यह 8th July 2021 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा। इसका PDF Download Link इस पेज के लास्ट में मौजूद है। Current Affairs PDF आप इस पेज के आखिरी हिस्से से Free में डाउनलोड करें।
1. किन केंद्रीय मंत्रियों ने 7 जुलाई 2021 को पद से इस्तीफा दे दिया?
Answer:
1. रविशंकर प्रसाद
2. प्रकाश जावड़ेकर
3. थावर चंद गहलोत
4. रमेश पोखरियाल निशंक
5. हर्षवर्धन
6.सदानंद गौड़ा
7. संतोष कुमार गंगवार
8. बाबुल सुप्रियो
9. संजय धोत्रे
10. रत्तन लाल कटारिया
11. प्रताप चंद सारंगी
12. देबोश्री चौधरी
इस्तीफा क्यों
– राजनीतिक विश्लेषक इसके पीछे दो बड़े कारण मानते हैं- एक तो व्यावहारिक राजनीतिक मजबूरियाँ और दूसरा महामारी के बाद जनता को ज़मीनी काम दिखाने की ज़रूरत.
कोरोना से तीन विभागों पर सबसे बड़ा असर
स्वास्थ्य मंत्रालय- दूसरी लहर में फेल रहे। इसलिए उन्हें हटाया गया।
शिक्षा मंत्रालय – नई शिक्षा नीति का सरकार को उतना श्रेय नहीं मिला। दोनों मंत्री हटाए।
श्रम मंत्रालय- श्रमिकों के पलायन, सुप्रीम कोर्ट की फटकार, असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए पोर्टल नहीं बना पाए।
– रविशंकर प्रसाद – माना जा रहा है कि नए IT कानूनों पर सरकार का पक्ष ठीक से नहीं रख पाए। ज्यूडिशियरी से लेकर ग्लोबल IT कंपनियों तक उनके फैसलों पर सवाल उठते रहे। ट्वीटर मामले में सरकार की किरकिरी हुई। कानूनी रूप से कार्रवाई के दौरान बार-बार ट्वीटर को धमकी देते नजर आए।
– डॉ. हर्षवर्धन – कोरोना की तीसरी लहर में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी रही, जिसे इन्हें मंत्री पद से हटाने की वजह माना जा रहा है। डॉक्टर होते हुए भी हालात काबू में नहीं रख पाए और न ही आम जनता को राहत मिल सकी।
– रमेश पोखरियाल निशंक – कोरोना के बीच नई शिक्षा नीति पर सरकार का पक्ष ठीक से नहीं रख पाए। साथ ही कुछ शिक्षण संस्थाओं ने उनके खिलाफ शिकायतें की थी।
– प्रकाश जावडेकर – सरकार के प्रवक्ता थे, लेकिन सरकार का पक्ष ठीक से नहीं रख पाए। पर्यावरण मिनिस्ट्री में भी उनकी लीडरशिप और कुछ फैसलों पर काफी सवाल उठे थे। उनके कई फैसले विवादास्पद रहे।
– संतोष गंगवार – काफी सच बोलते थे। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खत लिखा था। शायद यही उन्हें हटाने की वजह बनी।
थावरचंद गहलोत – गहलोत को गवर्नर बनाया गया और उनके जाने से 5 पद खाली हो सके जो कैबिनेट रीशफल में उपयोगी रहे। वो अपनी मिनिस्ट्री में खूब धीमे माने जाते थे।
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2. केंद्रीय मंत्रिमंडल के कितने नए मंत्रियों ने 7 जुलाई 2021 को शपथ ली?
a. 20
b. 33
c. 43
d. 53
Answer: c. 43
– इनमें 15 केंद्रीय मंत्री और 28 राज्य मंत्री शामिल हैं।
नए कैबिनेट मंत्री
1. नारायण तातू राणे
2. सर्बानंद सोनोवाल
3. डॉ. वीरेंद्र कुमार
4. ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया
5. रामचंद्र प्रसाद सिंह
6. अश्विनी वैष्णव
7. पशुपति कुमार पारस
8. किरेन रिजिजू
9. राज कुमार सिंह
10. हरदीप सिंह पुरी
11. मनसुख मांडविया
12. भूपेंद्र यादव
13. परषोत्तम रूपाला
14. जी. किशन रेड्डी
15. अनुराग सिंह ठाकुर
नए राज्य मंत्री
1. पंकज चौधरी
2. अनुप्रिया सिंह पटेल
3. डॉ. सत्यपाल सिंह बघेल
4. राजीव चंद्रशेखर
5. शोभा कारान्दलाजे
6. भानु प्रताप सिंह वर्मा
7. दर्शना विक्रम जरदोश
8. मीनाक्षी लेखी
9. अन्नपूर्णा देवी
10. ए. नारायणस्वामी
11. कौशल किशोर
12. अजय भट्ट
13. बी. एल. वर्मा
14. अजय कुमार
15. चौहान देवूसिंह
16. भगवंत खुबा
17. कपिल मोरेश्वर पाटील
18. प्रतिमा भौमिक
19. डॉ. सुभाष सरकार
20. डॉ. भागवत किशनराव कराड
21.डॉ. राजकुमार रंजन सिंह
22. डॉ. भारती प्रवीण पवार
23. बिश्वेश्वर टुडु
24. शांतनु ठाकुर
25. डॉ. मुंजपरा महेन्द्रभाई
26. जॉन बारला
27. डॉ. एल. मुरुगन
28. निसिथ प्रामाणिक
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3. नए रेल मंत्री कौन हैं?
a. अमित शाह
b. नितिन गडकरी
c. निर्मला सीतारमण
d. अश्विनी वैष्णव
Answer: d. अश्विनी वैष्णव
– अश्विनी वैष्णव को रेल के अलावा आईटी और संचार मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा गया है।
– रेल मंत्री का जि्म्मा इससे पहले पीयूष गोयल के पास था, जिन्हें अब कपड़ा मंत्रालय दिया गया है।
अश्विनी वैष्णव
– भाजपा सांसद अश्विनी वैष्णव नौकरशाह रह चुके हैं।
– 1994 बैच के ओडीशा कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं।
– वह मूल रूप से राजस्थान के जोधपुर के रहने वाले हैं।
– उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में पीएमओ में डिप्टी सेक्रेटरी बनाया गया था।
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4. देश के नए शिक्षा मंत्री का नाम बताएं?
a. स्मृति ईरानी
b. धर्मेंद्र प्रधान
c. अर्जुन मुंडा
d. राजनाथ सिंह
Answer: b. धर्मेंद्र प्रधान
– उनसे पहले रमेश पोखरियाल निशंक यह पद संभाल रहे थे।
– धर्मेंद्र प्रधान मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं।
– शिक्षा मंत्रालय मिलने से पहले वह देश के पेट्रोलियम मंत्री थे।
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5. नए पेट्रोलियम मंत्री कौन हैं?
a. हरदीप सिंह पुरी
b. धर्मेंद्र प्रधान
c. निर्मला सीतारमण
d. राजनाथ सिंह
Answer: a. हरदीप सिंह पुरी
– हरदीप सिंह पुरी का प्रमोशन हुआ है।
– पहले वह राज्यमंत्री थे और शहरी विकास मंत्रालय उनके पास था।
– अब केंद्रीय मंत्रीमंडल में बदलाव के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री के तौर पर पेट्रोलियम मंत्रालय दिया गया है।
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6. देश के नए स्वास्थ्य मंत्री का नाम बताएं?
a. वीके सिंह
b. धर्मेंद्र प्रधान
c. निर्मला सीतारमण
d. मनसुख मंडाविया
Answer: d. मनसुख मंडाविया
– केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन के इस्तीफे के बाद मनसुख मंडाविया को नया स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है।
– मनसुख मंडाविया को प्रमोशन मिला है।
– कैबिनेट मंत्री बनने से पहले वह मोदी सरकार में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार थे।)
– वह गुजरात के रहने वाले हैं।
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7. केंद्रीय कानून मंत्री कौन हैं?
a. किरन रिजिजू
b. विशाल शेखर
c. नरेंद्र सिंह तोमर
d. वीके सिंह
Answer: a. किरन रिजिजू
– वह पहले राज्य मंत्री स्पोर्ट्स एंड यूथ वेलफेयर, अब प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।
– उन्हें लॉ एंड जस्टिस मिनिस्ट्री का जिम्मा मिला है।
– इससे पहले यह मंत्रालय रविशंकर प्रसाद के पास था। उनके इस्तीफा देने के बाद यह पद खाली हुआ था।
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8. देश के नए पर्यावरण मंत्री कौन हैं?
a. महेंद्र नाथ पांडेय
b. भूपेंद्र यादव
c. दानवे रावसाहब दादाराव
d. डॉ. जितेंद्र सिंह
Answer: b. भूपेंद्र यादव
– इससे पहले प्रकाश जावड़ेकर पर्यावरण मंत्री थे। उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
– तो अब भूपेंद्र यादव को नया पर्यावरण मंत्री बनाया गया है। उनके पास इन्वॉयरमेंट, फॉरेस्ट, क्लाइमेट, लेबर एंड एम्प्लॉयमेंट।
– वह नए मंत्री हैं।
– वह सुप्रीम कोर्ट में वकालत भी कर चुके हैं। अजमेर के रहने वाले हैं।
– वह राज्यसभा सांसद हैं।
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9. देश के पहले केंद्रीय सहकारिता मंत्री कौन हैं?
a. अमित शाह
b. राजनाथ सिंह
c. उदयभान सिंह
d. निर्मला सीतारमण
Answer: a. अमित शाह
– उनके पास गृह मंत्रालय के साथ-साथ केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय भी दिया गया है।
– देश में पहली बार 7 जुलाई को सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था।
– इसके तहत को-ऑपरेटिव को बढ़ावा दिया जाएगा।
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10. केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल के बाद मंत्री और उनके पास मंत्रालय की सूची
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री और इन मंत्रालयों के भी प्रभारी:
मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल, पब्लिक ग्रीवांस एंड पेंशन, एटॉमिक एनर्जी, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस, पॉलिसी इश्यू और जो मंत्रालय किसी को नहीं दिए गए हैं।
कैबिनेट मंत्री
– राजनाथ सिंह- रक्षा
– अमित शाह- गृह और सहकारिता
– नितिन गडकरी- परिवहन और राजमार्ग
– निर्मला सीतारमण- वित्त और कार्पोरेट मामले
– नरेंद्र सिंह तोमर– कृषि
– एस जयशंकर- विदेश मंत्री
– अर्जुन मुंडा– आदिवासी मामले
– स्मृति ईरानी–महिला एवं बाल कल्याण
– पीयूष गोयल– वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले और कपड़ा
– धर्मेंद्र प्रधान– शिक्षा, उद्यम और कौशल विकास
– प्रह्लाद जोशी– संसदीय मामले, कोयला और खनन
– नारायण राणे- लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग
– सर्बानंद सोनोवाल– पोर्ट, शिपिंग, जलमार्ग और आयुष
– मुख्तार अब्बास नक़वी–अल्पसंख्यक मामले
– वीरेंद्र कुमार– सामाजिक न्याय
– गिरिराज सिंह–ग्रामीण विकास और पंचायती राज
– ज्योतिरादित्य सिंधिया–नागरिक उड्डयन
– आरसीपी सिंह- इस्पात
– अश्विनी वैष्णव– रेलवे, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी
– पशुपति कुमार पारस– खाद्य प्रसंस्करण
– गजेंद्र सिंह शेखावत– जलशक्ति
– किरेन रिजिजू- न्याय और कानून
– आरके सिंह- ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा
– हरदीप सिंह पुरी– पेट्रोलियम, गैस, आवास एवं शहरी विकास
– मनसुख मांडविया– स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रसायन एवं उर्वरक
– भूपेंद्र यादव– पर्यावरण एवं वन, जलवायु परिवर्तन, श्रम एवं रोज़गार
– महेंद्र नाथ पांडे–भारी उद्योग
– पुरुषोत्तम रुपाला– पशुपालन, मत्स्य पालन और दुग्ध उत्पादन
– जी. किशन रेड्डी– पर्यटन एवं संस्कृति
– अनुराग ठाकुर- सूचना प्रसारण, खेल और युवा मामले
स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री
– राव इंद्रजीत सिंह– सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन
– जीतेंद्र सिंह– विज्ञान और टेक्नोलॉजी, प्रधानमंत्री कार्यालय
राज्य मंत्री
– श्रीपद नाईक– पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग
– फग्गन सिंह कुलस्ते– इस्पात
– प्रह्लाद सिंह पटेल– जलशक्ति, खाद्य प्रसंस्करण
– अश्विनी चौबे– उपभोक्ता मामले, वन एवं पर्यावरण
– अर्जुन राम मेघवाल– संसदीय मामले और संस्कृति
– जनरल वीके सिंह– परिवहन, राजमार्ग और नागरिक उड्डयन
– कृष्णपाल– ऊर्जा
– दनवे राव साहेब दादा राव– रेलवे और खनन
– रामदास आठवले–सामाजिक न्याय
– साध्वी निरंजन ज्योति–उपभोक्ता मामले
– संजीव बालियान– पशुपालन, मत्स्य पालन और दुग्ध उत्पादन
– नित्यानंद राय– गृह
– पंकज चौधरी- वित्त
– अनुप्रिया पटेल– उद्योग एवं वाणिज्य
– एसपी सिंह बघेल– न्याय और कानून
– राजीव चंद्रशेखर–कौशल विकास, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
– शोभा करांदलाजे– कृषि और किसान कल्याण
– भानु प्रताप सिंह वर्मा– लघु, मध्यम और सूक्ष्म उद्योग
– दर्शना विक्रम जरदोश– रेल, कपड़ा
– वी मुरलीधरन– विदेश
– मीनाक्षी लेखी– विदेश और संस्कृति
– सोम प्रकाश–वाणिज्य और उद्योग
– रेणुका सिंह सरूता– आदिवासी मामले
– रामेश्वर तेली– पेट्रोलियम और गैस
– कैलाश चौधरी– कृषि और किसान कल्याण
– अन्नपूर्णा देवी– शिक्षा
– ए नारायण स्वामी– सामाजिक न्याय
– कौशल किशोर– शहरी विकास एवं आवास
– अजय भट्ट– रक्षा और पर्यटन
– बीएल वर्मा–पूर्वोत्तर राज्य विकास
– अजय कुमार- गृह
– देवुसिंह चौहान–संचार
– भगवंत खुबा– रसायन एवं उर्वरक, नवीकरणीय ऊर्जा
– कपिल पाटिल–पंचायती राज
– प्रोतिमा भौमिक– सामाजिक न्याय
– डॉ. सुभाष सरकार– शिक्षा
– बीके कराड़- वित्त
– राजकुमार रंजन सिंह– विदेश
– भारती प्रवीण पवार– स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
– विश्वेश्वर टुडु– आदिवासी मामले, जल शक्ति
– शांतनु ठाकुर– पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग
– एम महेंद्र भाई–परिवार एवं बाल कल्याण, आयुष
– जॉन बारला– अल्पसंख्यक मामले
– एल मुरुगन–पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, सूचना-प्रसारण
– निशिथ प्रामाणिक– युवा और खेल
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11. अभिनेता दिलीप कुमार का निधन 7 जुलाई 2021 को हो गया, वह किस नाम से मशहूर थे?
a. ट्रेजडी किंग
b. शूटर किंग
c. एक्टर किंग
d. मडर किंग
Answer: a. ट्रेजडी किंग
– फिल्मी दुनिया में वह ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर थे।
– 98 वर्ष की उम्र में 7 जुलाई 2021 को उनका निधन हो गया।
– डॉक्टर के अनुसार लंबी आयु संबंधी बीमारियों के कारण उनका निधन हुआ है.
– उनका जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान के पेशावर में हुआ था।
– उनका असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था।
– एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने के बाद उन्हें दिलीप कुमार के नाम से शोहरत मिली।
– दिलीप कुमार ने अपने पाँच दशक लंबे करियर में ‘मुग़ले आज़म’, ‘देवदास’, ‘नया दौर’, ‘राम और श्याम’ जैसी हिट फ़िल्में दीं. वे आख़िरी बार 1998 में आई फ़िल्म ‘क़िला’ में नज़र आये थे.
– आज़ादी के बाद भारत के लोगों का दिलोदिमाग बनाने का काम जिन लोगों ने राजनीति से बाहर रह कर किया, उनमें दिलीप कुमार, राजकपूर और देवानंद का नाम बहुत ऊपर रहेगा।
– एक सामंती और बंधे समाज में प्रेम का मतलब अपने तरीके से समझाया.
– प्रेम में जलते रहने के दुःख के साथ जीने का तरीका दिलीप साहेब की फिल्मों ने सिखाया.
– इन फिल्मों ने इंसानियत के बेहतरीन मूल्यों के लिए जिंदगी को दांव पर लगा देने की रुमानियत सिखाई.
– भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का सन्दर्भ दिलीप कुमार का महत्त्व और भी बढ़ा देता है.
– नफरत के पत्थर उन पर भी चले और नफरत का जहर फ़ैलाने वालों ने उन्हें भी निशाना बनाया.
– लेकिन एक सच्चे नायक की तरह वह बच निकले।
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