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1. किस पड़ोसी देश में मार्च 2025 में भूकंप आया, जिससे थाईलैंड तक तबाही मच गई?
In which neighboring country did an earthquake occur in March 2025, causing devastation as far as Thailand?
a. नेपाल
b. चीन
c. श्रीलंका
d. म्यांमार
Answer: d. म्यांमार
महत्वपूर्ण तथ्य
– म्यांमार में कब आया भूकंप : म्यांमार समयानुसार 28 मार्च की दोपहर 12:50 बजे
– भूकंप का केंद्र : मांडले के नजदीक (म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर)
– भूकंप कितनी गहराई पर : करीब 10 किलोमीटर
– कितनी तीव्रता का भूकंप : पहला भूकंप 7.7 रिक्टर स्केल का और इसके 11 मिनट बाद, उसी क्षेत्र में 6.4 रिक्टर स्केल का आफ्टरशॉक (आफ्टरशॉक आमतौर पर एक छोटा भूकंप होता है जो उसी सामान्य क्षेत्र में एक बड़े भूकंप के बाद आता है। आफ्टरशॉक आमतौर पर फॉल्ट के उस हिस्से में होने वाले छोटे-मोटे बदलाव होते हैं जो शुरुआती भूकंप के समय खिसक गए थे। पहले भूकंप के बाद कई दिन, हफ़्ते या साल भी बाद में झटके आ सकते हैं। ये घटनाएँ शुरुआती भूकंप के बराबर या उससे भी ज़्यादा तीव्रता की हो सकती हैं, और ये पहले से ही क्षतिग्रस्त स्थानों को प्रभावित करना जारी रख सकती हैं।)
– किसने 10,000 से ज्यादा मौत की आशंका जताई : यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS)
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– म्यांमार में शुक्रवार को आए भूकंप में मौत का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो सकता है।
– यह आशंका यूनाइटेड स्टेट जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने जताई है।
– म्यांमार की सैन्य सरकार ने कहा है कि मरने वालों का आंकड़ा एक हजार को पार कर गया है।
– भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए।
– म्यांमार और थाईलैंड में यह 200 साल का सबसे बड़ा भूकंप है।
– म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर मांडले भूकंप के केंद्र के नज़दीक है। और 650 मील दूर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक तक की इमारतों को भारी नुकसान पहुँचा है।
– भूकंप निस्संदेह म्यांमार में मानवीय संकट को और गहरा करेगा, एक ऐसा देश जो 2021 से खूनी गृहयुद्ध में त्रस्त है।
– इरावदी नदी पर बना एक पुल ढह गया।
– म्यांमार की राजधानी में इमारतें ढह गईं और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं।
भूकंप ने 334 परमाणु विस्फोट के बराबर एनर्जी पैदा की
– जियोलॉजिस्ट जेस फीनिक्स के मुताबिक म्यांमार में आए भूकंप ने 334 परमाणु बम विस्फोट के बराबर एनर्जी पैदा की।
– जेस फीनिक्स ने CNN से बात करते हुए कहा कि भूकंप के बाद आने वाले झटके कुछ महीनों तक रह सकते हैं।
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म्यांमार के छह राज्यों में इमरजेंसी लगाई गई
– म्यांमार में भूकंप के बाद देश की सैन्य सरकार ने छह राज्यों में आपातकाल (इमरजेंसी) की स्थिति घोषित की।
– ये इलाके हैं: सगाइंग, मांडले, बागो, मागवे, शान राज्य (पूर्वी हिस्सा), और नेपीदा।
– सैन्य सरकार के नेता जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने बताया कि नेपीदा में 96 लोग, सागिंग में 18 और मांडले क्षेत्र के क्याक्से टाउनशिप में 30 लोग मारे गए हैं।
– म्यांमार की सैन्य सरकार ने पहली बार भूकंप राहत कार्यों के लिए दुनियाभर से मदद की अपील की है।
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उथला, मध्यम और गहरे भूकंप का मतलब?
– उथले भूकंप 0 से 70 किमी गहरे होते हैं।
– मध्यम भूकंप 70 से 300 किमी गहरे होते हैं।
– गहरे भूकंप 300 से 700 किमी गहरे होते हैं।
उथला भूकंप कितना घातक
– सतह से पांच या दस किलोमीटर नीचे उत्पन्न होने वाले उथले भूकंप, सतह से काफी नीचे उत्पन्न होने वाले भूकंपों की तुलना में अधिक क्षति पहुंचाते हैं।
– उथले भूकंप के विनाशकारी प्रभाव का एक उदाहरण नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में आया 5.6 तीव्रता का भूकंप है, जिसमें 160 से अधिक लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए, इमारतें ढह गईं और भयभीत निवासी जावा के मुख्य द्वीप पर अपनी जान बचाने के लिए भागे।
– अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, “उथला भूकंप हर जगह एक जैसा ही होगा, यह कोई जरूरी नहीं है। यह निर्भर करता है, जैसे भूकंप से दूरी, आप किस प्रकार की मिट्टी पर हैं, भवन निर्माण” और अन्य वजह।
भूकंप की गहराई क्यों मायने रखती है?
– भूकंप की विनाशकारी शक्ति न केवल उसकी तीव्रता पर निर्भर करती है, बल्कि स्थान, केंद्र से दूरी और गहराई पर भी निर्भर करती है।
– भूकंप धरती की सतह के पास या धरती के अंदर भी आ सकते हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, ज़्यादातर भूकंप उथली गहराई पर आते हैं।
– उथले भूकंप आम तौर पर गहरे भूकंपों की तुलना में ज़्यादा नुकसानदायक होते हैं। गहरे भूकंपों से आने वाली भूकंपीय तरंगों को सतह तक ज़्यादा दूर तक जाना पड़ता है, जिससे रास्ते में उनकी ऊर्जा खत्म हो जाती है।
– सतह के करीब आने वाले भूकंपों से कंपन अधिक तेज होता है, जैसे कि “किसी शहर के ठीक नीचे बम फट गया हो।”
भूकंप क्यों आता है?
– पृथ्वी के नीचे कई टेक्टोनिक प्लेट्स होती है, यह पिघली हुई लावा पर टिकी हैं। ये प्लेट हिलती रहती हैं।
– ये प्लेट्स जहां पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन कहते है।
– प्लेट्स के कई बार टकराने पर प्लेट्स के कोने मुड़ते है।
– प्लेट्स पर ज्यादा दबाव बनने से ये प्लेट्स टूटने लगती हैं।
– फिर इसके बाद नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और ज्यादा डिस्टर्बेंस होने के बाद भूकंप आता है।
– पृथ्वी पर हर साल लगभग पांच लाख भूकंप आते हैं।
– करीब 20 हजार से एक लाख ही महसूस हो पाते हैं, इनमें से करीब 100 भूकंप ही बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं।
– सबसे विनाशकारी भूकंप 1960 में चिली में आया था। उसकी तीव्रता 9.6 थी। इसमें करीब 6000 लोगों की मौत हुई थी।
– 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में भूकंप से हिन्द महासागर में सुनामी आई थी, इसमें करीब 2.30 लाख लोग मारे गए थे।
भूकंप की कितनी स्पीड पर कितना असर
रिक्टर स्केल- असर
0 से 1.9 : सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 : हल्का कंपन।
3 से 3.9 : ट्रक नजदीक से गुजर जाए,ऐसा असर।
4 से 4.9 : विन्डो टूट सकती है और दीवारों पर टंगी कोई चीज गिर सकती है।
5 से 5.9 : सोफे और बक्शे जैसी भारी वस्तु हिल सकती है।
6 से 6.9 : बिल्डिंग की नींव दरक सकती और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
7 से 7.9 : बिल्डिंग गिर जाती है और जमीन के अंदर पाइप फट जाते है।
8 ले 8.9 : इमारतें और बड़े पुल गिर जाते है।
9 या उससे अधिक- भीषण तबाही, धरती हिलती हुई और दिखाई देगी, इसके अलावा सुनामी का खतरा।
म्यांमार
राजधानी :
सैन्य सरकार प्रमुख : मिन आंग ह्लाइंग (कार्यवाहक राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री)
Source: The Hindu | Indian Express | USGS | The New York Times
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2 मार्च 2025 में आए भूकंप की वजह से थाईलैंड सरकार ने किस जगह को “आपातकालीन क्षेत्र” घोषित कर दिया?
Which place was declared as “emergency zone” by the Thailand government due to the earthquake in March 2025?
a. बैंकॉक
b. चियांग माई
c. पटाया
d. कंचनबुरी
Answer: a. बैंकॉक
– भूकंप का केंद्र म्यांमार में था, लेकिन इसका बड़ा असर थाईलैंड में हुआ।
– दरअसल, इसकी वजह है कि यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट और इंडियन टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार और थाईलैंड से होकर गुजरती है।
बैंकॉक – आपातकालीन क्षेत्र
– थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनवात्रा ने बैंकॉक को “आपातकालीन क्षेत्र” घोषित कर दिया।
– थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भूकंप के बाद एक निर्माणाधीन इमारत गिर गई थी।
– बैंकॉक के डिप्टी गवर्नर ने बताया तीन निर्माणाधीन इमारतों से 101 लोग लापता हैं।
– यह इमारत बैंकॉक के चतुचक इलाके में थी।
– इसे थाईलैंड के ऑडिटर जनरल के ऑफिस के लिए बनाया जा रहा था।
– यह इमारत निर्माण के अंतिम चरण में थी, जिसके चलते इसमें कई मजदूर काम कर रहे थे। यह 30 मंजिला इमारत एक निजी कंपनी बना रही थी।
– थाईलैंड में 30 से 35 मंजिलों के स्वीमिंग पूल से पानी झलकता दिखा। सड़कों पर दोपहिया वाहन और पैदल चल रहे लोग वहीं गिर पड़े। दीवारों पर झूमर, सीनरी झूलती दिखीं। होटल, घर, एयपोर्ट पर लोग डर और जान बचाने के लिए बेहताशा भागते दिखे।
थाईलैंड
– राजधानी : बैंकॉक
– सम्राट : वजीरालोंगकोर्न
– PM : पैतोंगटार्न शिनवात्रा
Source : The Hindu
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3. म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों के बचाव के लिए भारत ने कौन सा अभियान चलाया?
Which operation did India launch to rescue people affected by earthquake in Myanmar?
a. ऑपरेशन ब्रह्मा
b. ऑपरेशन बर्मा
c. ऑपरेशन दोस्त
d. ऑपरेशन फास्ट
Answer: a. ऑपरेशन ब्रह्मा
– भूकंप से प्रभावित म्यांमार की मदद के लिए भारत सबसे पहले आगे आने वाले देशों में रहा।
– भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री भेजी है।
– ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, भोजन के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाओं सहित 15 टन राहत सामग्री की हमारी पहली खेप यांगून पहुंच गई है।
– राहत सामग्री म्यांमार पक्ष को सौंपी जा रही है।
बजट में आपदा राहत भी था
– भारत सरकार ने बजट 2025-26 में दुनिया में आपदा राहत के लिए 64 करोड़ रुपए का प्रावधान किया हुआ है।
भारत ने किन देशों के लिए आपदा राहत अभियान चलाए?
– ऑपरेशन ब्रह्मा : 2025 में म्यांमार में भूकंप के बाद राहत अभियान
– ऑपरेशन दोस्त : वर्ष 2023 में तुर्किये में भूकंप के बाद राहत अभियान
– ऑपरेशन मैत्री : वर्ष 2015 : नेपाल में भूकंप के बाद राहत अभियान
– ऑपरेशन रेनबो : श्रीलंका में वर्ष 2004 में आयी सुनामी के बाद राहत अभियान।
– ऑपरेशन कैस्टर : मालदीव में वर्ष 2004 में आयी सुनामी के समय राहत अभियान।
अन्य राहत अभियान
– जापान: वर्ष 2011 की सुनामी में NDRF टीम और राहत सामग्री भेजी।
– म्यांमार: वर्ष 2008 में चक्रवात नरगिस के कारण मदद भेजी।
– संयुक्त राज्य अमेरिका: वर्ष 2005 में हरिकेन कैटरीना चक्रवात पीड़ितों को राहत सामग्री भेजी।
कुछ रेस्क्यू अभियान के नाम
– ऑपरेशन इंद्रावती (वर्ष 2024) : हैती देश में क्रिमिनल गैंग की हिंसा के दौरान
– ऑपरेशन अजय (वर्ष 2023) : हमास – इजरायल युद्ध के दौरान
– ऑपरेशन कावेरी (वर्ष 2023) : सूडान में गृहयुद्ध के दौरान
– ऑपरेशन गंगा (वर्ष 2022) : यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद
– ऑपरेशन राहत (वर्ष 2015) : यमन में संघर्ष के दौरान
Source : The Hindu | MEA on Social media X
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4. केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (अप्रैल – सितंबर) में दीर्घकालीन प्रतिभूतियों के जरिये कितना कर्ज लेने का फैसला किया?
How much loan has the Central Government decided to take through long-term securities in the first half (April – September) of the financial year 2025-26?
a. ₹ 5 लाख करोड़
b. ₹ 6 लाख करोड़
c. ₹ 7 लाख करोड़
d. ₹ 8 लाख करोड़
Answer: d. ₹ 8 लाख करोड़
– वित्त मंत्रालय ने यह घोषाणा की।
– यह राशि राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए जुटायी जाएगी।
पूरे वित्त वर्ष में 14.82 लाख करोड़ का नया कर्ज
– 2025-26 के लिए बाजार से कुल 14.82 लाख करोड़ रुपये का उधार या कर्ज से जुटाये जाने का अनुमान है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान यह ऐलान किया था।
– इसमें से लंबी और निश्चित परिपक्वता (Fixed Maturity) अवधि वाली प्रतिभूतियों के माध्यम से पहली छमाही में आठ लाख करोड़ रुपये यानी 54 प्रतिशत कर्ज लेने की योजना है।
– इसमें 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी हरित बॉन्ड शामिल हैं।
क्यों कर्ज ले रही है सरकार
– राजकोषीय घाटा (फिस्कल डेफेसिट) यानी सरकार के कुल राजस्व और कुल व्यय के बीच अंतर वित्त वर्ष 2025-26 में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।
– निरपेक्ष रूप से राजकोषीय घाटा 2025-26 के लिए 15,68,936 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है।
– राजकोषीय घाटे की भरपाई के लिए, दीर्घकालीन प्रतिभूतियों से शुद्ध बाजार कर्ज 11.54 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। शेष राशि लघु बचत और अन्य स्रोतों से आने की उम्मीद है।
कैसा कर्ज लेगी सरकार
– बाजार उधारी तीन, पांच, सात, 10, 15, 30, 40 और 50 साल की अवधि की प्रतिभूतियों के जरिये जुटायी जाएगी।
– विभिन्न परिपक्वता अवधि के तहत उधारी (हरित बॉन्ड सहित) का हिस्सा तीन साल (5.3 प्रतिशत), पांच साल (11.3 प्रतिशत), सात साल (8.2 प्रतिशत), 10 साल (26.2 प्रतिशत), 15 साल (14 प्रतिशत), 30 साल (10.5 प्रतिशत), 40 साल (14 प्रतिशत) और 50 साल (10.5 प्रतिशत) होगा।
फिस्कल डेफेसिट मतलब = Total Non Debt Expenditure- Total Non Debt Receipts
– Total Non Debt Expenditure मतलब बिना ऋण का कुल खर्च (Expenditure)
– Total Non Debt Receipts मतलब बिना ऋण की Revenue Receipts और Capital Receipts
बजट 2025-26 में आय और व्यय के कुछ आंकड़े
इनकम के स्रोत
# 24% : बॉरोइंग एंड अदर लायबेलिटीज (उधार व कर्ज और अन्य देनदारियां) [16.13 लाख करोड़]
# 22% : इनकम टैक्स
# 18% : GST
# 17% : कॉर्पोरेशन टैक्स
# 9% : Non Tax Revenue (ऋण-भिन्न पूंजी प्राप्तियां)
# 5% : यूनियन एक्साइज ड्यूटी
# 4% : कस्टम (सीमा शुल्क)
# 1% : Non Debt Capital Receipts (गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां)
खर्च के स्रोत
# 22% : राज्यों को टैक्स और ड्यूटीज का शेयर
# 20% : Interst Payment (कर्ज भुगतान) [11.62 लाख करोड़]
# 16% : सेंट्रल सेक्टर स्कीम
# 8% : वित्त आयोग और अन्य ट्रांसफर
# 8% : केंद्र द्वारा स्पांसर्ड स्कीम
# 8% : डिफेंस (रक्षा)
# 6% : सब्सिडी
# 4% : पेंशन
# 8% : अन्य खर्च
Source : The Hindu Businessline
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5. खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2025 में किस राज्य ने कुल 104 मेडेल के साथ पदक तालिका में पहला स्थान प्राप्त किया?
Which state topped the medal tally with a total of 104 medals in Khelo India Para Games 2025?
a. हरियाणा
b. तमिलनाडु
c. उत्तर प्रदेश
d. राजस्थान
Answer: a. हरियाणा
– खेलो इंडिया पैरा गेम्स (KIPG) 2025 का दूसरा संस्करण दिल्ली में मार्च 2025 में आयोजित हुआ।
– तीन प्रमुख स्थलों : जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम, इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम और कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में आयोज हुआ।
रैंक, राज्य, स्वर्ण, रजत, कांस्य, कुल पदक
1, हरियाणा, 34, 39, 31, 104
2, तमिलनाडु, 28, 19, 27, 74
3, उत्तर प्रदेश, 23, 21, 20, 64
4, राजस्थान, 22, 18, 24, 64
5, महाराष्ट्र, 18, 13, 12, 43
6, गुजरात, 12, 24, 23, 59
7, कर्नाटक, 10, 5, 7, 22
8, दिल्ली, 8, 11, 20, 39
9, पंजाब, 8, 2, 5, 15
10, आंध्र प्रदेश, 4, 8, 3, 15
Source : SportStar (The Hindu)
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6. लोकसभा ने इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 पारित कर दिया, इसमें जाली पासपोर्ट या वीजा का उपयोग करने पर क्या सजा का प्रावधान है?
Lok Sabha passed the Immigration and Foreigners Bill 2025, what is the punishment for using fake passport or visa?
a. 7 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना
b. 17 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना
c. 27 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना
d. 37 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना
Answer: a. 7 वर्ष तक की जेल और 10 लाख रुपये तक जुर्माना
– बिल का नाम – इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल 2025 (आप्रवास और विदेशियों से संबंधित विधेयक 2025)
– लोकसभा ने यह विधेयक मार्च 2025 में पारित कर दिया।
– गृह मंत्री ने कहा कि यह विधेयक देश की सुरक्षा को मजबूत करेगा।
विधेयक के प्रावधान
– जो कोई भी जानबूझकर जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त पासपोर्ट या अन्य यात्रा दस्तावेज या वीजा का उपयोग या आपूर्ति भारत में प्रवेश करने या भारत में रहने या भारत से बाहर जाने के लिए करता है, उसे कम से कम दो वर्ष के कारावास से, जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, दंडित किया जाएगा और कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा, जिसे 10 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
– कोई भी विदेशी व्यक्ति यदि वैध पासपोर्ट या वीजा सहित अन्य यात्रा दस्तावेज के बिना भारत के किसी भी क्षेत्र में प्रवेश करता है, जो कानून के प्रावधानों या उसके अनुसरण में दिए गए किसी नियम या आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसे पांच वर्ष तक के कारावास या 5 लाख रुपये तक के जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
– होटलों, विश्वविद्यालयों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम द्वारा विदेशियों के बारे में सूचना देना अनिवार्य करने का भी प्रावधान है, ताकि निर्धारित अवधि से अधिक समय तक ठहरने वाले विदेशियों पर नजर रखी जा सके।
– यह विधेयक केंद्र सरकार को उन स्थानों पर नियंत्रण करने का अधिकार देता है जहां “विदेशियों का अक्सर आना-जाना लगा रहता है
इन कानूनों का निरस्त करने का प्रस्ताव
– विदेशियों और आव्रजन से संबंधित मामलों को वर्तमान में चार कानूनों के माध्यम से प्रशासित किया जाता है, अब इन्हें निरस्त करने का प्रावधान है। ये सब नए कानून के तहत होंगे।
1) पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920
2) विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939
3) विदेशी अधिनियम, 1946
4) आव्रजन (वाहक दायित्व) अधिनियम, 2000
Source : The Hindu| PRS India (विधेयक की कॉपी)
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7. लोकसभा ने मार्च 2025 में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित कर दिया, इसमें बैंक खाताधारक को कितने नॉमिनी बनाने का अधिकार होगा?
The Lok Sabha passed the Banking Laws (Amendment) Bill, 2024 in March 2025, in this how many nominees will a bank account holder have the right to make?
a. 1
b. 2
c. 3
d. 4
Answer: d. 4
– लोकसभा ने मार्च 2025 में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को पारित किया गया।
– इसका उद्देश्य भारत की बैंकिंग प्रणाली में शासन मानकों में सुधार करना है।
विधेयक के जरिए इन कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव है
– आरबीआई अधिनियम, 1934
– बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949
– भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955
– तथा बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं अंतरण) अधिनियम, 1970 और 1980
विधेयक के प्रमुख प्रावधान
– नकदी भंडार के लिए पखवाड़े की परिभाषा: नकदी भंडार के लिए पखवाड़े को प्रत्येक माह की 1 से 15 तारीख या 16 से अंतिम तारीख के रूप में पुनः परिभाषित किया गया है, जो अनुसूचित और गैर-अनुसूचित बैंकों पर लागू है।
– नॉमिनी का प्रावधान: बिल बैंक धारकों को एक के बजाय अधिकतम चार नॉमिनी प्रदान करने की अनुमति देता है। इन नॉमिनी व्यक्तियों को एक साथ या क्रमिक रूप से नियुक्त किया जा सकता है। हालाँकि बैंक लॉकर के मामले में, नॉमिनी व्यक्तियों को केवल क्रमिक रूप से ही जोड़ा जा सकता है।
– पर्याप्त ब्याज: वर्तमान आर्थिक स्थितियों के आधार पर, निदेशक पद के लिए “पर्याप्त ब्याज” को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव है।
– सहकारी बैंकों में निदेशकों (अध्यक्ष और पूर्णकालिक निदेशक को छोड़कर) का कार्यकाल आठ वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष करने का प्रस्ताव है, ताकि इसे संविधान (सत्तानवेवें संशोधन) अधिनियम, 2011 के अनुरूप बनाया जा सके।
बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक 2024 के लाभ
– बेहतर प्रशासन: नए संशोधनों से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लेखापरीक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, जिससे अंततः बैंकों के भीतर प्रशासन मानकों को मजबूती मिलेगी।
– ग्राहक सुविधा: एकाधिक नॉमिनी व्यक्ति की सुविधा उत्तराधिकार प्रक्रिया को सरल बनाती है और दावा न किए गए जमा की घटनाओं को कम करती है।
Source : The Hindu | PRS India (लोकसभा से पारित विधेयक की कॉपी)
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8. अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26 के अनुसार भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज वर्ष 2024 में बढ़कर कितना हो गया?
According to the World Social Security Report 2024-26 of the International Labour Organization (ILO), India’s social security coverage will increase to what in the year 2024?
a. 24.4%
b. 48.8%
c. 50.8%
d. 61.4%
Answer: b. 48.8%
– अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2024-26 मार्च 2025 में जारी हुई।
– इसके अनुसार भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2021 में 24.4% से दोगुना होकर 2024 में 48.8% हो गया है।
– मतलब कि भारत की 48.8% आबादी को नकद लाभ मिल रहा है।
केंद्र सरकार का आंकड़ा थोड़ा ज्यादा
– हालांकि भारत सरकार का श्रम और रोजगार मंत्रालय ने सोशल सिक्योरिटी कवरेज को अलग नजरिए से देखते हुए एक और आंकड़ा जारी किया है।
– इसके अनुसार देश की 65% आबादी (92 करोड़ लोग) कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा लाभ (नकद और वस्तु दोनों) से लाभ ले रही है।
– हालांकि अगर केवल नकद लाभ की बात होगी तो यह आंकड़ा ILO की रिपोर्ट के अनुसार 48.8% है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा इससे ज्यादा हो सकता है आंकड़ा
– केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि ILO की रिपेार्ट में अभी भी कम करके आंका गया है। उन्होंने कहा, “इसमें, एक तो देश के नागरिकों को दिए जाने वाले खाद्य सुरक्षा और आवास लाभ जैसे इन-काइंड लाभ शामिल नहीं हैं; और दूसरा राज्यों द्वारा प्रशासित सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ शामिल नहीं हैं। इस डेटा को ध्यान में रखने के बाद भारत का वास्तविक सामाजिक सुरक्षा कवरेज बहुत अधिक होने की उम्मीद है।
सामाजिक सुरक्षा कवरेज क्या होता है
– सामाजिक सुरक्षा कवरेज (Social Security Coverage) का अर्थ है सरकार या किसी संगठन द्वारा नागरिकों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था।
– इसका उद्देश्य जीवन में आने वाले विभिन्न जोखिमों, जैसे—बुढ़ापा, बीमारी, बेरोजगारी, विकलांगता, और मृत्यु के कारण परिवार पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव को कम करना होता है।
मुख्य प्रकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ
– पेंशन योजना – बुढ़ापे में आय का स्रोत प्रदान करने के लिए। (जैसे, EPF, NPS, अटल पेंशन योजना)
– स्वास्थ्य सुरक्षा – बीमारी या दुर्घटना के खर्च को कवर करने के लिए। (जैसे, आयुष्मान भारत, ESI)
– विकलांगता सहायता – दिव्यांग व्यक्तियों के लिए वित्तीय सहायता।
– मातृत्व लाभ – गर्भावस्था और प्रसव के दौरान आर्थिक सहायता। (जैसे, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना)
– जीवन बीमा और दुर्घटना बीमा – परिवार को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए। (जैसे, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना, पीएम सुरक्षा बीमा योजना)
भारत में सामाजिक सुरक्षा का दायरा
– भारत में सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ सरकार और निजी संगठनों द्वारा चलाई जाती हैं। इनमें असंगठित क्षेत्र के कामगारों से लेकर संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों तक के लिए विभिन्न योजनाएँ उपलब्ध हैं।
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9. सैन्य अभ्यास ‘प्रचंड प्रहार’ किस राज्य में मार्च 2025 में आयोजित हुआ, जिसमें तीनों सेनाओं ने हिस्सा लिया?
In which state was the military exercise ‘Prachand Prahar’ held in March 2025, in which all three armies participated?
a. बिहार
b. पश्चिम बंगाल
c. अरुणाचल प्रदेश
d. आंध्र प्रदेश
Answer: c. अरुणाचल प्रदेश
– इसमें थल सेना, वायु सेना और नौसेना ने भाग लिया।
– अरुणाचल प्रदेश में इंडियन आर्मी के पूर्वी कमान के अंतर्गत त्रि-सेवा एकीकृत बहु-डोमेन युद्ध अभ्यास प्रचंड प्रहार का आयोजन किया।
– इसका उद्देश्य आधुनिक युद्ध परिदृश्यों में अनुवीक्षण, कमान, नियंत्रण और सटीक मारक क्षमता के लिये एकीकृत दृष्टिकोण को मान्य करते हुए सेना, नौसेना और वायु सेना में परिचालन तत्परता और एकीकरण को बढ़ाना है।
– इसमें लंबी दूरी के टोही विमान, UAV, सशस्त्र हेलीकॉप्टर और अंतरिक्ष आधारित परिसंपत्तियों सहित उन्नत प्लेटफॉर्म शामिल थे।
Source : Times of India