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1. भारत-जापान संयुक्त अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ का छठा संस्करण फरवरी-मार्च 2025 में कहां आयोजित किया गया?
Where was the 6th edition of the India-Japan joint exercise ‘Dharma Guardian’ held in February-March 2025?
a. विदेशी प्रशिक्षण नोड, बेलगाम
b. महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, राजस्थान
c. ईस्ट फ़ूजी मैन्युवर प्रशिक्षण क्षेत्र, शिज़ुओका प्रांत
d. कैंप इमाजू, शिगा प्रांत
Answer: c. ईस्ट फूजी मैन्युवर प्रशिक्षण क्षेत्र, शिजुओका प्रांत
– 120 कर्मियों वाले भारतीय दल का नेतृत्व मुख्य रूप से मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन के सैनिकों ने किया।
– इसमें अन्य सेनाओं की टुकड़ियाँ और सैन्य सहायता इकाइयों के सैनिक भी शामिल हैं।
– जापानी दल का प्रतिनिधित्व 34वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों कर रहे हैं।
अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’
– आयोजन कब तक : 25 फरवरी से 9 मार्च 2025 तक
– छठा संस्कंरण: ईस्ट फ़ूजी मैन्युवर प्रशिक्षण क्षेत्र जापान में
– पांचवा संस्करण : महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, राजस्थान में
– यह एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है।
– इसका आयोजन बारी बारी से भारत और जापान में किया जाता है।
– इस सैन्य अभ्यास का मकसद संयुक्त राष्ट्र के आदेश के तहत संयुक्त शहरी युद्ध और आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान दोनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल बढ़ाना है। इस अभ्यास में शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और सामूहिक रणनीतिक अभ्यास पर विशेष ध्यान देना है।
भारत-जापान के बीच होने वाले अन्य सैन्य अभ्यास
– धर्म गार्डियन (थल सेना)
– जापान-भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX) [नेवी]
– मालाबार अभ्यास – (भारत-अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया) [नेवी]
जापान के बारे में
जापान पूर्वी एशिया में एक द्वीप देश है।
राजधानी : टोक्यो
प्रधानमंत्री : शिगेरु इशिबा
सम्राट : नारुहितो
जनसंख्या : 12.45 करोड़ (2023)
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2. चंद्रयान-3 के रोवर ‘प्रज्ञान’ से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग करके चंद्रमा के किस क्षेत्र का पहला विस्तृत मानचित्र बनाया गया?
The first detailed map of which region of the Moon was created using data obtained from Chandrayaan-3 Rover Pragyan?
a. उत्तरी ध्रुव
b. दक्षिणी ध्रुव
c. चंद्रमध्य रेखा
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: b. दक्षिणी ध्रुव (south pole)
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार यह जानकारी फरवरी 2025 में मिली।
– एस्ट्रोनॉमर्स को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का पहला विस्तृत भूवैज्ञानिक मानचित्र देखकर बहुत खुशी हो रही है, इस मानचित्र से चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास पर नया प्रकाश डालने की उम्मीद है।
– 20 जनवरी 2025 को एडवांस इन स्पेस रिसर्च जर्नल में प्रकाशित विक्रम लैंडर के लैंडिंग स्थल का नया नक्शा लैंडर के चारों ओर ऊंचे-ऊंचे और निचले, समतल मैदानों का एक लहरदार परिदृश्य दिखाता है।
यह मानचित्र किन संस्थाओं ने तैयार किया
– अहमदाबाद की फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी (PRL), चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी और इसरो की इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स प्रणाली प्रयोगशाला के रिसर्चर्स ने रोवर प्रज्ञान से प्राप्त डेटा का उपयोग करके यह मैप तैयार किया है।
– आपको पता होगा कि अगस्त 2023 को रोवर विक्रम को चंद्रमा की सतह पर मौजूद ढीली चट्टानों और धूल (रेगोलिथ) की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करने के लिए नौ दिन के मिशन पर पहुंचा था।
मैग्मा रहस्य को सुलझाने में मदद मिली
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार मिशन से प्राप्त भूगर्भीय जानकारी ने वैज्ञानिकों को यह पुष्टि करने में मदद की कि चंद्रमा पर पिघली हुई चट्टान या आदिम मैग्मा का एक भूमिगत महासागर रह चुका था।
– पहले के मिशनों, जैसे अमेरिका के मानवरहित सर्वेयर अंतरिक्ष यान, मानवयुक्त अपोलो मूनशॉट्स, और रोबोट रूसी लूना और चीनी चांग’ई 3 जांच से प्राप्त डेटा ने चंद्र सतह के नीचे लावा के समुद्र की उपस्थिति का संकेत दिया था।
– हालांकि, चंद्रमा पर मैग्मा की वास्तविक सीमा ज्ञात नहीं थी क्योंकि सभी उपलब्ध डेटा चंद्र भूमध्यरेखीय और मध्य-अक्षांश क्षेत्रों के पास लैंडिंग साइटों से आए थे, जो ध्रुवों से बहुत दूर थे।
– चंद्रयान-3, जो दक्षिणी ध्रुव से 630 किलोमीटर दूर चंद्रमा के उच्च अक्षांश वाले ध्रुवीय क्षेत्र में उतरा, पहला मिशन था।
– वैज्ञानिकों ने इसे मैग्मा रहस्य को सुलझाने के लिए सबसे अच्छा दांव माना। सितंबर 2024 में, PRL के चंद्र भूवैज्ञानिकों की एक टीम ने घोषणा की कि प्रज्ञान रोवर पर सवार अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर ने लैंडिंग साइट के नीचे मैग्मा का पता लगाया था। इसका मतलब था कि पिघले हुए लावा का प्राचीन महासागर पूरे चंद्रमा में फैला हुआ था।
वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र की आयु आंकी
– नक्शे का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने इस क्षेत्र की आयु लगभग 3.7 अरब वर्ष आंकी, जो उस समय के लगभग समान है जब पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवी जीवन के पहले संकेत दिखाई देने लगे थे।
पृथ्वी और चंद्रमा की एक समान उत्पत्ति
– वैज्ञानिकों का मानना है कि अर्थ और मून का विकास मार्ग समान रहा है, जैसा कि अर्थ-मून सिस्टम की गतिशीलता में दिखता है।
– उदाहरण, मून की कक्षा का झुकाव पृथ्वी की घूर्णन गति (rotational speed) से जुड़ा हुआ है।
– पृथ्वी और चंद्रमा के भू-रसायन विज्ञान में भी समानताएँ हैं, दोनों में कई समान समस्थानिक पाए जाते हैं, जो पिघले हुए पदार्थ के एक ही बादल से उनकी उत्पत्ति की ओर इशारा करते हैं।
4.5 अरब साल पहले कैसे बना
– एस्ट्रोनॉमर्स के अनुसार, लगभग 4.5 अरब साल पहले, जब सौरमंडल के ग्रह सूर्य के चारों ओर घूमते मलबे से मिलकर एक हो रहे थे, तब पृथ्वी, मार्स (मंगल ग्रह) के आकार के एक बड़े ग्रहणीय चट्टान से टकराई थी।
– टकराने से उत्पन्न मलबा विस्फोटक तरीके से बाहर की ओर फैल गया और लाखों वर्षों में ठंडा होने से पहले, यह प्रोटो-ग्रहीय पदार्थ धीरे-धीरे पिघले हुए गोले में बदल गया, जिसे अंततः पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण ने पकड़ लिया और वह चंद्रमा बन गया जिसे हम आज देखते हैं।
नोट: – शुरुआती समय में, चंद्रमा पर क्षुद्रग्रहों और अंतरिक्ष चट्टानों ने हमला किया होगा, जैसा कि इसकी सतह पर दिखते गड्ढों से पता चलता है। विक्रम लैंडर, चंद्रमा के सबसे पुराने गड्ढों में से एक के पास उतरा था: साउथ पोल-ऐटकेन बेसिन, जो सौर मंडल के सबसे बड़े प्रभाव वाले गड्ढों में से एक है।
चंद्र क्रेटर क्या है?
– चंद्र क्रेटर खगोल-भूवैज्ञानिकों के लिए एक दिलचस्प विषय हैं, जो पृथ्वी और सौरमंडल के आंतरिक ग्रहों पर प्रभाव क्रेटरों के विकास को समझने के लिए उनका स्टडी करते हैं।
– चंद्र क्रेटर (Lunar Craters) चंद्रमा की सतह पर पाए जाने वाले गड्ढे हैं, जो आमतौर पर उल्कापिंडों (Meteoroids), क्षुद्रग्रहों (Asteroids), या धूमकेतुओं (Comets) के टकराने से बनते हैं। ये टक्कर इतनी तीव्र होती है कि चंद्रमा की सतह पर गहरे और चौड़े गड्ढे बन जाते हैं। चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं होने के कारण, ये क्रेटर अरबों सालों तक अपरिवर्तित रहते हैं।
चंद्रयान-3 महत्वपूर्ण पॉइंट
– चंद्रयान-3 कब लॉन्च हुआ : 14 जुलाई 2023
– किस रॉकेट से लॉन्च हुआ : लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3)
– चांद पर कब साफ्ट लैंडिंग हुई : 23 अगस्त 2023 की शाम
– चांद पर कहां उतरा : चांद के साउथ पोल (दक्षिणी ध्रुव) पर सॉफ्ट लैंडिंग
– रोवर का नाम : प्रज्ञान
– लैंडर का नाम : विक्रम
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3. एडवांटेज असम 2.0 इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट 2025 का उद्घाटन फरवरी 2025 में किसने किया?
Who inaugurated the Advantage Assam 2.0 Investment and Infrastructure Summit 2025 in February 2025?
a. द्रौपदी मुर्मू
b. नरेंद्र मोदी
c. अमित शाह
d. नितिन गडकरी
Answer: b. नरेंद्र मोदी (प्रधानमंत्री)
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2025 को असम के गुवाहाटी में इस समिट का उद्घाटन किया।
– 26 फरवरी, 2025 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करेंगी।
– पीएम मोदी ने कहा कि असम के प्राकृतिक संसाधन और दक्षिण पूर्व एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में इसका रणनीतिक स्थान, इसे निवेशकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाता है। और असम की अर्थव्यवस्था का आकार दो गुना होकर ₹6 लाख करोड़ हो गया है।
असम में महत्वपूर्ण निवेश
– रिलायंस और अडानी समूह ने असम के विभिन्न क्षेत्रों में 50-50 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की।
– यह निवेश हवाई अड्डों, एयरोसिटी, शहरी गैस वितरण नेटवर्क, बिजली पारेषण, सीमेंट और सड़क निर्माण जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा।
कौन से देश उपस्थित रहे?
– एडवांटेज असम 2.0 इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर समिट 2025 के उद्घाटन के दौरान 61 देशों के राजदूतों के साथ-साथ भूटान, थाईलैंड, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, इंडोनेशिया और जापान जैसे साझेदार देशों के उच्च स्तरीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
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4. अमेरिका की एयरोस्पेस कंपनी एस्ट्रोफोर्ज ने किस स्पेसक्राफ्ट का उपयोग करके एक क्षुद्रग्रह पर खनन करने का लक्ष्य रखा?
US aerospace company Astroforge aims to mine an asteroid using which spacecraft?
a. ओडिन
b. एक्सप्लोरर-1
c. मंगल पोलर लैंडर
d. डीप स्पेस 2
Answer: a. ओडिन (रोबोटिक अंतरिक्ष यान)
– अमेरिकी कंपनी एस्ट्रोफोर्ज ने 26 फरवरी 2025 को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए अपना दूसरा अंतरिक्ष यान ओडिन लॉन्च किया।
– यह माइक्रोवेव आकार का रोबोटिक अंतरिक्ष यान है।
– इसके लिए क्षुद्रग्रह 2022 OB5 पहचान की है, जो ओडिन मिशन का लक्ष्य है।
– द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, कैलिफोर्निया स्थित अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी एस्ट्रोफोर्ज ने पहले ही एक डेमोंस्ट्रेशन स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की कक्षा में भेजा था।
– इसके बाद, कंपनी ने 55 मिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त की है।
– अब वह पृथ्वी के पास मौजूद एक फुटबॉल के आकार के ऐस्टरॉयड 2022 OB5 को अपना अगला लक्ष्य बनाने की योजना है।
– अगर यह काम कर गया, तो यह शायद अब तक का सबसे बड़ा व्यवसाय होगा।
– अंतरिक्ष यान को फ्लोरिडा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से एक निजी तौर पर निर्मित चंद्र लैंडर और एक चंद्र ऑर्बिटर के साथ स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट से अंतरिक्ष में ले जाया गया।
तीसरे ऐस्टरॉयड मिशन की तैयारी
– ओडिन अंतरिक्ष यान की अनुमानित लागत 6.5 मिलियन डॉलर है, और एस्ट्रोफोर्ज पहले ही अपने तीसरे ऐस्टरॉयड मिशन की योजना बना रहा है, जो संभवतः 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में होगा। इस मिशन का उद्देश्य ऐस्टरॉयड पर जाकर खनिज निकालना है।
ओडिन को क्षुद्रग्रह तक पहुंचने में कितने दिन लगेंगे?
– 2022 OB5 एक पृथ्वी के निकट का क्षुद्रग्रह है जिसका व्यास 328 फीट (100 मीटर) तक है और यह धातु का हो सकता है।
– छोटे खगोलीय पिंड तक पहुँचने में ओडिन को लगभग 300 दिन लगेंगे।
– इस छोटे अंतरिक्ष यान ने क्षुद्रग्रह और खनन के लिए इसकी उपयुक्तता के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए उड़ान भरी। यह भविष्य में और अधिक साहसी मिशनों की तैयारी है।
क्षुद्रग्रह में कितना प्लैटिनम
– ओडिन 45 मिनट की उड़ान के बाद फाल्कन 9 से अलग हो गया और अपनी एकल यात्रा शुरू की।
– अंतरिक्ष यान का मिशन 0.6 मील की दूरी से ब्लैक-एंड-व्हाइट कैमरों का उपयोग करके क्षुद्रग्रह 2022 OB5 की तस्वीरें लेना है। ये तस्वीरें क्षुद्रग्रह के घनत्व और धातु सामग्री को मापने में मदद करेंगी।
– माना जाता है कि एम-प्रकार के रूप में वर्गीकृत इस क्षुद्रग्रह में 117,000 टन तक प्लैटिनम हो सकता है।
एस्ट्रोफोर्ज का पहला मिशन कौन सा है?
– स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, एस्ट्रोफोर्ज का पहला मिशन, ब्रोकर-1, अप्रैल 2023 में कक्षा में पहुंचा, लेकिन क्यूबसैट की प्रोटोटाइप रिफाइनरी तकनीक को सक्रिय नहीं कर सका।
– इसका दूसरा अंतरिक्ष यान ओडिन है, जिसे फरवरी में लॉन्च किया गया है।
क्या होते हैं एस्टेरायड?
– एस्टेरायड छोटे चट्टान रूपी पिंड होते हैं, जो हमेशा सूरज के चारों ओर घूमते रहते हैं।
– एस्टेरायड सामान्य तौर पर मंगल और बृहस्पति गृह के बीच परिक्रमा करते हैं।
– हमारे सौर मंडल में हजारों की संख्या में एस्टेरायड मौजूद हैं।
– एस्टेरॉयड जब तक अंतरिक्ष में रहता है, तो इसे एस्टेरॉयड कहते हैं, लेकिन जैसे ही यह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो इसे मीटीऑराइट कहा जाता है।
नोट: अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस – 30 June
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5. भारत का सबसे बड़ा ग्लोबल टेक्सटाइल इवेंट ‘भारत टेक्स 2025’ को कहां आयोजित किया गया?
Where was India’s largest global textile event ‘Bharat Tex 2025’ held?
a. मुंबई
b. नई दिल्ली
c. बेंगलुरू
d. हैदराबाद
Answer: b. नई दिल्ली
– इस इवेंट का आयोजन 14 से 17 फरवरी, 2025 तक नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया।
– यह आयोजन 2.2 मिलियन वर्ग फुट में फैला हुआ था और इसमें 5,000 से अधिक प्रदर्शक शामिल हुए, जो भारत के कपड़ा पारिस्थितिकी तंत्र (इकोसिस्टम) का एक व्यापक प्रदर्शन प्रदान करते हैं।
– इसमें ग्लोबल सीईओ, नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं सहित 120 से अधिक देशों के 1,20,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुकों (trade visitors) ने भाग लिया।
भारत कितना बड़ा एक्सपोर्टर
– भारत विश्व स्तर पर कपड़े का छठा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, जो 2023-24 में देश के कुल निर्यात में 8.21% का योगदान देता है।
– यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार में 4.5% हिस्सेदारी रखता है, जिसमें USA और यूरोपीय संघ (European Union) भारत के कपड़ा और गारमेंट एक्सपोर्ट की 47% हिस्सेदारी रखते हैं।
वर्तमान में कितना कपड़ा निर्यात
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार वर्तमान में भारत का कपड एक्सपोर्ट तीन लाख करोड़ रुपये का है। इस आंकड़े को तीन गुना बढ़ाकर 9 लाख करोड़ रुपये करने का है।
कपड़ा मंत्रालय के लिए कितना बजट
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार केंद्रीय बजट में 2025-26 के लिए कपड़ा मंत्रालय के लिए ₹5,272 करोड़ (बजट अनुमान में) के परिव्यय का प्रावधान किया गया है। यह वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹4,417.03 करोड़ के बजट अनुमान से 19 प्रतिशत अधिक है।
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6. तेलंगाना के किस टनल में फंसे 8 कर्मचारियों को बाहर निकालने के लिए देश प्रमुख एजेंसियों के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन में रैट माइनर्स को भी बुलाया गया?
Rat miners were also called in the rescue operation along with the country’s leading agencies to rescue 8 employees trapped in which tunnel of Telangana?
a. श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल
b. पीर पंजाल रेलवे टनल
c. सिल्कयारा टनल
d. अटल टनल
Answer: a. श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल
घटना के बारे में संझेप में
– किस सुरंग में मजदूर फंसे थे : तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) टनल में
– सुरंग में भूस्खलन कब हुआ : 22 फरवरी 2025 सुबह करीब 8:00 बजे
– कितने मजदूर फंस गए थे : 8 मजदूर
– किस तरह का टनल बनाया जा रहा है – सिंचाई टनल (यह दुनिया की सबसे लंबी सिंचाई टनल बताई जा रही है)
रैट माइनर्स कौन जो रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुए?
– प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव कार्यों का संचालन करने वाली देश की प्रमुख नौ एजेंसियां नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) सुरंग के भीतर फंसे लोगों को बचाने के लिए 24 घंटे लगातार काम कर रही हैं।
– उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल (नवंबर 2023 की घटना) में फंसे लोगों को निकालने वाली टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल है। (जिसने सिलक्यारा टनल से 41 लोगों सुरक्षित बाहर निकाला था।)
नोट : – रैट का मतलब है चूहा, होल का मतलब है छेद और माइनिंग मतलब खुदाई। साफ है कि छेद में घुसकर चूहे की तरह खुदाई करना।
यह घटना कहां और कैसे हुई
– 22 फरवरी 2025 को तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट के निर्माणधीन सुरंग में यह घटना हुई।
– टनल पर काम का नेतृत्व कर रहे प्रबंधक ग्लेन ने बताया कि इंजीनियरों सहित 70 कर्मचारी 22 फरवरी 2025 सुबह 8 बजे हमेशा की तरह टनल में गए। इनमें से कुछ कर्मचारी आगे थे, बाकि के लोग पीछे थे। आगे चले रहे लोग 13.5 किलोमीटर तक टनल के अंदर थे।
– इसी दौरान पानी के तेज बहाव के चलते टनल का एक हिस्सा अचानक ढह गया। और आगे चल रहे आठ लोग उसमें फंस गए, बाकि लोग बाहर की ओर दौड़े टनल से निकलने में सफल रहे।
– इन आठ लोगों में दो इंजीनियर, दो तकनीकी कर्मचारी और चार मजदूर शामिल थे।
– बताया गया कि अचानक पानी के साथ मिट्टी बहकर आने लगी और टनल का एक हिस्सा ढह गया।
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार एसएलबीसी सुरंग में कीचड़ का प्रतिशत 70% से अधिक पाया गया है।
– सुरंग के तल पर 6 से 7 फीट की ऊंचाई तक मलबा जमा हो गया है।
SLBC प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए 2005 में समझौता
– SLBC प्रोजेक्ट को शुरू करने का फैसला 2005 में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की सरकार ने लिया था।
– उस समय इस प्रोजेक्ट की लागत ₹4,600 करोड़ थी।
– इस प्रोजेक्ट में 44 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है, जिसमें से 35 किलोमीटर का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
– टनल का काम अमराबाद टाइगर रिजर्व से 400 मीटर नीचे है।
चार लाख एकड़ आयाकट की सिंचाई के लिए प्रोजेक्ट
– प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद, नलगोंडा और खम्मम जिले में चार लाख एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए 30 थाउजेंड मिलियन क्यूबिक फीट (TMCFT) पानी मिलेगा। यह दुनिया की सबसे लंबी सिंचाई टनल भी है।
रैट होल माइनिंग क्या है?
– रैट का मतलब है चूहा, होल का मतलब है छेद और माइनिंग मतलब खुदाई।
– साफ है कि छेद में घुसकर चूहे की तरह खुदाई करना।
– इसमें पतले से छेद से पहाड़ के किनारे से खुदाई शुरू की जाती है और पोल बनाकर धीरे-धीरे छोटी हैंड ड्रिलिंग मशीन से ड्रिल किया जाता है। हाथ से ही मलबे को बाहर निकाला जाता है।
– रैट होल माइनिंग नाम की प्रोसेस का इस्तेमाल आम तौर पर कोयले की माइनिंग में होता रहा है।
– झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तर पूर्व (मेघालय व अन्य राज्यों) में रैट होल माइनिंग होती है, लेकिन रैट होल माइनिंग काफी खतरनाक काम है, इसलिए इसे कई बार बैन भी किया जा चुका है।
– रैट होल माइनिंग कई चुनौती साथ में लेकर आती है। रैट माइनर्स की सुरक्षा और पर्यावरण को नुकसान दोनों का इसमें खतरा होता है। रैट होल माइनिंग भारत में बड़े पैमाने पर अनरेगुलेटेड तरीके से होती है। इसमें काम करने वाले मजदूरों के पास प्रॉपर सेफ्टी किट नहीं होती।
कैसे किया रैट माइनिंग
– रैट माइनर्स का कहना था कि इस काम के लिए कुदाली, तसला और गाड़ी (ट्रॉली, जिसमें मलबा रखकर बाहर निकालते हैं) का इस्तेमाल हुआ।
– मास्क लगाकर जाते हैं, एक ब्लोअर भी होता है, जिससे हवा आए।
– पाइप में दो लोग अंदर गए, एक खोदता और दूसरा मलबा काहर निकलता।
– पत्थर बड़ा आता है, तो तोड़ने के लिए ड्रिलर भी है।
– नसीम और नासिर इसी टीम के मेंबर थे। टीम लीडर वकील हसन थे।
– ‘मैनुअल ड्रिलिंग के वक्त मुझे मिलाकर 12 लोग (छह रैट माइनर्स और अन्य) काम कर रहे थे। मलबा हटाना, सरिया और बड़े पत्थर काटना, मुश्किल था। उस पर भी धूल आंखों में आ रही थी। पसीने से इतना भीग गए थे कि सांस लेने में भी दिक्कत होती थी।’
तेलंगाना
राजधानी : हैदराबाद
राज्यपाल : जिष्णुदेव वर्मा
मुख्यमंत्री : अनुमुला रेवंत रेड्डी
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7. मिजोरम का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
When is the Foundation Day of Mizoram celebrated?
a. 21 फरवरी
b. 20 फरवरी
c. 19 फरवरी
d. 18 फरवरी
Answer: b. 20 फरवरी
– 20 फरवरी 2025 को मिजोरम का 38वें राज्य दिवस मनाया गया है।
– भारत के कई अन्य पूर्वोत्तर राज्यों की तरह, मिजोरम पहले 1972 तक असम का हिस्सा था।
– 1972 में यह केंद्र शासित प्रदेश बना।
– 20 फरवरी 1987 को मिजोरम को राज्य का दर्जा दिया गया था, उस दिन ये भारत का 23वां राज्य बना था।
– ये भारत का पूर्वोत्तर राज्य है।
मिजोरम
मुख्यमंत्री: लालदुहोमा
राजधानी: एजवाल
राज्यपाल: वीके सिंह
पड़ोसी राज्य: मणिपुर, असम और त्रिपुरा
पड़ोसी देश : म्यांमार, बांग्लादेश
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8. अरुणाचल प्रदेश का स्थापना दिवस कब मनाया जाता है?
When is the Foundation Day of Arunachal Pradesh celebrated?
a. 22 फरवरी
b. 21 फरवरी
c. 20 फरवरी
d. 19 फरवरी
Answer: c. 20 फरवरी
– 20 फरवरी 1987 को अरुणाचल प्रदेश पूर्ण राज्य बना था।
– 1972 तक इसे नार्थ-ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी के नाम से जाना जाता था।
अरुणाचल प्रदेश
राजधानी: ईटानगर
मुख्यमंत्री; पेमा खांडू
राज्यपाल: कैवल्य त्रिविक्रम परनायक
पड़ोसी देश: भूटान, चीन और म्यांमार
पड़ोसी राज्य : असम
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9. विश्व NGO दिवस कब मनाया जाता है?
When is World NGO Day observed?
a. 25 फरवरी
b. 26 फरवरी
c. 27 फरवरी
d. 28 फरवरी
Answer: c. 27 फरवरी
– विश्व NGO दिवस हर वर्ष 27 फरवरी को मनाया जाता है।
– इसका उद्देश्य NGO के समाज में योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
– संयुक्त राष्ट्र संघ, यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने वर्ष 2014 में इस दिवस की घोषणा की थी।
थीम
– एक स्थायी भविष्य के लिए जमीनी स्तर के आंदोलनों को सशक्त बनाना
– Empowering Grassroots Movements for a Sustainable Future