6 August 2025 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्‍वपूर्ण

यह 6 अगस्‍त 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. उत्‍तराखंड के किस जिले में बादल फटने से एक पूरा का पूरा गांव बह गया, इससे कइयों की मौत हो गई और बहुत सारे लोग लापता हो गए?
In which district of Uttarakhand, a whole village was swept away due to cloudburst, killing many and leaving many missing?

a. पिथौरागढ़
b. उत्‍तरकाशी
c. हरिद्वार
d. चमोली

Answer: b. उत्‍तरकाशी (घटना 5 अगस्‍त 2025 को धराली गांव में हुई)

– उत्‍तराखंड का उत्तरकाशी जिला समुद्र तल से 800 से 6,900 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ का एक बड़ा भौगोलिक क्षेत्र साल भर बर्फ़ से ढका रहता है और ज़िले के कई हिस्सों में ग्लेशियर भी हैं।
– इसमें गंगा और यमुना नदियों का ऊपरी क्षेत्र है, तथा क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री के पास इनका बर्फ से ढका स्रोत क्षेत्र भी है।
– उत्‍तरकाशी के एक पहाड़ पर 5 अगस्‍त 2025 की दोपहर को बादल फट गया।
– इसकी वजह से पहाड़ी नाले से पानी का एक सैलाब और उसके साथ ढेर सारा मलबा (मड स्‍लाइड, यह लैंड स्‍लाइड से भी खतरनाक) आया और 34 सेकेंड के अंदर एक पूरा का पूरा गांव बह गया।
– गांव का नाम धराली है। यह गांव बर्बाद हो गया।
– धराली गंगोत्री जाने वाले रास्ते का मुख्य पड़ाव है और यहाँ कई होटल, रेस्टोरेंट और होमस्टे हैं।
– इस घटना से खीर गंगा नदी मलबे की नदी बन गई।
– घटना के पहले ही दिन 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 60 से ज्यादा लोग लापता हैं। इनमें सेना के कैंप के जवान भी शामिल हैं।
– इस भयंकर तबाही की वजह है- बादल फटना।
– NDRF और SDRF की टीमें इलाकें में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है।
– देहरादून में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के मुताबिक अब तक 20 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।

बादल फटना होता क्या है?
– छोटे से इलाके में बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होने को बादल फटना कहते हैं।
– इसमें बादल के फटने जैसा कुछ नहीं होता। हां, ऐसी बारिश इतनी तेज होती है जैसे बहुत सारे पानी से भरी एक बहुत बड़ी पॉलीथीन आसमान में फट गई हो। इसलिए इसे हिंदी में बादल फटना और अंग्रेजी में cloudburst के नाम से पुकारा जाता है।
– हालाँकि, बहुत भारी वर्षा की सभी घटनाएँ बादल फटना नहीं होतीं।
– बादल फटने की एक बहुत ही विशिष्ट परिभाषा है: लगभग 10 किमी x 10 किमी क्षेत्र में एक घंटे में 10 सेमी या उससे अधिक वर्षा को बादल फटने की घटना माना जाता है। इस परिभाषा के अनुसार, उसी क्षेत्र में आधे घंटे की अवधि में 5 सेमी वर्षा भी बादल फटने की श्रेणी में आएगी।
– ऐसे में 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े इलाके में 100 लीटर या उससे ज्यादा पानी बरस जाए, वो भी एक घंटे या उससे भी कम समय में, तो समझिए कि इस इलाके पर बादल फट गया।

आखिर बादल फटता क्यों है?
– दरअसल, बादल, सूरज की गर्मी के चलते समुद्र के ऊपर बने भाप के गुबार होते हैं, जो समुद्र की नम हवाओं के साथ बहकर धरती के ऊपर आते हैं। घने बादलों वाली ये नम हवा जब समुद्र से धरती पर पहुंचती हैं तो हम कहते हैं मानसून आ गया।
– फ्रिज का ठंडा पानी किसी गिलास या जग में भरने पर उसकी सतह पर पानी जमा हो जाता है। ठीक ऐसे ही जब ऊपरी वातावरण में बादल ठंडे होते हैं तो बूंदों में बदलने लगते हैं। जब ये बूंदें भारी होकर धरती पर गिरने लगती हैं, तो इसे ही बारिश कहा जाता है।
– मानसूनी हवाओं वाले बादल हिमालय से टकराकर धीरे-धीरे भारी मात्रा में जमा हो जाते हैं और एक ऐसा समय आता है कि किसी इलाके ऊपर मंढरा रहे ये बादल पानी से भरी एक थैली तरह फट जाते हैं। यानी बहुत तेजी से एक छोटे से इलाके में बरस पड़ते हैं।

बादल फटना कितना आम है?
– बादल फटना कोई असामान्य घटना नहीं है, खासकर मानसून के महीनों में।
– ज़्यादातर ये घटनाएँ हिमालयी राज्यों में होती हैं जहाँ स्थानीय स्थलाकृति, पवन प्रणालियाँ और निचले व ऊपरी वायुमंडल के बीच तापमान में बदलाव ऐसी घटनाओं को बढ़ावा देती हैं।

उत्तराखंड में बादल फटने पर पहाड़ ढह क्यों जाते हैं?
– हिमालय दुनिया की सबसे नई पर्वत श्रृंखला मानी जाती है। यह पृथ्वी की ऊपरी परत यानी क्रस्ट की टेक्टोनिक प्लेटों के टकराव से बना है। इसलिए हिमालय के पहाड़ों की चट्टानें भुरभुरी और कमजोर मिट्टी की बनी हैं।
– बादल फटने पर इन पहाड़ों से मिट्टी पर हाइड्रोस्टेटिक यानी पानी का प्रेशर बढ़ता है, मिट्टी होने के चलते इसकी जमीन पर पकड़ नहीं होती और भारी मात्रा में मिट्टी मलबे के रूप में पानी के साथ निचले इलाकों में पहुंचती है।
– पेड़ों की जड़ें मिट्टी को बांधे रखने का काम करती हैं। हिमालय के पहाड़ी इलाकों में पेड़ों की कटाई के चलते मिट्टी की चट्टानें ढीली पड़ गई हैं। ऐसे में तेज पानी का फ्लो आसानी से इस मिट्टी को बहा ले जाता है।

क्या बादल फटने का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है?
– भारतीय मौसम विभाग बारिश की घटनाओं का पूर्वानुमान तो काफी पहले लगा देता है, लेकिन वह बारिश की मात्रा का अनुमान नहीं लगा पाता।
– दरअसल, किसी भी मौसम एजेंसी के लिए किसी छोटे क्षेत्र के लिए ऐसा करना मुश्किल है।
– पूर्वानुमान हल्की, भारी या बहुत भारी बारिश के हो सकते हैं, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों के पास यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है कि किसी भी जगह कितनी बारिश होने की संभावना है।
– ये पूर्वानुमान अपेक्षाकृत बड़े भौगोलिक क्षेत्र के लिए होते हैं, आमतौर पर एक क्षेत्र, एक राज्य, एक मौसम विज्ञान उप-विभाग, या ज़्यादा से ज़्यादा एक ज़िले के लिए।
– लेकिन जैसे-जैसे ये छोटे क्षेत्रों पर केंद्रित होते हैं, पूर्वानुमान और भी अनिश्चित होते जाते हैं।

क्या बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही हैं?
– इसकी बड़ी वजह ग्‍लोबल वार्मिंग है।
– अत्यधिक वर्षा और अन्य चरम मौसम संबंधी घटनाएँ न केवल भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में बढ़ रही हैं।
– हालाँकि भारत में वर्षा की कुल मात्रा में कोई खास बदलाव नहीं आया है, फिर भी कम समय में वर्षा का अनुपात बढ़ रहा है।
– इसका मतलब है कि बारिश के दौर बहुत ज़्यादा हैं, और बारिश के मौसम में भी बीच-बीच में लंबे समय तक सूखा भी पड़ रहा है।
– जलवायु परिवर्तन के कारण इस प्रकार के पैटर्न से यह संकेत मिलता है कि बादल फटने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।

उत्‍तराखंड
– राजधानी : देहरादून और गैरसैंण (भराड़ीसैंण)
– सीएम : पुष्कर सिंह धामी
– गवर्नर : गुरमीत सिंह

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2. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन 5 अगस्‍त 2025 को हो गया, वह किन राज्‍यों के राज्‍यपाल रह चुके थे?
Former Governor Satyapal Malik passed away on 5 August 2025, he had been the Governor of which states?

a. जम्मू-कश्मीर, मेघालय
b. गोवा, ओडिशा, बिहार
c. यूपी, एमपी, केरल
d. a और b दोनों

Answer: d. a और b दोनों (जम्मू-कश्मीर, मेघालय, गोवा, ओडिशा और बिहार)

– सत्‍यपाल मलिक 79 वर्ष के थे।
– वह लंबे समय से डायबिटीज, किडनी की बीमारी सहित कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से ग्रस्‍त थे।
– जम्मू-कश्मीर, मेघालय, गोवा, ओडिशा और बिहार के गवर्नर रह चुके थे।
– 2019 में 5अगस्‍त के दिन अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के समय वे ही राज्यपाल थे।

राजनीतिक जीवन
– उन्‍होंने 1960 के दशक के मध्य में राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा से प्रेरित होकर राजनीति में प्रवेश किया था।
– 1980 के दशक के मध्य में उन्होंने कुछ समय के लिए कांग्रेस के साथ काम किया।
– वह 2004 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और 2012 में इसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए।
– 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम के सदस्य थे।
– राजनीतिक रूप से प्रभावशाली जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले मलिक उत्तर प्रदेश के बाग पत से हैं और उनकी पैतृक जड़ें भी हरियाणा में हैं।

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3. IIT मद्रास में स्‍थापित इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) का नाम बताएं, जिसका उद्घाटन सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने अगस्‍त 2025 में किया?
Name the Indian Army Research Cell (IARC) established at IIT Madras, which was inaugurated by Army Chief Upendra Dwivedi in August 2025?

a. अग्नियात्रा
b. अग्निशोध
c. वीरशोधक
d. अग्निढाल

Answer: b. अग्निशोध

– आर्मी चीफ ने इंडियन आर्मी रिसर्च सेल (IARC) “अग्निशोध” का उद्घाटन 4 अगस्‍त 2025 को IIT मद्रास में किया।
– यह सेल उभरते क्षेत्रों में सैन्य कर्मियों को कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इनमें एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग, वायरलेस संचार और मानव रहित हवाई प्रणाली शामिल हैं, जिससे सशस्त्र बलों के भीतर एक तकनीकी रूप से सशक्त मानव संसाधन आधार का निर्माण होगा।

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4. केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को यमुना पर प्रस्तावित किस तरह के बांध से ताजमहल की नींव पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव का वैज्ञानिक आकलन करने की सलाह दी?
The Central Government advised the UP Government to scientifically assess the possible impact on the foundation of the Taj Mahal due to which type of dam proposed on the Yamuna?

a. आर्च बांध
b. रबर बांध
c. बट्रेस बांध
d. डायवर्जन बांध

Answer: b. रबर बांध

– लोकसभा में जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी ने 1 अगस्‍त 2025 को इस बारे में बताया।
– राज भूषण चौधरी ने कहा कि सिंचाई और जल संसाधन विभाग को “ताजमहल की नींव पर प्रस्तावित रबर बांध के माध्यम से पानी को रोकने के संभावित प्रभाव का वैज्ञानिक मूल्यांकन और जल भूवैज्ञानिक अध्ययन करने की सलाह दी गई है।

– राज्य सरकार आगरा में स्मारक से 1.5 किलोमीटर डाउन स्‍ट्रीम रबर बांध बनाने की योजना बना रही है।
– रबर बाँध रबर से लेपित (coated) कपड़े से बना होता है।
– रबर बाँध की ऊँचाई उसके अंदर पानी या हवा की मात्रा को नियंत्रित करके समायोजित की जा सकती है।
– यह कंक्रीट की नींव पर टिका होता है और नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए इसे फुलाया या पिचकाया जा सकता है।

2022 में राज्यसभा में उठाया था ताजमहल की नींव को खतरा से जुड़ा सवाल
– राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक वाजपेयी ने पूछा था कि “क्या सरकार को पता है कि यमुना नदी पर बांध/बैराज के अभाव में प्रतिष्ठित ताजमहल की नींव की स्थिरता को खतरा है”।
– राज्य मंत्री बिश्वेश्वर के सवाल पर जल शक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा को सूचित किया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार ताजमहल की नींव की स्थिरता को कोई खतरा नहीं है।
– बता दें मार्च 2019 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) से परियोजना के लिए मंजूरी मांगी थी, जो जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
– राज्य ने पर्यावरणीय मंज़ूरी के लिए एक प्रस्ताव भी पेश किया जिसमें बांध और अन्य सुविधाओं के लिए 28.975 हेक्टेयर ज़मीन की आवश्यकता है।

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5. NCERT ने कक्षा 3 से 12 के सिलेबस में किस नए टॉपिक को जोड़ा है?
Which new topic has been added by NCERT in the syllabus of class 3 to 12?

a. आपरेशन महादेव
b. ऑपरेशन सिंदूर
c. एक्सिओम मिशन-4
d. b और c दोनों

Answer: d. b और c दोनों

– छात्रों को भारत के डिफेंस सिस्टम और कूटनीतिक रिस्पॉन्स के बारे में समझाने के लिए NCERT ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित एक नया मॉड्यूल ला रहा है।
– यह मॉड्यूल दो भागों में लाया जाएगा, जिसमें बताया जाएगा कि पहलगाम टेरर अटैक के लिए भारत का स्ट्रेटिजिक मिलिट्री रिस्पॉन्स क्या रहा।
– इसका मकसद स्टूडेंट्स को यह समझाना है कि देश किस तरह आतंकवाद के खिलाफ एक्शन लेता है।
– साथ ही इससे बच्चों को बताया जाएगा कि नेशनल सिक्योरिटी के लिए किस तरह डिफेंस, डिप्लोमेसी और अलग-अलग मंत्रालयों के बीच कॉर्डिनेशन एक अहम रोल अदा करता है।

पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे
– 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे।
– इसके जवाब में भारत ने POK और पाकिस्तान की टेरर साइट्स को टारगेट किया था।
– इस एक्शन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया था। – इसके बाद दोनों देशों के बीच 4 दिन तक संघर्ष की स्थिति बन गई थी।

मिशन Life के बारे में भी पढ़ाया जाएगा
– ये भारत का एक लाइफस्टाइल कैंपेन है जिसमें पर्यावरण के बचाव के साथ जीना सिखाया जाता है।
– मॉड्यूल में स्पेस से संबंधित एक सेक्शन भी जोड़ा जा रहा है। इसमें चंद्रयान 1, आदित्य L1 और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अचीवमेंट्स शामिल रहेंगे।

शुभांशु शुक्‍ला पर चैप्‍टर भी NCERT में जुड़ा
– ‘पृथ्‍वी पूरी एक दिखती है। स्पेस से कोई बॉर्डर नहीं दिखते।’,
– ये कोट ग्रुप कैप्‍टन शुभांशु शुक्‍ला और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बातचीत का हिस्‍सा है।
– इसे एनवायर्नमेंटल स्‍टडीज की किताब के ‘अवर शेयर्ड होम’ चैप्‍टर में कक्षा 5वीं की किताब में शामिल किया गया है।
– ये किताब विशु अधाना ने तैयार की है।

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6. बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम 2025, एक अगस्‍त से लागू हो गया, इसके जरिए किन कानूनों में संशोधन किए गए हैं?
The Banking Laws (Amendment) Act 2025 came into force from August 1, which laws have been amended through it?

a. भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934,
b. बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955
c. बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अर्जन और अंतरण) अधिनियम, 1970 और 1980
d. उपरोक्‍त सभी

Answer: d. उपरोक्‍त सभी (भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949, भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम 1955 और बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अर्जन और अंतरण) अधिनियम 1970 और 1980)

– बैंकिंग कानून (संशोधन) अधिनियम- 2025 के सभी प्रावधान आज (एक अगस्त) से लागू हो गया।
– नए कानून का उद्देश्य बैंक प्रशासन को बेहतर बनाना, जमाकर्ताओं और निवेशकों की सुरक्षा करना, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऑडिट में सुधार करना और सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशकों के अलावा) का कार्यकाल बढ़ाना है।
– इससे संबंधित विधेयक लोकसभा में दिसंबर 2024 में और राज्यसभा में मार्च 2025 में पारित किया गया था।

5 कोर बैंकिंग कानूनों में 19 संशोधन
– भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934,
– बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949,
– भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955,
– बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अर्जन और अंतरण) अधिनियम, 1970 और 1980

मुख्य सुधार:
– संशोधित उचित ब्याज सीमा: वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप ‘उचित ब्याज’ (Substantial Interest) निर्धारित करने की सीमा को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ कर दिया गया है (जो वर्ष 1968 से अपरिवर्तित थी)।
– उचित ब्‍याज क्‍या होता है : मान लीजिए कोई सरकारी अधिकारी किसी ऐसी कंपनी को टेंडर देता है जिसमें उसके परिवार के किसी सदस्‍य की बड़ी भागीदारी (जैसे शेयर होल्‍डिंग या डायरेक्‍टर पद) है — तो कहा जाएगा कि उस अधिकारी का उस कंपनी में Substantial Interest है। ‘उचित ब्याज’ उस स्थिति को दर्शाता है जिसमें किसी निदेशक या अधिकारी की किसी फर्म में महत्त्वपूर्ण वित्तीय हिस्सेदारी होती है, जिससे हितों का टकराव उत्पन्न हो सकता है।
– सहकारी बैंक संबंधी सुधार: सहकारी बैंकों में निदेशक का कार्यकाल 8 से बढ़ाकर 10 वर्ष किया गया (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशकों को छोड़कर), जो 97वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2011 के अनुरूप है तथा शासन निरंतरता को बढ़ावा देता है।
– सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में ऑडिट गुणवत्ता: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वैधानिक ऑडिट के लिये पारिश्रमिक निर्धारित करने और प्रदान करने के लिये अधिकृत करता है।
– निवेशक संरक्षण एवं निधि पारदर्शिता: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (PSB) बिना दावे वाले शेयरों, ब्याज और बॉण्ड को निवेशक शिक्षा एवं संरक्षण कोष (IEPF) में स्थानांतरित कर सकते हैं ।

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7. विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 कब मनाया गया है?
When is World Breastfeeding Week 2025 observed?

a. 1 से 7 अगस्‍त
b. 2 से 8 अगस्‍त
c. 3 से 7 अगस्‍त
d. 4 से 9 अगस्‍त

Answer: a. 1 से 7 अगस्‍त

वर्ष 2025 की थीम
– स्तनपान में निवेश करें, भविष्य में निवेश करें
– Invest in breastfeeding, invest in the future

– यह दिवस अगस्‍त महीने के पहले सप्‍ताह को मनाया जाता है।
– इस दिवस को शिशुओं (babies) के लिए स्तनपान (Breastfeeding) की महत्ता पर जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है।
– वर्ष 1992 में पहला विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया गया था।

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8. हिरोशिमा (Hiroshima) दिवस कब मनाया जाता है?
When is Hiroshima Day celebrated?

a. 7 अगस्‍त
b. 6 अगस्‍त
c. 5 अगस्‍त
d. 4 अगस्‍त

Answer: b. 6 अगस्‍त

– बात वर्ष 1945 की है। उस वक्‍त दूसरा विश्वयुद्ध निर्णायक दौर में पहुंच रहा था, मित्र देशों की जीत लगभग तय हो चुकी थी।
– जर्मनी ने आत्मसमर्पण कर दिया था और सिर्फ जापान ही था, जो मित्र देशों को टक्कर दे रहा था।
– जुलाई 1945 में अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन, ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल और सोवियत संघ के नेता जोसेफ स्टालिन जर्मनी के शहर पोट्सडम में मिले और तय किया था कि जापान बिना किसी शर्त के समर्पण नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने होंगे।
– 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर “लिटिल बॉय (Little Boy)” नाम का परमाणु बम गिराया।
– इसके तीन दिन बाद ही जापान के नागासाकी शहर पर दूसरा परमाणु बम गिराया, दोनों शहर तबाह हो गए थे।
– दो लाख से अधिक लोगों की जान चली गई और जो बच गए, उनकी जिंदगी नर्क से बदतर हो गई थी।
– दुनिया में पहली और आखिरी बार परमाणु बमों का इस्तेमाल दूसरे विश्वयुद्ध में हुआ था।
– हर साल 6 अगस्‍त को हिरोशिमा दिवस परमाणु ऊर्जा और परमाणु हथियारों के खतरे के बारे में शांति को बढ़ावा देने और जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।

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9. RBI ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (अगस्‍त 2025) में रेपो रेट बदलाव नहीं किया, यह रेपो दर कितनी है?
RBI did not change the repo rate in the bi-monthly monetary policy review (August 2025), what is this repo rate?

a. 5.5%
b. 5.8%
c. 6.2%
d. 6.5%

Answer: a. 5.5%

– भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 6 अगस्‍त 2025 को हुई।
– इस मीटिंग में नीतिगत रेपो दर को 5.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया।
– हालांकि इससे पहले हुई पिछली बैठकों में रेपो रेट को कई चरणों में 6.5% से घटाकर 5.5% रखा गया था।

रेपो रेट (Repurchase Rate or Repo Rate) क्‍या है?
– आसान भाषा में कहें, तो बैंक हमें कर्ज देते हैं और उस कर्ज पर हमें ब्याज देना पड़ता है।
– ठीक वैसे ही बैंकों को भी अपने रोजमर्रा के कामकाज के लिए भारी-भरकम रकम की जरूरत पड़ जाती है और वे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से कर्ज लेते हैं।
– इस लोन पर रिजर्व बैंक जिस दर से उनसे ब्याज वसूल करता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।

रेपो रेट से आम आदमी पर क्या पड़ता है प्रभाव
– RBI के पास रेपो रेट के रूप में महंगाई से लड़ने का एक शक्तिशाली टूल है।
– जब महंगाई बहुत ज्यादा होती है तो, RBI रेपो रेट बढ़ाकर इकोनॉमी में मनी फ्लो को कम करने की कोशिश करता है।
– जब बैंकों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा यानी रेपो रेट कम होगा तो वो भी अपने ग्राहकों को सस्ता कर्ज दे सकते हैं।
– और यदि रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाएगा तो बैंकों के लिए कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और वे अपने ग्राहकों के लिए कर्ज महंगा कर देंगे।

रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate)
– यह, रेपो रेट से उलट होता है।
– बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद बड़ी रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को रिजर्व बैंक में रख देते हैं।
– इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है।
– रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।

मौद्रिक नीति समिति के पदेन अध्यक्ष – भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्‍होत्रा


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