28 & 29 जनवरी 2025 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्‍वपूर्ण

यह 28 & 29 जनवरी 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. महाकुंभ में क्‍यों मची भगदड़?

– महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है।
– इसी के दौरान प्रयागराज के संगम तट पर 28-29 जनवरी 2025 की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई।
– हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हुए।
– दैनिक भास्‍कर के मुताबिक घटना के तुरंत बाद मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए। बाद में एंबुलेंस से कुछ और शवों को मेला क्षेत्र से लाया गया।
– भगदड़ की जगह पर हर ओर लोगों का सामान, कपड़े, जूते-चप्पल बिखरे हुए थे। जमीन पर घायल लेटे थे और लाशों के पास बिलखते परिजन थे। कुछ अपनों को ढूंढ रहे थे, उनकी भी आंखों में आंसू थे।
– कुछ लोग अपनों के शव का हाथ नहीं छोड़ रहे थे, उन्हें डर था कि कहीं बॉडी खो न जाए। रेस्क्यू टीम एक शव को ले जाने लगी तो उसके परिजन ने दौड़ कर हाथ पकड़ लिया।

रायबरेली और अन्‍य जिलों में ही रोके गए श्रद्धालु
– महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद रायबरेली और प्रयागराज के पड़ोसी जिलों में अधिकारी अलर्ट पर हैं तथा प्रयागराज की ओर जाने वाला यातायात आंशिक रूप से रोक दिया गया है।
– वाराणसी और अयोध्‍या के जिला प्रशासन ने लोगों को न आने को कहा है।

भगदड़ की 2 प्रमुख वजहें
– अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई।
– संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।
– VIP कल्‍चर

मौनी अमावस्‍या पर 9 करोड़ श्रद्धालु
– महाकुंभ में 29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या का स्नान था, जिसके चलते अनुमानित करीब 9 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे।
– प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।

कुंभ में भगदड़ का इतिहास
– ‘प्रयागराज (2013): 10 फरवरी को मौनी अमावस्या पर रेलवे
स्टेशन पर भगदड़ मचने से 36 लोगों की जान गई थी।
– हरिद्वार (2010): 14 अप्रैल को हरिद्वार कुंभ मेले के दौरान हर
की पौड़ी में भगदड़ मचने से 7 लोगों की मौत हुई थी।
– नासिक (2003): 27 अगस्त को नासिक के कुंभ मेले में
भगदड़ के कारण 39 लोगों की मौत हुई थी।
– उज्जैन (1992): उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान भगदड़ मचने
से 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
– प्रयागराज (1954): 3 फरवरी को मौनी अमावस्या के दिन
प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान भगदड़ मचने से लगभग 800
लोगों की मौत हुई थी।

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कुंभ मेले की पौराणिक उत्पत्ति
– संस्कृत शब्द कुंभ का अर्थ है घड़ा या बर्तन।
– माना जाता है कि जब देवों (देवताओं) और असुरों (राक्षसों) ने समुद्र मंथन किया, तो धन्वंतरि, अमृत का घड़ा लेकर निकले। – तब यह सुनिश्चित करने के लिए कि असुर इसे न पा लें, इंद्र के पुत्र जयंत घड़ा लेकर भाग गए।
– सूर्य, शनि, बृहस्पति, और चंद्रमा उनकी और घड़े की रक्षा करने के लिए साथ गए।
– जयंत के भागते समय अमृत चार स्थानों पर गिरा: हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक-त्र्यंबकेश्वर।
– वह 12 दिनों तक भागते रहे और चूंकि देवताओं का एक दिन मनुष्यों के एक वर्ष के बराबर होता है, इसलिए सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति की सापेक्ष स्थिति के आधार पर हर 12 साल में इन स्थानों पर कुंभ मेला मनाया जाता है।
– प्रयागराज और हरिद्वार में हर छह साल में अर्ध-कुंभ का आयोजन होता है।
– जबकि 12 साल बाद होने वाले इस उत्सव को पूर्ण कुंभ या महाकुंभ कहा जाता है।

– ये चारों स्थान नदियों के तट पर स्थित हैं –
1) हरिद्वार में गंगा
2) प्रयागराज में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती का संगम
3) उज्जैन में क्षिप्रा
4) नासिक-त्र्यंबकेश्वर में गोदावरी

ऐसा माना जाता है कि कुंभ के दौरान, आकाशीय पिंडों की विशिष्ट स्थिति के बीच इन नदियों में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं और पुण्य प्राप्त होता है।

कुंभ मेले का स्थान कैसे तय किया जाता है?
– यह ज्योतिषीय गणना पर निर्भर करता है। कुंभ मेले में 12 साल के अंतराल का एक और कारण यह है कि बृहस्पति को सूर्य के चारों ओर एक चक्कर पूरा करने में 12 साल लगते हैं।
– प्रयागराज और हरिद्वार में हर 6 साल में अर्ध कुंभ भी आयोजित किया जाता है।

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2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मिशन मौसम’ का उद्घाटन जनवरी 2025 में किया, इस पर दो वर्षों में कितना खर्च होगा?
Prime Minister Narendra Modi inaugurated ‘Mission Mausam’ in January 2025, how much will it cost in two years?

a. ₹ 1000 करोड़
b. ₹ 2000 करोड़
c. ₹ 3000 करोड़
d. ₹ 4000 करोड़

Answer: b. ₹ 2000 करोड़

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी 2025 में नई दिल्‍ली में ‘मिशन मौसम’ का उद्घाटन किया।
– उन्‍होंने कहा, “हमने भारत को मौसम के प्रति तैयार और जलवायु के प्रति स्मार्ट बनाने के लिए मिशन मौसम लॉन्च किया है।
– केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 11 सितंबर, 2024 को ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी दी थी।
– द हिन्‍दू न्‍यूज के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया किया कि वह मौसम संबंधी लचीलेपन और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन के लिए आईएमडी विजन-2047 दस्तावेज भी जारी करेंगे।
– इसमें मौसम पूर्वानुमान, मौसम प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन शमन की योजनाएं शामिल हैं।

इससे क्‍या क्‍या नियंत्रित होगा?
– मिशन मौसम मौसम पर ₹ 2000 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
– ताकि चक्रवात, बाढ़, सूखा, और हीटवेव जैसी जलवायु परिवर्तन से जुड़ी आपदाओं को नियंत्रित किया जा सके।
– भारत में हर तरह की आपदाओं की वजह से हर साल लगभग 10,000 लोगों की मौत होती है।
– मिशन मौसम का उद्देश्य चरम मौसम की घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की भविष्यवाणी करने और उनसे निपटने की भारत की क्षमता को बढ़ाना है।

‘मिशन मौसम’ से लाभ
– ‘मिशन मौसम’ से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, पर्यावरण, एविएशन, जल संसाधन, बिजली, पर्यटन, शिपिंग, परिवहन, एनर्जी, और स्वास्थ्य जैसे विभिन्न क्षेत्रों को सीधे फायदा मिलेगा।
– यह शहरी योजना, सड़क और रेल यातायात, समुद्री गतिविधियों, और पर्यावरण की निगरानी में डेटा-आधारित निर्णय लेने को भी सुधार करेगा।
– सूखा को रोकने के लिए क्‍लाउड सीडिंग पर काम होगा, जबकि ज्‍यादा बारिश को रोकने के लिए भी काम होंगे।

किस मंत्रालय के अंतर्गत ‘मिशन मौसम’
– इसके लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत तीन प्रमुख संस्थानों को जिम्‍मा दिया गया है।
(i) भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
(ii) इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM)
(iii) नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फोरकास्टिंग (NCMRWF- राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र)
– इन्हें अन्य पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय निकायों, जैसे भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र, राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केन्द्र तथा राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।

मिशन मौसम” के महत्वपूर्ण तत्वों में शामिल हैं-
(i) उन्नत सेंसर के साथ अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रह प्रणालियों की तैनाती
(ii) उच्च प्रदर्शन वाले सुपरकंप्यूटर, उन्नत पृथ्वी प्रणाली मॉडल का विकास
(iii) वास्तविक समय डेटा साझा करने के लिए GSI-आधारित स्वचालित निर्णय समर्थन प्रणाली

मौसम संबंधी उपकरण में वृद्धि होगी
– वर्ष 2026 तक डॉपलर रडार, विंड प्रोफाइलर, रेडियोमीटर, और रेडियो सोंडे जैसे उपकरणों की संख्या में कई गुना वृद्धि की जाएगी।
– ये सभी उपकरण मौसम संबंधी जानकारी, जैसे कि सतह, हवा और समुद्रों से डेटा रिकॉर्ड करने के लिए जरूरी होते हैं।

मौसम GPT तैयार होगा
– मौसम GPT एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित भाषा मॉडल है, जो मौसम की जानकारी देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
– इसका उद्देश्य मौसम की भविष्यवाणी, वर्तमान मौसम की स्थिति, और मौसम से संबंधित अन्य जानकारियों को समझने और प्रदान करने में मदद करना है।

GPT का पूरा नाम जेनरेटिव प्री-ट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर है।
– यह एक प्रकार की आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) है जो मानव की तरह टेक्‍स्‍ट और कंटेंट और अन्‍रू सामग्री बनाने तथा प्रश्नों के उत्तर देने के लिए तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करती है।
– GPT का उपयोग कई एप्‍लिकेशन में किया जाता है, जिसमें चैटबॉट, सामग्री निर्माण और खोज शामिल हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण चैट जीपीटी है।

क्‍लाउड सीडिंग – विदेशों में इसका प्रयोग
– बारिश को दबाने और बढ़ाने की तकनीकों का उपयोग पहले से ही अमेरिका, कनाडा, चीन, रूस और ऑस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों में सीमित तरीके से क्लाउड सीडिंग, विमान का उपयोग करके किया जा रहा है।
– इनमें से कुछ देशों में फलों के बगीचों और अनाज के खेतों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ओलावृष्टि को कम करने के उद्देश्य से क्लाउड सीडिंग परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जिन्हें ओवरसीडिंग कहा जाता है।
– अब भारत में भी इसपर ज्‍यादा रिसर्च होगा और इसकी सटीकता के लिए काम किया जाएगा।

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3. भारत मौसम विज्ञान विभाग का 150वां स्‍थापना दिवस कब मनाया गया?
When was the 150th foundation day of the India Meteorological Department celebrated?

a. 12 जनवरी 2025
b. 13 जनवरी 2025
c. 14 जनवरी 2025
d. 15 जनवरी 2025

Answer: c. 14 जनवरी 2025

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
– चीफ : मृत्युंजय महापात्र
– मुख्यालय : नई दिल्ली
– स्थापना : 15 जनवरी 1875

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4. यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने वाला आजाद भारत का पहला राज्‍य कौन बना?
Which became the first state of independent India to implement Uniform Civil Code (UCC)?

a. उत्तराखंड
b. उत्‍तर प्रदेश
c. मध्‍य प्रदेश
d. बिहार

Answer: a. उत्तराखंड

– उत्तराखंड सरकार ने 27 जनवरी 2025 को UCC लागू कर दिया।
– हालांकि उत्तराखंड गोवा के बाद UCC लागू करने वाला दूसरा राज्य है लेकिन गोवा में UCC पुर्तगाली सिविल कोड के तहत लागू किया गया था।
– इसलिए उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य होगा।
– मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UCC उत्तराखंड- 2024 को लागू किए जाने के लिए वेब पोर्टल का लोकार्पण किया।

– उत्तराखंड विधानसभा में 6 फरवरी 2024 को UCC का विधेयक पेश किया गया था।
– 11 मार्च 2024 को राष्ट्रपति ने यूसीसी विधेयक को मंजूरी दी।
– 20 जनवरी 2025 को नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिली थी।

ऐसे तैयार हुआ ड्राफ्ट
– ड्राफ्ट 4 खंडों में 749 पेज का था।
– 2.33 लाख लिखित फीडबैक ऑनलाइन लिए।
– 70 से ज्‍यादा पब्लिक मीटिंग हुई।
– 60, 000 लोगों से बातचीत कर ड्राफ्ट बनाया। )

UCC क्‍या है?
– आमतौर पर देश में दो तरह के कानून होते हैं-
क्रिमिनल कानून और सिविल कानून

क्रिमिनल कानून
– इसमें चोरी, लूट, मार-पीट, हत्‍या, धोखाधड़ी जैसे आपराधिक मामलों की सुनवाई की जाती है।
– इसमें सभी धर्मों या समुदायों के लिए एक तरह की कोर्ट, प्रोसेस और सजा का प्रावधान होता है।

सिविल कानून
– इसके तहत शादी-ब्‍याह और संपत्ति से जुड़ा मामला आता है।
– भारत के अलग-अलग धर्मों में शादी, परिवार और संपत्ति से जुड़े मामलों में रीति-रिवाज, संस्‍कृति और परंपराओं का महत्‍व है।
– इस वजह से इस तरह के कानूनों को पर्सनल लॉ भी कहा जाता है।
– जैसे मुस्लिमों में शादी और संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के जरिए होता है।
– जबकि हिन्‍दुओं की शादी हिन्‍दू मैरिज एक्‍ट के जरिए होता है। इसी तरह ईसाई और सिखों के लिए भी अलग पर्सनल लॉ हैं।

UCC से राज्‍य में क्‍या बदलेगा-
– इसके जरिए पर्सनल लॉ को खत्‍म करके सभी के लिए एक जैसा कानून बनाए जाने का प्रावधान है।
– यानी उत्‍तराखंड में रहने वाले हर नागरिक के लिए निजी मामलों में भी एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्‍यों न हो।
– जैसे, पर्सनल लॉ के तहत मुस्लिम पुरुष 4 शादी कर सकते हैं, लेकिन हिन्‍दू मैरिज एक्‍ट के तहत पहली पत्‍नी के रहते दूसरी शादी करना अपराध है।
– तो एक ही कानून बन जाएगा, जिसे दोनों धर्म के लोगों को मानना पड़ेगा।
– हालांकि उत्‍तराखंड सरकार के नए कानून के ड्राफ्ट में आदिवासियों को इससे अलग रखा जा रहा है।

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5. उत्‍तराखंड सरकार के ‘समान नागरिक संहिता’ विधेयक के प्रावधान किस पर लागू नहीं होंगे?
On whom will the provisions of the Uttarakhand Government’s ‘Uniform Civil Code’ Bill not apply?

a. मुस्लिम
b. जनजाति
c. हिन्‍दू
d. जैन

Answer: b. जनजाति (tribe)

– इस विधेयक के प्रावधान जनजाति समुदायों पर लागू नहीं होंगे।
– इन जनजातियों में थारू, बोक्सा, राजी, भोटिया और जौनसारी समुदाय शामिल हैं।
– विधेयक में कहा गया है कि, “इस संहिता में निहित कोई भी बात भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 के साथ पढ़े गए अनुच्छेद 366 के खंड (25) के अर्थ के भीतर किसी भी अनुसूचित जनजाति के सदस्यों और उन व्यक्तियों के समूह पर लागू नहीं होगी, जिनके प्रथागत अधिकार भारत के संविधान के भाग 21 के तहत संरक्षित है।”

प्रावधान
लिव-इन रिलेशिनशिप के लिए नियम
– लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर रजिस्‍ट्रेशन करवाना होगा।
– इसके टर्मिनेशन (रिश्‍ता खत्‍म करने) का भी पंजीकरण करवाना होगा।
– एक महीने से ज्‍यादा समय तक बिना रजिस्‍ट्रेशन के लिव-इन में रहने पर तीन महीने तक की कैद या 10,000 रुपए तक जुर्माना या दोनों हो सकता है।

एक से अधिक व्‍यक्तियों के साथ विवाह पर प्रतिबंध
– विवाह के समय किसी भी पक्ष का जीवनसाथी जीवित न हो।
– इसके तहत द्विविवाह या बहुविवाह पर रोक लगाई गई है।
– विवाह का पंजीकरण (लोकल बॉडी में) अनिवार्य होगा।
– पुनर्विवाह के लिए किसी भी प्रकार की शर्त पर रोक रहेगी (जैसे हलाला, इद्दत)।

पुरुषों- महिलाओं की शादी की उम्र
– पुरुषों और महिलाओं के लिए विवाह योग्य आयु क्रमशः 21 और 18 वर्ष है।
– वर्जित विवाह परिभाषित किए गए, सगे और चचेरे, ममेरे भाई बहन से विवाह वर्जित होगा, लेकिन यदि किसी धर्म में पहले से ही इसका रिवाज और मान्यता है तो उन्‍हें ऐसे विवाह की इजाजत होगी।

माता-पिता की संपत्ति पर लड़कियों को समान अधिकार
– नए कानून के ड्राफ्ट में कहा गया है कि माता-पिता की संपत्ति में पुत्र और पुत्री को समान अधिकार होगा।

पत्नी की मौत पर पति उसके माता-पिता की जिम्मेदारी उठाएगा
– नए कानून में कहा गया है कि अगर पत्नी की मृत्यु हो जाती है और उसके माता पिता का कोई सहारा न हो, तो उनके भरण पोषण का दायित्व पति पर होगा।

एडॉप्शन की प्रोसेस आसान बनाई जाएगी
– नए कानून के मुताबिक सभी को एडॉप्शन का अधिकार मिलेगा। साथ ही किसी बच्चे के अनाथ होने की स्थिति में गार्जियनशिप की प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी।

उत्‍तराखंड
– मुख्‍यमंत्री : पुष्कर सिंह धामी
– राज्‍यपाल – लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह
– राजधानी – देहरादून (शीतकालीन)
गैरसैंण (ग्रीष्‍मकालीन)
– आबादी- 10,086,292 (2011)
– राजभाषा- हिंदी, संस्कृत
– प्रमुख नृत्य – छोलिया

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6. भारत की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का नाम बताएं, जिसका फील्‍ड परीक्षण जनवरी 2025 में पूरा किया?
Name the anti-tank guided missile of India, whose field testing was completed in January 2025?

a. अर्जुन
b. पृथ्‍वी
c. अमोघा 1
d. नाग एमके 2

Answer: d. नाग एमके 2

– जैसलमेर की पोकरण फील्‍ड फायरिंग रेंज में इस मिसाइल के तीन परीक्षण किए गए।
– मिसाइल सिस्‍टम ने सभी लक्ष्‍यों को सटीकता से नष्‍ट कर दिया।
– DRDO ने जनवरी 2025 में इसकी जानकारी दी।
– इसी के साथ यह मिसाइल भारतीय सेना शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
– रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि के लिए डीआरडीओ, भारतीय सेना को बधाई दी है।

नाग एमके 2
– यह तीसरी पीढ़ी की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
– यह फायर एंड फॉरगेट सिद्वांत पर काम करती है।
– यह मिसाइल हर मौसम में काम कर सकती है।
– यह दुश्‍मन के टैंक, सैन्‍य वाहनों को आसानी और सटीकता से नष्‍ट कर सकती है।
– यह इन्‍फ्रारेड टेक्निक से लेस है, जो लॉन्‍च से पहले अपने टारगेट को लॉक कर लेती है।
– इसकी मारक क्षमता चार किलोमीटर है।
– इसे DRDO ने विकसित किया है।
– इसकी लागत 300 करोड़ रुपये है।
– इसका पहला सफल परीक्षण वर्ष 1990 में किया था।
– इसके अलावा 2017, 2018, 2019 में भी ट्रायल किए गए।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO)
– अध्यक्ष : डॉ. समीर वी कामत
– स्‍थापना: 1958
– मुख्यालय: DRDO भवन, नई दिल्ली
– भारत को डिफेंस सेक्‍टर में आत्‍मनिर्भर बनाने की कोशिश में DRDO की बड़ी भूमिका है।

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7. ऑस्ट्रेलियन ओपन मेंस सिंगल्‍स 2025 का खिताब किस खिलाड़ी ने जीता?
Which player won the title of Australian Open Men’s Singles 2025?

a. एलेक्जेंडर ज्वेरेव
b. निकोला पिएट्रांगेली
c. जैनिक सिनर
d. मेट्टियो बेरेटिनी

Answer: c. जैनिक सिनर

– इटली के 23 साल के युवा खिलाड़ी जैनिक ने 26 जनवरी को हुए मुकाबले में ये खिताब जीता।
– मेलबर्न को रोड लिवर एरिना में मेंस सिंगल्स के फाइनल में उन्‍होंने जर्मनी के एलेक्जेंडर ज्वेरेव को 3 सेट में हराकर ये जीत अपने नाम की।
– 2024 से सिनर ने 3 ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए।

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8. ऑस्ट्रेलियन ओपन वूमेंस सिंगल्स 2025 का खिताब किसने जीता?
Who won the title of Australian Open Women’s Singles 2025?

a. पेत्रा क्वितोवा
b. स्लोएन स्टीफंस
c. स्वेतलाना कुजनेत्सोवा
d. मैडिसन कीज

Answer: d. मैडिसन कीज

– 29 वर्ष की अमेरिका की खिलाड़ी मैडिसन कीज ने रॉड लेवर एरिना में 25 जनवरी को हुए मुकाबले में ये खिताब अपने नाम किया।
– उन्‍होंने फाइनल में विश्व की नंबर-1 खिलाड़ी बेलारूस की एरिना सबालेंका को हराया।
– मैडिसन कीज पहला ऑस्ट्रेलियन ओपन एकल खिताब जीतने वाली दूसरी सबसे उम्रदराज महिला हैं।

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9. ऑस्ट्रेलियन ओपन मेंस डबल्स 2025 का खिताब किसने जीता?
Who won the title of Australian Open Men’s Doubles 2025?

a. हैरी हेलियोवारा और हेनरी पैटन
b. सिमोन बोलेली और हेनरी पैटन
c. हैरी हेलियोवारा और एंड्रिया वावसोरी
d. एंड्रिया वावसोरी और सिमोन बोलेली

Answer: a. हैरी हेलियोवारा और हेनरी पैटन

– फिनलैंड के हैरी हेलियोवारा और ब्रिटेन के हेनरी पैटन ने ये खिताब जीता।
– उन्‍होंने इटली के सिमोन बोलेली और एंड्रिया वावसोरी को 6-7(16), 7-6(5), 6-3 से हराया।

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10. ऑस्ट्रेलियन ओपन वूमेंस डबल्स 2025 का खिताब किसने जीता?
Who won the title of Australian Open Women’s Doubles 2025?

a. सिएह सु-वेई और जेलेना ओस्टापेंको
b. टेलर टाउनसेंड और कैटरिन सिनिआकोवा
c. इगा स्वियाटेक और टेलर टाउनसेंड
d. एलेना रयबाकिना और कैटरिन सिनिआकोवा

Answer: b. टेलर टाउनसेंड और कैटरिन सिनिआकोवा

– अमेरिका की टेलर टाउनसेंड और चेक रिपब्लिक की कैटरिन सिनिआकोवा की टॉप जोड़ी ने खिताब जीता।
– दोनों ने वर्ल्ड नंबर-3 ताइवान की सिएह सु-वेई और लात्विया की जेलेना ओस्टापेंको की जोड़ी को हराया जोड़ी को हराया।

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11. ऑस्ट्रेलियन ओपन मिकस्‍ड डबल्‍स 2025 का खिताब किसने जीता?
Who won the Australian Open Mixed Doubles 2025 title?

a. जॉन पीयर्स और किम्बर्ली बिरेल
b. ओलिविया गैडेकी और जॉन पीयर्स
c. जॉन-पैट्रिक स्मिथ और ओलिविया गैडेकी
d. किम्बर्ली बिरेल और जॉन-पैट्रिक स्मिथ

Answer: b. ओलिविया गैडेकी और जॉन पीयर्स

– आस्ट्रेलिया की वूमेन प्‍लेयर ओलिविया गैडेकी और इसी देश के मेंस प्‍लेयर जॉन पीयर्स ने 24 जनवरी को हुए मुकाबले में ये खिताब जीता।
– दोनों खिलाड़ियों ने आस्ट्रेलिया की वूमेन प्‍लेयर किम्बर्ली बिरेल और आस्ट्रेलिया के मेंस प्‍लेयर जॉन-पैट्रिक स्मिथ को हराया।

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