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1. किन दो राज्यों में सीमा विवाद के दौरान 26 जुलाई को खूनी संघर्ष में 5 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई?
a. असम और मेघालय
b. असम और पश्चिम बंगाल
c. असम और मिजोरम
d. असम और मणिपुर
Answer: c. असम और मिजोरम
असम- मिजोरम के बीच खूनी संघर्ष –
भारत के दो राज्यों के बीच सीमा विवाद इतना बढ़ गया है, जैसे कि दो देशों के बीच का झगड़ा हो।
– असम और मिजोरम की पुलिस ने एक दूसरे पर हमला किया।
– जबरदस्त फायरिंग हुई।
– बम विस्फोट हुए।
– नतीजा कि असम पुलिस के 5 जवानों की मौत हो गई। बहुत सारे पुलिसकर्मी और आम लोग घायल हुए।
– असम के चीफ मिनिस्टर हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट किया है कि मिजोरम पुलिस ने असम पुलिस के जवानों पर लाइट मशीन गन (LMG) का इस्तेमाल किया।
– दूसरी ओर मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने ट्वीटर पर गृहमंत्री को लिखा कि अमित शाह जी कृपया ध्यान दें, मिजोरम- असम टेंशन पर जल्द कुछ करना चाहिए।
– इसके बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने वीडियो ट्वीट किया, कि असम पुलिस के जवानों की मौत पर मिजोरम पुलिस वहां के लोगों के साथ कैसे जश्न मना रही है।
– इसका पलटवार मिजोरम के सीएम ने ट्वीट करके किया।
– एक तरफ दो राज्यों की पुलिस और आम लोग खूनी संघर्ष करते रहे और दूसरी ओर दोनों के चीफ मिनिस्टर खुलेआम ट्वीटर पर आरोप-प्रत्यारोप करते रहे।
– दो राज्यों के बीच यह भयानक माहौल हो गया। वह भी तब, जब गृहमंत्री अमित शाह एक दिन पहले नार्थईस्ट का दौरा करके लौटे हैं।
– मौके पर सीआरपीएफ तैनात है, फिर भी यह घटना हुई।
तो यहां बहुत से सवाल उठते हैं –
– असम और मिजोरम का सीमा विवाद क्या है? (मैप के जरिए)
– दोनों राज्यों का विवाद अंग्रेजों के समय में कैसे शुरू हुआ, जो आज भयानक हो गया।
– असम और मिजोरम के बीच इतने खराब हालत क्यों हुए?
– सीमा को लेकर दोनों राज्य की सरकारों का दावा क्या है और आम-लोगों का दावा क्या है?
– यह विवाद इतना लंबा है, तो केंद्र सरकार ने अब तक क्या किया?
– असम के साथ अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय के साथ भी किस तरह का सीमा विवाद है?
– केंद्र सरकार ने विवाद पर क्या किया?
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– आइये असम के भूगोल के बारे में कुछ जरूरी बातें जानते हैं। (असम का मैप)
– असम अपनी सीमा सात भारतीय राज्यों के साथ साझा करता है।
– इनमें पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय शामिल है।
असम के साथ दूसरे राज्यों का भी सीमा विवाद
– आपको बता दें कि मिजोरम के अलावा अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के साथ भी असम का सीमा विवाद है, जो कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
– ब्रिटिश शासन के दौरान वाला असम काफी बड़ा हुआ करता था।
– मौजूदा नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम राज्य इसी के अंतर्गत आते थे, जो एक-एक कर असम से अलग होते गए।
– विशेषज्ञ मानते हैं कि आज़ादी के बाद असम प्रोविंस (प्रांत) का विभाजन कर बनाए गए अधिकांश राज्य जैसे- मिज़ोरम, नगालैंड और मेघालय आदि को प्रशासनिक सहूलियत (administrative convenience) के हिसाब से विभाजित किया गया था।
– जो मैदानी इलाका है, वो असम में पड़ता है कमोबेश।
– जहां-जहां से पहाड़ शुरू होते दिखते हैं, वहां से अन्य राज्यों की सीमा शुरू होती है, जैसे अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम।
– ज़मीनी स्तर पर ये सीमाएँ अभी भी जनजातीय क्षेत्रों (आदिवासी) और पहचानों के साथ मेल नहीं खाती हैं, जिसके कारण इस क्षेत्र में बार-बार क्षेत्रीय विवाद पैदा होता है और यहाँ की शांति भंग होती है।
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कैसे बना मिजोरम
– मौजूदा नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम राज्य इसी के अंतर्गत आते थे, जो एक-एक कर असम से अलग होते गए।
– आजादी के बाद भी कई वर्षों तक मिजोरम, असम का ही हिस्सा बना रहा, लुशाई हिल्स (Lushai Hills) जिले के रूप में।
– इसके बाद मिजोरम को भारत से अलग करने के लिए स्थानीय संगठन ‘मिजो नेशनल फैमिन फ्रंट’ ने सशस्त्र विद्रोह किया।
– माना जाता है कि ऐसा चीन और पाकिस्तान के उकसावे पर हुआ।
– तब 1971 में भारत सरकार ने असम के ‘मिजो हिल्स’ जिले को मिजोरम एक केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।
– बाद में शांति बहाल हुई और 1987 को मिजोरम पूर्ण राज्य बन गया।
– इसके बाद ‘मिजो नेशनल फैमिन फ्रंट’ का नाम बदलकर ‘मिजो नेशनल फ्रंट’ कर दिया गया, जो एक पॉलिटिकल पार्टी बन गई।
– अभी यहां पर इसी पार्टी की सरकार है और चीफ मिनिस्टर जोरमथांगा हैं।
वर्ष 1875 और 1933 का असम-मिजोरम विवाद
– पूरा विवाद समझने के लिए 146 साल पहले जाना पड़ेगा।
– असम और मिज़ोरम के बीच क्षेत्रीय विवाद मुख्य तौर पर ब्रिटिश काल में जारी दो अधिसूचनाओं (नोटिफिकेशन) के कारण क्रिएट हुआ है।
– दरअसल अंग्रेजों ने (ब्रिटिश सरकार ने बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन अधिनियम, 1873 के तहत) सबसे पहले 1875 में एक अधिसूचना जारी की।
– इसके जरिये लुशाई हिल्स (अब मिजोरम) को कछार (वर्तमान में असम का एक जिला) के मैदानी इलाकों से अलग कर दिया गया था।
– इसके बाद सामने आई 1933 की अधिसूचना, जिसमें एक बार फिर से कछार (असम का जिला) और लुशाई हिल्स (अब मिजोरम) के बीच सीमा का निर्धारण किया गया।
– मिजोरम को यह सीमांकन मंजूर नहीं है।
– मिजोरम के लोगों का कहना है कि 1933 की अधिसूचना में मिजो
समाज से किसी तरह का परामर्श ही नहीं लिया गया।
– अब इसी बात को लेकर मिजोरम नाराज है और मौजूदा सीमा निर्धारण मानने को तैयार नहीं है।
– इसी आधार पर मिजोरम, असम के 509 वर्ग मील के हिस्से पर यह कहकर दावा करता है कि पड़ोसी राज्य ने इस पर कब्ज़ा कर लिया है।
– दोनों राज्यों के बीच इस सीमा के विस्तार को लेकर विवाद है।
असम मिजोरम के बीच वर्तमान सीमा विवाद
– मिजोरम और असम आपस में 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
– असम के कछार और हाइलाकांडी ज़िलों से मिज़ोरम की सीमा लगती है।
– लेकिन जो लकीर नक्शे पर साफ नजर आती है, उसको लेकर जमीन पर उतनी क्लैरिटी नहीं है।
– इस वजह से झगड़ा होता ही रहता है।
– एक और बात कि, पहाड़ी इलाकों में कृषि के लिए ज़मीन बहुत कम है और बड़ी मेहनत के बाद ही ढलानों पर खेती हो पाती है।
– इसीलिए ज़मीन के छोटे से टुकड़े की अहमियत बहुत बड़ी होती है।
– इस विवाद में दोनों पक्षों को समर्थन मिलता है अपने यहां के प्रशासन और पुलिस का।
– इसी के साथ, समय-समय पर एक राज्य का प्रशासन जिस इलाके को अपना मानता है, उसे दूसरे पक्ष के लोगों से खाली कराता रहता है।
– कहीं-कहीं ये भी देखने को मिलता है कि ज़मीन पर अपने दावे को लेकर एक तरफ की सरकार जब सड़क और स्कूल जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाती है, तब उसे दूसरे पक्ष की सरकार रोकने आ जाती है।
– काफी पहले यहां यहां पर सीआरपीएफ की भी टुकड़ियां तैनात कर दी गई थी।
– लेकिन जमीन विवाद में दोनों राज्यों के आम लोग और फिर पुलिस भी एक – दूसरे पर भिड़ गई।
– नतीजा है कि 26 जुलाई 2021 को असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई।
– बीती 10 जुलाई को हुई झड़प के दौरान मिजोरम के आदिवासी लोगों पर अत्याचार का आरोप लगाया है.
– यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक जा पहुंचा।
आईएलपी प्रणाली से 4 राज्यों में सीमा विवाद
– कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्रणाली भी असम के साथ कम से कम चार राज्यों के सीमा विवाद का प्रमुख कारण है।
– अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर में इनर लाइन परमिट प्रणाली लागू है।
– इसके बिना बाहर का कोई शख्स इन राज्यों में नहीं पहुंच सकता। इसके अलावा वह परमिट में लिखी अवधि तक ही वहां रुक सकता है, लेकिन उन राज्यों के लोग बिना रोकटोक के असम में आवाजाही कर सकते हैं।
26 जुलाई 2021 को क्या हुआ?
– असम सरकार का कहना है कि वह अपने इलाके (विवादित इलाके) में रोड कंस्ट्रशन का काम करवा रही था।
– इस दौरान मिजोरम की पुलिस चौकी की ओर से आम लोगों का हमला हुआ।
– इसके बाद असम के IG, DIG, DC, SP वहां पहुंचे।
– तब माहौल बिगड़ गया।
– दोनों ओर से फायरिंग हुई। नतीजा हुआ कि असम के 5 जवानों की मौत हो गई।
– दूसरी ओर मिजोरम सरकार का कहना है कि असम पुलिस ने सीआरपीएफ की पोस्ट को पार करके मिजोरम में घुसने की कोशिश की और फायरिंग की।
केंद्र सरकार ने विवाद पर क्या किया?
– अलग-अलग समय पर विवादों में केंद्र इस मामलें में हस्तक्षेप करता है, लेकिन स्थाई समाधान नहीं निकला है।
– केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 24 जुलाई को दो दिनों के पूर्वोत्तर दौरे के लिए पहुंचे।
– 25 जुलाई को शिलॉन्ग में एक बैठक हुई जिसमें गृह मंत्री के साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए।
– इस बैठक में भी सीमा विवाद का मुद्दा उछला और जोरमथंगा ने कह दिया कि नगालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम जैसे राज्यों को बनाते वक्त अंग्रेज़ों के ज़माने से चले आ रहे भूमि विवादों को सुलझाया नहीं गया।
– जोरमथंगा ने असम का नाम लेकर कहा कि जिस इलाके को वह अपनी सीमा में बता रहा है, उससे तकरीबन 100 सालों से मिज़ों लोग जुड़े हुए हैं।
– वो यहां वनोपज इकट्ठा करते हैं, स्थायी और अस्थायी रूप से खेती करते हैं।
– असम ने इन इलाकों पर अपना दावा करना हाल ही में शुरू किया है, जबसे बराक वैली में बड़े पैमाने पर बाहर से प्रवासी आने लगे।
– ज़ोरमथंगा पूर्वी पाकिस्तान और बाद में बांग्लादेश से आए प्रवासियों की तरफ इशारा कर रहे थे।
– माने ये मुद्दा सिर्फ भूमि विवाद भर का नहीं है. भूमि पर रहने या कब्ज़ा करने वाले की सांस्कृतिक पहचान क्या है, उसका भी है।
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2. पेगासस जासूसी मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने वाले पहले राज्य का नाम बताएं?
a. बिहार
b. उत्तर प्रदेश
c. मध्य प्रदेश
d. पश्चिम बंगाल
Answer: d. पश्चिम बंगाल
– इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए जासूसी के मामले की जांच पश्चिम बंगाल का आयोग करेगा।
– पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी ने 26 जुलाई को यह ऐलान किया।
– ममता ने कहा कि, हमें उम्मीद थी कि केंद्र इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई करेगा या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
– इजराइली सॉफ्टवेयर के जरिए नागरिकों से लेकर न्यायपालिका तक को सर्विलांस पर रखा गया।
न्यायिक जांच आयोग में कौन शामिल?
– कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस मदन भीमराव,
– पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
– पेगागसस जासूसी केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
– जनहित याचिका, मनोहर लाल शर्मा नामक वकील ने दायर की है।
– याचिका में कहा गया है कि इजराइली स्पायवेयर के जरिए भारतीय नागरिकों की निगरानी की जा रही थी। ये अपराध है।
– याचिकाकर्ता ने मांग की है कि कोर्ट की निगरानी में एक समिति बनाकर इसकी जांच कराई जाए।
– याचिका में कहा गया है कि, पेगासस के जरिए किसी की जासूसी करना संविधान की कई धाराओं का उल्लंघन है। उनके मुताबिक बिना किसी कानूनी मंजूरी के ऐसे सॉफ्टवेयर खरीदना सरकारी पैसे की बर्बादी है।
इजरायल और फ्रांस में जांच शुरू
– पेगासस मामले को सामने लाने वाली संस्था ‘फॉरबिडन स्टोरीज’ है, जिसने दुनियाभर के 16 मीडिया समूह ने मिलकर किया था।
– 10 देशों में नेताओं, अफसरों और पत्रकारों के फोन की जासूसी की जा रही थी।
– इस जासूसी कांड में अब तक भारत के भी 38 पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी नेता, 2 मंत्री और एक जज के बारे में संभावित नाम सामने आया है।
– भारत सरकार ने इस मामले में जांच से इंकार कर दिया है, लेकिन फ्रांस और इजरायल में में इस मामले की जांच भी शुरू हो गई है।
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3. यूनेस्को ने 800 साल पुराने ‘रमप्पा मंदिर’ को विश्व विरासत स्थल (World heritage site) सूची में शामिल किया, यह किस राज्य में स्थित है?
a. उत्तर प्रदेश
b. तेलंगाना
c. मिजोरम
d. कर्नाटक
Answer: b. तेलंगाना
– रमप्पा मंदिर को काकातिया रुद्रश्वेर मंदिर भी कहते हैं।
– यह तेलंगाना के मुलुगू जिले के पालमपेट में मौजूद है।
– मंदिर 13वीं सदी का है।
– मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
क्या है मंदिर का इतिहास
– तेलंगाना के काकतिया वंश के महाराजा गणपति देव ने सन् 1213 में इन मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था।
– मंदिर के शिल्पकार रामप्पा के काम को देखकर महाराजा गणपति देव काफी प्रसन्न हुए थे और इसका नाम रामप्पा के नाम पर रख दिया था।
– रामप्पा को मंदिर निर्माण में 40 साल का समय लगा था।
– छह फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर बने इस शिव मंदिर की दीवारों पर महाभारत और रामायण के दृश्य देखे जा सकते हैं।
– इस मंदिर में शिव, श्री हरि और सूर्य देवता की प्रतिमाएं स्थापित हैं।
– मंदिर में भगवान शिव के वाहन नंदी की भी एक मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई नौ फीट है।
– यह हजार खंभों पर बना प्राचीन वास्तु शिल्प का बेजोड़ नमूना है।
आपदाएं झेलने के बाद भी है मजबूत
– उस दौर (800 साल पहले) में बने भारत के ज्यादातर मंदिर अब खंडहर में तब्दील हो चुके हैं, लेकिन कई प्राकृतिक आपदाएं झेलने के बाद भी इस प्रसिद्ध मंदिर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है। शिवरात्रि के दौरान इस मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
तैरने वाले पत्थरों से बना है मंदिर
– जब पुरातत्व वैज्ञानिकों ने मंदिर के पत्थर को काटा, तब पता चला कि यह पत्थर वजन में काफी हल्के हैं।
– मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुरातत्वविदों ने पत्थर के टुकड़े को पानी में डाला, तब वह टुकड़ा पानी में तैरने लगा।
– पानी में तैरते पत्थर को देखकर मंदिर की मजबूती का राज पता चला।
UNESCO- United Nations Educational, Scientific and Cultural Organisation
तेलंगाना के सीएम – के चंद्रशेखर राव
राज्यपाल – तमिलसाई सौंदरराजन
केंद्रीय संस्कृति मंत्री- जी किशन रेड्डी
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4. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई 2021 को इस्तीफा दे दिया, वह कितनी बार सीएम रहे?
a. एक बार
b. तीन बार
c. चार बार
d. छह बार
Answer: c. चार बार
– वह कभी भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
कब कब रहे सीएम
– सबसे पहले 12 नवंबर 2007 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने, लेकिन महज सात दिन बाद 19 नवंबर 2007 को ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
– दूसरी बार 30 मई 2008 को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते इस बार 4 अगस्त 2011 को इस्तीफा दिया।
– तीसरी बार 17 मई 2018 को मुख्यमंत्री बने और फिर महज छह दिन बाद 23 मई 2018 को इस्तीफा हो गया।
– चौथी बार 26 जुलाई 2019 को मंख्यमंत्री बने और ठीक दो साल बाद इस्तीफा दे दिया।
लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़
– कर्नाटक में 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और येदियुरप्पा की लिंगायत समुदाय पर मजबूत पकड़ है।
– कर्नाटक की 17 प्रतिशत आबादी लिंगायत है।
– बीते दिन ही विभिन्न लिंगायत मठों के 100 से अधिक संतों ने येदियुरप्पा से मुलाकात कर उन्हें समर्थन की पेशकश की थी। संतों ने भाजपा को चेतावनी दी थी कि अगर उन्हें हटाया गया, तो परिणाम भुगतने होंगे।
– येदियुरप्पा लिंगायत जाति के कद्दावर नेता हैं। वे कर्नाटक की राजनीति के धुरंधर हैं। फिलहाल उनके कद का नेता कांग्रेस या अन्य किसी पार्टी के पास भी नहीं है।
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5. नेशनल प्रोटीन सप्ताह कब मनाया जा रहा है?
a. 20 से 27 जुलाई
b. 22 से 35 जुलाई
c. 24 से 30 जुलाई
d. 25 से 31 जुलाई
Answer: c. 24 से 30 जुलाई
– प्रोटीन को बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ लाइफ भी कहा जाता है।
– रोजाना कम से कम 48 ग्राम प्रोटीन लेना जरूरी है, लेकिन भारतीयों के खानपान में प्रोटीन की मात्रा इससे काफी कम है।
– औसतन, एक इंसान का जितना वजन होता है, उसे उतने ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। जैसे- आपका वजन 60 किलो है तो रोजाना डाइट में 60 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए।
प्रोटीन कैसे काम करता है?
– आसान भाषा में समझें तो यह स्किन और मांसपेशियों में होने वाली टूट-फूट को रिपेयर करता है।
– इंसान के शरीर में एक लाख तरह के प्रोटीन होते हैं।
– इनमें हीमोग्लोबिन, किरेटिन और कोलेजन जैसे प्रोटीन शामिल हैं। जिनका शरीर के अलग-अलग हिस्सों से कनेक्शन है।
प्रोटीन के फायदे
– प्रोटीन लेना जरूरी है, क्योंकि यह रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
– हड्डियों और मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग बनाने का काम भी यही प्रोटीन करता है।
– यह हार्मोन का लेवल नहीं बिगड़ने देता। इसके साथ बाल, नाखून और स्किन को सेहतमंद रखता है।
कोरोना काल में प्रोटीन की ज्यादा जरूरत
– कोविड-19 इन्फेक्शन से लोगों में बेहद कमजोरी आ जाती है, ऐसे मेंकमजोर हो चुकी मांसपेशियों और रोगों से लड़ने वाले इम्यून सिस्टम के लिए एक्सपर्ट प्रोटीन लेने की सलाह दे रहे हैं।
– प्रोटीन की कमी होने पर मरीज थकान, कमजोरी, चलने-फिरने में दिक्कत और अनिद्रा से जूझ रहे हैं।
प्रोटीन का बेहतर जरिया
– पीनट बटर
– मछली
– दालें
– चना
– चिकन
– दही
– बादाम
– ड्राय फ्रूट्स
– अंडा
– कद्दू के बीज
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6. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance – ISA) में कौन सा देश जुलाई 2021 में शामिल हुआ?
a. स्वीडन
b. स्विटजरलैंड
c. संयुक्त अरब अमीरात
d. नार्वे
Answer: a. स्वीडन
– स्वीडन ने 23 जुलाई 2021 को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के लिए रूपरेखा समझौते की पुष्टि की है।
– भारत में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलिन ने कहा कि स्वीडन अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुड़कर खुश है।
– आपको बता दें कि अप्रैल 2018 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम का दौरा किया था।
– इस दौरे के दौरान स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लफ्वेन और नरेंद्र मोदी के बीच सहमति बनी थी कि दोनों देश एक स्थायी भविष्य के लिए साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
अन्तरराष्ट्रीय सौर गठबन्धन क्या है?
– ISA के महानिदेशक अजय माथुर हैं।
– इसकी बुनियाद भारत और फ्रांस ने 30 नवंबर 2015 को पेरिस में रखी थी।
– इसका मुख्यालय गुरुग्राम (भारत) में है।
– इस संगठन में सभी देश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में मिलकर काम करते हैं।
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7. कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) कब मनाया जाता है?
a. 28 जुलाई
b. 27 जुलाई
c. 26 जुलाई
d. 25 जुलाई
Answer: c. 26 जुलाई
– वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में सैनिकों द्वारा दिए बलिदान को याद करने के लिए हर साल 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है।
– यह 60 दिनों से अधिक (मई और जुलाई 1999 के बीच) के लिए लड़ा गया था और अंत में भारत ने अपने सभी क्षेत्रों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया।
– ये युद्ध 26 जुलाई 1999 को खत्म हुआ था।
– कारगिल-द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्रों को वापस लेने के लिए भारतीय सेना ने‘ऑपरेशन विजय’ चलाया था।
– वर्ष 2021 में देश कारगिल युद्ध की जीत के 22 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है।
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8. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security – BCAS) का महानिदेशक (Director General) किसे नियुक्त किया गया है?
a. नासिर कमल
b. फहीम खान
c. अनंत जैन
d. अमित किशोर
Answer: a. नासिर कमल
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 24 जुलाई 2021 को नासिर कमल को BCAS के DG के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है।
– उनका कार्यकाल 31 जुलाई 2022 तक रहेगा।
– नासिर कमल 1986 बैच के उत्तर प्रदेश कैडर के IPS अधिकारी रहे हैं।
– उन्होंने राष्ट्रीय अपराध विज्ञान और फोरेंसिक विज्ञान संस्थान के निदेशक के रूप में कार्य किया है।
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9. विश्व ड्राउनिंग प्रिवेन्शन दिवस (World Drowning Prevention Day) कब मनाया जाता है?
a. 25 जुलाई
b. 26 जुलाई
c. 27 जुलाई
d. 28 जुलाई
Answer: a. 25 जुलाई
– यह दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प (UN General Assembly Resolution) “वैश्विक डूबने की रोकथाम के माध्यम से घोषित किया गया।
– यानि आपदा, नदी, तालाब, कुओं में डूबने से जो मौत होती हैं उन्हें रोकने का ये दिवस है।
– इसका उद्देश्य ऐसी आपदाओं को रोकने के लिए जीवन रक्षक समाधान देना भी है।
– संयुक्त राष्ट्र के डेटा का अनुमान है कि हर साल 2,36,000 लोग डूबते हैं।
– इनमें से 90 प्रतिशत लोगों के डूबने का मामला मिडिल इनकम कंट्रीज में होता है।
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10. किस राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में ‘आपदा प्रबंधन’ विषय को अनिवार्य विषय बनाने की घोषणा की है?
a. ओडिशा
b. तेलंगाना
c. केरल
d. तमिलनाडु
Answer: a. ओडिशा
– ओडीशा कैबिनेट ने यह फैसला किया।
– ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि राज्य में हर किसी को आपदाओं की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
– जैसे कि बार-बार आने वाले चक्रवात और कोरोनावायरस महामारी भी।
– चक्रवात यास ने 26 मई को राज्य में भारी बारिश, घरों को नुकसान पहुंचाने, खेतों को नष्ट करने और विद्युत नेटवर्क बाधित करने जैसे कार्य किए थे।
– इसलिए इनके बारे में विद्यार्थियों को पढ़ाना जरूरी है।