यह 19 to 22 सितंबर 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. चर्चा में रहा H-1B वीजा का सम्बन्ध मुख्यतः किससे है, जिसका आवेदन शुल्क बढाकर 1 लाख डॉलर कर दिया गया?
The much-discussed H-1B visa, whose application fee has been raised to $100,000, is primarily related to what?
a. कृषि श्रमिकों के अमेरिका में रोजगार से
b. अमेरिका में हाई स्किल वाले विदेशी पेशेवरों के रोजगार से
c. अमेरिका में शरणार्थियों के पुनर्वास से
d. अमेरिका में निवेश आधारित नागरिकता से
Answer: b. अमेरिका में हाई स्किल वाले विदेशी पेशेवरों के रोजगार से
H-1B वीजा क्या है?
– परिभाषा: H-1B एक गैर-आप्रवासी (non-immigrant) वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, चिकित्सा जैसे विशेष क्षेत्रों में विदेशी उच्च-कौशल (highly skilled) पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।
– महत्व: भारतीय पेशेवर, विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में, इसका सबसे बड़ा लाभार्थी हैं (FY2024 में 71% H-1B वीजा भारतीयों को)।
– वार्षिक सीमा: 65,000 सामान्य वीजा + 20,000 एडवांस्ड डिग्री होल्डर के लिए।
– यह तीन साल के लिए वैध होता है, इसके बाद रिन्युअल करवाना पड़ता है।
ट्रम्प का नया एग्जेक्यूटिव ऑर्डर (सितंबर 19, 2025)
– शुल्क वृद्धि: H-1B वीजा शुल्क को $2,000-$5,000 से बढ़ाकर $100,000 (लगभग ₹ 88 लाख) प्रति आवेदन कर दिया गया।
– स्पष्टीकरण (सितंबर 20, 2025): व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क एकमुश्त है और केवल नए आवेदकों पर लागू होगा, न कि मौजूदा धारकों पर। पहले से पेंडिंग याचिकाएं हैं, उन पर यह लागू नहीं होगा। रिन्युअल पर भी यह लागू नहीं होगा।
– प्रभावी तिथि: 21 सितंबर, 2025 से लागू
भारत पर प्रभाव
– आर्थिक प्रभाव : भारतीय आईटी क्षेत्र ($283 बिलियन) पर असर, क्योंकि H-1B वीजा पर निर्भरता अधिक है। भारतीय कर्मचारियों की पूरी औसत आय से भी अधिक यह शुल्क बन सकता है, जिससे ऑनसाइट भर्ती महंगी होगी।
– उदाहरण के लिए, भारतीय आईटी कर्मचारियों का औसत वेतन $60,000-$80,000 प्रति वर्ष है, जबकि यह शुल्क उनकी आय से कहीं अधिक है।
– कंपनियों पर प्रभाव: कंपनियां (जैसे TCS, इन्फोसिस) इस शुल्क को वहन करने में असमर्थ हो सकती हैं, जिससे कर्मचारियों को स्वयं भुगतान करना पड़ सकता है। यह उनके लिए वित्तीय रूप से असंभव हो सकता है।
– परिवारों पर असर: परिवारों को अतिरिक्त वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ सकता है, जैसे बच्चों की शिक्षा, आवास, या अन्य खर्चों में कटौती।
– मानवीय प्रभाव: इस नीति से भारतीय प्रवासियों और उनके परिवारों पर सामाजिक, आर्थिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
भविष्य की नौकरी संभावनाएँ कम होंगी:
– नई वीज़ा आवेदन करने वालों के लिए बाधा बढ़ेगी। युवा, स्टूडेंट्स, न्यू ग्रेजुएट जो अमेरिका में काम करना चाहते हैं, उन्हें चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
– कंपनियाँ H-1B वीज़ा पर निर्भरता कम कर सकती हैं, काम को ऑफशोर (India में remote) करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
भारत के लिए अवसर भी
– घरेलू उद्योग को बढ़ावा – अमेरिका में अवसर कठिन होने पर भारतीय पेशेवर भारतीय IT और स्टार्टअप सेक्टर में योगदान दे सकते हैं।
– ‘ब्रेन गेन’ की संभावना – यदि भारतीय प्रतिभा बाहर जाने के बजाय देश में ही टिके तो यह भारत की Knowledge Economy को मजबूत करेगा।
– ब्रेन ड्रेन का नया स्वरूप – कुछ अत्यधिक skilled युवा अन्य देशों (कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि) की ओर पलायन कर सकते हैं।
– नए बाज़ारों की खोज – भारतीय कंपनियाँ यूरोप, एशिया और अफ्रीका जैसे अन्य बाजारों की ओर विस्तार कर सकती हैं।
अमेरिका पर प्रभाव
– इनोवेशन पर जोखिम : अमेरिकी सांसदों (जैसे राजा कृष्णमूर्ति) ने इसे “लापरवाह” बताया, क्योंकि यह उच्च-कुशल प्रतिभा को हतोत्साहित कर सकता है।
– अमेरिकी कंपनियों पर बोझ: अमेज़न (10,044 वीजा), माइक्रोसॉफ्ट, गूगल जैसी कंपनियां प्रभावित, क्योंकि वे H-1B पर निर्भर हैं।
– रोजगार प्रभाव: व्हाइट हाउस का दावा है कि यह अमेरिकी कर्मचारियों की रक्षा करेगा, लेकिन GTRI (ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव) का कहना है कि इससे स्थानीय रोजगार में वृद्धि सीमित होगी।
भारत की प्रतिक्रिया
– विदेश मंत्रालय (MEA) प्रभावों का अध्ययन कर रहा है और अमेरिकी प्रशासन, नैसकॉम के साथ बातचीत कर रहा है।
– राजनीतिक आलोचना: कांग्रेस (मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी) ने केंद्र की विदेश नीति को “कमजोर” बताया; अखिलेश यादव ने भी आलोचना की।
अमेरिकी नीति बहस
– एलन मस्क ने H-1B को “टूटा हुआ” बताया, सुधार की मांग की; ट्रम्प का “राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा” का दावा विवादास्पद।
हत्वपूर्ण आंकड़े
– H-1B धारकों में भारतीय: लगभग 71% (FY2024)
– शीर्ष भुगतान वाले H-1B आवेदकों में भारतीय: 78% (वेतन > $1 मिलियन/वर्ष)
– शीर्ष लाभार्थी: अमेज़न (10,044), TCS (5,505), माइक्रोसॉफ्ट (5,189)
– भारतीय कंपनियों को वीजा: लगभग 24,766 (अप्रैल-सितंबर 2024)
भारतीय IT इंडिस्ट्री अमेरिका पर निर्भर क्यों है?
– अमेरिका विश्व का सबसे बड़ा IT और डिजिटल सर्विसेज़ मार्केट है।
– अमेरिकी कंपनियाँ क्लाउड कंप्यूटिंग, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी जैसी सेवाओं पर भारी निवेश करती हैं।
– वहाँ की कंपनियाँ लगातार आउटसोर्सिंग करती हैं ताकि लागत कम हो और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएँ मिलें।
– भारत इस मांग को पूरा करने वाला सबसे बड़ा स्रोत है।
– भारतीय IT कंपनियों जैसे – TCS, Infosys, Wipro, HCL कंपनियों की 40-60% आय अमेरिका से आती है। अमेरिकी क्लाइंट्स (जैसे – बैंकिंग, रिटेल, हेल्थकेयर, फाइनेंस) भारत की प्रमुख आय का आधार हैं।
– 1990 के दशक में IT boom और Y2K समस्या के समय अमेरिकी कंपनियों ने भारत को IT सेवाओं के लिए अपनाया।
– उसी दौर में मजबूत संबंध बने और भारतीय IT कंपनियों ने अमेरिका में delivery centers और offices खोले।
– अमेरिका Global Tech Hub (Silicon Valley, Seattle, New York) है।
– भारतीय कंपनियाँ वहाँ की नई टेक्नोलॉजी, R&D और स्टार्टअप इकोसिस्टम के साथ जुड़कर अपनी सेवाएँ उन्नत बनाती हैं।
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UPSC और State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न
Q.1
H-1B वीज़ा के सम्बन्ध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1) यह अमेरिका द्वारा जारी किया जाने वाला एक गैर-आप्रवासी (non-immigrant) वीज़ा है।
2) यह मुख्यतः सूचना प्रौद्योगिकी (IT) और STEM क्षेत्र के पेशेवरों को दिया जाता है।
3) सितंबर 2025 में अमेरिका ने इसकी फीस में बढ़ोतरी की है, जिससे भारतीय कंपनियों पर असर पड़ सकता है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. केवल 1 और 3
d. 1, 2 और 3
Answer: d. 1, 2 और 3
संक्षिप्त व्याख्या
1) सही – H-1B वीज़ा अमेरिका का non-immigrant work visa है, जो किसी विदेशी पेशेवर को अस्थायी रूप से अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है।
2) सही – यह खासकर IT, इंजीनियरिंग और STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) क्षेत्रों के highly skilled professionals को दिया जाता है।
3) सही – सितंबर 2025 में अमेरिका ने H-1B वीज़ा की फीस में भारी वृद्धि की (100,000 अमेरिकी डॉलर तक), जिससे भारतीय IT कंपनियों और पेशेवरों की लागत और प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ेगा।
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Q2.
आवेदन शुल्क में भारी बढ़ोत्तरी को लेकर H-1B वीजा के चर्चा रहा, तो बताइए कि भारतीय IT उद्योग अमेरिका पर इतना निर्भर क्यों है?
1) अमेरिका IT सेवाओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
2) अमेरिकी कंपनियाँ आउटसोर्सिंग के लिए भारत पर भरोसा करती हैं।
3) भारतीय कंपनियों की 40–60% आय अमेरिका से आती है।
4) भारतीय IT कंपनियाँ केवल अमेरिका में ही प्रोजेक्ट लेती हैं।
सही विकल्प:
a. केवल 1 और 2
b. केवल 1, 2 और 3
c. केवल 2, 3 और 4
d. सभी 1,2,3,4
Answer: b. केवल 1, 2 और 3
संक्षिप्त व्याख्या:
1) सही – अमेरिका IT सेवाओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, इसलिए भारतीय IT कंपनियों की सेवाओं की मांग अधिक है।
2) सही – अमेरिकी कंपनियाँ आउटसोर्सिंग के लिए भारत पर भरोसा करती हैं ताकि कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएँ मिल सकें।
3) सही – भारतीय IT कंपनियों की 40–60% आय अमेरिका से आती है।
4) गलत – यह कथन कि भारतीय IT कंपनियाँ केवल अमेरिका में ही प्रोजेक्ट लेती हैं, गलत है। भारत और अन्य देशों में भी प्रोजेक्ट किए जाते हैं, इसलिए यह ऑप्शन शामिल नहीं है।
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UPSC और State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न
GS Paper-II (Governance, International Relations)
Q1.
“अमेरिका द्वारा H-1B वीज़ा शुल्क को 100,000 अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का निर्णय भारतीय आईटी उद्योग और प्रवासी भारतीय पेशेवरों पर क्या प्रभाव डालेगा? साथ ही भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के सन्दर्भ में चर्चा कीजिए।”
(250 शब्दों में)
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GS Paper-III (Indian Economy, Employment, Growth)
Q2.
“H-1B वीज़ा नीतियों में हालिया बदलाव भारतीय डेमोग्राफिक डिविडेंड तथा रोजगार सृजन के लिए अवसर और चुनौतियाँ दोनों प्रस्तुत करते हैं। विवेचना कीजिए।”
(250 शब्दों में)
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2. तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) ने बेहतर तालमेल और एकीकरण के लिए पहली बार कितने संयुक्त सैन्य स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया?
The three services (Army, Navy and Air Force) have decided to establish how many joint military stations for the first time for better coordination and integration?
a. 3
b. 12
c. 15
d. 25
Answer: a. 3
– भारत के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने 17 सितंबर 2025 को फैसला किया कि तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और एकता के लिए देश में पहली बार तीन संयुक्त सैन्य स्टेशन बनाए जाएंगे।
– इसके साथ ही, तीनों सेनाओं की शिक्षा शाखाओं को मिलाकर एक संयुक्त शिक्षा कोर बनाया जाएगा।
– द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, ग्वालियर, पुणे और सिकंदराबाद सहित कुछ स्थानों पर हो सकते हैं।
– कोलकाता में आयोजित तीन दिवसीय संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में ये घोषणा की।
– इस सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
संयुक्त सैन्य स्टेशन का अर्थ
– संयुक्त सैन्य स्टेशन का अर्थ यह होगा कि थल सेना, नौसेना और वायु सेना से जुड़ी सभी सुविधाएं संयुक्त होंगी— जैसे लॉजिस्टिक्स, आधारभूत ढांचा, मरम्मत, रख-रखाव, भंडारण और आपूर्ति एकसाथ मिलाकर संचालित की जाएंगी, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके और ये सभी एक साझा कमान के तहत काम करें।
त्रि-सेवा शिक्षा कोर का गठन
– इस कोर के गठन का निर्णय एकजुटता बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है, साथ ही जनशक्ति का युक्तिकरण, बुनियादी ढांचे और प्रशासन का अनुकूलन, तथा तीनों सेवाओं के कार्मिकों का बेहतर एकीकरण सुनिश्चित किया जाएगा।
नोट : ये नए निर्णय उन अनेक प्रयासों में से हैं जो तीनों सेनाओं के बीच बेहतर एकीकरण (थिएटर कमांड) के लिए पिछले कुछ सालों में किए गए हैं।
आर्मी चीफ : जनरल उपेन्द्र द्विवेदी
नेवी चीफ : एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी
एयरफोर्स चीफ : एयर प्रमुख मार्शल अमर प्रीत सिंह
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3. बिहार की पहली महिला फिडे मास्टर (WFM) कौन बनी?
Who became the first woman FIDE Master (WFM) from Bihar?
a. अर्पिता सिंह
b. मरियम फातिमा
c. नेहा सिंह
d. कीर्ति शर्मा
Answer: b. मरियम फातिमा
– मरियम फातिमा बिहार के मुजफ्फपुर की रहने वाली हैं।
– उन्होंने शतरंज के खेल में कई अवॉर्ड जीते हैं।
– बिहार राज्य के खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रन शंकरन है।
नोट: बिहार की मरियम फ़ातिमा को स्पेन के बार्सिलोना में जुलाई और अगस्त 2025 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के बाद यह उपाधि मिली।
WFM (Women FIDE Master) क्या है?
– Women FIDE Master (WFM) एक सम्मानजनक शतरंज टाइटल है, जो किसी महिला खिलाड़ी को उसकी उच्च स्तर की खेल क्षमताओं के आधार पर दिया जाता है। यह स्थायी (lifetime) उपाधि होती है। यह विश्व शतरंज महासंघ (FIDE) द्वारा दिया जाता है।
– महिला खिलाड़ियों को यह टाइटल तब दिया जाता है जब उनकी FIDE रेटिंग कम से कम 2100 हो जाती है। या फिर वे कुछ विशेष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स (जैसे ज़ोनल, महाद्वीपीय, ओलंपियाड आदि) में अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
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4. ‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025’ (WIPO द्वारा जारी) में पहला स्थान किस देश ने प्राप्त किया?
Which country ranked first in the ‘Global Innovation Index 2025’ (released by WIPO)?
a. अमेरिका
b. स्वीडन
c. स्विट्जरलैंड
d. नाइजर
Answer: c. स्विट्जरलैंड
– स्विट्जरलैंड ने लगातार 15वें वर्ष GII रैंकिंग में पहला स्थान (66.0 का समग्र स्कोर) हासिल किया।
– इस इंडेक्स में कुल 139 देशों की रैंकिंग की गई है।
GII रैंकिंग में टॉप 5 देश
1. स्विट्जरलैंड
2. स्वीडन
3. USA
3. रिपब्लिक ऑफ कोरिया
4. सिंगापुर
5. यूनाइटेड किंगडम
GII रैंकिंग में सबसे लास्ट देश
139. नाइजर
138. अंगोला
137. कॉन्गो
136. वेनेजुएला
135. माली
134. इथियोपिया
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5. ‘ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2025’ में भारत की रैंक बताएं, जिसे विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने जारी किया?
What is the rank of India in the ‘Global Innovation Index 2025’, released by the World Intellectual Property Organization (WIPO)?
a. 25
b. 38
c. 40
d. 68
Answer: b. 38 (2024 में 39वें स्थान पर था)
– भारत ने 2015 में अपने 81 वें स्थान से उल्लेखनीय प्रगति की है।
– विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) ने सितंबर 2025 में ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025 जारी किया। इस बार 18वां संस्करण है।
भारत की रैंकिंग क्यों बेहतर हुई
– भारत ज्ञान और प्रौद्योगिकी आउटपुट (#22) और बाजार परिष्कार (#38) में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता है , जबकि इसकी सबसे कमजोर रैंकिंग बिजनेस परिष्कार (#64) , बुनियादी ढांचे (#61) और संस्थानों (#58) में है।
भारत के चार क्लस्टर
– बेंगलुरु (21वें), दिल्ली (26वें), मुंबई (46वें), और चेन्नई (84वें) को दुनिया के शीर्ष 100 इनोवेशन क्लस्टरों में शामिल किया गया है।
नोट : यह एक भौगोलिक क्षेत्र होता है जहाँ पर समान उद्योग या कंपनियाँ एकत्रित होती हैं। जैसे: टेक्सटाइल क्लस्टर, ऑटोमोबाइल क्लस्टर, आईटी क्लस्टर आदि।
निवेश की वृद्धि दर कम हो रही
– विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO) के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) 2025 के अनुसार, रिसर्च और इनोवेशन ग्रोथ 2024 में गिरकर 2.9 प्रतिशत हो गई। वर्ष 2025 में इसके और गिरकर 2.3 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है।
इनकम ग्रुप के अनुसार टॉप तीन इनोवेशन अर्थव्यवस्थाएं
उच्च आय
1 स्विट्ज़रलैंड
2 स्वीडन
3 संयुक्त राज्य अमेरिका
उच्च मध्यम आय
1 चीन
2 मलेशिया
3 तुर्की
निम्न मध्यम आय
1 भारत
2 वियतनाम
3 फ़िलीपींस
निम्न आय ^
1 रवांडा
2 टोगो
3 युगांडा
किस आधार पर रैंकिंग
– संस्थानों (Institutions)
– मानव पूंजी (human capital) और रिसर्च
– इंफ्रास्ट्रक्चर
– बाजार परिष्कार (Market sophistication )
व्यावसायिक परिष्कार (Business sophistication)
– ज्ञान और टेक्नोलॉजी आउटपुट (Knowledge and technology outputs)
– रचनात्मक आउटपुट (creative output)
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) के बारे में
– यह एक वार्षिक रिपोर्ट होती है जो देशों को उनके नवाचार (Innovation) के प्रदर्शन और क्षमताओं के आधार पर रैंक करती है।
– GII की स्थापना वर्ष 2007 में INSEAD (एक प्रमुख बिज़नेस स्कूल), Cornell University (USA), और World Intellectual Property Organization (WIPO) के सहयोग से की गई थी।
WIPO (World Intellectual Property Organization)
– WIPO, संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है।
– यह संगठन 1967 में बना था।
2025 में शीर्ष 10 सर्वाधिक Ai-प्रधान देश:
1. USA
2. UAE
3. सऊदी अरब
4. कोरिया गणराज्य
5. फ्रांस
6. भारत
7. चीन
8. यूनाइटेड किंगडम
9. फिनलैंड
10. जर्मनी
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6. संयुक्त राष्ट्र के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस कब मनाया जाता है?
When is the International Day of Peace celebrated by the United Nations?
a. 20 सितंबर
b. 21 सितंबर
c. 22 सितंबर
d. 23 सितंबर
Answer: b. 21 सितंबर
2025 की थीम
– शांतिपूर्ण विश्व के लिए अभी कार्य करें
– Act Now for a Peaceful World
– इसका मुख्य उद्देश्य विश्व में शांति, हिंसा की समाप्ति और संघर्ष समाधान के तरीकों को बढ़ावा देना है।
– इसे 1981 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) द्वारा स्थापित किया गया था।
– 1982 से इसे हर साल मनाने की परंपरा शुरू हुई।
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7. पाकिस्तान ने किस अरब देश के साथ रक्षा समझौता किया, जिसके तहत एक देश पर हमला दूसरे पर भी हमला माना जाएगा?
With which Arab country did Pakistan sign a defence pact, under which an attack on one country will be considered an attack on the other?
a. कुवैत
b. इजरायल
c. यूएई
d. सऊदी अरब
Answer: d. सऊदी अरब
पाकिस्तान और सऊदी अरब में “स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट” (SMDA)
– सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सितंबर 2025 में एक रक्षा समझौते पर साइन किए।
– इस समझौते के तहत एक देश पर हमला दूसरे पर भी हमला माना जाएगा।
– समझौता का नाम : “स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट” (SMDA)
– जिस वक्त इस रक्षा समझौते पर साइन किए जा रहे थे, तब पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसीम मुनीर भी वहां मौजूद थे।
– बताया जा रहा है कि इस समझौते की वजह से पाकिस्तान को अपनी बदहाल अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए सऊदी से और पैसा मिलने की राह खुल गई।
समझौते की मुख्य विशेषताएँ
– सामूहिक रक्षा सिद्धांत: यह समझौता नाटो के अनुच्छेद 5 के समान है, जिसमें एक सदस्य पर हमला, सभी पर हमला माना जाता है।
– परमाणु सुरक्षा कवच: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया है कि यदि आवश्यक हुआ तो पाकिस्तान की परमाणु क्षमता सऊदी अरब को उपलब्ध कराई जाएगी।
– सैन्य सहयोग: समझौते के तहत दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान और संयुक्त रक्षा रणनीतियाँ विकसित की जाएँगी।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव
– भारत पर प्रभाव: भारत ने इस समझौते पर चिंता व्यक्त की है, विशेषकर इस संदर्भ में कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमता सऊदी अरब को उपलब्ध कराना क्षेत्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
– अमेरिका की प्रतिक्रिया: अमेरिका ने इस समझौते पर चिंता जताई है, विशेषकर इस संदर्भ में कि पाकिस्तान की परमाणु क्षमता का प्रसार वैश्विक सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
– मध्य-पूर्व में शक्ति संतुलन: यह समझौता मध्य-पूर्व में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर ईरान और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों के संदर्भ में।
परमाणु सुरक्षा का जोखिम
– पाकिस्तान ने कहा है कि आवश्यक होने पर वह अपनी परमाणु क्षमता सऊदी अरब के लिए उपलब्ध करा सकता है।
– भारत के लिए यह चिंता का विषय है क्योंकि इससे क्षेत्रीय परमाणु संतुलन प्रभावित हो सकता है।
– हालांकि यह प्रत्यक्ष खतरा नहीं है, लेकिन रणनीतिक तौर पर सतर्क रहने की जरूरत है।
सऊदी अरब के साथ द्विपक्षीय रिश्ते
– सऊदी अरब भारत का मित्र और व्यापारिक साझेदार रहा है।
– इस समझौते का मतलब यह नहीं कि सऊदी अरब ने भारत के प्रति कोई शत्रुतापूर्ण रुख अपनाया है।
– यह समझौता सऊदी की क्षेत्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं और पाकिस्तान के साथ ऐतिहासिक धार्मिक/सांस्कृतिक रिश्तों पर आधारित है।
– भारत-सऊदी संबंधों में फिलहाल कोई गहरी खटास नहीं आई है, लेकिन भारत को सामरिक और कूटनीतिक सतर्कता बरतनी होगी।
– भारत को अपनी क्षेत्रीय सुरक्षा रणनीति और गठबंधनों को मजबूती से पुन: मूल्यांकन करना होगा।
पाकिस्तान ने नाटो जैसी फोर्स बनाने का सुझाव दिया था
– इजराइल ने 9 सितंबर 2025 को कतर की राजधानी दोहा में हमास चीफ खलील अल-हय्या को निशाना बनाकर हमला किया था। इस हमले में अल-हय्या बच तो गया था, लेकिन 6 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
– इसके बाद 14 सितंबर को दोहा में मुस्लिम देशों के कई नेता इजराइल के खिलाफ एक खास बैठक के लिए इकट्ठा हुए थे। यहां पाकिस्तान ने सभी इस्लामी देशों को NATO जैसी जॉइंट फोर्स बनाने का सुझाव दिया था।
अमेरिका के साथ भी पाकिस्तान ने सऊदी जैसा रक्षा समझौता किया था
– पाकिस्तान ने सऊदी जैसा रक्षा समझौता अमेरिका के भी साथ किया था।
– 1954 में कोल्ड वॉर के दौरान, अमेरिका ने सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए दक्षिण एशिया में सहयोगियों की तलाश की।
– इस समय पाकिस्तान ने अमेरिका के साथ सैन्य गठबंधन को अपनाया।
– इसमें म्यूचुअल डिफेंस के नियम थे, यानी दोनों देश एक-दूसरे को सैन्य सहायता (हथियार, प्रशिक्षण, उपकरण) देंगे।
– 1979 में ये समझौता टूट गया था।
– उससे पहले भारत पाकिस्तान के बीच 2 जंग हुई, लेकिन एक में भी अमेरिका ने उसकी सीधे मदद नहीं की।
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UPSC और State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न
Q1.
सितंबर 2025 में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हस्ताक्षरित ‘स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ (SMDA) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा सही नहीं है?
a. यह समझौता NATO के अनुच्छेद 5 के समान सामूहिक रक्षा सिद्धांत पर आधारित है।
b. पाकिस्तान की परमाणु क्षमता को सऊदी अरब के लिए उपलब्ध कराने का प्रावधान इसमें शामिल है।
c. एक देश पर हमला, दूसरे देश पर भी हमला माना जाएगा।
d. यह समझौता मुख्य रूप से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सऊदी निवेश पर केंद्रित है।
सही उत्तर: (d) यह समझौता मुख्य रूप से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए सऊदी निवेश पर केंद्रित है।
(व्याख्या: समझौता रक्षा पर केंद्रित है, हालांकि इससे पाकिस्तान को आर्थिक लाभ की संभावना है, लेकिन मुख्य फोकस रक्षा नहीं अर्थव्यवस्था है।)
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UPSC और State PCS मेंस लेवेल के प्रश्न
GS Paper 2 : International Relations : अंतरराष्ट्रीय संबंध, क्षेत्रीय सुरक्षा और भू-राजनीति
Q1.
‘स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट’ (SMDA) के तहत पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सैन्य सहयोग के विभिन्न आयामों का विश्लेषण कीजिए। यह सहयोग मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया की भू-राजनीति को कैसे प्रभावित कर सकता है?
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8.
चाबहार पोर्ट भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है, जिस पर अमेरिका ने अपने प्रतिबंध छूट को सितंबर 2025 में खत्म कर दिया?
Why is Chabahar Port considered important for India, on which the US ends its sanctions waiver in September 2025?
a. यह भारत को पाकिस्तान के माध्यम से अफगानिस्तान तक पहुँच देता है।
b. यह भारत को पाकिस्तान को बाईपास करके अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच प्रदान करता है।
c. यह केवल भारत के समुद्री तेल आयात के लिए है।
d. यह भारत और चीन के बीच व्यापार मार्ग है।
Answer: b. यह भारत को पाकिस्तान को बाईपास करके अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच प्रदान करता है।
चाबहार पोर्ट पर अमेरिका का निर्णय और भारत पर प्रभाव
– चाबहार पोर्ट, ईरान के सागर तट पर स्थित एक रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह है।
– यह भारत को पाकिस्तान को बाईपास करके अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच प्रदान करता है।
– इसका निर्माण भारत ने किया है और ईरान ने 10 वर्षों तक इसके सबसे बड़े हिस्से शाहिद बेहिश्ती पोर्ट का संचालन का का जिम्मा दिया हुआ है।
– 17 सितंबर 2025 को अमेरिका ने चाबहार पोर्ट के लिए 2018 में जारी प्रतिबंध से छूट (Sanctions waiver) को समाप्त करने की घोषणा की है।
– यह 29 सितंबर 2025 से प्रभावी हुआ है।
– इस फैसले से भारत के लिए कई रणनीतिक, आर्थिक और कूटनीतिक चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं।
अमेरिका का निर्णय
– अमेरिका ने 2018 में भारत को चाबहार पोर्ट के संचालन के लिए विशेष छूट दी थी।
– अब इस waiver को समाप्त कर दिया गया है, जिससे अमेरिकी प्रतिबंध सीधे चाबहार पोर्ट पर लागू होंगे।
– इससे पोर्ट पर काम कर रही भारतीय कंपनियाँ, जैसे India Ports Global Limited (IPGL), अमेरिकी प्रतिबंधों के अधीन आ सकती हैं।
अमेरिका ने यह प्रतिबंध क्यों लगाया?
– अमेरिका ने यह निर्णय “ईरान की परमाणु, बैलिस्टिक मिसाइल और सैन्य कार्यक्रमों के खिलाफ अधिकतम दबाव नीति” के तहत लिया है।
– इस नीति के अंतर्गत, अमेरिका ने ईरान के साथ किसी भी प्रकार के आर्थिक सहयोग को सीमित करने का प्रयास किया है।
– विशेष रूप से, ईरान फ्रीडम एंड काउंटर-प्रोलिफरेशन एक्ट (IFCA) के तहत, ऐसे सहयोगों को प्रतिबंधित किया गया है जो ईरान के सैन्य या परमाणु कार्यक्रमों में सहायता कर सकते हैं।
– चाबहार पोर्ट के विकास में भारत की भागीदारी को इस एक्ट के तहत देखा गया है, जिससे अमेरिका ने अपनी छूट को समाप्त करने का निर्णय लिया।
भारत पर प्रभाव?
रणनीतिक प्रभाव
– चाबहार पोर्ट के माध्यम से भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच मिलती थी।
– अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण भारत की यह रणनीतिक महत्वाकांक्षा प्रभावित होगी।
– पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के मुकाबले चाबहार एक वैकल्पिक मार्ग था, जिसका महत्व अब और बढ़ गया है।
आर्थिक निवेश पर प्रभाव
– भारत ने पोर्ट में लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
– अमेरिकी निर्णय से इस निवेश की सुरक्षा और भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग गया है।
वाणिज्यिक और कनेक्टिविटी पर प्रभाव
– भारत की अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ व्यापारिक कनेक्टिविटी में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
– भारत को वैकल्पिक मार्गों और साझेदारी विकल्पों पर विचार करना होगा।
कूटनीतिक प्रभाव
– अमेरिका के इस फैसले से भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
– भारत को अपनी विदेश नीति और कूटनीतिक रणनीति के माध्यम से अपने हित सुरक्षित रखने होंगे।
पहलू प्रभाव
– रणनीतिक महत्व : अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच में बाधा
– आर्थिक निवेश : 500 मिलियन डॉलर के निवेश की सुरक्षा पर प्रश्नचिह्न
– वाणिज्यिक कनेक्टिविटी : पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के मुकाबले विकल्प की कमी
– कूटनीतिक संबंध : भारत-अमेरिका संबंधों में संभावित तनाव
– संभावित प्रतिक्रियाएँ : कूटनीतिक संवाद, वैकल्पिक साझेदारी की तलाश, विकास योजनाओं की समीक्षा
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UPSC और State PCS प्रिलिम्स लेवेल के प्रश्न
Q1.
कथन: अमेरिका का चाबहार पोर्ट पर ‘प्रतिबंध छूट’ समाप्त करना भारत के लिए केवल किस प्रकार की चुनौती है।
सही विकल्प चुनें:
a. सिर्फ़ आर्थिक दृष्टिकोण से यह भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है।
b. यह निर्णय सामरिक, कूटनीतिक और आर्थिक तीनों दृष्टिकोणों से भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है।
c. यह निर्णय केवल कूटनीतिक दृष्टिकोण से भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है।
c. यह निर्णय केवल सामरिक दृष्टिकोण से भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है।
Answer: b. यह निर्णय सामरिक, कूटनीतिक और आर्थिक तीनों दृष्टिकोणों से भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है।
संक्षिप्त व्याख्या: अमेरिका का यह निर्णय भारत के लिए सामरिक, कूटनीतिक और आर्थिक तीनों दृष्टिकोणों से चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि चाबहार पोर्ट भारत की मध्य एशिया और अफगानिस्तान तक पहुँच का एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
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Q1.
चाबहार पोर्ट से संबंधित कौन-से तथ्य सही हैं?
1) भारत के लिए यह अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँच का मुख्य मार्ग है।
2) अमेरिका का ‘प्रतिबंध छूट’ 2018 में भारत के लिए जारी हुआ था।
3) अमेरिका ने यह ‘प्रतिबंध छूट’ 2025 में समाप्त किया।
a. केवल 1 और 2
b. केवल 1 और 3
c. केवल 2 और 3
d. सभी 1, 2 और 3
Answer:
d. सभी 1, 2 और 3
सभी तथ्य वर्तमान हकीकत पर आधारित हैं।
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UPSC और State PCS मेंस लेवेल के प्रश्न
General Studies Paper II (GS-II) – International Relations / भारत की विदेश नीति / Defence and Strategic Affairs
Q1.
अमेरिका ने 17 सितंबर 2025 को चाबहार पोर्ट के लिए भारत को दी गई 2018 की छूट को समाप्त किया। इस निर्णय का भारत–अफगानिस्तान–मध्य एशिया कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय रणनीतिक हितों पर क्या प्रभाव पड़ा है?
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General Studies Paper III (GS-III) – Indian Economy / Infrastructure and Strategic Investment
Q2.
अमेरिका ने 17 सितंबर 2025 को चाबहार पोर्ट के लिए भारत को दी गई 2018 की छूट को समाप्त किया। अमेरिका के इस फैसले का चाबहार पोर्ट में भारत के निवेश पर क्या प्रभाव पड़ा है?
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9. भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में इनमें से किस तरह के बदलाव का फैसला किया?
The Election Commission of India (ECI) decided to make which of the following changes to the Electronic Voting Machines (EVMs)?
a. उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें
b. एक EVM शीट पर अधिकतम 15 उम्मीदवार दिखेंगे
c. एक EVM में अधिकतम 10 उम्मीदवार दिखेंगे
d. a और b दोनों
Answer: d. a और b दोनों (उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और एक EVM शीट पर अधिकतम 15 उम्मीदवार दिखेंगे)
– भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने मतदान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) मतपत्रों के डिज़ाइन में बदलाव की घोषणा की है।
– इसका लक्ष्य मतदाताओं के लिए दृश्यता, पठनीयता और एकरूपता सुनिश्चित करना है।
– यह कदम चुनाव आयोग द्वारा पिछले छह महीनों में शुरू की गई 28 पहलों का हिस्सा है, जिनका उद्देश्य चुनावी प्रक्रियाओं को सरल और मतदाता-हितैषी बनाना है।
EVM मतपत्र डिज़ाइन में प्रमुख बदलाव
– उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें: EVM पर उम्मीदवारों की तस्वीरें अब रंगीन होंगी, जिससे पहचान आसान होगी।
– बड़ा फोटो स्पेस: प्रत्येक उम्मीदवार का चेहरा कुल फोटो स्पेस का तीन-चौथाई भाग घेरेगा।
– समान फॉन्ट और शैली: सभी उम्मीदवारों के नाम और NOTA विकल्प एक ही फॉन्ट व आकार में होंगे।
– उम्मीदवार लेआउट सीमा: एक EVM शीट पर अधिकतम 15 उम्मीदवारों को दिखाया जाएगा।
– NOTA की स्थिति: “नोटा” विकल्प हमेशा अंतिम उम्मीदवार के नाम के बाद स्पष्ट रूप से प्रदर्शित होगा।
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10. सितंबर 2025 में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर को कितने बेसिस प्वाइंट घटाकर किस सीमा में लाया?
In September 2025, the US Federal Reserve reduced its benchmark interest rate by how many basis points to what range?
a. 50 बेसिस प्वाइंट, 4.25%–4.50%
b. 25 बेसिस प्वाइंट, 4.00%–4.25%
c. 75 बेसिस प्वाइंट, 3.75%–4.00%
d. 100 बेसिस प्वाइंट, 3.50%–3.75%
Answer: b. 25 बेसिस प्वाइंट, 4.00%–4.25%
अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने ब्याज दर में कटौती की
– अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Fed) ने 2025 में पहली बार सितंबर में अपनी बेंचमार्क ब्याज दर 25 बेसिस अंक घटाकर 4.00%–4.25% की नई सीमा में ला दी है।
– यह कटौती मौद्रिक नीति को उदार बनाने का संकेत देती है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और बेरोजगारी को कम करना है।
– यह कदम संभावित दर घटाने (rate easing) चक्र की शुरुआत का संकेत देता है।
– इसका उद्देश्य महंगाई, श्रम बाज़ार की ठंडक और आर्थिक वृद्धि में मंदी के बीच संतुलन बनाना है।
वैश्विक प्रभाव:
– वैश्विक पूंजी प्रवाह: ब्याज दरों में कमी से अमेरिका में निवेश की आकर्षणशक्ति कम हो सकती है, जिससे उभरते बाजारों (जैसे भारत) में पूंजी प्रवाह बढ़ सकता है।
– मुद्रा मूल्य: अमेरिकी डॉलर की तुलना में अन्य मुद्राएँ, जैसे भारतीय रुपये, में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है। रुपये के मूल्य में वृद्धि से भारत का आयात सस्ता हो सकता है, लेकिन निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
– कमोडिटी की कीमतें: तेल और अन्य कमोडिटी की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि अमेरिकी अर्थव्यवस्था वैश्विक मांग को प्रभावित करती है।
भारत पर प्रभाव:
– मौद्रिक नीति: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को अपनी मौद्रिक नीति को समायोजित करने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि वैश्विक ब्याज दरों में परिवर्तन भारत की नीतियों को प्रभावित करते हैं।
– निवेश और स्टॉक मार्केट: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का प्रवाह बढ़ सकता है, जिससे भारतीय शेयर बाजार में तेजी आ सकती है।
– मुद्रास्फीति और आयात: सस्ता आयात भारत में मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, लेकिन निर्यात-उन्मुख उद्योगों पर दबाव बढ़ सकता है।
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Q1.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में 0.25% की कटौती का मुख्य उद्देश्य क्या हो सकता है? निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सबसे सटीक है?
a. मुद्रास्फीति को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को रोकना।
b. मौद्रिक नीति को उदार बनाकर रोजगार को प्रोत्साहित करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखना।
c. अमेरिकी डॉलर को मजबूत करके उभरते बाजारों से पूंजी निकासी को बढ़ावा देना।
d. वैश्विक कमोडिटी कीमतों को स्थिर रखने के लिए सीधे हस्तक्षेप करना।
Answer: b. मौद्रिक नीति को उदार बनाकर रोजगार को प्रोत्साहित करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखना।
संक्षिप्त व्याख्या
– फेडरल रिजर्व का ड्यूल मैंडेट (dual mandate) रोजगार को बढ़ावा देना और मुद्रास्फीति को स्थिर रखना है। ब्याज दर में कटौती मौद्रिक नीति को उदार बनाती है, जिससे उधार लेना सस्ता होता है, निवेश और रोजगार बढ़ता है।
– a. गलत है क्योंकि कटौती मुद्रास्फीति को बढ़ाने के बजाय नियंत्रित करती है।
– b. मौद्रिक नीति को उदार बनाकर रोजगार को प्रोत्साहित करना और मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखना।
– c. गलत है क्योंकि ब्याज दर कम होने से डॉलर कमजोर हो सकता है।
– d. गलत है क्योंकि कमोडिटी कीमतें अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होती हैं।
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Q2.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में ब्याज दर कटौती का वैश्विक प्रभाव क्या है? निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह भारत जैसे विकासशील देशों में मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती है, ब्याज दर में कमी से कमोडिटी की कीमतें बढ़ सकती हैं।
2. यह अमेरिकी डॉलर को कमजोर कर सकता है, जिससे अन्य मुद्राओं का मूल्यांकन प्रभावित होता है।
3. यह केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है, वैश्विक स्तर पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
a. केवल 1 और 2
b. केवल 2 और 3
c. केवल 1 और 3
d. सभी 1, 2 और 3
Answer: (a) केवल 1 और 2
संक्षिप्त व्याख्या
– कथन 1 सही है क्योंकि ब्याज दर में कमी से वैश्विक मांग बढ़ सकती है, जिससे कमोडिटी कीमतें और मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
– कथन 2 सही है क्योंकि कम ब्याज दर डॉलर को कमजोर कर सकती है।
– कथन 3 गलत है क्योंकि फेड की नीति का वैश्विक प्रभाव होता है, जैसे पूंजी प्रवाह और मुद्रा मूल्यांकन पर।
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UPSC और State PCS मेंस लेवेल के प्रश्न
GS Paper 3 : Economy – वैश्विक वित्तीय संस्थानों और नीतियों का प्रभाव
Q1.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा हालिया ब्याज दर कटौती का विश्लेषण कीजिए। यह वैश्विक पूंजी प्रवाह को कैसे प्रभावित कर सकती है और भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए क्या चुनौतियाँ और अवसर प्रस्तुत करती है? अपने उत्तर में मौद्रिक नीति समन्वय की आवश्यकता पर भी चर्चा कीजिए।
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GS Paper 3 : Economy – RBI की नीति और वैश्विक अनिश्चितता में भारत की रणनीति पर केंद्रित
GS Paper 2 : International Relation
Q2.
फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति में परिवर्तन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव क्या है? क्या RBI को अपनी नीति में परिवर्तन करना चाहिए? उदाहरणों सहित तर्क दीजिए, और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के संदर्भ में भारत की रणनीति सुझाइए।
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11. संयुक्त राष्ट्र महिला (UN Women) की कार्यकारी निदेशक दूसरी बार कौन बनी?
Who became the Executive Director of UN Women for the second time?
a. रजनी वर्मा
b. सिमा बहौस
c. इजहर शेख
d. फोर्डक रॉरर
Answer: b. सिमा बहौस
– संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने 11 सितंबर 2025 को डॉ. सीमा सामी बहूस को दूसरी बार यूएन वीमेन (UN Women) की कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया।
– वह जॉर्डन की वरिष्ठ राजनयिक हैं।
– लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम को यूएन वीमेन के नाम से भी जाना जाता है।
– यह एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है जिसका कार्य लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के लिए कार्य करना है।
– गठन : 2 जुलाई 2010
– मुख्यालय : न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका
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12. विश्व गैंडा दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Rhino Day celebrated?
a. 20 सितंबर
b. 21 सितंबर
c. 22 सितंबर
d. 23 सितंबर
Answer: c. 22 सितंबर
– इसका उद्देश्य गैंड़ों (Rhinos) के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता फैलाना है।
– पहली बार 2010 में World Rhino Day के रूप में घोषित किया गया।
भारत में गैंडे का मुख्य स्थान
– असम – काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park)
– उत्तर-पूर्व के अन्य हिस्से: मणिपुर, सिक्किम और पश्चिम बंगाल के सुंदरबन (कम संख्या में)
भारतीय गैंडे की विशेषताएँ:
– सिर पर एक सींग
– मोटी झुर्रीदार चमड़ी, जो कवच जैसी दिखती है
– शाकाहारी, मुख्य रूप से घास और पानी के पौधों का सेवन
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13. विश्व अल्जाइमर दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Alzheimer’s Day celebrated?
a. 20 सितंबर
b. 21 सितंबर
c. 22 सितंबर
d. 23 सितंबर
Answer: b. 21 सितंबर
– यह दिन अल्जाइमर रोग और अन्य प्रकार की डिमेंशिया (Dementia) के बारे में जागरूकता फैलाने और रोगियों एवं उनके परिवारों के प्रति समर्थन दिखाने के लिए समर्पित है।
अल्जाइमर रोग क्या है?
– अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s Disease) एक स्नायु तंत्र (nervous system) की बीमारी है, जो धीरे-धीरे मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को प्रभावित करती है और मुख्य रूप से याददाश्त (memory) और सोचने-समझने की क्षमता (cognitive abilities) को कम करती है।
उम्र:
– यह बीमारी आमतौर पर 65 वर्ष के बाद अधिक देखने को मिलती है।
– हालांकि रेयरली यह बीमारी युवाओं में भी देखने को मिले हैं। इसपर 2025 में काफी चर्चित फिल्म आई थी, नाम था सैयारा।
लक्षण:
– नई चीज़ें याद रखने में कठिनाई
– समय और स्थान की समझ में भ्रम
– भाषा और शब्दों का सही प्रयोग न कर पाना
– रोजमर्रा के कामों में कठिनाई
– मनोदशा और व्यक्तित्व में बदलाव
कारण:
– मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन जमाव (जैसे β-amyloid plaques और tau tangles)
– मस्तिष्क की कोशिकाओं का धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होना
– उम्र बढ़ना, आनुवंशिक (genetic) कारक, जीवनशैली और पर्यावरणिक कारण
इलाज:
– वर्तमान में अल्जाइमर का पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन इलाज और थेरेपी रोग की गति को धीमा कर सकते हैं और लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं।
– दवाएँ, जीवनशैली सुधार और मानसिक व्यायाम मददगार होते हैं।


