यह 23 & 24 October 2021 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा। इसका PDF Download Link इस पेज के लास्ट में मौजूद है। Current Affairs PDF आप इस पेज के आखिरी हिस्से से Free में डाउनलोड करें।
1. इंसान में सुअर की किडनी का 1st सफल ट्रांसप्लांटेशन किस देश में हुआ?
a. India
b. USA
c. China
d. UK
Answer: b. USA
– तो आगे हम जानेंगे कि यह ट्रांसप्लांट कैसे हुआ।
– यह सफलता इतनी बड़ी क्यों है। इससे पहले क्यों फेल हो जाता था ट्रांसप्लांट।
– आखिर क्यों सुअर में जीन चेंज करना पड़ा?
– किडनी कैसे काम करता है?
– क्यों खराब होता है और कितनी वेटिंग है ट्रांसप्लांट की।
अमेरिका में कहां हुआ एनिमल टू ह्यूमन किडनी का सफल ट्रांसप्लांट
– अमेरिका की न्यूयार्क यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिकों को जिनोट्रांसप्लांटेशन को लेकर बड़ी सफलता मिली है।
– जिनोट्रांसप्लांटेशन यानी जानवर के ऑर्गन का मनुष्य में ट्रांसप्लांटेशन।
– वैज्ञानिकों और डॉक्टर्स ने एक्सपेरिमेंट के तौर पर सूअर की किडनी को महिला को ट्रांसप्लांट किया था।
– यह महिला ब्रेन डेड थी, लेकिन बाकि शरीर पूरी तरह से काम कर रहा था।
– सुअर की किडनी का महिला में ट्रांसप्लांटेशन सफल रहा। इसने पूरी तरह से अपना काम भी किया।
– महिला का असामान्य क्रिएटिनिन लेवल भी सामान्य स्तर पर आ गया।
– मेडिकल साइंस में इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
ये एक बड़ी उपलब्धि क्यों है?
– पशुओं से मानव में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के प्रयास सदियों से किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली थी।
– क्योंकि ट्रांसप्लांट के कुछ घंटों के भीतर पेशेंट की मौत हो जाती थी।
अब क्यों मिली सफलता
– दरअसल सूअर की जीन्स में ग्लाइकोन नाम का एक शुगर मॉलिक्यूल होता है, जो इंसानों में नहीं होता है।
– इस शुगर मॉलिक्यूल को ह्यूमन बॉडी एक फॉरेन एलिमेंट की तरह ट्रीट करती है और इसे रिजेक्ट कर देती है। ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट फेल हो जाता था।
– वैज्ञानिकों ने इस समस्या से निपटने के लिए सूअर के जीन में पहले से ही बदलाव कर इस शुगर मॉलिक्यूल को निकाल दिया था।
– जेनेटिक इंजीनियरिंग से सूअर के जीन्स में बदलाव कर किडनी का ट्रांसप्लांट किया गया।
कैसे जेनेटिकली मोडिफाइड सुअर तैयार हुए
– दरअसल, वैज्ञानिकों ने सुअर का जेनेटिकली मोडिफाइड भ्रुण (एम्ब्रीओ) तैयार किया। टेस्ट ट्यूब बेबी की तरह।
– इसे सुअर के गर्भाशय में ट्रांसप्लांट किया गया।
– इससे सुअर के जो बच्चे हुए, उनमें ग्लाइकोन नामक शुगर मॉलिक्यूल नहीं था।
– यह जेनेटिकली मोडिफाइड सुअर बड़ा हुआ। तब इसकी किडनी को निकालकर ब्रेन डेड महिला की बॉडी में ट्रांसप्लांट किया गया।
– इस किडनी ने पूरी तरह से अपना काम भी किया।
– महिला का असामान्य क्रिएटिनिन लेवल भी सामान्य स्तर पर आ गया।
इस सफलता के बाद अब वैज्ञानिकों का क्या प्लान है?
– अभी ये ट्रांसप्लांटेशन बस एक एक्सपेरिमेंट के तौर पर किया गया है।
– डॉक्टर मोंटगोमरी का कहना है कि अगले 2 साल में किडनी पेशेंट्स पर इसके ट्रायल शुरू किए जा सकते हैं।
– साथ ही फिलहाल जो ट्रांसप्लांट हुआ है, उमसें केवल 3 दिन तक ही किडनी को मरीज के शरीर में रखा गया।
– लॉन्ग टर्म में ट्रांसप्लांटेशन की सफलता जानने के लिए आने वाले दिनों में इस अवधि को भी बढ़ाया जा सकता है।
दुनिया भर में किडनी ट्रांसप्लांट की लंबी वेटिंग
– भारत में हर साल करीब 2 लाख लोगों को किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, लेकिन केवल 6 हजार लोगों को ही किडनी मिल पाती है।
किडनी खराब होने के मामले किनमें ज्यादा
– किडनी में दिक्कत है कि जब किडनी 50 या 60 प्रतिशत खराब हो जाता है, तब शरीर में इसके इंडिकेशन करता है।
– इसके बाद यह बहुत जल्दी खराब होता है।
– अस्सी प्रतिशत किडनी खराब होने के मामले शुगर, हाइपरटेंशन और लंबे समय तक दवा खाने की वजह से होता है।
कैसे काम करता है किडनी?
1-
– किडनी हमारे शरीर में फ्लूइड को बैलेंस में रखता है। ब्लड में मौजूद वेस्ट को पहचानकर यूरिन के जरिए बाहर निकलाता है। और जरूतर के मुताबिक विटामिंस, मिनिरल्स और हार्मोन को यूरिन में रिलीज नहीं होने देते है।
2-
– किडनी का मुख्य काम ब्लड को साफ करना और गंदगी को यूरिन के जरिए बाहर निकालना है।
– शरीर में मौजूद 8 लीटर ब्लड एक दिन में 20 से 25 बार किडनी से पास होता है।
– मतलब कि 180 लीटर लिक्विड यहां से हर 24 घंटे में गुजरता है।
3-
– ब्लड में मौजूद इन्ग्रीडिएंट्स (ingredients) आपके खाने और पीने के साथ-साथ लगातार बदलते रहते हैं।
– किडनी को परमानेंट ड्यूटी करना होता है। यह फिल्टर है, लेकिन ऐसा फिल्टर जो वेस्ट प्रोडक्ट को यूरिन के जरिए बाहर निकलता है।
– लेकिन जरूरी इन्ग्रीडिएंट्स जैसे विटामिन और मिनिरल्स को नहीं रोकता है।
– किडनी बॉडी में सोडियम, पोटैशियम और कैल्शियम आयन के लेवेल को कंट्रोल करता है।
– साथ में हार्मोन प्रोड्यूस करता है – जैसे रेनिन जो बीपी को कंट्रोल करता है और इरिथ्राोपॉटिन जो रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है।
– इसके अलावा विटामिड डी का एक्टिव फॉर्म भी किडनी के जरिए ही होता है। बोन के रीडेवलपमेंट में काम आता है।
4-
– अगर किडनी को लगता है आपके शरीर में बहुत ज्यादा मात्रा में वॉटर है, तो वह इसे यूरिन के माध्यम से रिमूव करता है।
– अगर शरीर में कम वॉटर है, तो किडनी यह समझ लेता है और यूरिन में कम मात्रा में वाटर रिलीज करता है। इसी वजह से यूरिन पीला नजर आता है।
– शरीर में पानी को कंट्रोल करने के साथ-साथ किडनी, शरीर में फ्लूइड लेवेल को भी स्टेबिलाइज करता है।
5-
– बिना किडनी के हमारे शरीर में फ्लूइड कंट्रोल से बाहर हो जाएगा।
– हर बार जब हम भोजन करते हैं, तो ब्लड पर लोड बढ़ता है।
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2. किस देश ने महारानी एलिजाबेथ II को राज्य-प्रमुख पद से हटाकर डेम सैंड्रा मेसन को पहला राष्ट्रपति चुना?
a. यूनाइटेड किंगडम
b. बारबाडोस
c. न्यूजीलैंड
d. ऑस्ट्रेलिया
Answer: b. बारबाडोस
– डेम सैंड्रा मेसन (Dame Sandra Mason), इस देश की पहली प्रेसिडेंट चुनी गई हैं।
– वह 30 नवंबर 2021 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी।
– इसी दिन ब्रिटेन से बारबाडोस की स्वतंत्रता की 55वीं वर्षगांठ है।
– डेम सैंड्रा मेसन इससे पहले वहां की गवर्नर जनरल थीं।
– अब यह देश गणतंत्र बनने जा रहा है।
– गणतंत्र (रिपब्लिक) का मतलब कि सत्ता आम लोगों और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों के पास होती है।
बारबाडोस
– इसकी आबादी करीब 2.85 लाख है।
– यह समृद्ध कैरिबियाई द्वीपीय देशों में से एक है।
– प्रधान मंत्री: मिया मोटली (Mia Mottley)
– राजधानी: ब्रिज़टाउन
– मुद्रा: बारबाडोस डॉलर
– महाद्वीप: उत्तरी अमेरिका
– बारबाडोस, ब्रिटेन से 1966 में आजाद हो गया था। लेकिन इसने ब्रिटिश रॉयल फैमेली से संबंध बनाए रखे।
– यह कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड की तरह सेल्फ-गवर्निंग नेशन बना रहा, लेकिन राज्य-प्रमुख के तौर पर ब्रिटेन की महारानी को स्वीकार किया।
– यहां का गवर्नर जनरल, क्वीन की रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर माना जाता था।
– मतलब यह यह गणतंत्र (रिपब्लिक) नहीं था।
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3. भारतीय डिप्लोमैट्स ने तालिबान प्रतिनिधिमंडल के साथ रूस में बातचीत की, इसे किस ग्रुप ने आयोजित किया?
a. मॉस्को फॉर्मेट
b. रूस फार्मेट
c. तालिब फार्मेट
d. इंडिया फॉर्मेट
Answer: a. मॉस्को फॉर्मेट
– भारत सहित 11 देश के प्रतिनिधियों ने 20 से 21 अक्टूबर 2021 को मीटिंग में हिस्सा लिया।
– भारतीय दल की अगुवाआ ज्वॉइंट सेक्रेटरी जेपी सिंह ने की।
– वह विदेश मंत्रालय में ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से संबंधित मामले देखते हैं और रूस के न्योते पर मॉस्को गए हैं।
– जबकि तालिबान की टीम डिप्टी प्राइम मिनिस्टर अब्दुल सलाम हनफी की अगुवाई में मॉस्को पहुंची थी।
क्या है मॉस्को फार्मेट
– वैसे तो ‘मॉस्को फॉर्मेट’ का गठन 2017 में हुआ था, और अलग-अलग मुद्दों पर यह ग्रुप बैठक आयोजित करता है।
– इस बार अक्टूबर 2021 में ‘मॉस्को फॉर्मेट’, अफगानिस्तान में तालिबान शासन के मुद्दे पर आयोजित हुआ।
– यह दूसरी बार है, जब भारत ने औपचारिक रूप से तालिबान से बातचीत की है।
– इससे पहले अगस्त 2021 में भारत ने तालिबान से यूएई में भारतीय दूतावास में बातचीत की थी।
सवाल – आखिर क्यों भारत, तालिबान से बातचीत कर रहा है?
– विशेषज्ञों के अनुसार, अफगानिस्तान में तालिबान शासन अब एक हकीकत है और भारत को अपनी कूटनीति इसी के इर्द-गिर्द रखनी होगी।
– भारत ने साल 2019 से ही तालिबान के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव लाना शुरू कर दिया था।
– 2019 में भारत ने जब कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया और पाकिस्तान के हो-हल्ला मचाने के बावजूद तालिबान ने भारत की आलोचना नहीं की। इससे भारत को ये संकेत मिला कि तालिबान भारत और पाकिस्तान के बीच किसी का पक्ष नहीं लेगा।
– भारत जानता है कि तालिबान अफगानिस्तान में उभरता हुआ स्टेकहोल्डर है और उसे भरोसे में लिए बिना अफगानिस्तान में एंगेजमेंट नहीं किया जा सकता।
– अमेरिका ने तो तालिबान से डील करके अफगानिस्तान को उसे सौंप दिया। ऐसे में तालिबान शासन एक हकीकत है।
– भारत ने तालिबान के साथ एंगेजमेंट कुछ देर से शुरू किया है, इसके क्या नतीजे होंगे अभी साफ नहीं है।
– गनी बरादर तालिबान के एक बड़े नेता थे। वे रातों रात गायब हो गए। सरकार से किनारे कर दिए गए।
– पाकिस्तान की खुफिया एजंसी ISI के चीफ हामिद गुल काबुल पहुंचे और सरकार हक्कानी नेटवर्क के हाथ में आ गई।
– मान्यता मिलना तो बड़ी बात है, तालिबान को अभी स्वीकार्यता भी नहीं मिल पा रही है।
– मध्य एशिया में रूस के अपने हित हैं। चीन के सुरक्षा हित भी अफगानिस्तान से जुड़े हैं।
– ऐसा नहीं है कि रूस या चीन तालिबान को बहुत पंसद करते हैं, बल्कि वास्तविकता ये है कि तालिबान उनके लिए सुरक्षा कारणों से बहुत महत्वपूर्ण है।
– मॉस्को फार्मेट के जरिए रूस ने भी तालिबान को स्वीकार्यता दिलाने की कोशिश की है।
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4. केरल में अक्टूबर 2021 में अचानक विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन की क्या वजह रही?
a. बादल फटना
b. बांध टूटना
c. a और b
d. अरब सागर में कम दबाव से अत्यधिक बारिश
Answer: d. अरब सागर में कम दबाव से अत्यधिक बारिश
– यह एक्सेसिव रेनफॉल अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर एरिया) की वजह से पैदा हुआ।
– लेकिन मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि यह इतना भी नहीं हुआ कि इसे बादल फटना कहा जाए।
– ज्यादा बारिश की वजह से 46 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
– ताश के पत्ते की तरह घर गिरकर बह गए।
– पहाड़ों पर भूस्खलन हुआ और इसकी वजह से तबाही हो गई।
– बारिश 12 से 20 अक्टूबर तक हुई और तबाही भी।
– पूरी दुनिया की ज्यादातर मीडिया ने इसे कवर किया है। खासतौर पर केरल की घटना को।
– पिछले वर्ष 2018 से केरल में बाढ़ से तबाही के मामले बढ़ गए हैं।
अत्यधिक बारिश क्यों नहीं झेल पाया केरल
– इससे पहले केरल में अगस्त 2018 में भी भारी बारिश के चलते बाढ़ आई थी। तब राज्य के 14 में से 13 ज़िले बुरी तरह प्रभावित हुए, जिससे लगभग 500 लोग मारे गए थे।
ग्लोबल वार्मिंग का संकेत
– मानसून के मौसम में अच्छी बारिश होना कोई असामान्य बात नहीं है।
– लेकिन हाँ यह ज़रूर है कि अधिक बारिश यानी ह्यूमिडिटी का अधिक होना।
– पिछले 120-130 सालों में धरती का औसत तापमान क़रीब 1.3 सेंटीग्रेड बढ़ गया है, इसलिए आर्द्रता (ह्यूमिटी) नौ से दस प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
– अगर आप इन क्षेत्रों में हो रही कुल वर्षा को देख रहे हैं तो आप पाएंगे की इसमें कमी आई है। जबकि भारी और एकाएक अत्यधिक बारिश की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
केरल में बाढ़ की मुख्य वजह
– इसके बावजूद वैज्ञानिकों का मानना है कि भारी बारिश के कारण जो असर होता है, वह प्रभाव जलवायु परिवर्तन के कारण ज्यादा नहीं है।
– बल्कि इसके पीछे एक साधारण सी बात बस इतनी है कि बारिश के पानी को निकास के लिए जगह नहीं मिलती।
– पश्चिमी घाट में होने वाला भू-स्खलन या बाढ़ के पीछे सबसे बड़ी वजह वनों की कटाई है।
– सड़क निर्माण और उत्खनन।
– बेहिसाब शहरीकरण। शहरीकरण की वजह से नदियों का कैचमेंट एरिया सिमट गया है।
– मतलब कि नदी में पानी को संभालने की क्षमता पहले से कम होती जा रही है।
– ऐसे में अत्यधिक बारिश के दौरान पानी बाढ़ कर आपदा का रूप ले रहा है।
– पहाड़ों पर वनों की कटाई हो रही है, इसकी वजह से इसकी मिट्टी की पकड़ कमजोर पड़ गई। यह भूस्खलन की बड़ी वजह बनकर सामने आया।
– कुछ दशक पहले तक यही ज़मीन बारिश का ज्यादातर पानी अवशोषित कर लेती थी, लेकिन अब धरती पानी अवशोषित नहीं कर पाती है।
दूसरी वजह
– बंगाल की खाड़ी की तुलना में अरब सागर गर्म हो रहा है और गर्म महासागर बहुत खतरनाक है।
– यह कम दबाव प्रणाली (जैसे साइक्लोन) को प्रेरित कर सकता है। अब, हमारे पास अरब सागर में नियमित रूप से चक्रवात बन रहे हैं, जो पहले कभी नहीं थे।
– हालांकि, विशेषज्ञ ने केरल में भूमि उपयोग के पैटर्न में बदलाव के बारे में भी बात की जिससे भूस्खलन के दौरान दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है।
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5. उत्तराखंड में अक्टूबर 2021 में भारी बारिश और पहाड़ों पर भूस्खलन से तबाही की क्या वजह रही?
a. बांध टूटना
b. पश्चिमी विक्षोभ
c. अरब सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनना
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: b. पश्चिमी विक्षोभ
– उत्तराखंड में बारिश और भूस्खलन क्यों
– इसकी वजह तो पश्चिम विक्षोभ या वेस्टर्न डिस्टर्बेंस है।
– दरअसल, हर चीज की एक मियाद होती है।
– अगर समय पर आता है, तो दिल खोलकर स्वागत करते हैं।
– लेकिन बेसमय आ जाए, तो परेशानी का सबब बन जाता है।
– वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से एग्रीकल्चर सिस्टम को लाभ मिलता है, लेकिन यह अभी यह बेमौसम है।
पश्चिमी विक्षोभ
– एक तरह का उष्णकटिबंधीय तूफान है, जो भूमध्य सागर (मेडिटेरियन सी) के क्षेत्र से शुरू होता है।
– खासतौर पर यह सर्दियों के मौसम में भारतीय उपमहाद्वीप में उत्तरी क्षेत्रों में आंधी और तूफान की वजह बनता है।
– यह वायुमंडल के ऊपरी सतहों में भूध्य सागर, अटलांटिक महासागर और कैस्पियन सी से नमी लाकर अचानक वर्षा और बर्फ के रूप में उत्तर भारत, पाकिस्तान और नेपाल में बरसा देता है।
– यह तूफान भूमध्य सागर के उस ओर उत्पन्न होते हैं, जो यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप के बीच में पड़ता है।
– और इस हिस्से को मेडिटेरियन रीजन कहा जाता है।
– इसमें उठने वाले तूफान के चलते वायुमंडल में, साइक्लोजेनेसिस के अनुकूल परिस्थितियां उत्पन्न होने लगती हैं।
– यह एक्सट्रैटॉपिकल डिप्रेशन के गठन में मदद करती है।
– फिर धीरे-धीरे चक्रवात ईरान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के मध्य पूर्व से भारतीय उप-महाद्वीप में प्रवेश करता है।
– यह आंधी-बारिश का कारण बनता है।
– दरअसल, वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक गैर मानसूनी वर्षा का रूप है।
– यह पछुआ पवन से संचालित होता है।
– चूकि यह पश्चिम से आता है, इसलिए पश्चिमी विक्षोभ कहते हैं।
– इसका ज्यादा प्रभाव हमारे यहां विंटर (सर्दियों) में होता है। जनवरी – फरवरी के मौसम में।
– यह रबी की फसल में लाभदायक होता है और हिमाचल में स्नोफॉल में इसका बड़ा योगदान है।
लेकिन पश्चिमी विक्षोभ अक्टूबर में क्यों?
– लेकिन कभी-कभी यह मानसून के अंत में भी सक्रिय हो जाता है।
– ऐसा इस बार हुआ है। इसकी वजह से उत्तरी राज्यों में बारिश देखने को मिली है।
– खासतौर पर उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ से आई भारी बारिश से तबाही मची।
– यहां पर नेशनल हाइवे टूट गई हैं। नदियां उफान पर हैं।
उत्तराखंड में तबाही क्यों हुई?
– यहां भी जो बर्बादी देखने को मिल रही है, इसकी बड़ी वजह पहाड़ों पर बेहिसाब कंस्ट्रक्शन हैं।
– इस बर्बादी को समझने के लिए हिमालय के निर्माण को समझना होगा।
– दरअसल, हिमालय का निर्माण 60 मिलियन (6 करोड़) साल पहले इंडियन प्लेट के यूरेशियन प्लेट से टकराने की वजह से हुआ है।
– पहले सभी भूस्थल वाले प्लेट्स अफ्रीका के पास ही थे, जो बाद में अलग हुए।
– इस दौरान इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकराया।
– इससे हिमालय का निर्माण हुआ। यह प्रक्रिया लगातार चल रही है। इसलिए हिमालय को कच्चा पहाड़ कहा जाता है।
– ऐसे में यहां पर बड़े पैमाने पर डैम, काफी चौड़ी सड़कों और अन्य कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी की वजह से विस्फोटकों का उपयोग हो रहा है।
– बारिश के दौरान इसका बुरा नतीजा देखने को मिल रहा है।
– आमतौर पर, दोनों राज्यों (केरल और उत्तराखंड) में मानसून का मौसम सितंबर के महीने में वापस आ जाता है, जिससे वर्षा की तीव्रता में काफी गिरावट आती है। लेकिन अक्टूबर के मध्य के बाद शुरू हुई लगातार बारिश ने मानसून की वापसी में देरी और जलवायु परिवर्तन के साथ इसके संबंधों पर चिंता जताई है।
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6. उत्तर प्रदेश सरकार ने फैजाबाद रेलवे स्टेशन का नया नाम क्या रखा है?
a. रामाश्रम कैंट
b. अयोध्या कैंट
c. फैजाबाद न्यू
d. रामनगरी कैंट
Answer: b. अयोध्या कैंट
– मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 अक्टूबर 2021 को इसका ऐलान ट्वीट करके किया।
– इससे पहले वर्ष 2018 में यूपी सरकार ने फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था।
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7. तमिलनाडु सरकार ने किसकी अध्यक्षता में सामाजिक न्याय समिति (social justice committee) का गठन किया?
a. सुबा. वीरपांडियन
b. के. धनवेल
c. स्वामीनाथन देवदास
d. मानुष्यपुतिरन
Answer: a. सुबा. वीरपांडियन
– वह द्रविड़ विचारक हैं।
– सात सदस्यीय समिति तमिलनाडु में शिक्षा, रोजगार और अन्य क्षेत्रों की निगरानी करेगी कि सामाजिक न्याय को ठीक से लागू किया जा रहा है या नहीं।
– इसके साथ-साथ समय-समय पर राज्य सरकार को उचित उपाय करने के लिए सिफारिशें देगी।
– सामाजिक न्याय, मतलब सभी तबकों को एक समान अवसर और पिछड़ों को आगे बढ़ने का मौका देना।
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8. तिल दिवस (mole day) कब मनाया जाता है?
a. 22 अक्टूबर
b. 23 अक्टूबर
c. 24 अक्टूबर
d. 25 अक्टूबर
Answer: b. 23 अक्टूबर
– यह दिवस सभी रसायन विज्ञान के प्रति उत्साही लोगों के बीच लोकप्रिय है।
– Mole पदार्थ का SI मात्रक है।
– यह इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट्स का बेस यूनिट है।
– किसी पदार्थ का एक मोल उसकी वह मात्रा है, जिसमें उतने ही कण उपस्थित होते हैं।
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9. अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस (International Snow Leopard Day) कब मनाया जाता है?
a. 22 अक्टूबर
b. 23 अक्टूबर
c. 24 अक्टूबर
d. 25 अक्टूबर
Answer: b. 23 अक्टूबर
– हिम तेंदुआ 12 देशों में पाया जाता है : भारत, नेपाल, भूटान, चीन, मंगोलिया, रूस, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उजबेकिस्तान।
– हिम तेंदुआ, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश का राजकीय पशु है।
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10. भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) ने टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) का नया CEO किसे बनाया?
a. कमोडोर पीके गर्ग
b. मार्शल एके सिंह
c. कैप्टन राकेश थापा
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: a. कमोडोर पीके गर्ग
– मिशन ओलंपिक सेल की बैठक में यह फैसला हुआ।
– कमोडोर पीके गर्ग, खेल रत्न पुरस्कार (1993-94) और अर्जुन पुरस्कार (1990) विजेता भी हैं।
क्या है TOPS
– टारगेट ओलंपिक पोडियम (TOPS) एक स्कीम है, जिसके तहत चुने हुए खिलाडि़यों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।
– इस योजना को सितम्बर, 2014 में युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने शुरू किया था।
– इस स्कीम के तहत कोर ग्रुप में चुने गए एथलीटों को हर महीने 50 हजार रुपये और डेवलपमेंट ग्रुप को 25 हजार रुपये का भत्ता दिया जाता है।
– खिलाड़ियों को टॉप कोच से कोचिंग, खेल से जुड़े इक्विपमेंट खरीदने में मदद की जाती है।
– विशेष परिस्थिति में खिलाडि़यों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भी भेजा जाता है।
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11. पूर्व खिलाड़ी सरनजीत सिंह का निधन 14 अक्टूबर 2021 को हो गया, वह किस खेल से जुड़े थे?
a. क्रिकेट
b. हॉकी
c. बेसबॉल
d. फुटबॉल
Answer: b. हॉकी
– वह 59 वर्ष के थे।
– उन्होंने भारत के लिए खेला था, जिसने 1983 में जर्मनी का दौरा किया था।
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12. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किस नाम से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लांच करने की घोषणा की?
a. TRUTH
b. MYTHS
c. REALITY
d. YOU
Answer: a. TRUTH
– दरअसल, इस साल (2021) की शुरुआत में फेसबुक और ट्विटर ने ट्रंप पर बैन लगा दिया था।
– इसके बाद से वह सोशल मीडिया से बाहर हो गए थे।
– तो अब उन्होंने ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप के तहत TRUTH नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लांच करने का ऐलान किया है।
– वह एक ऐसा मंच बनाना चाहते हैं जो ट्विटर या फेसबुक को टक्कर दे, लेकिन ऐसा होना बेहद मुश्किल है।
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13. मशहूर डिजाइनर मनीष मल्होत्रा की कंपनी ‘एमएम स्टाइल्स प्राइवेट लिमिटेड’ का 40 प्रतिशत हिस्सा किस कंपनी ने खरीदा?
a. फ्यूचर रिटेल
b. रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड
c. अडानी रिटेल लिमिटेड
d. टाटा आइक्यू
Answer: b. रिलायंस ब्रांड्स लिमिटेड
– मनीष मल्होत्रा ने 2005 में कंपनी को लॉन्च किया था।
– उनकी लक्ज़री रिटेल मुंबई, नई दिल्ली और हैदराबाद में चार प्रमुख स्टोरों में फैला हुआ है।
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14. केंद्र सरकार ने इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड (IPGL) का नया प्रबंध निदेशक किसे नियुक्त किया?
a. आलोक मिश्रा
b. विवेक कुमार
c. आगा खान
d. विशाल दुबे
Answer: a. आलोक मिश्रा
– कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने यह फैसला किया है।
– आलोक मिश्रा की नियुक्ति 5 साल के लिए हुई है।
IPGL
– केंद्र सरकार ने इस कंपनी को ईरान के चाबहार पोर्ट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए किया था।
– भारत ने इस पोर्ट का निर्माण किया है।