22nd to 24th January 2022 Current Affairs

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1. किस भारतीय खिलाड़ी ने ICC वुमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2021 अवॉर्ड जीता?

a. स्मृति मंधाना
b. लिजेल ली
c. शैफाली वर्मा
d. गैबी लुईस

Answer: a. स्मृति मंधाना

– भारतीय बल्लेबाज स्मृति मंधाना को 24 जनवरी 2022 को वर्ष 2021 के लिए आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार से नवाजा गया।
– ऐसा दूसरी बार है कि उन्‍हें यह अवॉर्ड मिला है।
– इससे पहले उन्‍हें 2018 में भी आईसीसी महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया है।
– वर्ष 2021 में उन्होंने 22 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 38.86 की औसत से एक शतक और पांच अर्धशतक के साथ 855 रन बनाए थे।

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2. ICC मेंस क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2021 का पुरस्कार किस खिलाड़ी को मिला?

a. विराट कोहली
b. शाहीन शाह अफरीदी
c. जो रूट
d. बाबर आजम

Answer: b. शाहीन शाह अफरीदी

– वह पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हैं।
– ICC ने उन्‍हें 24 जनवरी 2022 इस अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया।
– शाहीन अफरीदी सबसे कम उम्र के प्लेयर ऑफ दी ईयर हैं।
– उन्होंने 21 साल की उम्र में यह सम्मान हासिल किया।
– शाहीन ने साल 2021 में 36 इंटरनेशनल मुकाबले खेले और 22.20 की जबरदस्त औसत के साथ 78 विकेट लिए।
– 51 रन देकर छह विकेट उनका बेस्ट प्रदर्शन रहा।

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3. किस कम्‍यूनिकेशन सर्विस की टेस्टिंग के डर से एअर इंडिया सहित दुनिया की कंपनियों को अमेरिका में विमानों का फ्लाइट रोकनी पड़ी?

a. 5G
b. 6G
c. 7G
d. ब्‍ल्‍यू G

Answer: a. 5G

– अमेरिका में टेलीकॉम कंपनी AT&TandVerizon 5G टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग कर रही है।
– एयरलाइंस कंपनियों का कहना है कि 5G विमानों के लिए घातक है और इस वजह से एअर इंडिया सहित दुनिया के कई एयरलाइंस कंपनियों ने अपने विमानों को अमेरिका भेजने से इनकार कर दिया।

– दरअसल, 5G के सेटअप में c-band (3700-3800 MHz या 3700-4200MHz ) रेंज की frequency का प्रयोग होगा।
– जबकि एयरक्राफ्ट के रेडियो एल्टीमीटर (radio altimeter) भी इस frequency के नजदीक का ही हैं।

एयरक्राफ्ट को 5G के सेटअप में c-band से कैसा नुकसान?
– एयरक्राफ्ट में दो प्रकार के एल्टीमीटर्स होते हैं।
– पहला प्रेशर एल्टीमीटर (pressure altimeter) और दूसरा रेडियो एल्टीमीटर (radio altimeter)।
– प्रेशर एल्टीमीटर एक एयरक्राफ्ट की समुद्र तल के हिसाब से ऊँचाई (altitude) को मापता हैं, इसके अलावा यह एयर ट्रेफिक को कन्ट्रोल करने के लिए रिपोर्ट करने के काम भी आता हैं।
– जबकि रेडियो एल्‍टीमीटर मौजूद इलाके की सतह (terrain) से विमान की ऊंचाई को मांपता है।

– 5G के सिगन्ल के कारण इस एल्टीमीटर पर प्रभाव पड़ सकता हैं जिसके कारण प्लेन की ऊँचाई (altitude) मापने में दिक्कत आ सकती हैं।
– रेडियो एल्टीमीटर सिर्फ जमीन से ऊपर एयरक्राफ्ट की ऊँचाई को मापता हैं, इस काम के लिए यह एयरक्राफ्ट के उड़ान भरने से ही पहले रेडियो सिगन्ल देने लगते हैं।
– इसी टूल से ही एयरक्राफ्ट की लैंडिग की जाती हैं।
– 5G के c-band की वजह से प्लेन के रेडियो एल्टीमीटर की रिडिंग्स से भ्रम उतपन्न हो सकता है।
– जिससे टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान बाधा आ सकती है।

Federal Aviation Administration (FAA)के निर्देश?
– अमेरिका के एविएशन संघ FAA के अनुसार 6 हजार 800 से भी ज्यादा एयरक्राफ्टस जिनमे से ज्यादातर एयरबस, बोइंग, एम्ब्राएर और गल्पस्ट्रीम जैसी बड़ी कंपनियों के निर्मित किए गए हैं,इन सभी में रेडियो एल्टीमीटर्स लगे हुए हैं।
– इन रेडियो एल्टीमीटर्स को 5G के सेटअप में c-band से रिडिंग्स करने में दिक्कत होगी।
– अगर रिडिंग्स में दिक्कत होगी तो एयरक्राफ्टस की उड़ान में भी व्यवधान आएंगे।
– सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत टेकऑफ, कम ऊंचाई में उड़ने और लैंड‍िंग के दौरान होगी।
– 5G cellular networks से interference के कारण बड़े-बड़े जेट्स को लैंडिग टर्मिनल पर लैंडिग करने से सीमित या निषेध कर दिया जायेगा।
– इन 5G टॉवर्स के कारण छोटे एयरक्राफ्टस और हेलीकॉप्टर्स की फ्लाईट में देरी हो सकती हैं या फिर फ्लाईट रद्द करनी पड़ सकती हैं।
– FAA ने अमेरिका के स्पेशल एयरक्राफ्टस बोइंग 777 और बोइंग 787 के संचालन के लिए भी खास निर्देश दिए हैं।

FAA के निर्देशो पर विशेषज्ञो ने क्या कहा
– द हिन्दू के विशेषज्ञो के अनुसार अगर ILS (landing system approaches), RNP (required navigation performance)और Autoland Operations को निषेध कर दिया जाता है तो इसके लिए काफी सुरक्षा और visibility देनी पड़ेगी।
– और यह चीज एयरपोर्ट्स और यात्रियों की फ्लाईट में अधिक समय ले सकती हैं।
– इससे हर एक फ्लाईट के लिए अधिक ईधन भी लगेगा।
– FAA के दूसरे निर्देश आटोमेटेड फ्लाईट्स के उड़ने वाले हेलीकॉप्टर्स को भी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
– तीसरे निर्देश के अनुसार अगर कोई भी यात्री प्लेन में फोन का इस्तेमाल करेगा तो इससे भी एक बहुत बड़ा खतरा पैदा हो सकता हैं।
– चौथे निर्देश के हिसाब से अगर बड़े कर्मिशियल एयरक्राफ्टस
एयर इंडिया को भी रिशेड्यूल करनी पड़ी अपनी फ्लाईट्स visibility पर ध्यान नही दिया गया तो कुछ समस्या का सामना कर पड़ सकता हैं।

मोबाइल फोन से भी हो सकता है प्लेन क्रैश
– साल 2000 में स्विस एविएशन के जांच के अनुसार एयरक्राफ्ट Crossair flight LX 498 के क्रैश होने का कारण एक मोबाइल फोन के द्वारा किए गए electrical interference रहा था।
– बीते साल (2021 में) French Civil Aviation Authority ने भी लेटेस्ट जनरेशन के 5G स्मार्ट फोन्स को प्लेन में के अंदर प्रयोग न करने की सलाह दी थी, क्योकि यह frequency रिडिंग्स में बाधा उतपन्न कर सकता हैं।

एयर इंडिया को भी रिशेड्यूल करनी पड़ी अपनी फ्लाईट्स की टाइमिंग।
– अमेरिका में 5G मोबाइल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल की शुरुआत होने के कारण से एयर इंडिया को भी अपनी फ्लाईट्स को रिशेड्यूल करना पड़ा
– एअर इंडिया ने 20 जनवरी को कहा कि उसकी दिल्ली-न्यूयॉर्क, दिल्ली-सैन फ्रांसिस्को, दिल्ली-शिकागो, मुंबई-न्यू जर्सी की उड़ानें को भी दो दिन संचालित ना करने का फैसला किया हैं।
– एयरलाइन ने दिल्ली से वॉशिंगटन जाने वाली उड़ान को भी रीशेड्यूल

जूही चावला ने भी 5G टेक्नोलॉजी का किया था विरोध।
– बॉलीवुड मशहूर एक्ट्रेस जूही चावला ने 5G टेक्नोलॉजी का विरोध किया था।
– उन्होंने इस टेक्नोलॉजी के लागू किए जाने से पहले इंसानों और पशु-पक्षियों पर इसके असर की जांच करने की अपील दिल्ली हाईकोर्ट से की थी।
– जिसके बाद में कोर्ट ने जूही चावला की याचिका को खारिज कर दिया था और उन पर 20 लाख का जुर्माना भी लगाया था।

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4. हिमाचल प्रदेश ने ‘नई ऊर्जा की नीति’ जारी कर वर्ष 2030 तक विद्युत उत्‍पादन कितना बढ़ाने का लक्ष्‍य तय किया?

a. 8 हजार मेगावाट
b. 10 हजार मेगावाट
c. 12 हजार मेगावाट
d. 18 हजार मेगावाट

Answer: b. 10 हजार मेगावाट

– हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट ने 14 जनवरी 2022 को नई ऊर्जा नीति को मंजूरी दी।
– इसके तहत वर्ष 2030 तक 10 हजार मेगावाट बिजली उत्‍पादन क्षमता बढ़ाकर कुल 20,948 करने का लक्ष्‍य है।
– इसमें हाइड्रो, सोलर और अन्य सभी तरह के विकल्पों को शामिल किया जाना है।
– कुल मिलाकर बिजली के क्षेत्र में नौ साल में दो लाख करोड़ का निवेश की योजना है। इससे एक लाख लोगों को रोजगार मिलेने की संभावना है।
– प्रदेश सरकार को 4000 करोड़ का राजस्व हर साल मिलने वाली निशुल्क बिजली को बेचकर मिलेगा।

इस तरह से वाटर बैटरी बनेगा हिमाचल
– 10000 मेगावाट अतिरिक्त हरित ऊर्जा का उत्पादन जल बैटरी के रूप में किया जाएगा।
– प्रदेश में शत-प्रतिशत हरित ऊर्जा ग्रीन होगी। सामुदायिक स्वामित्व की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
– औद्योगिक उत्पाद में शत-प्रतिशत हरित ऊर्जा का इस्तेमाल हो सकेगा।
– प्रदेश में पंप स्टोरेज परियोजनाएं स्थापित की जाएंगी।
– इस नीति के तहत हिमाचली मूल के लोगों को छोटे बिजली प्रोजेक्ट मिलेंगे।
– इसमें पंप से पानी उठाकर बिजली तैयार करने वाले निवेशकों को रियायतें मिलेंगी।
– इनमें हिमाचली मूल के लोगों को प्राथमिकता मिलेगी।
सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति में कई प्रावधान किए जा रहे हैं।
– वर्ष 2006 में राज्य ने ऊर्जा नीति बनाई थी।

हिमाचल प्रदेश
राजधानी- शिमला
मुख्यमंत्री- जयराम ठाकुर
राज्यपाल- बंडारू दत्तात्रेय

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5. हिरोशिमा परमाणु बम से सैंकड़ों गुना शक्तिशाली ज्‍वालामुखी विस्‍फोट किस देश में हुआ, जिसकी शॉकवेव्‍स भारत, अमेरिका सहित कई देशों तक पहुंची?

a. समाओ
b. फिजी
c. ऑस्‍ट्रेलिया
d. टोंगा

Answer: d. टोंगा

टोंगा के बारे में
– यह कई द्वीपों का समूह है। आबादी करीब एक लाख है।
– यहां कान्स्टिटूशनल मोनार्की (संवैधानिक राजतंत्र) है।
– सम्राट का नाम टुपाओ VI है।
– प्राइम मिनिस्‍टर, सिओसी सोवैलिनी हैं।
– इस देश को ब्रिटेन से आजादी 4 जून 1970 को मिली थी।
– टोंगा एक पॉलिनेशियन कंट्री है।

– कई द्वीपसमूहों का यह देश दक्षिण प्रशांत महासागर में स्थित है।
– इसके हुंगा-टोंगा-हंगा-हापाई (Hunga-Tonga-Hunga-Ha’apai) ज्‍वालामुखी में 15 जनवरी 2022 को विस्‍फोट की घटना हुई।
– इस ज्वालामुखी के फटने के कारण 20 मिनट सुनामी भी आई।
– ज्वालामुखी के फटने से उत्पन्न हुई राख और गैस द्वीप के आसपास के क्षेत्र में फैल गई।
– नासा का कहना है कि ज्‍वालामुखी का विस्‍फोट हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम से सैंकड़ों गुना शक्तिशाली था।
– इससे उत्‍पन्‍न शॉकवेव्‍स को चेन्‍नई (भारत), न्‍यूजीलैंड सहित दुनिया के कई हिस्‍सों में महसूस किया गया।
– यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, यह विस्‍फोट 5.8 तीव्रता के भूकंप के बराबर हुआ।
– विशेषज्ञों के अनुसार इस प्रकार का भयंकर विस्फोट 1000 साल के बाद किसी ज्वालामुखी के फटने के बाद देखने को मिलता है।

ज्‍वालामुखी विस्‍फोट
– टोंगा के निर्जन द्वीप हुंगा-हापाई और हुंगा-टोंगा (Hunga-Tonga-Hunga-Ha’apai) के बीच में ज्‍वालामुखी है, जो 15 जनवरी 2022 को फट गया।
– यह टोंगा की राजधानी नुकुआलोफा में 65 किलोमीटर उत्‍तर में समुद्र तल से लगभग 100 मीटर ऊपर स्थित है।
– यह विशाल ज्‍वालामुखी लगभग 1800 मीटर ऊंचा और 20 किलोमीटर चौड़ा है।
– इस विस्‍फोट से आकाश में राख के के मोटे बादल छा गए, जिससे कम्‍यूनिकेशन सर्विसेंज बाधित हो गईं और परिणामस्‍वरूप निगरानी उड़ानों के परिचालन में भी बाधा आ गई।
– इसका फैलाव का व्‍यास 260 किलोमीटर था।
– इस विस्‍फोट से टोंगा और पड़ोसी फिजी और समोआ में सुनामी भी उत्‍पन्‍न हो गई।
– इस विस्‍फोट के चलते तटीय क्षेत्रों में पानी की ऊंची लहरों ने बाढ़ की स्थिति ला दी।
– घटना के कई दिनों बाद यहां पर निगरानी विमान जा सके और हालात का अंदाजा लग सका।
– इस ज्‍वालामुखी की वजह से टोंगा में बर्बादी हुई है। हालांकि तीन लोग मारे गए हैं, लेकिन आर्थिक और पर्यावरण नुकसान बहुत ही ज्‍यादा हुआ है।

टोंगा में पहले भी फटा था ज्वालमुखी।
– वर्ष 2009 और वर्ष 2014-15 की घटनाओं के दौरान भी मैग्मा और भाप के गर्म जेट के साथ विस्फोट हुए थे।
– हुंगा टोंगा और हुंगा हापाई दो अलग-अलग द्वीप थे। एक ज्वालामुखी विस्फोट ने इन दो द्वीपों को मिला दिया था।
– लेकिन हालिया घटनाओं (जनवरी 2022) की तुलना में ये विस्फोट काफी छोटे थे।
– लेकिन अब 15 जनवरी 2022 को हुए विस्‍फोट ने दोनों द्वीपों अलग हो गए। (बीच में समुद्र आ गया है)

ज्‍वालामुखी और ज्‍वालामुखीय घटनाएं
– ज्‍वालामुखी विस्‍फोट के बारे में बात करने से पहले यह जानना जरूरी है कि ज्‍वालामुखी क्‍या है।
– ज्‍वालामुखी पृथ्‍वी की सतह में एक उद्घाटन या टूटना है, जो मैग्‍मा – जो गर्म तरल और अर्ध-तरल चट्टान के रूप में निकलता है – ज्‍वालामुखीय राख और गैसों को बाहर निकालता है।
– अन्‍य शब्‍दों में कहें, तो ज्‍वालामुखी पृथ्‍वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या छिद्र (वेंट) होता है, जिसके माध्‍यम से पृथ्‍वी के आंतरिक भाग से लावा, राख, पिघली चट्टानें और गैसें बाहर निकलती हैं।

– पृथ्‍वी के मेंटल (पृथ्‍वी के तीन हिस्‍सों में से एक) में एक कमजोर क्षेत्र होता है, जिसे एस्‍थेनोस्‍फीयर (asthenosphere) कहा जाता है और मैग्‍मा इसमें मौजूद पदार्थ होता है।
– ज्‍वालामुखीय हॉटस्‍पॉट वे स्‍थान होते हैं, जो ऐसे स्‍थान पर पाए जाते हैं, जहां पृथ्‍वी की टेक्‍टोनिक प्‍लेट्स आपस में मिलती हैं।
– समुद्र के भीतर अनुमानित एक मिलियन ज्‍वालामुखी हैं, और उनमें से अधिकांश टेक्‍टोनिक प्‍लेटों के पास स्थित हैं।
– जब टेक्‍टोनिक प्‍लेट आपस में टकराती हैं, तो इससे तापमान और दबाव बढ़ता जाता है। इसके बाद फिर मैग्‍मा बनता है, जो कि पृथ्‍वी की सतह के अंदर पिघला हुआ पदार्थ होता है।
– जब यही मैग्‍मा पृथ्‍वी की आंतरिक परत से बाहर आता है, तो उसे लावा कहा जाता है।

टोंगा का ज्‍वालामुखी विस्‍फोट चिंताजनक क्‍यों
– ज्‍वालामुखी विस्‍फोट खतरनाक होने की कुछ वैज्ञानिक वजहें हैं।
– आमतौर पर समुद्र में ज्‍वालामुखी फटने पर यदि लगभग 1200 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर भी मैग्‍मा धीरे-धीरे समुद्र के पानी में आता है, तो मैग्‍मा और पानी के बीच भाप की एक पतली फिल्‍म सी बन जाती है, जो मैग्‍मा के बाहरी सतह को ठंडा करने के लिए इन्‍सुलेशन की एक परत प्रदान करता है।
– लेकिन यह प्रक्रिया तब काम नहीं करती है, जब ज्‍वालामुखी गैस से भरी जमीन से मैग्‍मा का विस्‍फोट हो जाता है।
– जब मैग्‍मा तेजी से पानी में प्रवेश करता है, तो भाप की कोई भी परत जल्‍दी से बाधित हो जाती है।
– इसकी वजह से गर्म मैग्‍मा ठंडे पानी के सीधे संपर्क में आ जाता है।
– इस प्रक्रिया को ईंधन-शीतलक इंटरैक्शन (fuel cool interaction) कहते हैं।
– ऐसे में मैग्‍मा अत्‍यधिक हिंसक विस्‍फोटक से अलग हो जाता है।
– इसके बाद एक चेन रिएक्‍शन शुरू होती है, जिसमें नए मैग्‍मा टुकड़े पानी में ताजा गर्म आंतरिक सतहों को उजागर करते हैं।
– इसके बाद विस्‍फोट दोहराव होता रहता है, अंतत: ज्‍वालामुखी के कण बाहर निकलते हैं और सुपरसोनिक गति के साथ विस्‍फोट करते हैं।

अब आगे क्‍या?
– हालांकि, यह कहना असंभव है कब या कहां किसी ज्‍वालामुखी में विस्‍फोट होगा या नहीं।
– लेकिन इस ज्‍वालामुखी विस्‍फोट के बाद वैज्ञानिकों के लिए बड़े जनसंख्‍या केंद्रों के पास किसी भी ज्‍वालामुखी की बारीकी से निगरानी करना महत्‍वपूर्ण हो जाता है।

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6. बैंकों ने कर्ज न चुकाने वाले किसानों की जमीनें किस कानून के तहत जनवरी 2022 में नीलामी शुरू की, जिस पर विवाद के बाद राजस्‍थान सरकार ने रोक लगा दी?

a. राजस्‍थान रोडा एक्‍ट, 1974
b. कृषि कानून, 2020
c. बैंकिंग एक्‍ट
d. इनमें से कोई नहीं

Answer: a. राजस्‍थान रोडा एक्‍ट, 1974

– इस कानून का पूरा नाम ‘राजस्‍थान कृषि ऋण संक्रिया (कठिनाई का निराकरण) अधिनियम 1974’ है।
– इंग्लिश में कहा जाएगा – ‘The Rajasthan Agricultural Credit Operations (Removal of Difficulties) Act 1974’.

क्‍या है इस कानून में
– 1974 में यह कानून बना है। इसके अनुसार बैंकों को अपने लोन की पूर्ति के लिए किसानों, कश्‍तकारों से कृषि भूमि पर कब्‍जा करके इसे नीलाम करने का अधिकार है।
– लोन चुकाए बिना, किसान अपनी जमीन बेच नहीं सकता है और न ही किसी को ट्रांसफर कर सकता है।

क्‍या विवाद हुआ
– दरअसल, बैंकों ने कर्ज न चुकाने वाले किसानों की जमीनों को जनवरी 2022 में नीलाम करना शुरू कर दिया।
– यह भी मामला सामने आया कि 5 लाख के कर्ज के बकाए के लिए बैंक ने 45 लाख के जमीन की निलामी की घोषणा कर दी।
– इस तरह के मामले सैंकड़ों किसानों के आए।
– इस पर विवाद बढ़ा और पॉलिटिकल पार्टियों ने मुद्दा उठाया।
– इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 जनवरी 2022 को आदेश जारी कर नीलामी रोकने का आदेश दिया।
– उन्होंने ट्वीट कर इस बात की जानकारी भी दी।

राज्‍य सरकार ने क्‍या कहा
– राजस्थान सरकार ने सहकारी बैंको के ऋण को माफ कर दिया है।
– इसके अलावा भारत सरकार से आग्रह करते हुए कमर्शियल बैंको से वन टाइम सैटलमेंट कर किसानो के ऋण माफ करने की बात भी कही हैं।
– राज्य सरकार ने 5 एकड़ तक कृ्षि भूमि वाले किसानो की जमीन की नीलामी पर रोक लगाने के लिए विधानसभा में एक बिल भी पास किया हैं। लेकिन राजस्थान के राज्यपाल ने इस बिल को पास करने की अनुमति दी हैं।

किसान इस नीलामी के चपेट में कैसे आए?
– दिसंबर 2018 तक कमर्शियल बैंको का 2 लाख किसानो पर करीब 6 करोड़ रूपए ओवरड्यू था।
– जिसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर किसानो का ऋण चुकाने की बात कही थीं।
– लेकिन ऐसा ना हो पाया और जिसके कारण किसान केंद्र और राज्य सरकार के फैसले के बीच अटके रहे।
– और इस कारण से किसानों की जमीने नीलामी के कगार पर आ गई।

राजस्थान
राजधानी- जयपुर
मुख्यमंत्री- अशोक गहलोत
राज्यपाल- कालराज मिश्रा

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7. ‘सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट 2022’ का महिला एकल खिताब किस भारतीय ने जीता?

a. साइना नेहवाल
b. पीवी सिंधु
c. मालविका
d. एन सिकी रेड्डी

Answer: b. पीवी सिंधु

– 26 साल की सिंधु ने दूसरी बार महिला एकल का खिताब जीता।
– इससे पहले वह वर्ष 2017 में यह खिताब जीत चुकी है।
– साल 2022 में सिंधु ने ये पहला खिताब जीता है। उन्‍होंने मालविका को हराया।
– पीवी सिंधु दो बार की ओलंपिक पदक विजेता हैं। टोक्‍यो ओलंपिक 2020 में उन्‍होंने ब्रॉंज मेडेल जीता था और रियो ओलंपिक 2016 में सिल्‍वर मेडेल जीता था।

सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट
– इसका अयोजन लखनऊ में होता है।
– इसे यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन ने 1991 में शुरू किया था।
– यह टूर्नामेंट कॉमनवेल्‍थ गेम्‍स 1982 के गोल्‍ड मेडेल विजेता सैयद मोदी की याद में आयोजित किया जाता है।
– अब इसे Badminton World Federation (BWF) आयोजित करवाता है।

पुरुष सिंगल्‍स का फाइनल रद हुआ
– BWF ने ऑफिशियल बयान जारी करते हुए कहा- बीडब्ल्यूएफ ने एक फाइनलिस्ट के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद फाइनल मुकाबले को रद्द करने का फैसला किया है।
– पुरुष एकल का फाइनल अरनॉड मर्कले और लुकास क्लेरबाउट के बीच खेला जाना था।

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8. ‘सैयद मोदी इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट 2022’ का मिश्रित युगल (मिक्‍स डबल्‍स) खिताब किसने जीता?

a. ईशान भटनागर और तनिशा ब्रास्‍टो
b. नागेंद्र बाबू और जी श्री वैद्या
c. अन्‍ना चिंग यिक और तेओ मेई जिंग
d. पीवी सिंधु और पी गायत्री

Answer: a. ईशान भटनागर और तनिशा ब्रास्‍टो

– ये दोनों भारतीय खिलाड़ी हैं।

– वूमेन डबल्‍स का खिताब मलेशिया की खिलाड़ी अन्‍ना चिंग चेओंग और तेओ मेई जिंग ने जीता।
– मेंस डबल्‍स का खिताब मेलेतिशया के खिलड़ी मैन वेई चोंग और काई वून टी ने जीता।

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9. WHO ने कोविड-19 महामारी से मरीजों को बचाने के लिए किन दो दवाओं के इस्तेमाल की मंजूरी दी है।

a. बेरिसिटिनिब, सोट्रोविमैब
b. टोसीलिजुमाब, सरिलुमाब
c. रीजनरोन लेवोसेट्रिज़ीन
d. एसिटामिनोफेन, इबुप्रोफेन

Answer: a. बेरिसिटिनिब, सोट्रोविमैब

– वर्ल्‍ड हेल्‍थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने कोविड-19 महामारी से मरीजों को बचाने के लिए दो दवाओं के इस्तेमाल की मंजूरी दी है।
– WHO ने 14 जनवरी 2022 को दो दवायों बेरिसिटिनिब (Baricitinib) और सोट्रोविमैब (Sotrovimab) को मंजूरी दी हैं।

बेरिसिटिनिब (Baricitinib)के बारे में।
– बेरिसिटिनिब (Baricitinib) Eli Lilly द्वारा निर्मित हैं।
– बेरिसिटिनिब (Baricitinib) दवा गठिया, यानी रूमटॉइड आर्थराइटिस के इलाज में प्रयोग की जाती है।
– कोरोना के गंभीर मरीज में ये दवा वेंटिलेटर पर जाने से बचाती है।
– WHO ने इस दवा को कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के साथ दिए जाने की सलाह दी गई है।
– यह दवाई Janus Kinase (JAK) Inhibitors नामक दवाओं के एक वर्ग का हिस्सा है।
– यह दवाई immune system के overstimulation को रोकने में कारगर हैं।
– यह एक ओरल ड्रग (oral drug) है।
– इसको गठिया की अन्य दवाओं के विकल्प तौर पर भी प्रयोग किया जाता हैं।

सोट्रोविमैब (Sotrovimab)के बारे में।
– सोट्रोविमैब (Sotrovimab) को ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline)और यूएस पार्टनर वीर बायोटेक्नोलॉजी इंक (US partner Vir Biotechnology Inc) के साथ विकसित किया गया है।
– यह दवाई मोनोक्लोनल एंटीबॉडी हैं जोकि कोविड मरीजो के लिए काफी कारगर है।
– WHO ने भी इस दवा को उन मरीजों के लिए देने की सलाह दी है जिनकी हालत गंभीर नहीं है, लेकिन वो एक हाई र‍िस्‍क मरीज हैं।
– यह दावा उन रोगियों के लिए हैं जो अधिक उम्र के हैं, प्रतिरक्षा में कमी है, और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापा जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं, और जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है।

इन दवाइयों के अलावा अन्य दवाइयों को भी मिल चुकी हैं मंजूरी।
– WHO ने जुलाई 2021 में आर्थराइटिस की दवा टोसीलिजुमाब (Tocilizumab) और सरिलुमाब (Sarilumab) के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।
– वहीं, सितंबर में WHO द्वारा सिंथेटिक एंटीबॉडी ट्रीटमेंट रीजनरोन (Regeneron) को भी मंजूरी दी गई थी।

WHO
हेडक्‍वार्टर – जेनेवा (स्विट्जरलैंड)
स्‍थापना – 7 अप्रैल 1948
डायरेक्‍टर जनरल – टेड्रोस एडहानॉम

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10. HAL (Hindustan Aeronautics Limited) ने किस देश को Advanced Light Helicopter (ALH Mk III) निर्यात करने के कांट्रैक्‍ट को जनवरी 2022 में साइन किया?

a. फिलीपींस
b. मॉरीशस
c. श्रीलंका
d. जर्मनी

Answer: b. मॉरीशस

– Hindustan Aeronautics Limited(HAL)ने मॉरीशस सरकार के साथ Advanced Light Helicopter(ALH Mk III) को निर्यात करने के अनुबंध पर साइन किया है।
– इस बात की जानकारी मॉरीशस पुलिस फोर्स ने 19 जनवरी 2022 को दी हैं।
– इस कांट्रैक्‍ट को Helicopter Division-HAL के मैनेजर बी. के. त्रिपाठी और मॉरीशस सरकार के सेक्रेटरी ऑफ होम अफेयर्स ओ.के. दाबिदिन ने साइन किया हैं।
– इस कांट्रैक्‍ट को HALके ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट डिवीजीन, कानपुर में साइन किया गया हैं।

Helicopter(ALH Mk III) के बारे में।
– ALH Mk III 5.5 टन की श्रेणी का एक मल्टी-रोल, मल्टी-मीसन हेलीकॉप्टर हैं।
– भारतीय सेना ने भी इस हेलीकॉप्टर को कई बार उपयोग में लिया हैं।
– इस हेलिकॉप्‍टर ने भारत और विदेशों में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान कई जीवन रक्षक मिशनों सहित विभिन्न उपयोगिता भूमिका में अपनी योग्यता साबित की है।
– अब तक इस तरह के 335 से अधिक एएलएच हेलिकाप्‍टरों का उत्पादन किया जा चुका है।

भारत ने मॉरीशस को लीज पर डोर्नियर विमान भी दिया था
– सितंबर 2021 में, भारत ने मॉरीशस को एक डोर्नियर विमान लीज पर दिया है।
– पिछले वर्ष दोनों देशों ने रक्षा खरीद के लिए 100 मिलियन डॉलर के डिफेंस लाइन ऑफ क्रेडिट पर हस्ताक्षर किए थे।
– मॉरीशस ने अपने व्यापक समुद्री क्षेत्र में गश्त और निगरानी के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए
– भारत में निर्मित डोर्नियर विमान और उन्नत हल्के हेलिकॉप्टर ध्रुव को दो साल के लीज पर लिया था।

मॉरीशस (Mauritius)
– कैपिटल – पोर्ट लुईस
– पीएम – प्रविंद जगन्‍नाथ

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11. ईरान के ‘चाबहार पोर्ट’ पर किन तीन देशों ने जनवरी 2022 में संयुक्‍त नौसैनिक अभ्‍यास किए?

a. ईरान, रूस और भारत
b. भारत, श्रीलंका और फिलीपींस
c. अमेरिका, ईराक और जर्मनी
d. ईरान, रूस और चीन

Answer: d. ईरान, रूस और चीन

– ईरान, रूस और चीन ने 20 जनवरी 2022 से हिंद महासागर में तीन दिवसीय संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया।
– इस नौसैनिक अभ्यास के लिए ईरान के 11 वॉरशिप (युद्धपोत), तीन रूसी जहाज दो चीनी जहाज शामिल है।
– छोटे जहाजों और हेलीकॉप्टरों के साथ ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स भी इस नौसैनिक अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
– इस अभ्यास में नाईट फाईटिंग, रेस्क्यू ओपरेशन्स और फायरफाईटिंग जैसे अभ्यास शामिल हैं।

अमेरिका से तनाव के कारण अपने सैन्य सहयोग को मजबूती प्रदान कर रहा है ईरान
– ईरान का अमेरिका का लंबे समय से तनाव चल रहा हैं।
– इसी कारण से ईरान चीन और रूस से अपने सैन्य संबंधो को मजबूत करने के लिए इस प्रकार के युद्ध अभ्यास कर रहा हैं।

रूस और अमेरिका में भी है अनबन
– रूस की अमेरिका से इस वक्त अनबन चल रही हैं।
– रूस ने अपने पड़ोसी देश यूक्रेन की सीमा पर अपनी सेना भेजी हैं।
– अमेरिका ने इस पर आपत्ति जताई है और रूस को धमकी भी दी है – और कही है कि अगर रूस ने हमला किया तो यह उसके लिए अच्छी बात नहीं होगी।

यह नौसैनिक अभ्यास भारत के लिए एक चिंताजनक विषय
– जिस चाबहार पोर्ट पर चीन, रूस और ईरान नौसैनिक अभ्यास करने जा रहे हैं।
– वह पोर्ट रणनीतिक तौर से भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
– क्योंकि चीन, पाकिस्तान में ग्वादर पोर्ट को विकसित कर रहा है।
– इसी कारण से भारत ईरान के साथ मिलकर चाबहार पोर्ट पर काम कर रहा है।
– भारत के लिए चाबहार बंदरगाह एक आर्थिक सुविधा है जिसके द्वारा वह ग्वादर में होने वाली घटनाओं पर नजर रख सकता है। साथ ही, यह भारत को अफगानिस्तान और अन्य मध्य एशियाई गणराज्यों तक सीधी पहुंच प्रदान करता है।
– भारत ने इस पोर्ट को विकसित करने के लिए अब तक अरबों रुपए भी खर्च किए हैं।
– ऐसे में चीन, रूस और ईरान का यह युद्ध अभ्यास भारत के लिए चिंता की बात हो सकती है।

ईरान
प्रेसिडेंट – इब्राहिम रईसी
कैपिटल- तेहरान

रूस
प्रेसिडेंट – व्‍लादिमीर पुतिन
कैपिटल – मास्‍को

चीन
प्रेसिडेंट – शी जिनपिंग
कैपिटल – बीजिंग

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12. इंडिया ओपन-2022 के पुरुष एकल वर्ग (men singles) सुपर 500 का खिताब किस खिलाड़ी ने जीता हैं?

a. किदांबी श्रीकांतो
b. मिथुन मंजूनाथ
c. बी साई प्रणीत
d. लक्ष्य सेन

Answer: d. लक्ष्य सेन

– इंडिया ओपन का आयोजन नई दिल्‍ली में होता है।
– भारत के युवा बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने 16 जनवरी 2022 को विश्व चैंपियन लोह कीन यीव (Loh Kean Yew)को फाइनल में हराकर इंडिया ओपन-2022 (India Open-2022) के पुरुष एकल वर्ग का खिताब अपने नाम किया है।
– उन्होंने लोह कीन यीव को हराकर सुपर 500 का टाईटल अपने नाम किया हैं।
– लक्ष्य ने ये मैच 24-22, 21-17 के स्कोर पर जीता हैं।
– लक्ष्य ये खिताब जीतने वाले तीसरे भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं।
– उनसे पहले 1981 में प्रकाश पादुकोण और फिर 2015 में किदांबी – श्रीकांत ने पहला सुपर 500 चैंपियनशिप खिताब जीता था।
– लक्ष्य ने पिछले साल भी विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
– लक्ष्य ने यह मैच 54 मिनट में जीता।

लक्ष्य सेन के बारे में।
– लक्ष्य का जन्म 16 अगस्त 2002 को उत्तराखंड के अल्मोड़ा शहर में हुआ।
– उनके पिता डीके सेन खुद एक बैडमिंटन कोच हैं।
– लक्ष्य के बड़े भाई भी चिराग सेन भी एक अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
– लक्ष्य ने बचपन में ही प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी से बैडमिंटन की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थीं।
– 15 साल की उम्र में ही लक्ष्य ने अंडर-17 और अंडर-19 नेशनल में गोल्ड जीता और कई इंटरनेशनल मेडल भी अपने नाम किए।

उपलब्धियां
– 2016 एशिया जूनियर चैंपियनशिप में कांस्य
– 2016 इंडिया इंटरनेशनल सीरीज़ में गोल्ड
– 2017 टाटा ओपन इंडिया इंटरनेशनल में रजत
– 2017 इंडिया इंटरनेशनल सीरीज़ में गोल्ड
– 2017 यूरेशियन बल्गेरियाई ओपन में स्वर्ण
– 2018 ब्यूनस आयर्स युवा ओलंपिक में रजत
– 2018 एशियाई जूनियर चैंपियनशिप, बैंकॉक में स्वर्ण
– 2022 इंडिया ओपन पुरुष एकल में सुपर 500

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13. मशहूर थियेटर अभिनेत्री शाओली मित्रा का निधन 16 जनवरी 2022 को हो गया, उन्‍होंने किस बंगाली फिल्म में अभिनय किया था?

a. जुक्ती तको आर गप्पो
b. आपूर संसार
c. नायक
d. पाखी

Answer: a. जुक्ती तको आर गप्पो

– शाओली मित्रा का निधन दक्षिण कोलकाता स्थित उनके आवास पर निधन हो गया।
– वह 73 वर्ष की थीं। हृदय संबंधी बीमारियों से ग्रस्त थीं।
– उन्होंने बंगाली फिल्म जुक्ती तको आर गप्पो(1974) में अहम किरदार निभाया था।
– फिल्मों के अलावा उन्होंने काफी बड़े बड़े नाटकों में भी अभिनय किया था।
– बंगाली रंगमंच में उनके योगदान के लिए उन्हें साल 2003 संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था।
– कला के क्षेत्र में योगदान के लिए 2009 में उन्हे पदमश्री मिला था।
– साल 2012 में उन्हे थियेटर में लाईफटाइम अचीवमेंट के लिए बांगा विभूषण मिला था।

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14. पाकिस्‍तान के सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज कौन बनीं?

a. शाबना खान
b. जरीन नगमा
c. आयशा मलिक
d. फरीन बी

Answer: c. आयशा मलिक

– 55 वर्षीय जस्टिस आयशा मलिक को सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीश बनाया गया हैं।
– जस्टिस आयशा मलिक को 24 जनवरी 2022 को चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान जस्टिस गुलजार अहमद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
– इसके पहले जस्टिस आयशा लाहौर हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रह चुकी हैं।

आयशा मलिक के बारे में।
– तीन जून 1966 को जन्मी आयशा मलिक (Ayesha Malik) ने कराची ग्रामर स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की।
– उसके बाद उन्होने कराची के ही गवर्नमेंट कालेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से स्नातक की उपाधि ली।
– इसके बाद कानूनी शिक्षा की तरफ उनका रुझान हुआ और लाहौर के कॉलेज ऑफ लॉ से डिग्री ली।
– फिर उन्होंने अमेरिका में मेसाच्यूसेट्स के हॉवर्ड स्कूल ऑफ लॉ से LLM (विधि परास्नातक) की पढ़ाई की।
– उनकी योग्यता का सम्मान करते हुए उन्हें 1998-1999 में ‘लंदन एच गैमोन फेलो’ चुना गया।
– आयशा मलिक ने अपना करियर कराची में फखरूद्दीन जी इब्राहिम एंड कंपनी से शुरू किया और 1997 से 2001 तक चार साल यहीं गुजारे।
– अगले 10 बरसों में उन्होंने खूब नाम कमाया और कई मशहूर कानूनी फर्मों के साथ जुड़ी रहीं।

वर्ष 2012 में लाहौर कोर्ट में जज बनीं।
– साल 2012 में आयशा मलिक लाहौर हाईकोर्ट में जज के तौर पर नियुक्त की गई।

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15. किस राज्‍य से लापता हुआ युवक चीनी आर्मी को मिला?

a. उत्‍तराखंड
b. सिक्किम
c. अरुणाचल प्रदेश
d. मिजोरम

Answer: c. अरुणाचल प्रदेश

– दरअसल, 19 जनवरी 2022 को युवक मिरम तरोन लापता हो गया था।
– चीनी सेना (पीएलए) पर तरोन को अरुणाचल के सियुंग्ला के लुंगटा जोर इलाके से अगवा करने का आरोप लगा था।
– अरुणाचल प्रदेश से सांसद तापिर गोओ ने 19 जनवरी 2022 को ट्वीट कर यह जानकारी दी थी।
– सांसद ने अपने ट्वीट में यह दावा किया था। गाओ ने बताया था कि त्सांगपो नदी जहां से भारत में प्रवेश करती है, उसी जगह यह घटना हुई थी।
– इसके बाद भारतीय सेना ने तुरंत हॉटलाइन के जरिए पीएलए से संपर्क किया। भारतीय सेना ने पीएलए को बताया कि जड़ी-बूटी इकट्ठा कर रहा एक लड़का रास्ता भटक गया है और मिल नहीं रहा है।
– अब इंडियन आर्मी ने दावा किया है कि अरुणाचल प्रदेश से लापता हुआ लड़का चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को मिल गया है।
– तरोन को भारत को सौंपने की प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है।

अरुणाचल प्रदेश
सीएम – पेमा खांडू
गवर्नर – बीडी मिश्रा
कैपिटल – ईटानगर


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