESO की अस्थाई सूची में शामिल होने की सूचना मार्च 2025 में प्रकाशित हुई।
नए विश्व धरोहर स्थल की अस्थाई सूची
1) कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (छत्तीसगढ़)
2) मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर (तेलंगान)
3) मौर्य मार्गों के साथ अशोक शिलालेख स्थल (बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात)
4) चौसठ योगिनी मंदिरों (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा)
5) उत्तर भारत में गुप्त मंदिर (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार)
6) बुंदेलों के महल-किले (मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश {बुंदेलखंड क्षेत्र})

कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, छत्तीसगढ़
– कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान (KVNP), भारत के छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के जगदलपुर में स्थित है।
– पार्क का नाम कांगेर नदी से लिया गया है, जो उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है।
– वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत 1982 में नामित, यह राष्ट्रीय उद्यान 200 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर, तेलंगान
– यह तेलंगान में स्थित मुदुमल गाँव से लगभग 4 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में कृष्णा नदी के तट के पास स्थित है।
– यह स्थल लगभग 80 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें एक छोटी पहाड़ी भी शामिल है।
– यहां प्राचीन पत्थर एक भूले हुए युग के स्थायी प्रहरी की तरह ऊँचे और शांत खड़े हैं।
– लगभग 3500 से 4000 साल पहले बना मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर स्थल दक्षिण एशिया में मेगालिथिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण अवशेष है।
मौर्य मार्गों के साथ अशोक शिलालेख स्थल
– ये शिलालेख बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात में स्थित हैं।
– मौर्य वंश के तीसरे शासक सम्राट अशोक ने भारतीय उपमहाद्वीप पर लगभग 268 से 232 ईसा पूर्व तक शासन किया और प्राचीन काल में अपने महत्वपूर्ण प्रभाव और उपलब्धियों के लिए प्रसिद्ध हैं।
– अशोक शिलालेखों का इतिहास भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। ये शिलालेख मुख्य रूप से सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताबदी ईसा पूर्व में लिखवाए गए थे।
– इन शिलालेखों में अशोक के शासनकाल की नीतियाँ, धर्म, प्रशासनिक आदेश, और उनके द्वारा किए गए कार्यों का विवरण मिलता है। मौर्य साम्राज्य के दौरान अशोक ने विभिन्न क्षेत्रों में कई शिलालेखों की स्थापना की, जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण शिलालेख मौर्य मार्गों पर स्थित हैं।
चौसठ योगिनी मंदिर (कई राज्यों में)
– ये मंदिर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा में स्थित हैं।
– चौसठ योगिनी मंदिरों में 64 योगिनियों की प्रतिमाएँ हैं, जो अपने-अपने कक्षों या मंदिरों में हैं, जिनमें जटिल पत्थर की नक्काशी गोलाकार रूप से व्यवस्थित है।
– ये मंदिर ज़्यादातर पहाड़ियों की चोटियों पर स्थित हैं।
– योगिनी योग की एक महिला साधक को संदर्भित करती है और चौसठ 64 की संख्या के लिए हिंदी शब्द है। योगिनियों की संख्या 64 है और इसलिए उन्हें चौसठ योगिनी कहा जाता है।
उत्तर भारत में गुप्त मंदिर (कई राज्यों में)
– ये मंदिर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार में स्थित हैं।
– गुप्त वंश के कई सांस्कृतिक योगदानों में से एक सबसे प्रमुख संरचनात्मक मंदिरों का निर्माण था। भारत में गुप्त मंदिर अपने रूप और डिजाइन में विशिष्ट हैं।
– ये मंदिर बौद्ध और हिंदू दोनों परंपराओं से प्रभावित स्थापत्य विशेषताओं को प्रदर्शित करते हैं।
बुंदेलों के महल-किले (कई राज्यों में)
– ये किले मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश {बुंदेलखंड क्षेत्र} में स्थित हैं।
– ‘बुंदेलों के महल व किले’ : गढ़कुंडार किला, राजा महल, जहाँगीर महल, दतिया महल, झाँसी किला और धुबेला महल।
– ये किले और महल बुंदेला राजपूतों की सांस्कृतिक परंपराओं, स्थापत्य शैली (architectural style) और राजनीतिक इतिहास को दर्शाते हैं, जिन्होंने 16वीं से 19वीं शताब्दी तक भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यूनेस्को अस्थाई (Tentative) वर्ल्ड हेरिटेज साइट: 62
– कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
– मुदुमल मेगालिथिक मेनहिर
– मौर्य मार्गों के साथ अशोक शिलालेख स्थल
– चौसठ योगिनी मंदिरों
– उत्तर भारत में गुप्त मंदिरों
– बुंदेलों के महल-किले
– ग्वालियर किला, मध्य प्रदेश
– खूनी भंडारा, बुरहानपुर
– चंबल घाटी के रॉक कला स्थल
– भोजेश्वर महादेव मंदिर, भोजपुर
– रामनगर, मण्डला के गोंड स्मारक
– द हिस्टोरिक एनसेंबल ऑफ धामनार
– कोंकण तट, महाराष्ट्र के साथ तटीय किलेबंदी का क्रमिक नामांकन
– सूर्य मंदिर, मोढेरा और इसके आसपास के स्मारक
– उनाकोटी, उनाकोटी रेंज, उनाकोटी जिले की रॉक-कट मूर्तियां और राहतें
– वडनगर – एक बहुस्तरीय ऐतिहासिक शहर, गुजरात
– भारत के कोंकण क्षेत्र की ज्योग्लिफ्स
– जिंगकिएंग जरी: लिविंग रूट ब्रिज कल्चरल लैंडस्केप्स
– श्री वीरभद्र मंदिर और अखंड बैल (नंदी), लेपाक्षी (विजयनगर – मूर्तिकला और चित्रकारी कला परंपरा)
– वाराणसी के ऐतिहासिक शहर का प्रतिष्ठित रिवरफ्रंट
– कांचीपुरम के मंदिर
– हायर बेंकल, मेगालिथिक साइट
– नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट
– सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
– महाराष्ट्र में मराठा सैन्य वास्तुकला का क्रमिक नामांकन
– ओरछा की ऐतिहासिक धरोहर
– गारो हिल्स संरक्षण क्षेत्र (GHCA)
– केबुल लामजाओ संरक्षण क्षेत्र
– शीत रेगिस्तान सांस्कृतिक परिदृश्य भारत
– उत्तरापथ, बादशाही सड़क, सड़क-ए-आज़म, ग्रैंड ट्रंक रोड के साथ साइटें
– मंदिर वास्तुकला का विकास – ऐहोल-बादामी-पट्टदकल
– डेक्कन सल्तनत के स्मारक और किले
– सेलुलर जेल, अंडमान द्वीप समूह
– भारत के प्रतिष्ठित साड़ी बुनाई समूह
– अपातानी सांस्कृतिक परिदृश्य
– श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, श्रीरंगम
– श्रीरंगपटना द्वीप टाउन के स्मारक
– चिल्का झील
– पद्मनाभपुरम पैलेस
– सत्याग्रह के स्थल, भारत का अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन
– थेम्बंग फोर्टिफाइड विलेज
– नारकोंडम द्वीप
– एकाम्र क्षेत्र – मंदिरों का शहर, भुवनेश्वर
– बुर्जहोम की नवपाषाण बस्ती
– हड़प्पा पोर्ट-टाउन, लोथल के पुरातात्विक अवशेष
– माउंटेन रेलवे ऑफ इंडिया (एक्सटेंशन)
– चेट्टीनाड, तमिल व्यापारियों के ग्राम समूह
– नई दिल्ली में बहाई पूजा घर
– दिल्ली – एक विरासत शहर
– कश्मीर में मुगल गार्डन
– हैदराबाद गोलकोंडा किले के कुतुब शाही स्मारक, कुतुब शाही मकबरे, चारमीनार
– भारत में सिल्क रोड साइट्स
– नेओरा घाटी राष्ट्रीय उद्यान
– डेजर्ट नेशनल पार्क
– नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान
– जंगली गधा अभयारण्य, कच्छ का छोटा रण
– असम में ब्रह्मपुत्र नदी के बीच माजुली का नदी द्वीप
– श्री हरिमंदिर साहिब, अमृतसर, पंजाब
– बिष्णुपुर, पश्चिम बंगाल में मंदिर
– मट्टनचेरी पैलेस, एर्नाकुलम, केरल
– मांडू, मध्य प्रदेश में स्मारकों का समूह
– प्राचीन बौद्ध स्थल, सारनाथ, वाराणसी, उत्तर प्रदेश
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यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट: 43
– आगरा का किला
– अजंता की गुफाएँ
– एलोरा की गुफाएँ
– ताज महल
– महाबलीपुरम में स्मारकों का समूह
– सूर्य मंदिर, कोणार्क
– काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
– केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान
– मानस वन्यजीव अभयारण्य
– गोवा के चर्च और कॉन्वेंट
– फतेहपुर सीकरी
– हम्पी में स्मारकों का समूह
– खजुराहो स्मारकों का समूह
– एलिफेंटा गुफाएं
– ग्रेट लिविंग चोल मंदिर
– पट्टडकल में स्मारकों का समूह
– सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान
– नंदा देवी और फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान
– सांची में बौद्ध स्मारक
– हुमायुं का मकबरा, दिल्ली
– कुतुब मीनार और उसके स्मारक, दिल्ली
– भारत के पर्वतीय रेलवे
– बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर
– भीमबेटका के रॉक शेल्टर
– चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क
– छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (पूर्व में विक्टोरिया टर्मिनस)
– लाल किला परिसर
– जंतर मंतर, जयपुर
– पश्चिमी घाट
– राजस्थान के पहाड़ी किले
– ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क कंजर्वेशन एरिया
– पाटन, गुजरात में रानी-की-वाव (रानी की बावड़ी)।
– नालंदा, बिहार में नालंदा महाविहार का पुरातत्व स्थल
– खंगचेंदज़ोंगा राष्ट्रीय उद्यान
– ले कोर्बुज़िए का वास्तुशिल्प कार्य, आधुनिक आंदोलन में एक उत्कृष्ट योगदान *
– अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर
– मुंबई के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल
– जयपुर शहर, राजस्थान
– धोलावीरा: एक हड़प्पा शहर
– काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा) मंदिर, तेलंगाना
– शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल
– सेक्रेड एनसेंबल्स ऑफ द होयसला (तीन मदिरों का समूह)
– चराइदेव मोईदाम (अहोम राजवंश की टीला-दफ़नाने की प्रणाली) , असम
UNESCO
मुख्यालय- पेरिस, फ्रांस
स्थापना- वर्ष 1945
डायरेक्टर जनरल- ऑद्रे अजोले
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4. फरवरी 2025 में देश में खुदरा मुद्रास्फीति (inflation) कितनी रही?
What was the retail inflation in the country in February 2025?
a. 3.61%
b. 4.31%
c. 5.22%
d. 5.48%
Answer: a. 3.61%
– 12 मार्च को जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में खाद्य पदार्थों की कीमतों में कमी आने से भारत की खुदरा मुद्रास्फीति सात महीने के निचले स्तर 3.61% पर आ गई।
– खाद्य मुद्रास्फीति में तेजी से गिरावट के कारण ऐसा हुआ।
– जबकि पिछले महीने जनवरी 2025 में यह 4.26 प्रतिशत थी।
खुदरा महंगाई दर की रिपोर्ट कौन जारी करता है?
– NSO (नेशनल स्टैटिस्टकल ऑफिस) {राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय}
– यह Ministry of Statistics and Programme Implementation (सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्रालय) के अंतर्गत है।
कैसे तय होती है खुदरा महंगाई दर
– यह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से तय होता है।
– इसमें खाद्य सामग्री, फल, कपड़े, जूते, घर, ईंधन, बिजली और अन्य की महंगाई की गणना की जाती है।
– एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है।
महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
– महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा।
– इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।
RBI कैसे कंट्रोल करती है महंगाई?
– महंगाई को नियंत्रित करने के लिए बाजार में पैसों के बहाव (लिक्विडिटी) को कम किया जाता है।
– इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट को घटाता या बढ़ाता है।
– जब महंगाई बढ़ जाती है, तो RBI रेपो रेट को बढ़ा देता है और जब महंगाई बेहद कम हो जाती है, तो रेपो रेट को घटा देता है।
– पिछले कुछ वक्त से महंगाई नियंत्रण में बताई जा रही है, इसी वजह से अगस्त में आरबीआई ने लगातार नौवीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था।
RBI द्वारा तय महंगाई सीमा
– RBI द्वारा निर्धारित महंगाई सीमा कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर 4 प्रतिशत है। हालांकि इसमें दो प्रतिशत घट या बढ़ सकता है।
– इस तरह 2 प्रतिशत से कम महंगाई और 6 प्रतिशत से अधिक महंगाई देश के आर्थिक विकास के लिए ठीक नहीं है।
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5. भारत की थोक महंगाई दर फरवरी 2025 में कितनी थी?
What was India’s wholesale inflation rate in February 2025?
a. 2.31%
b. 2.38%
c. 1.89%
d. 2.37%
Answer: b. 2.38%
– भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति: 17 मार्च 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति बढ़कर 2.38% हो गई।
– जो वनस्पति तेलों और पेय पदार्थों सहित विनिर्मित खाद्य वस्तुओं की बढ़ती लागत से प्रेरित है।
– जबकि जनवरी 2025 में थोक मूल्य मुद्रास्फीति 2.31 प्रतिशत थी।
थोक महंगाई दर की रिपोर्ट किसने जारी की
– Department for Promotion of Industry and Internal Trade (DPIIT)
– यह Ministry of Commerce and Industry के अंतर्गत है।
(नोट – खुदरा महंगाई दर NSO जारी करता है।)
थोक महंगाई दर क्या होती है?
– यह महंगाई दर, थोक मूल्य सूचकांक (WPI – होलसेल प्राइस इंडेक्स) के आधार पर तैयार होती है।
– होलसेल प्राइस इंडेक्स (WPI) या थोक मूल्य सूचकांक का मतलब उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है।
– ये कीमतें थोक में किए गए बिजनेस से जुड़ी होती हैं।
(नोट – खुदरा महंगाई दर, कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स से तय होता है)
कॉमर्स एंड इंडस्ट्री मिनिस्टर : पीयूष गोयल
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6. हॉकी इंडिया के 7वें सालाना पुरस्कार 2024 समारोह में सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी का ‘बलबीर सिंह सीनियर पुरस्कार’ किसे दिया गया?
Who was given the ‘Balbir Singh Senior Award’ for the best male player at the 7th Annual Awards 2024 ceremony of Hockey India?
a. हरमनप्रीत सिंह
b. मनप्रीत सिंह
c. सुरेंद्र कुमार
d. रूप सिंह
Answer: a. हरमनप्रीत सिंह
– नई दिल्ली में 15 मार्च 2025 को आयोजित हाकी इंडिया वार्षिक पुरस्कार समारोह में भारतीय हॉकी ने 100 साल पूरे होने का जश्न मनाया।
– पेरिस ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह को सर्वश्रेष्ठ पुरूष खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।
– उन्हें यह पुरस्कार तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता दिवंगत बलबीर सिंह सीनियर के नाती कबीर सिहं भोमिया, हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप टिर्की और महासचिव भोलानाथ सिंह ने प्रदान दिया।
– पुरस्कार के तहत हरमनप्रीत को एक ट्रॉफी और 25 लाख रूपये दिये गए।
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7. हॉकी इंडिया के 7वें सालाना पुरस्कार 2024 समारोह में सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी का ‘बलबीर सिंह सीनियर’ पुरस्कार किसे दिया गया?
Who was given the ‘Balbir Singh Senior’ award for the best female player at the 7th Annual Awards 2024 ceremony of Hockey India?
a. रानी रामपाल
b. सविता पुनिया
c. शर्मिला देवी
d. ज्योति
Answer: b. सविता पुनिया
– दिग्गज गोलकीपर और महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान सविता को ये पुरस्कार तीसरी बार मिला है।
– सविता तोक्यो ओलंपिक 2021 में चौथे स्थान पर रही थीं।
– उन्होंने अपना 300वां अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेला है।
– सविता को वर्ष के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर का बलजीत सिंह पुरस्कार भी मिला।
इन खिलाड़ियों को भी मिले अवार्ड
– हॉकी इंडिया परगट सिंह पुरस्कार (वर्ष के सर्वश्रेष्ठ डिफेंडर): अमित रोहिदास
– हॉकी इंडिया अजितपाल सिंह पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ मिडफील्डर): हार्दिक सिंह
– हॉकी इंडिया धनराज पिल्लै पुरस्कार (सर्वश्रेष्ठ फॉरवर्ड) : अभिषेक
– हॉकी इंडिया असुंता लकड़ा पुरस्कार (महिला- 21 वर्ष से कम की उभरती खिलाड़ी): दीपिका
– हॉकी इंडिया जुगराज सिंह पुरस्कार (पुरुष-21 वर्ष से कम के उभरते खिलाड़ी): अराइजीत सिंह हुंडल।
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8. किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके देवेंद्र प्रधान का निधन 17 मार्च 2025 को हो गया?
Devendra Pradhan, who was a Union Minister during the tenure of which Prime Minister, died on 17 March 2025?
a. एचडी देवेगौड़ा
b. मनमोहन सिंह
c. अटल बिहारी वाजपेई
d. वीपी सिंह
Answer: c. अटल बिहारी वाजपेई
– देवेंद्र प्रधान के बेटे धर्मेंद्र प्रधान, मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं।
– 83 वर्ष के देवेंद्र प्रधान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में परिवहन मंत्री रहे थे।
– देवेंद्र प्रधान राजनेता से पहले एक पेशेवर डॉक्टर थे।
– 1973 में सरकार नौकरी से इस्तीफा देने के बाद भी वह अपनी सेवा देते रहे।
– इसके बाद 1980 में राजनीति क्षेत्र में कदम रखा।
– 1998 में वे देवगड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और चुनाव जीतकर संसद पहुंचे।
– बाद में उन्होंने वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री के तौर पर दायित्व संभाला।
– 13वें लोकसभा चुनाव में दोबारा संसद पहुंचे और फिर वाजपेयी सरकार में मंत्री बने।
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9. भारत ने वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स ग्रैंड प्रिक्स 2025 में कुल कितने मेडल जीते?
How many medals did India win in total in the World Para Athletics Grand Prix 2025?
a. 70
b. 72
c. 123
d. 134
Answer: d. 134 (45 गोल्ड, 40 सिल्वर और 49 ब्रॉन्ज)
– भारत ने इस प्रतियोगिता में कुल 134 पदकों के साथ पदक तालिका में शीर्ष स्थान हासिल किया।
कौन से कितने पदक
– गोल्ड : 45
– सिल्वर : 40
– ब्रॉन्ज : 49
– यह प्रतियोगिता 11 से 13 मार्च तक जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुई।
– इसमें 20 देशों के टॉप पैरा एथलीट ने हिस्सा लिया।
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10. राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस कब मनाया जाता है?
When is National Vaccination Day celebrated?
a. 17 मार्च
b. 16 मार्च
c. 15 मार्च
d. 14 मार्च
Answer: b. 16 मार्च
– पूरे देश में टीकाकरण के महत्व को बताने के लिए ये दिवस मनाया जाता है।
– राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस पहली बार 16 मार्च 1995 को मनाया गया था।
– वर्ष 1995 में भारत ने पल्स पोलियो कार्यक्रम शुरू किया और ओरल पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी।
– भारत से पोलियो को जड़ ख़त्म करने का अभियान पल्स पोलियो कैम्पेन के ज़रिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया था।




