26 & 27 जनवरी 2025 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्‍वपूर्ण

यह 26 & 27 जनवरी 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. 26 जनवरी 2025 को कौन सा वां गणतंत्र दिवस मनाया गया?
On January 26, 2025, which Republic Day was celebrated?

a. 74वां
b. 75वां
c. 76वां
d. 77वां

Answer: c. 76वां

– भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।
– इसी तारीख को गणतंत्र हुआ था और पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था।
– वर्ष 2025 में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया।
– मुख्‍य समारोह कर्तव्‍य पथ पर हुआ, जहां राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया।

गणतंत्र (Republic) का मतलब
– यह सरकार का एक रूप है, जहां जनता या उनके चुने हुए प्रतिनिधि सत्ता संभालते हैं।
– एक गणतंत्र में, राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री और अन्य राजनेता लोगों द्वारा चुने जाते हैं, और कोई राजा या रानी नहीं होती है। आधुनिक गणतंत्र इस विचार पर आधारित हैं कि संप्रभुता लोगों की है।
– यह दिन भारत द्वारा आधिकारिक तौर पर अपना संविधान अपनाने और इसे एक संप्रभु गणराज्य बनाने की वर्षगांठ का प्रतीक है।

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2. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह (26 जनवरी 2025) की थीम बताएं?
What is the theme of 76th Republic Day celebration (26 January 2025)?

a. ‘विकसित भारत’ और ‘भारत : लोकतंत्र की मातृका’
b. ‘विकसित भारत’ और ‘भारत : दुनिया का पहला गणतंत्र’
c. गणतंत्र भारत : लोकतंत्र की माता
d. ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’

Answer: d. ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’
(‘Swarnim Bharat: Virasat aur Vikas’)

नोट – पिछली बार (2024) की थीम – ‘विकसित भारत’ और ‘भारत : लोकतंत्र की मातृका’ (“Viksit Bharat” and “Bharat: Loktantra ki Matruka”)

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3. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्‍य अतिथि कौन थे?
Who was the chief guest at the 76th Republic Day celebration?

a. ब्‍लादिमीर पुतिन
b. प्रबोवो सुबियांटो
c. जो बाइडेन
d. इमैनुएल मैक्रों

Answer: b. प्रबोवो सुबियांटो (इंडोनेशिया के राष्ट्रपति)

– सुबियांटो की यह भारत की पहली राजकीय यात्रा थी।
– वह गणतंत्र दिवस समारोह 2025 में मुख्य अतिथि बनने वाले चौथे इंडोनेशियाई राष्ट्रपति हैं।

इंडोनेशियाई नेता कब कब मुख्‍य अतिथि बने?
1. 1950 : सुकर्णो गणतंत्र (प्रथम राष्ट्रपति)
2. 2011 : सुसीलो बामबांग युधोयोनो (तत्‍कालीन राष्ट्रपति)
3. 2018 : जोको विडोडो (तत्‍कालीन राष्ट्रपति) [वह 10 आसियान देशों के नेताओं के साथ पहुंचे थे]
4. 2025 : प्रबोवो सुबियांटो (राष्‍ट्रपति)

गणतंत्र दिवस के पिछले मुख्‍य अतिथि
– 2025 : इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो
– 2024 : फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों
– 2023 : मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी
– 2021 / 2022 : कोई नहीं (वजह : कोविड-19 महामारी)
– 2020 : ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो
– 2019 : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा
– 2018 : सभी 10 आसियान देशों के नेता
– 2017 : (UAE के वर्तमान राष्‍ट्रपति) शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान
– 2016 : तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद
– 2015 : तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा

इंडोनेशिया
– राजधानी : जकार्ता
– प्रस्‍तावित राजधानी : नूसंतारा
– राष्‍ट्रपति : प्रबोवो सुबियांटो
– मुद्रा : इंडोनेशियाई रुपिया

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4. 76वें गणतंत्र दिवस परेड समारोह में भारतीय राष्‍ट्रपति और इंडोनेशियाई राष्‍ट्रपति ने कर्तव्‍य पथ तक इनमें से किसकी सवारी की?
Which of the following did the Indian President and Indonesian President ride on to the Kartavya Path during the 76th Republic Day Parade ceremony?

a. घोड़े से खींची जाने वाली ऐतिहासिक बग्‍घी
b. ऊंट से खींची जाने वाली ऐतिहासिक बग्‍घी
c. एक सुंदर बैल गाड़ी
d. हाई सिक्योरिटी वाली कार

Answer: a. घोड़े से खींची जाने वाली ऐतिहासिक बग्‍घी

– इससे पहले वर्ष 2024 के 75वें गणतंत्र दिवस में इस ऐतिहासिक बग्‍घी का इस्‍तेमाल 40 वर्ष बाद हुआ था, इससे पहले इसे 1984 के गणतंत्र दिवस में बग्‍घी का प्रयोग हुआ था।
– 76वें गणतंत्र दिवस (26 जनवरी 2025) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पारंपरिक बग्घी में बैठकर राष्ट्रपति भवन से कर्तव्य पथ पर पहुंची।
– चीफ गेस्ट इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो भी इस बग्घी में सवार थे।
– 2024 से पहले 1984 में बग्‍घी का प्रयोग गणतंत्र दिवस में हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इस बग्घी की जगह हाई सिक्योरिटी वाली कार ने ले लिया था।
– हालांकि 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट में 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बग्‍घी का इस्‍तेमाल शुरू किया था। इसके बाद रामनाथ कोविंद ने भी इसका इस्‍तेमाल किया।
– लेकिन 2024 में मुख्‍य आयोजन में इसका फिर से इस्‍तेमाल शुरू हुआ था। तब राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ इस बग्‍घी से कर्तव्‍य पथ पर पहुंची थी।

बग्‍घी के बारे में
– आजादी के बाद यह बग्घी पाकिस्तान से टॉस जीतकर भारत को मिली थी।
– सोने की परत चढ़ी, घोड़ों से खींची जाने वाली ये छोटी गाड़ी, यानी बग्घी मूल रूप से भारत में ब्रिटिश राज के दौरान वायसराय की थी।
– 1947 में आजादी के बाद गवर्नर जनरल के बॉडीगार्ड, जिन्हें अब राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड के रूप में जाना जाता है, को 2:1 के अनुपात में भारत-पाकिस्तान के बीच बांट दिया गया।
– जब वायसराय की बग्घी की बारी आई तो दोनों देश इस पर अपना दावा ठोकने लगे।
– आखिरकार इसका फैसला टॉस से हुआ।
– राष्ट्रपति के बॉडीगार्ड रेजिमेंट के पहले कमांडेंट लेफ्टिनेंट कर्नल ठाकुर गोविंद सिंह और पाकिस्तानी सेना के साहबजादा याकूब खान के बीच बग्घी को लेकर टॉस हुआ।
– इसमें जीत भारत की हुई और इस तरह ये बग्घी भारत को मिल गई।

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5. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में किस विदेशी सेना ने भी ‘कर्तव्‍य पथ’ पर परेड में हिस्‍सा लिया?
Which foreign army also took part in the parade on the ‘Kartavya Path’ in the 76th Republic Day celebrations?

a. बांग्‍लादेश
b. इंडोनेशिया
c. फ्रांस
d. जर्मनी

Answer: b. इंडोनेशिया

– परेड में इंडोनेशियाई सेना के मार्चिंग दस्ते और म्यूजिक बैंड दस्ते ने हिस्‍सा लिया।
– बैंड का नाम जेंडरंग सुलिंग कांका लोकानंता था।

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6. गणतंत्र दिवस पर इंडोनेशियाई राष्‍ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच किन क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्‍ताक्ष्‍र हुए?
In which areas several agreements were signed between the two countries during the visit of Indonesian President to India on Republic Day?

a. संस्कृति, स्वास्थ्य
b. स्वास्थ्य, समुद्री
d. सुरक्षा
d. उपरोक्‍त सभी

Answer: d. उपरोक्‍त सभी

– इंडोनेशिया और भारत ने 25 जनवरी 2025 को संस्कृति, स्वास्थ्य, समुद्री, सुरक्षा और डिजिटल क्षेत्रों को कवर करने वाले कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
– राष्ट्रपति प्रबोवो ने कहा कि उनकी सरकार भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी में तेजी लाएगी तथा दीर्घकालिक सहयोग को प्राथमिकता देगी।
– प्रबोवो के भाषण से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश रक्षा विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुधार के लिए मिलकर काम करेंगे।

भारत – इंडोनेशिया के संबंध

भारत और इंडोनेशिया के बीच रिश्‍ते में उतार-चढ़ाव
– सुकर्णो और प्रबोवो सुबियांतो के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के 75 वर्षों के दौरान, दोनों देशों के बीच संबंधों में उतार-चढ़ाव आते रहे हैं।

नेहरू ने इंडोनेशिया की आजादी में मदद की
– 1940 के दशक के आखिर में साम्राज्यवाद के खिलाफ़ साझा प्रतिबद्धता और साझा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के दम पर दोनों देशों के बीच संबंधों में तेज़ी से सुधार हुआ था।
– इंडोनेशिया ने 1945 में स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन डचों (नीदरलैंड) ने औपचारिक रूप से देश की संप्रभुता को 1949 में ही मान्यता दी।
– जवाहरलाल नेहरू, इंडोनेशियाई स्वतंत्रता के समर्थन में अग्रणी वैश्विक राजनेताओं में से एक थे।
– 1946 में अंतरिम सरकार का कार्यभार संभालने के बाद, नेहरू ने एक रेडियो प्रसारण में कहा कि “भारत की विदेश नीति का मूल उद्देश्य पूरे एशिया में उपनिवेशवाद का अंत करना होगा” और वह इंडोनेशियाई राष्ट्रवादियों की “हर संभव तरीके से मदद और समर्थन” करेंगे।
– राष्ट्रवादी विद्रोहियों को आपूर्ति और मानवीय सहायता भेजने के साथ-साथ, नेहरू ने 1947 में डच एयरलाइनों को भारत के ऊपर से उड़ान भरने से प्रतिबंधित कर दिया।
– जुलाई 1947 में, नेहरू ने इंडोनेशिया के प्रधानमंत्री सुतन सजहिर और उपराष्ट्रपति मोहम्मद हट्टा को वहां से निकालने के लिए एक युवा बीजू पटनायक को जकार्ता भेजा था।
– पटनायक ने डच विमान-रोधी गोलाबारी को चकमा देकर दोनों को नई दिल्ली पहुंचाया, जहां से वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इंडोनेशिया के पक्ष का प्रतिनिधित्व करने के लिए पश्चिम की ओर रवाना हुए।
– दिसंबर 1949 में डच द्वारा इंडोनेशिया की स्वतंत्रता को औपचारिक रूप से मान्यता दिए जाने के बाद, इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो स्वाभाविक रूप से भारत के समर्थन के लिए आभारी थे। इसके बारे में उन्‍होंने खुद ‘द हिन्‍दू’ न्‍यूजपेपर में लेख भी लिख था।
– इसके बाद 1950 में भारत के प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह में इंडोनेशिया के प्रथम राष्‍ट्रपति सुकर्णो को आमंत्रित किया गया था।

संबंध बिगड़े, जब चीन और पाकिस्‍तान के करीब पहुंचा इंडोनेशिया
– 1960 के दशक में इंडोनेशिया के चीन और पाकिस्तान के साथ नज़दीकी बढ़ने के कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में गिरावट आई।
– जब चीन ने 1962 में भारत पर आक्रमण किया, तो इंडोनेशिया ने अपने साथी गुटनिरपेक्ष देशों के साथ बहुत कम सहानुभूति दिखाई – एकजुटता तो दूर की बात है।
– और जब भारत के साथ संबंध खराब हो रहे थे, तो इंडोनेशिया, पाकिस्‍तान के करीब चला गया।
– सुकर्णो ने 1963-64 में कई बार पाकिस्तान का दौरा किया, क्योंकि जकार्ता ने धीरे-धीरे कश्मीर के मामले में अपनी तटस्थता को त्याग दिया था।
– संबंध इतने खराब हुए कि सितंबर 1965 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ा, तो इंडोनेशिया के विदेश मंत्री सुबांद्रियो ने घोषणा की: “नए उभरते हुए ताकतों से जुड़े सभी देशों का यह दायित्व है कि वे भारत के आक्रमण का सामना करने के लिए पाकिस्तान को सहायता दें।” युद्ध के दौरान, इंडोनेशिया ने न केवल इस्लामाबाद को हथियार दिए, बल्कि उसके नेताओं ने इंडोनेशियाई लोगों के बीच भारत विरोधी भावनाओं को भी हवा दी, जिसकी परिणति जकार्ता में भारतीय दूतावास पर भीड़ के हमले के रूप में हुई।
– हालांकि तब तक राष्‍ट्रपति सुकर्णों की स्थिति इंडोनेशिया में गड़बड़ाने लगी।

चीन से दूर हुआ इंडोनेशिया तब भारत से संबंध बढे
– घरेलू स्तर पर, सुकर्णो ने लंबे समय तक सेना, कम्युनिस्टों और खुद के बीच शक्ति का एक अस्थिर संतुलन बनाए रखा था।
– 1965 में वामपंथी तख्तापलट के प्रयास ने चीजों को बदल दिया।
– सेना ने क्रूरता से जवाब दिया, और कम्युनिस्टों का लगभग सफाया हो गया। इससे सुकर्णो कमजोर हो गए, और 1966 तक उन्होंने प्रभावी रूप से जनरल सुहार्तो को सारी शक्ति सौंप दी, जो एक कट्टर कम्युनिस्ट विरोधी थे। जनरल सुहार्तो को संयुक्त राज्य अमेरिका का समर्थन प्राप्त था।
– इस घटना ने चीन और इंडोनेशिया के गठजोड़ को प्रभावी रूप से तोड़ दिया।
– इसके बाद सुहार्तो ने तुरंत ही उन कई संबंधों को सुधारने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया जिन्हें सुकर्णो शासन ने नुकसान पहुंचाया था, जिसमें भारत के साथ संबंध भी शामिल थे। भारत ने भी इसका सकारात्‍मक जवाब दिया और 1967 में कई व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

‘पूर्व की ओर देखो’ (Look East) और उससे आगे
– संबंधों में वास्तविक प्रगति 1990 के दशक में ही हुई, जब पी.वी. नरसिंह राव सरकार ने ‘पूर्व की ओर देखो’ (Look East) नीति शुरू की।
– उस वक्‍त सोवियत संघ अब इतिहास बन चुका है, इसलिए भारत को जल्दी से जल्दी नए दोस्त तलाशने थे।
– 1991 में जब भारत आर्थिक उदारीकरण की दिशा में आगे बढ़ा, तो व्यापार और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने का ऐसा अवसर मिला, जैसा पहले कभी नहीं था।
– इन परिस्थितियों में ‘ लुक ईस्ट’ नीति का जन्म हुआ जिसका उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करना था, जो उस समय दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में उभर रहे थे।
– 2014 में, नरेंद्र मोदी सरकार ने अधिक परियोजना- और परिणाम-उन्मुख ‘एक्ट ईस्ट’ नीति की शुरुआत करके चीजों को अगले स्तर पर ले लिया।

भारत – इंडोनेशिया में आर्थिक संबंध
– इंडोनेशिया आज आसियान क्षेत्र में भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है (सिंगापुर के बाद)।
– द्विपक्षीय व्यापार 2005-06 में 4.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 38.84 बिलियन डॉलर और 2023-24 में 29.40 बिलियन डॉलर हो गया है।
– भारत क्‍या आयात करता है : कोयला, कच्‍चा पाम ऑयल, खनिज (Mineral), रबर, लुगदी और कागज, और हाइड्रोकार्बन। (भारत, इंडोनेशिया से कोयले का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार और कच्चे पाम तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।)
– भारत क्‍या निर्यात करता है : रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट, कॉमर्शियल व्‍हीकल, टेलिकम्‍युनिकेशन इक्‍यूपमेंट, कृषि वस्तुएं, साँड़ का मांस (bovine meat), इस्पात उत्पाद और प्लास्टिक आदि।
– हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि संबंधों को और बेहतर बनाने की अभी भी बहुत गुंजाइश है। भारत की एक्ट ईस्ट नीति और इंडो-पैसिफिक को भारत द्वारा दिए जाने वाले महत्व के बावजूद, इंडोनेशिया के साथ भारत की साझेदारी अपनी क्षमता से काफी नीचे है।

ब्रिक्‍स का 10वां सदस्‍य है इंडोनेशिया
– भारत यात्रा के दौरान प्रबोवो सुबियांतो ने ब्रिक्स का सदस्य बनने की प्रक्रिया में इंडोनेशिया को दिए गए समर्थन के लिए भारत को धन्यवाद दिया और कहा कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं का यह समूह “वैश्विक स्थिरता और क्षेत्रीय सहयोग के लिए लाभकारी होगा।”

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7. 76वें गणतंत्र दिवस पर ‘पहली बार’ किस मिसाइल का प्रदर्शन किया गया?
Which missile was demonstrated ‘for the first time’ on the 76th Republic Day?

a. ब्रह्मोस मिसाइल
b. प्रलय मिसाइल
c. टाइगर कैट मिसाइल
d. आकाश मिसाइल

Answer: b. प्रलय मिसाइल

#इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित मिसाइल प्रणालियाँ#

1. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
– यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
– इसे पनडुब्बी, शिप, एयरक्राफ्ट या जमीन कहीं से भी छोड़ा जा सकता है।
– इस मिसाइल को भारतीय सेना के तीनों अंगों, आर्मी, नेवी और एयरफोर्स को सौंपा जा चुका है।
– ब्रह्मोस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मॉस्क्वा नदियों के नामों को मिलाकर बनाया गया है।
– जमीन या समुद्र से दागे जाने पर ब्रह्मोस 290 किलोमीटर की रेंज में मैक 2 से 3 स्पीड (2500किमी/घंटे) की स्पीड से अपने टारगेट को नेस्तनाबूद कर सकती है।
– पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल को पानी के अंदर से 40-50 मीटर की गहराई से छोड़ा जा सकता है। पनडुब्बी से ब्रह्मोस मिसाइल दागने की टेस्टिंग 2013 में हुई थी।

2. पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्च (MBRL) प्रणाली
– पिनाका एमके1 की रेंज 38 किलोमीटर है।
– यह कई तरह के गोला-बारूद दाग सकता है।
– इसका रेंज बढ़ाने पर काम चल रहा है, जिससे रेंज बढ़कर 75 किलोमीटर से अधिक हो जाएगी।
– आखिरकार, योजना रेंज को 120 किलोमीटर और फिर 300 किलोमीटर तक बढ़ाने की है।
– पिनाक नाम, हिंदू भगवान शिव का धनुष का है।
– इसे DRDO ने 1986 में डेवलप किया था। इसके बाद से इसके कई एडवांस वर्जन आ चुके हैं।
– इसका उत्‍पादन टाटा एडवांस्‍ड सिस्‍टम्‍स और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कर रहा है।

3. बीएम-21 ग्रैड
– बीएम-21 ग्रैड सोवियत संघ में डिज़ाइन किया गया एक स्व-चालित 122 मिमी मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर है ।
– सिस्टम और M-21OF रॉकेट को पहली बार 1960 के दशक की शुरुआत में विकसित किया गया था।

4. प्रलय अर्ध-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली
– यह सरफेस-टू-सरफेस (सतह से सतह) शॉर्ट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (SRBM) है।
– इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।
– ‘प्रलय’ 350-500 किमी की एक शॉर्ट रेंज मिसाइल है।
– इसकी पेलोड क्षमता 500-1,000 किग्रा है।
– ‘प्रलय’ को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और नियंत्रण रेखा (LOC) पर तैनाती के लिए विकसित किया गया है।

नोट: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी झांकी में स्वदेशी एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम (एटीएजीएस) का एक मॉडल भी प्रदर्शित किया।

– इसके अलावा एयरफोर्स के फ्लाईपास्ट में 40 विमानों ने हिस्सा लिया। जिसमें 22 फाइटर जेट, 11 ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट और 7 हेलिकॉप्टर शामिल हुए। अपाचे, राफेल और ग्लोब मास्टर इस फ्लाई पास्ट का हिस्सा रहे।

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8. 76वें गणतंत्र दिवस पर तीनों सेनाओं (ट्राई सर्विस) की संयुक्‍त झांकी पहली बार प्रदर्शित की गई, इसका विषय क्‍या था?
On the 76th Republic Day, a joint tableau of the tri-service was displayed for the first time, what was its theme?

a. ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’
b. ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’
c. ‘विकसित और सुरक्षित भारत’
d. ‘भारत का स्‍वर्णिम युग’

Answer: b. ‘सशक्त और सुरक्षित भारत’

– इसमें थलसेना, नौसेना और वायुसेना के बीच संपर्क और संचार को आसान बनाने वाला एक संयुक्त ऑपरेशन कक्ष दिखाया गया।
– ये झांकी सैन्‍य बलों के बीच तालमेल की व्‍यापक भावना को दर्शाती है।
– गणतंत्र दिवस परेड 2025 में जमीन, पानी और आसमान में समन्वित ऑपरेशन का प्रदर्शन किया गया।
– इसमें स्वदेशी अर्जुन युद्धक टैंक, तेजस एमके II फाइटर जेट, एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर, विध्वंसक जहाज आईएनएस विशाखापत्तनम और एक रिमोट से संचालित विमान शामिल थे, जो बहु-क्षेत्रीय अभियानों में तीनों सेनाओं के समन्वय को प्रदर्शित करते हैं।

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9. 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्‍य पथ पर कितने राज्‍यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों की झाकियों ने हिस्‍सा लिया?
Tableau of how many states, union territories and ministries took part on the Path of Duty in the 76th Republic Day celebrations?

a. 15 राज्‍य और UT और 16 मंत्रालय
b. 26 राज्‍य और UT और 9 मंत्रालय
c. 6 राज्‍य और UT और 19 मंत्रालय
d. 16 राज्‍य और UT और 9 मंत्रालय

Answer: a. 15 राज्‍य और UT और 16 मंत्रालय

– 76वें गणतंत्र दिवस पर 15 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों और 16 मंत्रालयों की झांकियां कर्तव्य पथ पर दिखीं।
– पहली बार कर्तव्‍य पथ पर एक साथ 5 हजार कलाकारों ने प्रस्‍तुति दी।
– मध्‍य प्रदेश की झांकी में कूनो राष्‍ट्रीय उद्यान के चीते को दिखाया गया।
– उत्तर प्रदेश की झांकी महाकुंभ 2025 पर थी।

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10. अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस कब मनाया जाता है?
When is International Customs Day observed?

a. 23 जनवरी
b. 24 जनवरी
c. 25 जनवरी
d. 26 जनवरी

Answer: d. 26 जनवरी

– अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है।
– इसे सीमा शुल्क अधिकारियों और एजेंसियों की भूमिका को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
– वर्ष 1953 में विश्व सीमा शुल्क संगठन ने इस दिन की शुरुआत की थी।

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11. अंतर्राष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस कब मनाया जाता है?
When is International Holocaust Remembrance Day observed?

a. 25 जनवरी
b. 27 जनवरी
c. 29 जनवरी
d. 31 जनवरी

Answer: b. 27 जनवरी

– हर वर्ष 27 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय प्रलय स्मरण दिवस मनाया जाता है।
– दूसरे विश्व युद्ध के समय नरसंहार हुआ था, जिसमें लगभग छह मिलियन यूरोपीय यहूदियों की हत्या कर दी गई थी।
– इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2005 में यह दिन मनाने की घोषणा की थी।

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