24 to 27 अक्‍टूबर 2024 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए

यह 24 to 27 अक्‍टूबर 2024 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. डिजिटल अरेस्‍ट क्‍या होता है?
What is digital arrest?

a. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) के तहत वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी का तरीका
b. भारतीय न्‍याय संहिता (BNS) के तहत वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी का तरीका
c. नशीले पदार्थों को बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई का तरीका
d. साइबर फ्रॉड का तरीका, जिसमें ठग अवैध वसूली के लिए जांच अधिकारी का रूप बनाकर वीडियो कॉल पर अरेस्‍ट करने के लिए डराते हैं

Answer: d. साइबर फ्रॉड का तरीका, जिसमें ठग अवैध वसूली के लिए जांच अधिकारी का रूप बनाकर वीडियो कॉल पर अरेस्‍ट करने के लिए डराते हैं

डिजिटल अरेस्‍ट क्‍या होता है?
– डिजिटल अरेस्ट- असल में साइबर फ्रॉड का एक नया तरीका है, जिसमें ठग पुलिस, CBI, ED, कस्टम, इनकम टैक्स या नारकॉटिक्स अधिकारी बनकर पीड़ित व्यक्ति को कॉल करते हैं और फिर उन पर या उनके करीबियों पर कुछ अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं। इसके बाद स्कैमर इस मामले को निपटाने के लिए तुरंत वीडियो कॉल की मांग करता है और उन्हें कॉल या वीडियो कॉल पर अरेस्ट करने के लिए डराते हैं। इसके तरिए अवैध वसूली की कोशिश होती है।

प्रधानमंत्री ने “डिजिटल गिरफ्तारी” धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्‍टूबर 2024 में ‘मन की बात’ कार्यक्रम के दौरान “डिजिटल गिरफ्तारी” धोखाधड़ी के प्रति आगाह किया।
– उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियां इस मुद्दे से निपटने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रही हैं, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के घोटालों से खुद को बचाने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है।
-“डिजिटल गिरफ्तारी धोखाधड़ी से सावधान रहें। कानून के तहत डिजिटल गिरफ्तारी जैसी कोई व्यवस्था नहीं है। कोई भी सरकारी एजेंसी कभी भी इस तरह की जांच के लिए आपसे फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क नहीं करेगी,”
– “धोखाधड़ी करने वाले लोग पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स और कभी-कभी आरबीआई अधिकारियों का भेष धारण कर लेते हैं। इस तरह के विभिन्न लेबल का उपयोग करके, वे बहुत आत्मविश्वास के साथ नकली अधिकारी के रूप में बात करते हैं।”
– PM ने लोगों से साइबर घोटालों के खिलाफ लड़ाई में शामिल होने का आग्रह करते हुए, उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों से अभियान चलाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा।

डिजिटल अरेस्‍ट की स्थिति में क्‍या करें?
1. रुकें, सोचें, कार्रवाई करें। सबसे पहले, शांत रहें और घबराएँ नहीं। यदि संभव हो तो रिकॉर्ड करें या स्क्रीन रिकॉर्डिंग करें।
2. याद रखें कि कोई भी सरकारी एजेंसी आपको ऑनलाइन धमकी नहीं देगी।
3. राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए 1930 डायल करके कार्रवाई करें और ऐसे अपराध के बारे में पुलिस को भी सूचित करें।”

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2. राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (CHOGM – Commonwealth Heads of Government Meeting) वर्ष 2024 में किस देश में आयोजित हुई?
In which country was the Commonwealth Heads of Government Meeting (CHOGM) held in the year 2024?

a. समोआ
b. ऑस्ट्रेलिया
c. रवांडा
d. श्रीलंका

Answer: a. समोआ

– कॉमनवेल्‍थ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट की मीटिंग 21 से 26 अक्‍टूबर 2024 तक समोआ में हुई।
– इस मीटिंग में यूनाइटेड किंगडम के किंग चार्ल्‍स तृतीय शामिल हुए।

विषय :
– एक लचीला साझा भविष्य: हमारी साझा संपत्ति में परिवर्तन।
– One Resilient Common Future: Transforming our Common Wealth.
CHOGM शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों (SIDS) के सामने आने वाली अनूठी चुनौतियों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए राष्ट्रमंडल भर के नेता एकत्र हुए।

समोआ
– यह प्रशांत महासागर में स्थित पोलिनेशिया में एक द्वीप देश है। इसी के आस-पास में फिजी, टोंगा, न्‍यू कैलेडोनिया, तुवालू, वानातू देश भी है।
– राजधानी – एपिया
– राष्‍ट्राध्‍यक्ष (Head of State): तुइमालेलिइफ़ानो वैलेटोसा सुआलाउवी II
– प्रधानमंत्री : फ़ियामे नाओमी माताफ़ा
– मुद्रा : ताला
– आबादी : 2 लाख
– क्षेत्रफल : 2831 वर्ग किलोमीटर (लगभग भोपाल शहर के बराबर)

कॉमनवेल्थ के बारे में
– राष्ट्रमंडल या कॉमनवेल्थ 56 सदस्यों का एक स्वैच्छिक संघ है।
– इसमें अधिकतर ऐसे देश हैं जो पूर्व में ब्रिटेन के उपनिवेश रह चुके हैं।
– इन सभी देशों ने लोकतंत्र, लैंगिक समानता, अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
– यह संगठन सदस्य देशों की सहमति से चलता है।

कॉमनवेल्थ का इतिहास
– कॉमनवेल्‍थ की स्‍थापना 1931 में हुई थी, लेकिन इसकी शुरुआत काफी पहले ही हो गई थी।
– कॉमनवेल्थ की शुरुआत महारानी विक्टोरिया के कॉलोनियों (उपनिवेश) पर नियंत्रण बनाए रखने के प्रयास से हुई थी।
– वर्ष 1867 में, कनाडा ने क्‍वीन विक्‍टोरिया से आजादी मांगी।
– क्‍वीन ने इस मांग को काफी हद तक स्वीकार लिया और कनाडा को डोमिनियन देश का दर्जा दे दिया।
– डोमिनियन का मतलब था कि कनाडा का स्व-शासन होगा, लेकिन ब्रिटेन कनाडा की नीतियों में हस्तक्षेप रहेगा।
– कुछ वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी ब्रिटिश कॉलोनियां को डोमिनियन का दर्जा प्राप्त हो गया।
– प्रथम विश्वयुद्ध के बाद इन आजाद देशों में राष्ट्रवाद चरम पर आ गया।
– इसके चलते वर्ष 1926 में ब्रिटेन और डोमिनियन देश इस बात पर सहमत हुए कि वे दोनों समान अधिकार वाले होंगे।
– वर्ष 1931 में इस घोषणा से ब्रिटिश कॉमनवेल्थ ऑफ नेशन्स की स्थापना हुई।
– वर्ष 2024 में कॉमनवेल्‍थ के 56 सदस्‍य देश हैं।

भारत का कॉमनवेल्थ को लेकर क्या रुख रहा?
– भारत कॉमनवेल्थ की वार्ताओं में मौजूद रहा, लेकिन उसने पूर्ण स्वतंत्रता के लिए जोर देना जारी रखा।
– वर्ष 1949 में जब भारत को कॉमनवेल्थ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।
– इसपर तत्‍कालीन प्रधान मंत्री नेहरू एक महत्वपूर्ण चेतावनी के साथ सहमत हुए थे।
– उन्होंने भारत को कॉमनवेल्थ में शामिल कराने के लिए एक शर्त रखी कि भारत महारानी के प्रति निष्ठा की शपथ नहीं लेगा।
– इस प्रस्ताव को मान लिया गया और अगले वर्ष भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका कॉमनवेल्थ में शामिल हो गए।

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3. वर्ष 2024 में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की मीटिंग (CHOGM) में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्‍व किसने किया?
Who led the Indian delegation to the Commonwealth Heads of Government Meeting (CHOGM) in the year 2024?

a. नरेंद्र मोदी
b. एस जयशंकर
c. किरेन रिजिजू
d. अमित शाह

Answer: c. किरेन रिजिजू

– केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अक्‍टूबर 2024 में आयोजित कॉमनवेल्‍थ हेड्स ऑफ गवर्नरमेंट मीटिंग में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया।
– यह मीटिंग समोआ देश में आयोजित हुआ।

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https://play.google.com/store/apps/details?id=co.ted.iwdrn&hl=en_IN

4. किस अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन की मीटिंग में यूनाइटेड किंगडम के सम्राट चार्ल्‍स तृतीय पर दासता के इतिहास की क्षतिपूर्ति देने का दबाव डाला गया?
In the meeting of which international organization, pressure was put on King Charles III of the United Kingdom to pay compensation for the history of slavery?

a. संयुक्‍त राष्‍ट्र
b. जी20
c. राष्‍ट्रमंडल
d. ब्रिक्‍स

Answer: c. राष्‍ट्रमंडल

– राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (CHOGM – Commonwealth Heads of Government Meeting) अक्‍टूबर 2024 में समोआ में आयोजित हुआ।
– इस मीटिंग के दौरान ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय को अपने देश के अतीत के लिए काफी कुछ सुनना पड़ा।
– दरअसल राष्ट्रमंडल देशों ने ब्रिटेन पर भयावह अतीत के लिए क्षतिपूर्ति देने की मांग की है। राष्ट्रमंडल देशों के शिखर सम्मेलन के दौरान गुलामी और साम्राज्य की विरासत के मुद्दे पर खूब बहस हुई।
– समोआ में आयोजित हुए शिखर सम्मेलन में 56 राष्ट्रमंडल देशों के नेता शामिल हुए। इनमें से अधिकतर पूर्व औपनिवेशक देश हैं।

सम्मेलन के दौरान उठी ये मांग
– यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर एकजुट होने के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन राजा के रूप में किंग चार्ल्स तृतीय का यह पहला शिखर सम्मेलन अतीत की छाया से घिरा रहा।
– कई अफ्रीकी, कैरिबियन और प्रशांत देशों ने मांग की कि ब्रिटेन समेत अन्य यूरोपीय शक्तियां उन्हें अतीत में गुलाम बनाने के लिए वित्तीय क्षतिपूर्ति का भुगतान करें।
– शिखर सम्मेलन के दौरान बहामास के प्रधानमंत्री फिलिप डेविस ने कहा कि अतीत के बारे में बहस बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि ‘अब समय आ गया है कि हम इस बारे में इन ऐतिहासिक गलतियों पर बातचीत करें। दासता की भयावहता ने हमारे समुदायों में एक गहरा, पीढ़ीगत घाव छोड़ा है, और न्याय की लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।’

ब्रिटेन की सरकार ने मांग ठुकराई
– हालांकि आर्थिक संकट से जूझ रही ब्रिटेन की सरकार क्षतिपूर्ति की किसी भी कोशिश को रोकना चाहती है।
– ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने क्षतिपूर्ति भुगतान के आह्वान को सार्वजनिक रूप से अस्वीकार कर दिया है, तथा उनके सहयोगियों ने शिखर सम्मेलन में माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया है।

किंग चार्ल्स ने कहा- अतीत को कोई नहीं बदल सकता
– राष्ट्रमंडल देश चाहते हैं कि क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर चर्चा हो। साथ ही ब्रिटेन के शाही परिवार, जिसने सदियों से दासता से लाभ उठाया है, उसे भी माफी मांगने के लिए कहा गया है।
– इस दौरान किंग चार्ल्स तृतीय ने कहा, ‘मैं राष्ट्रमंडल भर के लोगों को सुनने के बाद समझता हूं कि हमारे अतीत के सबसे दर्दनाक पहलू आज भी गूंज रहे हैं। हममें से कोई भी अतीत को नहीं बदल सकता, लेकिन हम अपने पूरे दिल से इसके सबक सीखने और असमानताओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

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5. केंद्र सरकार ने इसरो के नया Re-usable (फिर से प्रयोग करने योग्य) रॉकेट के विकास के लिए 8,240 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी, इसका नाम बताएं?
The central government approved a fund of Rs 8,240 crore for the development of ISRO’s new re-usable rocket, name it?

a. MSLV
b. BGLV
c. NGLV
d. SGLV

Answer: c. NGLV (नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल)

– केंद्रीय कैबिनेट ने इसरो द्वारा 8,240 करोड़ रुपये की लागत से नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल (एनजीएलवी) के विकास को भी मंजूरी दी।

NGLV
– NGLV : नेक्स्ट-जनरेशन लॉन्च व्हीकल
– यह रॉकेट रिकवरी मोड रिटर्न टू लॉन्च साइट (RTLS) होगा। मतलब कि रॉकेट लॉन्‍च होने के बाद वापस धरती पर लैंडिंग स्‍टेशन पर लौट आएगा। इसके बाद दोबारा उपयोग किया जा सकेगा।
– यह 2028 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और संचालन तथा 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय चालक दल के उतरने की क्षमता विकसित करने के सरकार के दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
– NGLV में LMV3 की तुलना में तीन गुना अधिक पेलोड क्षमता तथा 1.5 गुना कम लागत होगी।

इसरो को नए लॉन्च व्हीकल के विकल्प की जरूरत क्यों पड़ी?
– स्पेस इंडस्ट्री में पिछले कुछ वर्षो में स्पेसएक्स, प्लेनेट लैब्स, कीमेटा और एस्ट्रोस्केल जैसी प्राइवेट कंपनियों का आगमन हुआ है।
– ये कंपनियां बेहद सस्ते दामों में सैटेलाइट और स्पेस संबंधित एक्टिविटी कर रही हैं।
– ऐसे में यह सस्ते विकल्प इसरो के कमर्शियल एक्टिविटी में चुनौती पैदा कर रहे है।
– आमतौर पर इसरो लॉन्च व्हीकल (PSLV) से दुनियाभर के बहुत सारे कस्टमर के सेटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करता रहा है।
– लेकिन अब इसरो को इन नयी स्पेस कंपनियों के मुकाबले सस्ते विकल्पों की जरूरत है।
– ताकि इसरो कमर्शियल इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा सके।

भारत के पास कितने तरह के लॉन्‍च व्‍हीकल
– स्पेसक्राफ्ट को स्पेस में ले जाने के लिए लॉन्च व्हीकल का उपयोग किया जाता है।
– PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) और GSLV (जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल)
– दोनों के कई वेरिएंट (प्रकार) हैं।
– GSLV में PSLV की तुलना में पृथ्‍वी के ऑर्बिट में भारी पेलोड डालने की क्षमता है।
– PSLV 1750 किलो वजन के उपग्रहों को अंतरिक्ष में 600 किमी की ऊंचाई तक पहुंचा सकता है।
– जबकि GSLV 5,000 किलोग्राम तक वजन अंतरिक्ष में 36,000 किमी तक पहुंच सकता है।
– GSLV की तुलना में PSLV कम खर्चीला है।
– GSLV-3 का नया नाम LVM-3 (लॉन्‍च व्‍हीकल मार्क 3)

इसरो को नए लॉन्च व्हीकल के विकल्प की जरूरत क्यों पड़ी?
– स्पेस इंडस्ट्री में पिछले कुछ वर्षो में स्पेसएक्स, प्लेनेट लैब्स, कीमेटा और एस्ट्रोस्केल जैसी प्राइवेट कंपनियों का आगमन हुआ है।
– यह कंपनियां बेहद सस्ते दामों में सैटेलाइट और स्पेस संबंधित एक्टिविटी कर रही हैं।
– ऐसे में यह सस्ते विकल्प इसरो के कमर्शियल एक्टिविटी में चुनौती पैदा कर रहे है।
– आमतौर पर इसरो लॉन्च व्हीकल (PSLV) से दुनियाभर के बहुत सारे कस्टमर के सेटेलाइट को अंतरिक्ष में स्थापित करता रहा है।
– लेकिन अब इसरो को इन नयी स्पेस कंपनियों के मुकाबले सस्ते विकल्पों की जरूरत है।
– ताकि इसरो कमर्शियल इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा सके।

नेक्स्ट-जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV)
– NGLV का डिजाइन बिल्कुल साधारण होगा।
– इसरो NGLV के लिये जियोस्टेशनरी ट्रांसफर ऑर्बिट (GTO) में दस टन की पेलोड क्षमता वाले थ्री-स्टेज ऑर्बिट हेवी-लिफ्ट व्हीकल के निर्माण पर काम कर रहा है।
– लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में पेलोड की क्षमता दोगुनी होगी।
– NGLV में बूस्टर स्टेज के लिए सेमी-क्रायोजेनिक प्रोपल्शन (रीफाइंड कैरोसीन तेल तरल ऑक्सीजन के साथ ईंधन के रूप में (ऑक्सिडाइजर के रूप में) होगा।

NGLV का उपयोग
– NGLV का संभावित उपयोग कम्युनिकेशन सेटेलाइट्स, डीप स्पेस मिशन, फ्यूचर ह्यूमन स्पेसफ्लाइट और कार्गो मिशन लॉन्च करने के क्षेत्रों में होगा।

PSLV का भविष्य
– इसरो के चेयरमैन एस. सोमनाथ के अनुसार PSLV को एक दिन रिटायर तो होना ही पड़ेगा।
– लेकिन इसे तब तक संचालित किया जाएगा जब तक इसकी कमर्शियल डिमांड है।

PSLV के बारे में
– PSLV भारत का थर्ड जनरेशन लॉन्च व्हीकल है।
– PSLV का इस्तेमाल सबसे पहले वर्ष 1994 में हुआ था।
– अब तक PSLV ने 36 देशों के कम से कम 345 विदेशी उपग्रहों को लॉन्च किया है।
– इसकी सबसे चर्चित उड़ान 2017 PSLV-C37 मिशन है जिसने 104 उपग्रहों को ऑर्बिट में भेजा। (इनमें से 101 विदेशी वाणिज्यिक उपग्रह थे)।
– उस वक्‍त यह रिकॉर्ड बना था, जिसे बाद में स्‍पेस एक्‍स ने तोड़ दिया।

अक्‍टूबर 2022 में पहली बार यूज हुआ था GSLV मार्क 3
– भारत के सबसे ताकतवर रॉकेट GSLV मार्क 3 का कॉमर्शियल यूज, पहली बार 23 अक्‍टूबर 2022 को हुआ था।।
– इस दिन ‘वन वेब कम्‍यूनिकेशन’ कंपनी के 36 सेटेलाइट एक साथ अंतरिक्ष में भेजे गए थे।
– इससे पहले तक इसरो, भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए उपयोग करता रहा है।
– मुख्‍य रूप से इंडियन नेशनल सेटेलाइट सिस्‍टम (INSAT) को लॉंच करने के लिए बनाया गया था। INSAT सेटेलाइट से हम टेलीकम्‍युनिकेशन, ब्रॉडकास्टिंग, मीटीअरालजी (मौसम विज्ञान) के लिए उपयोग करते हैं।

इसरो
चेयरमैन : एस सोमनाथ
मुख्‍यालय : बेंगलुरू
स्‍थापना : 15 August 1969 (53 वर्ष पहले)

वर्तमान लॉन्‍च स्‍टेशन : 2
– थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्‍टेशन (TERLS), तिरुवनंतपुरम, केरल
– सतीश धवन स्‍पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश

नया लॉन्‍च सेंटर बनेगा : कुलशेखरपट्टनम लॉन्चिंग स्टेशन, कुलशेखरपट्टनम, तमिलनाडु

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6. इसरो ने शुक्र (Venus) ग्रह के लिए किस वर्ष वैज्ञानिक मिशन लॉन्‍च करने का लक्ष्‍य रखा, जिसके लिए केंद्रीय कैबिनेट ने 1,236 करोड़ रुपये की मंजूरी दी?
In which year, ISRO aims to launch a scientific mission to Venus, for which the Union Cabinet approved Rs 1,236 crore?

a. 2027
b. 2028
c. 2029
d. 2030

Answer: b. 2028

शुक्र ग्रह के लिए एक वैज्ञानिक मिशन
– शुक्र ऑर्बिटर मिशन को मार्च 2028 में लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। – इसकी लागत 1,236 करोड़ रुपये होगी।
– इस मिशन के साथ, वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे ग्रह की तीखी सतह और वायुमंडल का अध्ययन करेंगे ताकि यह समझ सकें कि सौर मंडल के विभिन्न ग्रह कैसे विकसित हुए।

शुक्र ग्रह के बारे में
– शुक्र सूर्य से नजदीक दूसरा ग्रह है।
– यह टरेस्ट्रीअल प्‍लैनेट है। सोलर सिस्‍टम में सिर्फ चार ही टरेस्ट्रीअल (स्थलीय) ग्रह हैं। इनमें – बुध (Mercury), शुक्र (Venus), पृथ्‍वी (Earth) और मंगल (Mars)
– इन्‍हें टरेस्ट्रीअल (स्थलीय) कहा जाता है क्योंकि उनके पास पृथ्वी की टेरा फ़र्मा जैसी एक कॉम्पैक्ट, चट्टानी सतह है।
– शुक्र का रेडियस पृथ्‍वी से कुछ ही कम है।
– शुक्र का रेडियस 6051.8 किलोमीटर है और पृथ्‍वी का 6378.1 किलोमीटर
– शुक्र पर एक वर्ष : पृथ्‍वी के बराबर 225 दिन
– शुक्र का वायुमंडल स्थलीय ग्रहों में सबसे घना है, जो मोटे, वैश्विक सल्फ्यूरिक एसिड बादल कवर के साथ ज्यादातर कार्बन डाइऑक्साइड से बना है।
– सतह पर इसका औसत तापमान 464 °C है और समुद्र तल पर पृथ्वी के दबाव का 92 गुना है।
– ये चरम स्थितियाँ शुक्र की सतह पर कार्बन डाइऑक्साइड को एक अति महत्वपूर्ण अवस्था में कंप्रेस करती हैं।
– आंतरिक रूप से, शुक्र में एक कोर, मेंटल और क्रस्ट है।
– माना जाता है कि शुक्र के इतिहास की शुरुआत में रहने योग्य वातावरण के साथ इसकी सतह पर तरल पानी रहा होगा, इससे पहले कि एक बेकाबू ग्रीनहाउस प्रभाव ने किसी भी पानी को वाष्पित कर दिया और शुक्र को इसकी वर्तमान स्थिति में बदल दिया।

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7. इसरो ने किस वर्ष तक चंद्रयान-4 लॉन्‍च करने का लक्ष्‍य रखा है, जो चांद से मिट्टी और चट्टान के टुकड़े का सैंपल लाएगा?
By which year does ISRO aim to launch Chandrayaan-4, which will bring samples of soil and rock fragments from the Moon?

a. 2027
b. 2028
c. 2029
d. 2030

Answer: a. 2027

– चंद्रयान-4 एक सैंपल-रिटर्न मिशन होगा।
– यह दो फेज में होगा, मतलब कि इसे दो अलग-अलग LVM-3 लॉन्च वाहनों पर लॉन्च किया जाएगा।
– वे चंद्रमा पर जाने से पहले पृथ्वी की कक्षा में डॉक करेंगे, और चंद्रयान-3 के स्थान के पास सतह पर उतरेंगे।
– वहां मिशन चंद्रमा की मिट्टी और चट्टान के कुछ नमूने एकत्र करेगा और उन्हें एक विशेष कनस्तर पर वापस पृथ्वी पर भेजेगा।
– मिशन के 2027 तक लॉन्च होने की उम्मीद है और इसकी लागत 2,104 करोड़ रुपये है।

जापान के साथ संयुक्त चंद्र मिशन
– केंद्रीय कैबिनेट ने अंतरिक्ष आयोग ने जापान के साथ संयुक्त चंद्र मिशन को भी मंजूरी दी है।
– इसे लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) कहा जाता है।
– LUPEX के लिए, इसरो चंद्रयान-3 के लिए इस्तेमाल किए गए लैंडर से अलग एक अलग चंद्र लैंडर विकसित कर रहा है, और उसे उम्मीद है कि भविष्य में मानवयुक्त चंद्र मिशनों में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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8. केंद्र सरकार ने अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS) के तृतीय चरण के लिए 27,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी, इसके तहत कितने जासूसी उपग्रहों को लॉन्‍च किया जाएगा?
The central government approved Rs 27,000 crore for the third phase of Space Based Surveillance (SBS), how many spy satellites will be launched under this?

a. 50
b. 51
c. 52
d. 55

Answer: c. 52

– केंद्र सरकार की सुरक्षा मामलों की समिति ने अंतरिक्ष निगरानी को बढ़ावा देने के लिए 27,000 करोड़ रुपये की लागत से 52 जासूसी उपग्रहों के प्रक्षेपण को मंजूरी दी।

SBS मिशन का तीसरा चरण
– सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने 11 अक्टूबर 2024 को अंतरिक्ष आधारित निगरानी (SBS) मिशन के तीसरे चरण को मंजूरी दे दी।
– इसके लिए इसरो 21 उपग्रह बनाएगा और निजी कंपनियां 31 अन्य उपग्रह बनाएंगी, जिसकी कुल लागत 26,968 करोड़ रुपये होगी।
– यह 2001 में एसबीएस-1 के लिए बनाए गए चार उपग्रहों और 2013 में एसबीएस-2 के लिए बनाए गए छह उपग्रहों की तुलना में एक महत्वपूर्ण सुधार है।

SBS 2001 में लॉन्‍च हुआ था
– SBS-1 (स्‍पेस बेस्‍ड सर्विलांस) को पहली बार 2001 में वाजपेयी सरकार के दौरान मंजूरी दी गई थी, जिसके तहत चार निगरानी उपग्रह लॉन्च किए गए थे। इसके बाद, 2013 में दूसरे चरण के तहत छह ऐसे उपग्रह प्रक्षेपित किए गए।

क्‍यों जरूरी है अंतरिक्ष आधारित निगरानी
– भारत, पाकिस्तान के साथ पश्चिमी सीमा, चीन के साथ उत्तरी सीमा और हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जासूसी जहाजों और पनडुब्बियों द्वारा बढ़ती समुद्री निगरानी पर सुरक्षा चिंताओं का सामना कर रहा है।
– उपग्रहों का नया बेड़ा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित होगा जो पृथ्वी पर “भू-खुफिया जानकारी इकट्ठा करने के लिए अंतरिक्ष में एक-दूसरे के साथ बातचीत कर सकता है”। “हमारे पास उपग्रहों के बीच संचार होगा, ताकि अगर कोई उपग्रह 36,000 किमी की ऊंचाई पर GEO (जियोसिंक्रोनस इक्वेटोरियल ऑर्बिट) में कुछ पता लगाता है, तो वह निचली कक्षा (400-600 किमी की ऊंचाई पर) में दूसरे उपग्रह से अधिक सावधानी से जांच करने और फिर हमें अधिक जानकारी देने के लिए कह सकता है।

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9. विश्व पोलियो दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Polio Day celebrated?

a. 25 अक्‍टूबर
b. 24 अक्‍टूबर
c. 23 अक्‍टूबर
d. 22 अक्‍टूबर

Answer: b. 24 अक्‍टूबर

– पोलियो के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, हर साल यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है।

– विश्व पोलियो दिवस जोनास साल्क के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
– वह अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट थे, जिन्होंने दुनिया का पहला सुरक्षित और प्रभावी पोलियो वैक्सीन बनाने में मदद की थी।
– डॉक्टर जोनास साल्क ने साल 1955 में 12 अप्रैल को ही पोलियो से बचाव की दवा को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया था।
– पोलियो अक्सर संक्रमित व्यक्ति के मल के माध्यम से फैलता है, जो दूषित भोजन और पानी, खराब स्वच्छता आदि के माध्यम से अन्य लोगों के संपर्क में आ सकता है। इसलिए टीकाकरण के साथ-साथ हाथ धोने, पीने के पानी को उबालकर पीने, छह महीने से कम उम्र के बच्चों को केवल स्तनपान कराने आदि के महत्व के बारे में भी लोगों को बताया गया।

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10. भारत में 2011 के बाद पहली बार 2024 में किस राज्‍य के एक बच्‍चे में पोलियो के लक्षण पाए गए, जो टाइप-1 वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस (वीडीपीवी) था?
In which state in 2024, for the first time since 2011 in India, a child was found to have polio symptoms, which was type-1 vaccine-derived poliovirus (VDPV)?

a. उत्‍तर प्रदेश
b. मध्‍य प्रदेश
c. मेघालय
d. मणिपुर

c. मेघालय (वेस्‍ट गोरो हिल्‍स जिले में)

भारत में पोलियो
– पोलियो के खिलाफ टीकाकरण 1972 में शुरू हुआ और 1985 में देशव्यापी सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP- Universal Immunisation Programme) के रूप में विस्तारित हुआ।
– पोलियो टीकाकरण की टैगलाइन – दो बूंद जिंदगी की – अभी भी स्मरणीय है।
– जनवरी 2011 में भारत में पोलियो का आखिरी मामला पश्चिम बंगाल के हावड़ा में सामने आया था।
– इसके बाद माना गया कि भारत से पोलियो खत्‍म हो चुका है।
– हालांकि 2024 को मेघालय के वेस्‍ट गोरो हिल्‍स जिले में दो वर्षीय बालक में पोलियो के लक्षण पाए गए।
– हालांकि WHO द्वारा मान्‍यताप्राप्‍त ICMR-NIV लैब ने ने पुष्टि की है कि मेघालय में पाया गया पोलियो मामला टाइप-1 वैक्सीन-व्युत्पन्न पोलियोवायरस (वीडीपीवी) था
– चूंकि बच्चे की प्रतिरक्षा कमज़ोर नहीं थी, इसलिए पोलियो बाइवेलेंट ओरल पोलियो वैक्सीन में इस्तेमाल किए गए जीवित, कमज़ोर टाइप-1 वायरस स्ट्रेन के कारण हुआ था, जिसमें उत्परिवर्तन हुआ था और उस बच्चे में पोलियो पैदा करने की क्षमता प्राप्त कर ली थी जिसका पूरी तरह से टीकाकरण नहीं हुआ था। इससे अन्‍य बच्‍चों को खतरा नहीं है।
– हालांकि इस मामले में WHO ने विवरण प्रकाशित करने को लेकर सतर्क है।

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11. संयुक्त राष्ट्र दिवस कब मनाया जाता है?
When is the United Nations Day celebrated?

a. 25 अक्‍टूबर
b. 24 अक्‍टूबर
c. 23 अक्‍टूबर
d. 22 अक्‍टूबर

Answer: b. 24 अक्‍टूबर

– संयुक्त राष्ट्र दिवस हर साल 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लागू होने की वर्षगांठ के अवसर पर मनाया जाता है।
– 1948 से यह दिन मनाया जाता रहा है और 1971 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सदस्य देशों द्वारा सार्वजनिक अवकाश के रूप में इसे मनाने की सिफारिश की थी।

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12. विश्व श्रव्य-दृश्य विरासत दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Day for Audiovisual Heritage celebrated?

a. 26 अक्टूबर
b. 27 अक्टूबर
c. 28 अक्टूबर
d. 29 अक्टूबर

Answer: b. 27 अक्टूबर

– ऑडियोविज़ुअल हेरिटेज के लिए यूनेस्को और कोऑर्डिनेटिंग काउंसिल ऑफ़ ऑडियोविज़ुअल आर्काइव्ज़ एसोसिएशन (Coordinating Council of Audiovisual Archives Associations – CCAAA) ने यह दिवस घोषित किया हुआ है।
– इस दिवस को मनाने को उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को दृश्य-श्रव्य ध्वनियों के प्रति जागरूक बनाना है।

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13. स्‍पेन के प्रधानमंत्री का नाम बताएं, जो अक्‍टूबर 2024 में भारत की यात्रा पर पहुंचे?
Name the Prime Minister of Spain who is visiting India in October 2024?

a. फ्रांस्‍वा ओलांद
b. पेड्रो सांचेज
c. मारियानो राजोय
d. फिलिप सुआरेज

Answer: b. पेड्रो सांचेज

– स्‍पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ 27 से 29 अक्‍टूबर तक भारत की यात्रा पर रहे।
– उन्‍होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) और एयरबस की एक फैक्‍ट्री का उद्घाटन किया।
– इसे मिलिटरी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट C-295 के निर्माण के लिए बनाया गया है।

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14. भारत में किस सैन्‍य ट्रांसपोर्ट विमान के लिए निजी क्षेत्र की पहली फैक्‍ट्री (TASL) वडोदरा में स्थित है, जिसका उद्घाटन PM मोदी और स्‍पेन के PM पेड्रो सांचेज ने किया?
India’s first private sector factory for which military transport aircraft (TASL) is located in Vadodara, which was inaugurated by PM Modi and Spain’s PM Pedro Sanchez?

a. IL-76
b. F-16
c. AN-32
d. C-295

Answer: d. C-295

एयरबस का मालिक कौन है?
– एयरबस में फ्रांस सरकार (10.83%), जर्मनी सरकार (10.82%), स्‍पेन सरकार (4.081%) और अन्‍य निजी कंपनियों के पास हिस्‍सेदारी है?

भारत में बनेंगे विमान
– समझौते के तहत वडोदरा संयंत्र में 40 विमान बनाए जाएंगे, जबकि विमानन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एयरबस सीधे 16 विमान उपलब्ध करवा रही है।
– TASL भारत में 40 (पुराना ऑर्डर) + 12 (नया ऑर्डर) विमानों को बनाने के लिए जिम्मेदार है और यह सुविधा भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली फाइनल असेंबली लाइन (FAL) है।
– टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और भारत डायनेमिक्स जैसी अग्रणी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे।

C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खासियत
– बाकी ट्रांसपोर्ट विमान की तरह इसमें 4 या 5 क्रू मेंबर की जरूरत नहीं पड़ेती हैं, बल्कि केवल दो पायलट की जरूरत पड़ती है।
– इसमें 73 सैनिक, 48 पैराट्रूपर या 12 स्ट्रेचर ले जाया जा सकता है।
– छोटे रनवे पर लैंडिंग व टेकऑफ आसानी से होता है।
– 844 मीटर लंबे रनवे से उड़ान भर सकता है और लैंड 420 मीटर तक कर सकता है।
– उड़ान के समय हवा में इसकी रीफ्यूलिंग की जा सकती है।
– इसमें एक बार में 7650 लीटर ईंधन भरा जा सकता है।
– 9250 किलोग्राम तक का वजन लेकर कही भी जा सकता है।
– ऊंचाई 28.5 फीट है।
– छह ब्लेड वाले दो इंजन हैं।
– एक इंजन से यह 13 हजार फीट उड़ान भर सकता है।
– इसकी रेंज 1277 किलोमीटर से लेकर 4587 किलोमीटर तक है।
– विमान के वजन के आधार पर इसका रेंज घट बढ़ भी सकता है।
– एक इंजन के सहारे भी 13,533 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
– और दोनों इंजन काम कर रहे हैं तो यह 30,003 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है।
– इसमें कुछ हथियार भी लगाए जा सकते हैं।

किसकी जगह लेगा नया ट्रासपोर्ट एयरक्राफ्ट
– C-295 विमान, IL-76 और AN-32 की जगह लेगा।

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15. जम्मू-कश्मीर परिग्रहण (विलय) दिवस कब मनाया जाता है?
When is Jammu and Kashmir Accession (Merger) Day celebrated?

a. 20 अक्टूबर
b. 21 अक्टूबर
c. 24 अक्टूबर
d. 26 अक्टूबर

Answer: d. 26 अक्टूबर

– इस दिवस को 26 अक्टूबर 1947 को याद करते हुए मनाया जाता है।
– इस दिन महाराजा हरि सिंह ने विलय के साधन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें जम्मू और कश्मीर भारत के डोमिनियन में शामिल हुआ था।
– परिग्रहण दिवस जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में एक सार्वजनिक अवकाश है।

नोट- 05 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 और 35A के निरस्त होने के बाद 2020 में पहली बार जम्मू-कश्मीर में यह दिन आधिकारिक सार्वजनिक अवकाश बन गया।

जम्मू और कश्मीर
– राजधानी: श्रीनगर (ग्रीष्मकालीन) जम्मू (शीतकालीन)
– मुख्‍यमंत्री : उमर अब्‍दुल्‍ला
– उपराज्यपाल : मनोज सिन्हा


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