यह 25 जुलाई 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
PDF Download: Click here
1. भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच जुलाई 2025 में किस तरह का ट्रेड एग्रीमेंट हुआ?
What kind of trade agreement was signed between India and the United Kingdom in July 2025?
a. CETA
b. CECA
c. PTA
d. CEPA
Answer: a. CETA (कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट)

क्या होता है ट्रेड एग्रीमेंट
– यह ऐसा समझौता होता है जो दो या अधिक देशों के बीच होता है, ताकि वे आपस में सामान और सेवाओं का व्यापार आसानी से कर सकें और उस पर कम टैक्स (ड्यूटी) लगाएं या बिल्कुल टैक्स न लगाएं।
– इससे दोनों देशों की कंपनियों को फायदा होता है, क्योंकि उनका सामान सस्ता हो जाता है जिससे लोग ज्यादा खरीदारी करते हैं।
– व्यापार समझौतों को आमतौर पर FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) कह दिया जाता है। हालांकि FTA का मतलब पूरी तरह से टैरिफ (आयात शुल्क) पर छूट है। चूकि इसके लिए देशों की अपनी प्राथमिकता होती है, ऐसे में वे सीमित क्षेत्रों में टैरिफ कम करने का एग्रीमेंट करते हैं। इसलिए अलग-अलग नाम से एग्रीमेंट होते हैं। पूरी तरह से FTA एग्रीमेंट सिर्फ श्रीलंका के साथ हुआ था।
भारत – यूके ट्रेड एग्रीमेंट : CETA
– भारत और ब्रिटेन के बीच 24 जुलाई 2025 को CETA (कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट) हो गया है।
– केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और ब्रिटिश व्यापार एवं वाणिज्य सचिव जोनाथन रेनॉल्ड्स ने 24 जुलाई, 2025 को हस्ताक्षर किए।
– यह एग्रीमेंट PM मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मौजूदगी में लंदन में हुआ।
– इसे लेकर दोनों देशों के बीच 3 साल से बातचीत चल रही थी।
– इस एग्रीमेंट को ब्रिटिश संसद से अप्रूवल मिलना बाकी है।
– इसमें 6 महीने से 1 साल तक का वक्त लग सकता है। इससे पहले 6 मई को दोनों देशों के बीच डील फाइनल हुई थी।
ब्रेक्जिट के बाद ब्रिटेन का यह सबसे बड़ा व्यापार समझौता
– यूरोपियन यूनियन से अलग होने (ब्रेक्जिट) के बाद ब्रिटेन का यह सबसे बड़ा व्यापार समझौता है।
– इस समझौते से दोनों देशों के बीच ट्रेड में 34 बिलियन डॉलर की वृद्धि होने का अनुमान है।
– इससे पहले ब्रिटेन का सबसे बड़ा समझौता ऑस्ट्रेलिया के साथ 2020 में हुआ था, जिसके तहत दोनों देशों के बीच व्यापार में 3.1 बिलियन डॉलर की वृद्धि हो सकती है।
– ब्रेक्जिट के ब्रिटेन ने अब तक 70 से ज्यादा देशों के साथ ट्रेड डील की है।
यह समझौता दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण क्यों है?
– ब्रिटेन भारत का 16वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत ब्रिटेन का 11वाँ सबसे बड़ा साझेदार है।
– उनका द्विपक्षीय व्यापार लगभग 60 अरब डॉलर का है और भारत का व्यापार संतुलन सकारात्मक है।
– भारत सरकार के अनुमानों के अनुसार 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है।
– ब्रिटिश सरकार के आकलन के अनुसार, इस नए व्यापार समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में 34 अरब डॉलर की और वृद्धि होगी।
– यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ व्यवस्था के कारण वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता का माहौल है।
भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय व्यापार
– भारत का UK को निर्यात : 2.75 लाख करोड़ रुपए
– UK का भारत को निर्यात : 1.85 लाख करोड़ रुपए
– UK का व्यापार घटा 90,700 करोड़ रुपए रहा।
– भारत के कुल व्यापार में UK की हिस्सेदारी 2% है।
भारत से निर्यात
– केमिकल्स
– रेडीमेड कपड़े
– ऑटो पार्ट्स
– खिलौने
– समुद्री उत्पाद
– रत्न आभूषण
यूके से निर्यात
– व्हिस्की
– जिन
– मेडिकल डिवाइजेस
– कॉस्मेटिक्स
– मटन
– सैल्मन
– बिस्किट
भारत को फायदा
– भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99% निर्यात पर टैरिफ यानी आयात शुल्क में राहत मिलेगी।
– भारत ने कपड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण तथा समुद्री उत्पादों जैसे प्रमुख रोजगार सृजन क्षेत्रों के लिए बाजार पहुंच सुनिश्चित कर ली है। ब्रिटेन 20 प्रतिशत तक के शुल्क समाप्त करने वाला है।
– वार्ताकार भारत के खाद्य क्षेत्र में लगभग 99.7% टैरिफ लाइनों पर शुल्क समाप्त करने के लिए दबाव बनाने में भी सफल रहे हैं। अधिकांश खाद्य पदार्थों पर, शुल्क 70 प्रतिशत तक था।
– समुद्री और पशु उत्पादों, जैसे समुद्री खाद्य, डेयरी और मांस उत्पादों, जैसे निर्यात-उन्मुख क्षेत्रों में बाज़ार पहुँच बढ़ाने में सफलता प्राप्त की, जहाँ शुल्क 20 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया।
– इसका मतलब है कि भारत से जो सामान ब्रिटेन भेजा जाएगा, उस पर लगने वाला टैक्स या तो बहुत कम हो जाएगा या पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।
– ऑटोमोबाइल निर्यात पर शुल्क भी 100% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
– भारत ने दोहरे अंशदान समझौते के तहत ब्रिटेन में अस्थायी रूप से रह रहे भारतीय कामगारों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्षों तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट प्राप्त कर ली है।
– भारतीय उद्योग CETA से उत्साहित है और निर्यात में तेज़ी की उम्मीद कर रहा है। कपड़ा ब्रिटेन को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में से एक है।
– रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में अनुमान लगाया कि इस क्षेत्र में अगले दो वर्षों में निर्यात में 2.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि होगी, जिससे द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होकर 7 बिलियन डॉलर हो जाएगा।
ब्रिटेन को फायदा?
– वहीं, ब्रिटेन की कंपनियों के लिए भी यह समझौता फायदेमंद होगा। अब उन्हें भारत में व्हिस्की, कार और दूसरे उत्पाद बेचने में पहले से ज्यादा आसानी होगी।
– भारत इन प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को घटाकर 15% से 3% करेगा। समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार हर साल करीब 3 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है।
– पहली बार, भारत ने व्हिस्की, ब्रांडी, रम, वोदका, लिकर, मीड, साइडर और टकीला सहित ब्रिटेन में निर्मित अल्कोहल पर शुल्क में कटौती की अनुमति दी है। इन उत्पादों पर, जिन पर वर्तमान में 150 प्रतिशत का आधार सीमा शुल्क लगता है, भारी कटौती की जाएगी। शुल्क को वर्ष 1 में 110 प्रतिशत से धीरे-धीरे घटाकर वर्ष 10 तक 75 प्रतिशत कर दिया जाएगा।
आर्थिक फायदा क्या होगा?
– इस डील से इंडियन एक्सपोर्ट को बूस्ट मिलेगा और जॉब भी क्रिएट होंगे।
– वित्त वर्ष 24 में 12.9 बिलियन डॉलर यानी 1.12 लाख करोड़ रुपए की वैल्यू का मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट भारत ने यूके को किया था।
– इस डील से भारत को 2030 तक 1 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
– डेवलप्ड मार्केट तक पहुंच भी बढ़ेगी।
क्या कोई चिंताएं हैं?
– मुख्य रूप से दो क्षेत्रों, कृषि और एमएसएमई, में चिंताएं हैं।
– अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव विजू कृष्णन, श्रीलंका के साथ पिछले एफटीए की ओर इशारा करते हैं, जिससे भारतीय किसानों द्वारा उत्पादित समान उत्पादों जैसे मसाले और चाय आदि की कीमतों में भारी गिरावट आई है। वह रबर पर आसियान एफटीए के स्थायी प्रभाव का भी हवाला देते हैं, जो 2011 में ₹230/किग्रा था, जबकि 2025 में यह ₹170/किग्रा हो जाएगा।
– उनका मानना है कि एफटीए ने भारतीय किसानों और एमएसएमई के लिए “असमान” प्रतिमान तैयार किए हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय किसानों के पास छोटी जमीनें हैं, जिनमें से काफी संख्या में पांच एकड़ से भी कम जमीन है। उन्नत देशों के साथ ऐसा नहीं है।”
सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक ख़राब सौदा
– इससे ब्रिटेन में बने खाद्य उत्पादों, जैसे बिस्कुट, चॉकलेट और शीतल पेय, को भारत में टैरिफ-मुक्त प्रवेश मिलेगा और इस प्रकार कीमतें कम होंगी। इनमें से कई उच्च वसा, चीनी और नमक (HFSS) की श्रेणी में आते हैं, जिससे दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम पैदा हो सकते हैं। भारत और दुनिया के कई हिस्से पहले से ही बढ़ती जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों की चुनौती का सामना कर रहे हैं।
– मेक्सिको का मामला : 1992 में, जब मेक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच उत्तरी अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौते (NAFTA) पर हस्ताक्षर हुए थे, तो मेक्सिको ने मज़बूत जन स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को लागू न करने की गलती की थी। इसके बाद के वर्षों में, मेक्सिको ने निम्नलिखित अनुभव किए: सस्ते, मीठे पेय पदार्थों, स्नैक्स और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के आयात में नाटकीय वृद्धि; उच्च वसा वाले वसा वाले खाद्य उत्पादों की खपत में उछाल, और आहार संबंधी बीमारियों, मोटापे और मधुमेह में भारी वृद्धि। मेक्सिको उच्च वसा वाले वसा वाले उत्पादों की बिक्री में वृद्धि को तभी रोक पाया और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का प्रबंधन तभी कर पाया जब उसने 2014 में ‘सोडा टैक्स’ और चेतावनी लेबल जैसे कड़े जन स्वास्थ्य नियामक तंत्र लागू किए।
—-
व्यापार समझौता कितने प्रकार होते हैं?
– FTA (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट) : सभी तरह के सामानों व सेवाओं पर सीमा शुल्क नहीं लगाया जाता है। जैसे – श्रीलंका
– CETA (कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट) : नई पीढ़ी का व्यापक व्यापार समझौता, जैसे UK के साथ। इसमें वस्तु + सेवा + निवेश सहयोग का एग्रीमेंट होता है।
– CECA (कंप्रीहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट): इसमें इकोनॉमिक और इन्वेस्टमेंट कोऑपरेशन भी होता है। जैसे – ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर के साथ अलग-अलग।
– CECPA (कंप्रीहेंसिव इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड पार्टनरशिप एग्रीमेंट) : “पार्टनरशिप” शब्द द्विपक्षीय सहयोग की गहराई दिखाता है। जैसे भारत – मॉरीशस के बीच
– CEPA (कंप्रीहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट : जैसे भारत, कोरिया और जापान के बीच।
– PTA (प्रेफेरेंशियल ट्रेड एग्रीमेंट): कुछ खास वस्तुओं पर शुल्क हटा दिया जाता है (जैसे भारत-थाईलैंड समझौता)
– RTA (रीजनल ट्रेड एग्रीमेंट): यह एक क्षेत्र के कई देशों के साथ ट्रेड एग्रीमेंट होता है।
– TEPA (ट्रेड एंड इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट) : वस्तु, सेवा, निवेश का विस्तारित संस्करण
भारत के व्यापार समझौते: वर्षवार सूची (2025 तक)
– वर्ष, देश / संगठन, समझौते का प्रकार, मुख्य विशेषताएँ
– 2025, यूनाइटेड किंगडम (UK), CETA, वस्तु, सेवा, निवेश; व्यापार और बौद्धिक संपदा पर सहमति
– 2022, ऑस्ट्रेलिया, ECTA → CECA (2023), 96% भारतीय उत्पाद टैरिफ-फ्री और छात्रों/सेवाओं/ निवेश/ IP के लिए अवसर
– 2022, UAE, CEPA, 10 साल में $100 बिलियन व्यापार लक्ष्य
– 2021, मॉरीशस, CECPA, वस्तु, सेवा और निवेश सहयोग। पहला अफ्रीकी समझौता
– 2014, बांग्लादेश, PTA, सीमित वस्तुओं पर टैरिफ रियायत
– 2011, मलेशिया, CECA, वस्तु + सेवा + निवेश
– 2011, नेपाल, Revised Trade Treaty, सीमा व्यापार और सहयोग बढ़ाया गया
– 2010, जापान, CEPA, 90% उत्पादों पर छूट; सेवा व निवेश भी शामिल
– 2009, दक्षिण कोरिया, CEPA, गहरा आर्थिक सहयोग
– 2006, भूटान, PTA, पारंपरिक और सीमा व्यापार समर्थन
– 2005, सिंगापुर, CECA,
सेवाओं व निवेश में विशेष समझौता
– 2003, थाईलैंड, Early Harvest Scheme, 82 वस्तुओं पर प्रारंभिक रियायत
– 1998, श्रीलंका, FTA, भारत का पहला द्विपक्षीय FTA
क्षेत्रीय/बहुपक्षीय व्यापार समझौते: भारत के साथ
वर्ष, क्षेत्रीय संगठन / समूह समझौते का नाम, मुख्य विशेषता / स्थिति
– 2024–25 : EFTA (स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन), India–EFTA TEPA, TEPA हस्ताक्षरित 10 मार्च 2024, लागू 1 अक्टूबर 2025 से; $100 बिलियन (₹8 लाख करोड़+) निवेश व 10 लाख नौकरियाँ
– 2010–15 : ASEAN (10 सदस्य), ASEAN–India FTA (Goods + Services), Goods FTA लागू 1 जनवरी 2010 – Services & Investment समझौते 2015 से – 90% टैरिफ कटौती
– 2004-09 : Mercosur (लैटिन अमेरिका व्यापारिक समूह- ब्राज़ील, अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे), India–Mercosur PTA, फ्रेमवर्क 2004, लागू 2009 से; प्राथमिक PTA समझौता
– 2006 : SAARC (8 सदस्य), SAFTA (South Asian Free Trade Area), लागू 1 जनवरी 2006, उद्देश्य 2012 तक टैरिफ शून्य करना
UK
– राजधानी: लंदन
– मुद्रा: पाउंड
– सम्राट: राजा चार्ल्स तृतीय
– PM : कीर स्टार्मर
– पड़ोसी देश: आयरलैंड
—————-
2. दक्षिण-पूर्व एशिया (Southeast Asia) के किन दो देशों में जुलाई 2025 में सीमा संघर्ष हिंसक हो गया और एक दूसरे पर रॉकेट व बम गिराए?
In which two countries of Southeast Asia, border conflicts turned violent in July 2025 and rockets and bombs were dropped on each other?
a. कंबोडिया और लाओस
b. थाईलैंड और म्यांमार
c. फिलिपींस और थाईलैंड
d. थाईलैंड और कंबोडिया
Answer: d. थाईलैंड और कंबोडिया
—————-
3. किस हिन्दू मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद ने हिंसक सैन्य संघर्ष का रूप ले लिया?
The dispute between Thailand and Cambodia over which Hindu temple took the form of a violent military conflict?
a. वाट अरुण मंदिर
b. वाट फ्रा काऊ मंदिर
c. प्रीह विहार मंदिर और ता मुएन थॉम मंदिर
d. वाट फो मंदिर
Answer: c. प्रीह विहार मंदिर और ता मुएन थॉम मंदिर
– थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 24 जुलाई, 2025 को सीमा पर हुए संघर्ष ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कई लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, और कई लोग घायल हुए।
– जुलाई 2025 में सैन्य संघर्ष तब बढ़ गया जब, थाईलैंड के सैनिकों ने सीमा के पास स्थित ‘ता मुएन थॉम’ मंदिर {खमेर मंदिर} (एक हिंदू मंदिर) की ओर बढ़त बनाई और उसके चारों ओर कंटीली तार लगा दी।
– प्रीह विहार मंदिर और ता मुएन थॉम मंदिर भगवान शिव को समर्पित है।
– यह मंदिर थाईलैंड के सिसाकेत और कंबोडिया के प्रीह विहार प्रांत की सीमा पर स्थित है। दोनों ही देश इस पर अपना हक जताते हैं और इसे अपनी ऐतिहासिक धरोहर मानते हैं।
– 23 जुलाई, 2025 को एक बारूदी सुरंग विस्फोट में पांच थाई सैनिकों के घायल होने के बाद तनाव बढ़ गया, जिसके बाद थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और कंबोडिया के दूत को निष्कासित कर दिया।
संषर्घ बढ़ा
– थाईलैंड ने कंबोडिया के सैन्य ठिकानों पर दो हवाई हमले किए, जिनमें F-16 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया।
– थाईलैंड ने इसे कंबोडिया के रॉकेट हमलों के जवाब में आत्मरक्षा बताया।
– कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि थाई विमानों ने प्रीह विहार मंदिर के पास एक सड़क पर बम गिराए, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
– कंबोडिया के संस्कृति मंत्रालय ने इस ऐतिहासिक स्थल को नुकसान पहुँचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत न्याय की मांग करने की बात कही।
– दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हिंसा शुरू करने का आरोप लगाया, जिसमें ड्रोन तैनाती और सैनिकों की अग्रिम कार्रवाई की बात शामिल थी।
– लड़ाई में छोटे हथियार, तोपखाने, और रॉकेट शामिल थे, जो 800 किलोमीटर लंबी सीमा पर कम से कम छह स्थानों तक फैल गई।
– थाईलैंड और कंबोडिया दोनों में नेतृत्व पहले जैसा प्रभावशाली नहीं है।
निकासी और मानवीय प्रभाव
– थाईलैंड: सीमा क्षेत्रों से 40,000 से अधिक लोगों को निकाला गया, जिसमें सुरिन और बुरिराम प्रांतों में बच्चे और बुजुर्ग कंक्रीट बंकरों और निकासी केंद्रों में शरण ले रहे हैं।
– कंबोडिया: ओड्डार मीनचेय प्रांत में 4,000 से अधिक ग्रामीण विस्थापित हुए, जो सीमा से लगभग 30 किलोमीटर दूर अस्थायी आश्रयों में बस गए।
थाईलैंड और कंबोडिया में संघर्ष का इतिहास
– दरअसल, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच विवाद की जड़ें सौ साल से भी ज़्यादा पुरानी हैं, जब फ्रांसीसी कब्ज़े के बाद कंबोडिया की सीमाएं तय की गई थीं।
– हालात 2008 में तब औपचारिक रूप से तनावपूर्ण हो गए, जब कंबोडिया ने एक विवादित क्षेत्र में स्थित 11वीं सदी के मंदिर को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट के तौर पर पंजीकृत कराने की कोशिश की।
– थाईलैंड ने इसका तीखा विरोध किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच कई बार झड़पें हुईं, जिनमें सैनिकों और आम नागरिकों की मौतें हुईं।
क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय निहितार्थ
– यह संघर्ष आसियान सदस्य देशों के बीच एक दुर्लभ सैन्य टकराव है, जो संगठन की मध्यस्थता की क्षमता की परीक्षा ले रहा है। मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम और सिंगापुर के विदेश मंत्रालय ने तनाव कम करने और बातचीत की अपील की।
– दोनों देशों में प्रमुख व्यापारिक साझेदार और निवेशक चीन ने मध्यस्थता की पेशकश की, जिससे दक्षिण पूर्व एशिया में अमेरिकी प्रभाव के प्रति बढ़ती सतर्कता के बीच उसे राजनयिक अवसर मिल सकता है।
थाईलैंड
– राजधानी : बैंकॉक
– किंग : वजीरालोंगकोर्न (राम x) {चक्रि वंश के राजा, थाईलैंड एक बौद्ध-बहुल देश है, लेकिन उसकी शाही परंपराएँ हिंदू धर्म से भी प्रभावित हैं। हालांकि खुद राजा बौद्ध धर्म को मानते हैं}
– निलंबित PM : पाइतोंग्तार्न शिनावात्रा (अगस्त 2024 में PM बनी थी।)
– कार्यवाहक PM : फुमथाम वेचायाचाई
– मुद्रा : थाई बहत
– भाषा : थाई
– आबादी : 71.62 मिलियन (2025)
– पड़ोसी देश : म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, मलेशिया
कंबोडिया
– राजधानी : नोम पेन्ह
– सम्राट : नोरोदोम सिहामोनी
– प्रधानमंत्री : हुन मानेट
– मुद्रा : रील
– भाषा : खमेर
—————
4. कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?
When is Kargil Vijay Diwas celebrated?
a. 28 जुलाई
b. 27 जुलाई
c. 26 जुलाई
d. 25 जुलाई
Answer: c. 26 जुलाई
– वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में सैनिकों द्वारा दिए बलिदान को याद करने के लिए हर साल 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है।
– यह 60 दिनों से अधिक (मई और जुलाई 1999 के बीच) के लिए लड़ा गया था और अंत में भारत ने अपने सभी क्षेत्रों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया।
– ये युद्ध 26 जुलाई 1999 को खत्म हुआ था।
– कारगिल-द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्रों को वापस लेने के लिए भारतीय सेना ने‘ऑपरेशन विजय’ चलाया था।
—————
5. सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद {आईपीसी की धारा 498ए (बीएनएस की धारा 85)}में आरोपी को कितने वक्त तक गिरफ्तारी नहीं करने का आदेश जारी किया?
For how long did the Supreme Court issue an order not to arrest the accused in a matrimonial dispute {Section 498A of IPC (Section 85 of BNS)}?
a. एक महीना
b. दो महीना
c. छह महीना
d. 2 वर्ष
Answer: b. दो महीना
– सुप्रीम कोर्ट ने 24 जुलाई 2025 को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि वैवाहिक विवादों में शिकायत या प्राथमिकी दर्ज होने के दो माह तक न तो गिरफ्तारी होगी और न ही किसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
– शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले को अनिवार्य तौर पर परिवार कल्याण समिति (एफडब्ल्यूसी) के समक्ष भेजना होगा।
फैसला
– चीफ जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने अपने फैसले में वैवाहिक विवादों में आईपीसी की धारा 498ए (बीएनएस की धारा 85) के दुरुपयोग रोकने के लिए परिवार कल्याण समिति (एफडब्ल्यूसी) के गठन के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित सुरक्षा उपायों को मंजूरी दे दी।
– शीर्ष अदालत ने देशभर के सभी जिलों में संबंधित व सक्षम प्राधिकारों को उक्त दिशा-निर्देश लागू करने और प्रभावी क्रियान्वयन करने का आदेश दिया है।
– सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि वैवाहिक विवादों में कानून के दुरुपयोग को रोकने के लिए हाईकोर्ट द्वारा जारी सुरक्षा उपाय कानून के दायरे में हैं।
वैवाहिक विवाद में समझौता होने पर मामला बंद कर सकते हैं: कोर्ट
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि परिवार कल्याण समिति (FWC) के प्रयासों से जब पक्षों के बीच समझौता हो जाता है, तो जिला एवं सेशन जज और उनके द्वारा जिले में नामित अन्य वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी आपराधिक मामला बंद करने सहित कार्यवाही का निपटारा करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
– अदालत ने एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि महिला (पत्नी) और उसके परिवार ने पति और उसके परिवार को झूठे मुकदमे में फंसाया। झूठे मुकदमे के कारण शिकायतकर्ता महिला के पति और उसके पिता को लंबे समय तक जेल में बिताना पड़ा। पत्नी द्वारा आईपीसी की धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न), 307 (हत्या प्रयास) और 376 (दुष्कर्म) के तहत गंभीर आरोपों सहित दायर आपराधिक मामलों के परिणामस्वरूप पति को 109 दिन और उसके पिता को 103 दिन जेल में रहना पड़ा। आईपीसी की धारा 498ए और अन्य संबद्ध धाराओं के तहत हर शिकायत या एफआईआर के बाद मुद्दे सुलझाने का प्रयास करेगी।
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
– समिति व्यक्तिगत बातचीत के लिए दोनों पक्षों को चार वरिष्ठ बुजुर्गों के साथ बुलाएगी और कूलिंग अवधि में उनके बीच मुद्दे/गलतफहमी सुलझाने का प्रयास करेगी।
– उचित विचार-विमर्श के बाद समिति एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। दो महीने की समाप्ति के बाद उक्त रिपोर्ट संबंधित मजिस्ट्रेट/पुलिस अधिकारियों को संदर्भित करेगी, जिनके पास ऐसी शिकायतें दर्ज की जा रही हैं।
————–
6. केंद्र सरकार ने अटल इनोवेशन मिशन (AIM) का नया मिशन निदेशक नियुक्त किया?
Who has been appointed as the new Mission Director of Atal Innovation Mission (AIM) by the Central Government?
a. राकेश वाघला
b. रमेश उपाध्याय
c. दीपक बगला
d. राजन परिहार
Answer: c. दीपक बगला
– वह इससे पहले इनवेस्ट इंडिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ के रूप में कार्यरत थे।
अटल इनोवेशन मिशन (AIM)
– अटल इनोवेशन मिशन (AIM) नीति आयोग के अंतर्गत एक प्रमुख पहल है, जिसे नवाचार को बढ़ावा देने और स्टार्टअप्स का समर्थन करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
– इसका उद्देश्य एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है जो विशेष रूप से छात्रों और उभरते उद्यमियों में जिज्ञासा, रचनात्मकता और समस्या-समाधान कौशल को पोषित करे।
– इसे नीति आयोग द्वारा 2016 में शुरू किया गया।
– 2024 में अटल इनोवेशन मिशन (AIM) 2.0 लॉन्च किया गया था।
—————
7. GIFT सिटी का MD और CEO किसे नियुक्त किया गया?
Who has been appointed as the MD and CEO of GIFT City?
a. संजय कौल
b. रमेश उपाध्याय
c. दीपक बगला
d. राजन परिहार
Answer: a. संजय कौल
– वह 2001 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं
GIFT सिटी
– GIFT (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) भारत की पहली स्मार्ट सिटी है जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवाओं पर केंद्रित है।
—————-
8. बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना अक्टूबर में जारी होगी
Notification for Bihar assembly elections will be issued in October
– बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा अक्टूबर के आरंभ में होगी और इसके साथ ही अधिसूचना जारी हो जाएगी।
– अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में और नवंबर के प्रथम सप्ताह में मतदान होगा।
– चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की तिथि 30 सितंबर तय किए जाने के कारण विधानसभा चुनाव को लेकर कम ही दिनों का वक्त मिलेगा।
– इस दौरान राज्य की सभी 243 सीटों पर मतदान के बाद चुनाव परिणाम भी 10 या 12 नवंबर तक जारी कर दिए जाएंगे।
विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर तक
– बिहार के वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर, 2025 तक ही निर्धारित हैं। ऐसे में चुनावी तैयारियों को इसके पहले निबटाने के लिए आयोग के पास बेहद कम समय शेष रह जाएगा। ऐसा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के कारण हो रहा है।
—————
9. बिहार विधानसभा ने जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025 किया, इस यूनिवर्सिटी के चांसलर कौन होंगे?
Bihar Assembly passed Jananayak Karpuri Thakur Skill University Bill 2025, who will be the chancellor of this university?
a. राष्ट्रपति
b. राज्यपाल
c. मुख्यमंत्री
d. प्रधानमंत्री
Answer: c. मुख्यमंत्री
– बिहार विधानसभा ने 23 जुलाई 2025 को जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पारित किया।
– इससे जननायक कर्पूरी ठाकुर विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है।
– इसके स्थापना से बिहार को कुशल कार्यबाल के केंद्र के रूप में स्थापित होगा।
– साथ ही यह राज्य के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगा। कौशल विकास और प्रशिक्षण से संबंधित संस्थान इस विश्वविद्यालय से संबद्ध होंगे।
मुख्यमंत्री होंगे कुलाधिपति
– इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, मुख्यमंत्री होंगे।
– यह चौथा ऐसा विश्वविद्यालय है, जिसके चांसलर की भूमिका मुख्यमंत्री को दी गई है।
– इससे पहले हेल्थ साइंस यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति मुख्यमंत्री हैं।
– सरकार के अनुसार मुख्यमंत्री के चांसलर बनने से विश्वविद्यालयों से संबंधित फैसले तेजी से लिए जा सकेंगे।
—————
10. पंडित जवाहर लाल नेहरू के बाद लगातार लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले दूसरे प्रधानमंत्री कौन हैं, जिन्होंने इंदिरा गांधी को पीछे छोड़ दिया?
After Pandit Jawaharlal Nehru, who is the second Prime Minister to hold the post of Prime Minister for the longest time continuously, leaving Indira Gandhi behind?
a. नरेंद्र मोदी
b. मनमोहन सिंह
c. नरसिंहा राव
d. एचडी देवेगौड़ा
Answer: a. नरेंद्र मोदी
– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 जुलाई 2025 को लगातार सबसे लंबे समय तक सत्ता में रहने वाले भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए।
– प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जुलाई 2025 को अपने कार्यकाल के 4078 दिन पूरे कर लिया।
– उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए सबसे लंबे समय तक रहने वाले भारत के दूसरे पीएम बन गए।
– इंदिरा गांधी 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977 तक लगातार 4077 दिनों तक प्रधानमंत्री रही थीं।
– पंडित नेहरू के अलावा नरेंद्र मोदी एकमात्र प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने लगातार तीन आम चुनाव जीते।
– राज्य-केंद्र को मिलाकर मोदी 24 वर्षों तक सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं, जो एक रिकॉर्ड है।


