यह 22 नवंबर 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
PDF Download: Click here
1. किस एयरशो में फाइटर जेट ‘तेजस’ क्रैश हो गया और पायलट की मौत हो गई?
In which air show the fighter jet ‘Tejas’ crashed and the pilot died?
a. एयरो इंडिया
b. दुबई एयरशो
c. एविएशन नेशन
d. डेनिश एयर शो
Answer: b. दुबई एयरशो (21 नवंबर 2025 को क्रैश हुआ)

– दुबई एयरशो में 21 नवंबर 2025 को भारतीय वायुसेना का तेजस फाइटर जेट हवा में कलाबाजियां कर रहा था, तभी सबकुछ थम गया।
– हजारों दर्शकों और सैकड़ों कैमरे के सामने तेजस जमीन से जा टकराया।
– क्रैश के बाद पहले आग का गोला और फिर धुएं का बड़ा गुबार दिखा।
– सबकुछ इतना तेज हुआ कि पायलट भी खुद को नहीं बचा सका।
– इंटरनेशनल इवेंट में भारत के सबसे महत्वाकांक्षी फाइटर जेट तेजस का क्रैश होना कई सवाल छोड़ गया।
– क्रैश के जो शुरुआती विजुअल दिख रहे हैं, उसमें विमान अचानक नोज डाउन होकर फ्री फॉल होते दिख रहा है।
– विमान के 24 साल के परिचालन इतिहास में यह दूसरी दुर्घटना थी, तथा मृत्यु वाली पहली दुर्घटना थी; पिछली दुर्घटना मई में जैसलमेर के निकट हुई थी, जिसमें पायलट सुरक्षित रूप से विमान से बाहर निकल गया था।
दुबई एयरशो में तेजस का गिरना भारत के लिए बड़ा झटका क्यों माना जा रहा है?
– दुबई एयर शो में इंटरनेशनल विमानों का प्रदर्शन किया जाता है। यहां दुनिया की बड़ी एयरोस्पेस कंपनियां, एयरलाइंस, एयर फोर्सेज और टेक्नोलॉजी कंपनियां अपने नए विमान, हेलिकॉप्टर, हथियार सिस्टम और एरोस्पेस टेक्नोलॉजी दिखाती हैं।
– ऐसे मामलों में क्रैश की असली वजह क्या है, ये शायद ही कभी पता चल पाता है।
– हालांकि अगर तकनीकी कमी से ऐसा हुआ है, तो इसके दो असर होंगे।
– एक तो हमारे लड़ाकू बेड़े में इसके इन्डक्शन यानी शामिल करने को लेकर सवाल उठेंगे।
– भारतीय वायुसेना के मॉडर्नाइजेशन के लिए भी ये एक सेटबैक की तरह है। साथ ही भारत इसे कई देशों को बेचना चाहता है। ऐसे सौदों पर भी इस हादसे का असर पड़ेगा।
– भारतीय वायुसेना ने एक बयान में कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की जा रही है।
तेजस क्या है और इसे क्यों भारत बेहद खास बताता है?
– एचएएल की वेबसाइट पर दिए गए विवरण के अनुसार, तेजस 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जिसे आक्रामक हवाई सहायता, निकट युद्ध और ज़मीनी हमले के अभियानों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
– बहुमुखी प्रतिभा के लिए निर्मित, इसे ज़मीनी और समुद्री अभियानों के लिए भी डिज़ाइन किया गया है, जो इसे भारत के सबसे अनुकूलनीय स्वदेशी प्लेटफार्मों में से एक बनाता है।
– तेजस परिवार में वायु सेना और नौसेना दोनों के लिए एकल-सीट वाले लड़ाकू संस्करण, साथ ही प्रत्येक सेवा के लिए दो-सीट वाले प्रशिक्षक संस्करण शामिल हैं।
– इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में हलके फाइटर विमान यानी LCA को शामिल करने की तैयारी 1983 में ही शुरू हो गई थी।
– सरकार की हरी झंडी मिलते ही भारतीय साइंटिस्ट अपने मिशन को अंजाम देने में दिन-रात लग गए थे।
– इस वक्त LCA के सिर्फ दो मकसद थे-
– पहला: रूसी फाइटर MiG-21 के विकल्प में नया फाइटर जेट तैयार करना।
– दूसरा: स्वदेशी और हलके फाइटर जेट को बनाना।
– इसका डिजाइन एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने किया और निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया है।
– भारतीय वायुसेना तेजस के केवल दो ऑपरेशनल स्क्वाड्रन ही बना पाई है, जिनमें कुल 38 विमान शामिल हैं।
एयरफोर्स में तेजस
– अक्टूबर 2025 में मिग-21 के सेवानिवृत्त होने के बाद, तेजस के भारतीय वायुसेना के लिए अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।
– 182 विमानों के ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं, और भविष्य में 351 तेजस लड़ाकू विमानों को शामिल करने की योजना है।
– भारतीय वायुसेना ने पहले कहा था कि पुराने मिग स्क्वाड्रनों की जगह तेजस उड़ाने वाले स्क्वाड्रन लिए जाएँगे।
– लेकिन विमान की क्षमताओं के बारे में सवाल बने हुए हैं।
– भारतीय वायुसेना अक्सर एचएएल द्वारा तेजस की आपूर्ति में देरी पर सवाल उठाती रही है।
– फरवरी 2025 में, एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने कहा था, “मुझसे वादा किया गया था कि जब मैं फरवरी में यहाँ आऊँगा, तो 11 तेजस Mk1A तैयार होंगे। लेकिन एक भी तैयार नहीं है… मुझे लगता है कि एचएएल मिशन मोड में ही नहीं है।”
– भारतीय वायुसेना की घटती परिचालन क्षमता को देखते हुए ये देरी विशेष रूप से चिंताजनक रही है।
– मिग-21 विमानों के सेवानिवृत्त होने के साथ, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू स्क्वाड्रनों की संख्या अब 29 रह गई है, जो स्वीकृत क्षमता के 70% से भी कम है।
– और यह संख्या और भी कम होने वाली है, क्योंकि भारतीय वायुसेना 2035 तक मिग-29, जगुआर और मिराज 2000 सहित पुराने विमानों को सेवानिवृत्त करने की योजना बना रही है।
– वर्तमान में सेवा में मौजूद तेजस एमके1 विमान के बारे में भारतीय वायुसेना की विशिष्ट शिकायतों का विवरण दिए बिना, एयर चीफ मार्शल सिंह ने फरवरी में कहा था कि भारतीय वायुसेना को प्रस्तुत एमके1ए मॉडल वायुसेना की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता। उन्होंने कहा कि केवल “सॉफ्टवेयर बदलने” से विमान की क्षमता में सुधार नहीं होता। उन्होंने कहा, ” मज़ा नहीं आ रहा है ।”
– तेजस के साथ एक उल्लेखनीय समस्या इसके इंजनों से जुड़ी रही है। इससे विमान की क्षमता को लेकर चिंताएँ पैदा हुईं और डिलीवरी में देरी हुई।
—————
2. मिस यूनिवर्स 2025 का खिताब किसने जीता?
Who won the title of Miss Universe 2025?
a. मणिका विश्वकर्मा
b. फातिमा बोश फर्नाडेंज
c. स्टेफनी अबसाली
d. आतिसा मनालो
Answer: b. फातिमा बोश फर्नाडेंज

– मेक्सिको की फातिमा बोश फर्नाडेंज ने मिस यूनिवर्स 2025 का खिताब हासिल किया।
– मिस यूनिवर्स में दूसरा स्थान थाइलैंड की प्रवनीर सिंह ने हासिल किया।
– भारत की मणिका विश्वकर्मा टॉप-30 तक पहुंचीं, लेकिन टॉप-12 में जगह नहीं बना सकीं।
– अवॉर्ड समारोह 21 नवंबर 2025 को थाईलैंड में आयोजित किया गया था।
खिताब जीतने से पहले क्यों चर्चा में रही फातिमा बोश
– 4 नवंबर 2025 को सैश सेरेमनी के दौरान आयोजक मिस यूनिवर्स थाइलैंड के डायरेक्टर नवात इतसराग्रिसिल ने मिस मेक्सिको फातिमा बॉश को प्रमोशनल इवेंट्स में हिस्सा न लेने पर डंबहेड (बेवकूफ) कहा था।
– जब मिस मेक्सिको ने विरोध किया तो नवात ने सिक्योरिटी बुलाकर उन्हें हॉल से बाहर करना चाहा।
– यह देखकर वहां मौजूद सभी कंटेस्टेंट्स सेरेमनी से निकलने लगीं, जिनमें मिस यूनिवर्स 2024 विक्टोरिया थेलविग भी शामिल थीं।
– नवात बार-बार कंटेस्टेंट्स को धमकाते रहे कि अगर उन्होंने वॉक आउट किया, तो परिणाम भुगतने होंगे, लेकिन सभी कंटेस्टेंट्स ने स्वाभिमान के लिए सेरेमनी छोड़ दी।
– सेरेमनी से निकलकर फातिमा ने कहा कि यह उनके आत्मसम्मान और गरिमा का मामला है।
– सेरेमनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और प्रतियोगिता में कंटेस्टेंट्स के साथ हो रहे दुर्व्यवहार पर सवाल खड़े किए जाने लगे।
– विवाद बढ़ने के बाद मिस यूनिवर्स के को-फाउंडर राउल रोचा ने एक वीडियो जारी कर नवात की हरकत की कड़ी आलोचना की और सेरेमनी को रोकने का आदेश दिया। उन्होंने नवात को आधिकारिक गतिविधियों से बाहर करने की भी घोषणा की।
फातिमा बोश से सवाल- महिलाओं के पास 2025 में क्या चुनौतियां हैं?
– मिस मेक्सिको फातिमा बोश से पूछा गया- “आपके नजरिए से, 2025 में एक महिला होने की क्या चुनौतियां हैं, और मिस यूनिवर्स के खिताब का उपयोग कर आप दुनिया भर की महिलाओं के लिए एक सुरक्षित स्थान कैसे बनाएगी?”
जवाब में उन्होंने कहा- “एक महिला और मिस यूनिवर्स के रूप में, मैं अपनी आवाज और अपनी शक्ति को दूसरों की सेवा में लगाऊंगी, क्योंकि आज के समय में हम यहां बोलने, बदलाव लाने और हर चीज को साफ नजरिए से देखने के लिए हैं। हम महिलाएं हैं और जो बहादुर महिलाएं आगे बढ़कर खड़ी होती हैं, वही इतिहास बनाती हैं।”
मिस यूनिवर्स खिताब के बारे में
– इस प्रतियोगिता को अमेरिका की मिस यूनिवर्स ऑर्गेनाइजेशन आयोजित करवाती है। हेडक्वार्टर न्युर्याक में है।
– इसकी शुरुआत 28 जून 1952 को हुई थी।
– पहली विजेता 1952 में फिनलैंड की अर्मी कूसेला थी।
मिस यूनिवर्स की लिस्ट
2025 : फातिमा बॉश फर्नांडीज (मेक्सिको)
2024 : विक्टोरिया केजर थेलविग (डेनमार्क)
2023 : शेयनीस पलासियोस (निकारागुआ)
2022 : आर’बोनी गेब्रियल (USA)
2021 : हरनाज संधू (भारत)
मिस यूनिवर्स में भारत
1994 : सुष्मिता सेन – भारत की पहली मिस यूनिवर्स
2000 : लारा दत्ता – भारत की दूसरी मिस यूनिवर्स
2021 : हरनाज़ संधू – भारत की तीसरी मिस यूनिवर्स
मिस वर्ल्ड में भारत
1966 : रीता फ़ारिया – भारत की पहली मिस वर्ल्ड
1994 : ऐश्वर्या राय – भारत की दूसरी मिस वर्ल्ड
1997 : डायना हेडेन – भारत की तीसरी मिस वर्ल्ड
1999 : युक्ता मुखी – भारत की चौथी मिस वर्ल्ड
2000 : प्रियंका चोपड़ा – भारत की पाँचवीं मिस वर्ल्ड
2017 : मानुषी छिल्लर – भारत की छठी मिस वर्ल्ड
मेक्सिको
– राजधानी : मेक्सिको सिटी
– राष्ट्रपति : क्लाउडिया शीनबाम
– मुद्रा : मैक्सिकन पेसो
– पड़ोसी देश : USA, गुआटेमाला, बेलीज
—————-
3. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यपालों की विधेयक स्वीकृति शक्तियों पर संविधान के किस अनुच्छेद का प्रयोग कर सुप्रीम कोर्ट से सलाहकारी राय मांगी, जिसका जवाब उन्हें मिला?
President Draupadi Murmu invoked which Article of the Constitution to seek advisory opinion from the Supreme Court on the bill assent powers of the Governors, to which she received a reply?
a. अनुच्छेद 161
b. अनुच्छेद 324
c. अनुच्छेद 143 (1)
d. अनुच्छेद 360
Answer: c. अनुच्छेद 143 (1)

– एक दुर्लभ संवैधानिक कदम के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 मई 2025 को संविधान के अनुच्छेद 143 (1) का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से सलाह मांगी थी।
– सुप्रीम कोर्ट ने कई बार की सुनवाई के बाद इसका जवाब 20 नवंबर 2025 को दिया।
– मोटे तौर पर (Broadly) राष्ट्रपति ने पूछा है कि क्या न्यायिक आदेश यह तय कर सकते हैं कि राष्ट्रपति और राज्यपालों को संविधान के अनुच्छेद 200 (राज्य विधेयकों पर राज्यपालों द्वारा स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया को शामिल करने वाला प्रावधान) और 201 (जब राज्यपालों द्वारा विधेयकों को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित किया जाता है) के तहत किस समय तक और कैसे काम करना चाहिए।
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमें नहीं लगता कि गवर्नरों के पास विधानसभाओं से पास बिलों (विधेयकों) पर रोक लगाने की पूरी पावर है। ‘गवर्नर्स के पास 3 ऑप्शन हैं। या तो मंजूरी दें या बिलों को दोबारा विचार के लिए भेजें या उन्हें प्रेसिडेंट के पास भेजें।’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिलों की मंजूरी के लिए कोई समय सीमा तय नहीं की जा सकती। अगर देरी होगी तो हम दखल दे सकते हैं।
– सुप्रीम कोर्ट की यह सलाहकारी राय पिछले आदेश को खारिज करती है, जिसमें राज्यपाल को एक महीने और राष्ट्रपति को अधिकतम तीन महीने का वक्त मिला था।
संविधान का आर्टिकल 143
– भारत के संविधान में आर्टिकल 143 के तहत राष्ट्रपति को यह अधिकार मिलता है कि वो सुप्रीम कोर्ट से राय मांग सकते हैं।
– यह संवैधानिक मुश्किलों को सुलझाने में मदद करता है। इसमें मुख्य रूप से दो तरह की राय के लिए अलग-अलग क्लॉज हैं।
– आर्टिकल 143 (1): राष्ट्रपति किसी भी कानूनी या तथ्यात्मक सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की राय मांग सकते हैं। यह जरूरी नहीं कि वह सवाल किसी मौजूदा विवाद से जुड़े हों। उदाहरण से समझें तो कोई नया कानून बनाने से पहले उसकी संवैधानिक वैधता पर राय ली जा सकती है।
– आर्टिकल 143 (2): अगर कोई विवाद किसी ऐसी संधि, समझौते या अन्य दस्तावेजों से जुड़ा है, जो संविधान लागू होने यानी 26 जनवरी 1950 से पहले से चल रहा था, तो राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट से उस पर राय मांग सकते हैं।
क्या है ताजा मामला?
– राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा यह कदम तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा विधेयकों पर निर्णय में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा 8 अप्रैल 2025 को दिए गए फैसले के बाद उठाया गया।
– दरअसल, संविधान में यह निर्धारित नहीं किया गया है कि विधानसभा से पारित विधेयक को राज्यपाल या राष्ट्रपति को कितने दिनों के भीतर मंजूरी या नामंजूरी देनी होगी।
– संविधान में सिर्फ इतना लिखा है कि उन्हें ‘जितनी जल्दी हो सके’ फैसला लेना होगा।
– दरअसल, अप्रैल 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले के दौरान इस ‘जितनी जल्दी हो सके’ को डिफाइन किया कि अगर राज्य सरकार कोई विधेयक मंजूरी के लिए भेजती है तो राज्यपाल को एक महीने के भीतर कार्रवाई करनी होगी।
– अगर राज्यपाल विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजते हैं तो राष्ट्रपति के पास भी इस पर फैसला लेने के लिए 3 महीने का ही समय होगा।
– इससे ज्यादा दिन होने पर उन्हें उचित कारण बताना होगा।
– अगर राज्यपाल या राष्ट्रपति समय सीमा के भीतर कोई कार्रवाई नहीं करते हैं, तो राज्य सरकार अदालत जा सकती है।
– इससे ये सवाल उठा कि क्या सुप्रीम कोर्ट राष्ट्रपति को भी निर्देश दे सकती है।
– इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुप्रीम कोर्ट ने 14 सवालों पर सलाहकारी राय मांगी थी।
—————
4. राष्ट्रपति के द्वारा मांगी गई सलाहकारी राय पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, सवाल – अनुच्छेद 200 के तहत जब कोई विधेयक राज्यपाल के सामने प्रस्तुत होता है, तो उनके पास कौन-कौन से संवैधानिक विकल्प होते हैं?
What was the Supreme Court’s response to the advisory opinion sought by the President? Question: When a bill is presented to the Governor under Article 200, what constitutional options does he have?
a. विधेयक को मंजूर करने या असीमित समय तक रोककर रखना
b. राष्ट्रपति की मंजूरी के बिना विधेयक को मंजूरी नहीं देना
c. मंजूरी देना या दोबारा विचार के लिए भेजना या प्रेसिडेंट के पास भेजना
d. इनमें से कोई नहीं
Answer: c. मंजूरी देना या दोबारा विचार के लिए भेजना या प्रेसिडेंट के पास भेजना

– एक दुर्लभ संवैधानिक कदम के तहत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 मई 2025 को संविधान के अनुच्छेद 143 (1) का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से 14 सवालों पर सलाह मांगी थी।
– सुप्रीम कोर्ट ने कई बार की सुनवाई के बाद इसका जवाब 20 नवंबर 2025 को दिया।
राष्ट्रपति के प्रश्न और सुप्रीम कोर्ट की सलाहकारी राय
प्रश्न 1. जब संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के समक्ष कोई विधेयक प्रस्तुत किया जाता है तो उसके समक्ष संवैधानिक विकल्प क्या हैं?
जवाब : हमें नहीं लगता कि गवर्नरों के पास विधानसभाओं से पास बिलों (विधेयकों) पर रोक लगाने की पूरी पावर है। गवर्नर्स के पास 3 ऑप्शन हैं। या तो मंजूरी दें या बिलों को दोबारा विचार के लिए विधानसभा को भेजें या उन्हें प्रेसिडेंट के पास भेजें। (मनी बिल को छोड़कर)
( Note: अनुच्छेद 200 : राज्य विधेयकों पर राज्यपालों द्वारा स्वीकृति प्रदान करने की प्रक्रिया को शामिल करने वाला प्रावधान)
प्रश्न 2. क्या राज्यपाल अनुच्छेद 200 के तहत मंत्रिपरिषद द्वारा दी गई सलाह से बाध्य है?
जवाब : राज्यपाल को विवेकाधिकार प्राप्त है और वह मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह से बाध्य नहीं है।
प्रश्न 3. क्या अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल द्वारा किए गए विवेकाधीन निर्णय न्यायिक समीक्षा के अधीन हैं?
जवाब : सामान्यतः नहीं, लेकिन अनिश्चितकालीन निष्क्रियता की स्पष्ट परिस्थितियों में, न्यायालय के पास राज्यपाल को उचित समयावधि के भीतर निर्णय लेने हेतु परमादेश जारी करने की सीमित शक्ति है।
प्रश्न 4. क्या अनुच्छेद 361, राज्यपाल द्वारा अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के कार्यों के संबंध में न्यायिक समीक्षा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है?
जवाब :संविधान का अनुच्छेद 361 राज्यपाल को व्यक्तिगत रूप से न्यायिक कार्यवाही के अधीन करने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है।
प्रश्न 5. क्या अनुच्छेद 200 के तहत शक्तियों का प्रयोग करने के लिए समयसीमा निर्धारित की जा सकती है?
जवाब : यह उचित नहीं है क्योंकि संविधान इस पर मौन है।
प्रश्न 6. क्या राष्ट्रपति द्वारा अनुच्छेद 201 के तहत लिए गए निर्णय न्यायिक जांच के अधीन हैं?
जवाब : राज्यपाल के संबंध में दिए गए तर्क के अनुसार, अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति की स्वीकृति भी न्यायिक पुनरावलोकन योग्य नहीं है।
(Note: अनुच्छेद 201 : जब राज्यपालों द्वारा विधेयकों को राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए आरक्षित किया जाता है, तब इसका उपयोग होता है)
प्रश्न 7. क्या न्यायिक आदेश, राष्ट्रपति को अनुच्छेद 201 के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग कैसे और कब करना है, यह निर्देशित कर सकते हैं?
जवाब : राज्यपाल के संदर्भ में बताए गए उन्हीं कारणों से, राष्ट्रपति भी न्यायिक रूप से निर्धारित समय-सीमा से बाध्य नहीं हो सकते।
प्रश्न 8. जब राज्यपाल किसी विधेयक को राष्ट्रपति की स्वीकृति हेतु सुरक्षित रखते हैं, तो क्या राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेना आवश्यक है?
जवाब : राष्ट्रपति को सर्वोच्च न्यायालय की सलाह लेने की आवश्यकता नहीं है। राष्ट्रपति की व्यक्तिगत संतुष्टि पर्याप्त है।
प्रश्न 9. क्या संविधान के अनुच्छेद 200 और अनुच्छेद 201 के अंतर्गत राज्यपाल और राष्ट्रपति के निर्णय, विधेयक के कानून बनने से पहले ही उसके विषय-वस्तु पर न्यायिक हस्तक्षेप किया जा सकता है?
जवाब : नहीं, विधेयक कानून बनने से पहले उसकी सामग्री पर न्यायिक जांच नहीं।
प्रश्न 10. क्या अनुच्छेद 142 के अंतर्गत संवैधानिक शक्तियों के प्रयोग और राष्ट्रपति/राज्यपाल के आदेशों को किसी भी प्रकार प्रतिस्थापित (substituted) किया जा सकता है?
जवाब : संविधानिक शक्तियों के प्रयोग तथा राष्ट्रपति/राज्यपाल के आदेशों को अनुच्छेद 142 के अंतर्गत किसी भी प्रकार से प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है, न ही यह विधेयकों की ‘मान्य स्वीकृति’ की अवधारणा की अनुमति देता है।
(Note: अनुच्छेद 142 : यह सर्वोच्च न्यायालय को पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कोई भी आदेश पारित करने की शक्ति प्रदान करता है।)
प्रश्न 11. क्या राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयक, राज्यपाल की स्वीकृति के बिना भी “प्रचलित कानून” माना जा सकता है?
जवाब : अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल की स्वीकृति के बिना राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कोई भी कानून प्रभावी नहीं हो सकता।
प्रश्न 12. क्या अनुच्छेद 145(3) के तहत यह अनिवार्य नहीं है कि कोई भी पीठ पहले यह तय करे कि क्या मामला महत्वपूर्ण विधिक प्रश्नों से संबंधित है और क्या उसे न्यूनतम पाँच न्यायाधीशों की पीठ को भेजा जाना चाहिए?
जवाब : अनुत्तरित लौटाया गया. इस संदर्भ से अप्रासंगिक.
(Note: अनुच्छेद 145 : भारत के न्यायालयों में प्रक्रिया के नियमों की रूपरेखा प्रदान करता है। यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों को इन न्यायालयों की कार्यप्रणाली और प्रक्रिया को विनियमित करने हेतु नियम बनाने का अधिकार देता है। संविधान के अनुच्छेद 145(3) के अनुसार, महत्त्वपूर्ण मामलों में पाँच या इससे अधिक न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठों की स्थापना की जाती है। इस तरह की संविधान पीठ में न्यायाधीशों की संख्या आमतौर पर 5, 7, 9, 11 अथवा 13 होती है।)
प्रश्न 13. क्या भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के अंतर्गत सर्वोच्च न्यायालय की शक्तियां प्रक्रियात्मक कानून के मामलों तक ही सीमित हैं?
जवाब : निश्चित रूप से उत्तर देना संभव नहीं है। अनुच्छेद 142 का दायरा प्रश्न 10 के भाग के रूप में दिया गया है।
प्रश्न 14. क्या संविधान सर्वोच्च न्यायालय को अनुच्छेद 131 के अंतर्गत वाद के अलावा किसी अन्य माध्यम से केन्द्र-राज्य विवादों का समाधान करने से रोकता है?
जवाब : संदर्भ की कार्यात्मक प्रकृति से अप्रासंगिक। इसलिए, अनुत्तरित लौटा दिया गया।
(Note: अनुच्छेद 131 : यह सर्वोच्च न्यायालय को भारत के संघीय ढाँचे की विभिन्न इकाइयों के बीच किसी विवाद पर आरंभिक अधिकारिता की शक्ति प्रदान करता है। ये विवाद हैं-
(i) केंद्र तथा एक या अधिक राज्यों के बीच, (ii) केंद्र और कोई राज्य या राज्यों का एक ओर होना एवं एक या अधिक राज्यों का दूसरी ओर होना, (iiii) दो या अधिक राज्यों के बीच।)
– सुप्रीम कोर्ट की यह सलाहकारी राय पिछले आदेश को खारिज करती है, जिसमें राज्यपाल को एक महीने और राष्ट्रपति को अधिकतम तीन महीने का वक्त मिला था।
—————-
5. विश्व टेलीविजन दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Television Day celebrated?
a. 20 नवंबर
b. 21 नवंबर
c. 22 नवंबर
d. 23 नवंबर
Answer: b. 21 नवंबर
– इस दिन पहला विश्व टेलीविजन फोरम आयोजित किया गया था।
– इसीलिए इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा विश्व टेलीविजन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा दिसबंर 1996 में की थी।
—————
6. विश्व मुक्केबाजी कप 2025 में भारत ने महिला और पुरुष कैटेगरी में 9 गोल्ड सहित कुल कितने मेडल जीते?
How many medals did India win in the World Boxing Cup 2025, including 9 gold medals in the men’s and women’s categories?
a. 10
b. 20
c. 25
d. 30
Answer: b. 20 (नौ स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य)
– भारतीय मुक्केबाजों ने 20 नवंबर 2025 को विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल्स में ऐतिहासिक प्रदर्शन किया।
– खिलाड़ियों ने सभी 20 वजन वर्गों में पदक जीतकर नया कीर्तिमान रच दिया।
– भारत ने कुल नौ स्वर्ण, छह रजत और पांच कांस्य पदक जीते। इनमें महिला मुक्केबाजों ने सात स्वर्ण अपने नाम किए।
– फाइनल मुकाबला ग्रेटर नोएडा (भारत) में हुआ।
विश्व मुक्केबाजी कप 2025: भारत के पदक विजेता
महिला : गोल्ड मेडेल (7)
– मिनाक्षी हुडा : 48 किग्रा में स्वर्ण पदक
– निखत ज़रीन : 51 किग्रा में स्वर्ण पदक
– प्रीति पवार : 54 किग्रा में स्वर्ण पदक
– जैस्मीन लेम्बोरिया : 57 किग्रा में स्वर्ण पदक
– अरुंधति चौधरी – 70 किग्रा में स्वर्ण पदक
– नूपुर श्योराण – 80+किग्रा में स्वर्ण पदक
– परवीन हुड्डा – 60 किग्रा में स्वर्ण पदक
महिला : सिल्वर मेडेल (1)
– पूजा रानी – 80 किग्रा में रजत पदक
महिला : ब्रॉन्ज मेडेल (2)
– नीरज फोगट – 65 किग्रा में कांस्य पदक
– स्वीटी बूरा – 75 किग्रा में कांस्य पदक
—
पुरुष गोल्ड मेडेल (2)
– सचिन सिवाच : 60 किग्रा में स्वर्ण पदक
– हितेश गुलिया : 70 किग्रा में स्वर्ण पदक
पुरुष सिल्वर मेडेल (5)
– जदुमणि सिंह : 50 किग्रा में रजत पदक
– पवन बर्त्वाल : 55 किग्रा में रजत पदक
– अभिनाश जामवाल : 65 किग्रा में रजत पदक
– अंकुश पंघाल : 80 किग्रा में रजत पदक
– नरेंद्र बेरवाल : 90+किग्रा में रजत पदक
पुरुष ब्रॉन्ज मेडेल (3)
– सुमित कुंडू : 75 किग्रा में कांस्य पदक
– जुगनू : 85 किग्रा में कांस्य पदक
– नवीन : 90 किग्रा में कांस्य पदक
—————–
7. सड़क यातायात पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Remembrance Day for Road Traffic Victims observed?
a. नवंबर के पहले रविवार
b. नवंबर के दूसरे रविवार
c. नवंबर के तीसरे रविवार
d. नवंबर के चौथे रविवार
Answer: c. नवंबर के तीसरे रविवार (2025 में 16 नवंबर)
2025 की थीम
– याद रखें। सपोर्ट करें। काम करें।
– Remember. Support. Act.
– इस दिन का उद्देश्य सड़कों पर मारे गए और घायल लोगों को उनके परिवारों, दोस्तों और अन्य प्रभावित लोगों के साथ याद करना है।
– इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2005 में मान्यता दी थी।
संयुक्त राष्ट्र का आंकड़ा (रोड एक्सिडेंट)
– दुनिया में हर साल सड़क दुर्घटना में 13.5 लाख लोग मरते हैं। मतलब हर 24 सेकेंड में सड़क पर एक मौत हो जाती है।
– दुनिया में मौत का आठवां कारण रोड ट्रैफिक इंजरी है।
– दुनिया में 5 से 14 वर्ष के उम्र के बच्चे और 15 से 29 वर्ष के युवा की मौत का पहला कारण रोड ट्रैफिक इंजरी है।
—————
8. किस शहर में UN COP30 क्लाइमेट समिट नवंबर 2025 में आयोजित हुआ, जहां आग लग गई?
In which city did the UN COP30 Climate Summit, scheduled to be held in November 2025, catch fire?
a. बेलेम (ब्राजील)
b. मुंबई (भारत)
c. पेरिस (फ्रांस)
d. जोहानसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका)
Answer: a. बेलेम (ब्राजील)
– ब्राजील के बेलेम शहर में चल रहे UN COP30 क्लाइमेट समिट के मेन वेन्यू पर गुरुवार को आग लग गई। इसमें 13 लोग घायल हो गए।
– भारत के पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी आग लगने के समय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वहीं मौजूद थे। हालांकि, वे और अन्य अधिकारी सुरक्षित रूप से कार्यक्रम स्थल से बाहर निकल गए।
– घटना के वक्त पवेलियन में 190 से ज्यादा देशों के 50,000 से अधिक डिप्लोमैट, पत्रकार और एक्टिविस्ट मौजूद थे।
– स्थानीय दमकल विभाग के अनुसार आग शायद किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (शायद माइक्रोवेव) से लगी। हालांकि, इसके दूसरे कारणों की जांच की जा रही है।
– घटना के कुछ देर बाद आग पर काबू पा लिया गया।
—————
9. UN COP30 क्लाइमेट समिट 2025 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किसने किया?
Who led the Indian delegation at the UN COP30 Climate Summit 2025?
a. नरेंद्र मोदी
b. राजनाथ सिंह
c. भूपेंद्र यादव
d. अमित शाह
Answer: c. भूपेंद्र यादव (भारत के वन एवं पर्यावरण मंत्री)
– भारत के वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने UN COP30 समिट में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
– उन्होंने कहा कि विश्व को सामूहिक रूप से जलवायु वित्त पोषण बढ़ाने की आवश्यकता है।
– COP30 संयुक्त राष्ट्र का 30वां वार्षिक जलवायु सम्मेलन है, जो 11 से 22 नवंबर 2025 तक ब्राजील के बेलेम शहर में आयोजित हुआ।
– दुनिया के लगभग सभी देशों के 56,000 से अधिक नेता, राजनयिक, वैज्ञानिक, पत्रकार और जलवायु कार्यकर्ताओं ने इसमें हिस्सा लिया।
– इसका मुख्य मकसद ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के लिए नया और मजबूत प्लान बनाना है।
– इसके तहत जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल, गैस) से पूरी तरह दूर होने का रोडमैप, गरीब देशों को जलवायु सहायता के लिए हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर तक की राशि और जंगलों-अमेजन को बचाने के बड़े फैसले शामिल हैं।
1995 में COP की शुरुआत हुई, दुनिया का हर देश इसका मेंबर
– COP(कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज ) की शुरुआत 1995 में हुई थी। यह संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क संधि (UNFCCC) का सालाना सम्मेलन है।
– इसे 1992 में रियो डी जनेरो (ब्राजील) के अर्थ समिट में बनाया गया था।
– यह संधि 1994 में लागू हुई और इसके 198 सदस्य हैं।
– दुनिया के लगभग सभी देश (197 देश + यूरोपीय संघ) इसके सदस्य हैं।
– पहला COP 1995 में बर्लिन (जर्मनी) में हुआ था, जिसे COP1 कहा जाता है।
—————
10. किस पड़ोसी देश में 5.7 तीव्रता का भूकंप नवंबर 2025 में आया, जिसके झटके भारत में महसूस किए गए?
In which neighbouring country did a 5.7 magnitude earthquake occur in November 2025?
a. बांग्लादेश
b. श्रीलंका
c. पाकिस्तान
d. अफगानिस्तान
Answer: a. बांग्लादेश
– संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक (IASG) के अनुसार, भूकंप का केंद्र बांग्लादेश की राजधानी ढाका से नरसिंगडी शहर में लगभग 40 किमी (25 मील) दूर था।
– कब और कितनी तीव्रता का भूकंप आया: 21 नवंबर 2025 को 5.7 रिक्टर स्केल
– भूकंप का केंद्र : ढाका के उत्तर-पूर्वी बाहरी इलाके नरसिंगडी में 10 किलोमीटर की गहराई पर
– भारत के कोलकाता और पश्चिम के अन्य हिस्तों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए।
– भूकंप के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई इमारतों को नुकसान पहुंचा। काफी लोग घायल हो गए।
बांग्लादेश में भूकंप खतरा कम या अधिक
– द हिन्दू न्यूज पेपर के अनुसार विशेषज्ञ लंबे समय से कहते रहे हैं कि बांग्लादेश में बड़े भूकंपों का खतरा अधिक है, क्योंकि यह सक्रिय टेक्टोनिक प्लेट सीमाओं पर स्थित है।
इससे पहले अफगानिस्तान में भूकंप
– बांग्लादेश से पहले अगस्त 2025 में अफगानिस्तान में भूकंप आया था, जिससे 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।
– संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में अफगानिस्तान में भूकंपों में 7,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
भूकंप क्यों आता है?
– पृथ्वी के नीचे कई टेक्टोनिक प्लेट्स होती है, यह पिघली हुई लावा पर टिकी हैं। ये प्लेट हिलती रहती हैं।
– ये प्लेट्स जहां पर ज्यादा टकराती हैं, उसे फॉल्ट लाइन कहते है।
– प्लेट्स के कई बार टकराने पर प्लेट्स के कोने मुड़ते है।
– प्लेट्स पर ज्यादा दबाव बनने से ये प्लेट्स टूटने लगती हैं।
– फिर इसके बाद नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती है और ज्यादा डिस्टर्बेंस होने के बाद भूकंप आता है।
– पृथ्वी पर हर साल लगभग पांच लाख भूकंप आते हैं।
– करीब 20 हजार से एक लाख ही महसूस हो पाते हैं, इनमें से करीब 100 भूकंप ही बड़ा नुकसान पहुंचाते हैं।
– सबसे विनाशकारी भूकंप 1960 में चिली में आया था। उसकी तीव्रता 9.6 थी। इसमें करीब 6000 लोगों की मौत हुई थी।
– 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया में भूकंप से हिन्द महासागर में सुनामी आई थी, इसमें करीब 2.30 लाख लोग मारे गए थे।
भूकंप की कितनी तीव्रता पर कितना असर
रिक्टर स्केल- असर
0 से 1.9 : सिस्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 : हल्का कंपन।
3 से 3.9 : ट्रक नजदीक से गुजर जाए,ऐसा असर।
4 से 4.9 : विन्डो टूट सकती है और दीवारों पर टंगी कोई चीज गिर सकती है।
5 से 5.9 : सोफे और बक्शे जैसी भारी वस्तु हिल सकती है।
6 से 6.9 : बिल्डिंग की नींव दरक सकती और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
7 से 7.9 : बिल्डिंग गिर जाती है और जमीन के अंदर पाइप फट जाते है।
8 ले 8.9 : इमारतें और बड़े पुल गिर जाते है।
9 या उससे अधिक- भीषण तबाही, धरती हिलती हुई और दिखाई देगी, इसके अलावा सुनामी का खतरा।
बांग्लादेश
– राजधानी : ढाका
– राष्ट्रपति : मोहम्मद शहाबुद्दीन
– मुख्य सलाहकार : मुहम्मद यूनुस
—————
11. जम्मू एंड कश्मीर बैंक (जे&के बैंक) के चेयरमैन कौन बने?
Who became the chairman of Jammu and Kashmir Bank (J&K Bank)?
a. राजेश वर्मा
b. एस. कृष्णन
c. अजय कुमार
d. विनोद शर्मा
Answer: b. एस. कृष्णन
– भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति 13 नवंबर 2025 से प्रभावी हो गई है और 26 मार्च 2028 तक मान्य रहेगी।
– एस. कृष्णन एक अनुभवी और वरिष्ठ बैंकर हैं, जिनके पास पब्लिक सेक्टर बैंकिंग का दशकों का अनुभव है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण नेतृत्व भूमिकाएँ निभाई हैं, जैसे:
—————
क्लाउडफ्लेयर क्या है और 18 नवंबर को आधा इंटरनेट क्यों बंद हो गया?
What is Cloudflare and why did half the internet go down on November 18th?
a. एक भारतीय कंपनी है और उसके नेटवर्क में समस्याओं के कारण
b. एक अमेरिकी कंपनी है और उसके नेटवर्क में समस्याओं के कारण
c. एक अमेरिकी हैकर है और उसके द्वारा हैकिंग के कारण
d. एक भारतीय हैकर है और उसके द्वारा हैकिंग के कारण
Answer: b. एक अमेरिकी कंपनी है और उसके नेटवर्क में समस्याओं के कारण
– 18 नवंबर को, इंटरनेट के ठप हो जाने से दुनिया भर में लाखों लोगों का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
– चैटजीपीटी से लेकर एक्स (पूर्व में ट्विटर) और कई तरह के ऐप्स तक, सब कुछ खुलने से इनकार कर रहे थे।
– एक्स में आंतरिक सर्वर त्रुटियाँ दिखाई दे रही थीं, और कैनवा जैसे उत्पादकता उपकरण लोड ही नहीं हो रहे थे।
– इंटरनेट बंद होना किसी एक ऐप, सर्वर या वाई-फाई की दिक्कत नहीं थी, और न ही कोई बड़ा साइबर अटैक था। असली दिक्कत उस कंपनी में थी जो इंटरनेट के बहुत बड़े हिस्से को चलने में मदद करती है- क्लाउडफ्लेयर.
– आउटेज के बाद, कंपनी ने एक सेवा समस्या की बात स्वीकार की जिससे कई ग्राहक प्रभावित हुए, त्रुटि संदेश आए और एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) से कनेक्शन बाधित हुआ।
– इंटरनेट बंद होने से दुनिया में कुछ ही समय में बहुत नुकसान हो जाता है। क्योंकि आजकल ज्यादातर काम इंटरनेट से ही होते हैं।
नवीनतम आउटेज इतना अधिक क्यों प्रभावित हुआ?
– 18 नवंबर, मंगलवार की रुकावट ने दिखा दिया कि कितनी सेवाएँ हर दिन क्लाउडफ्लेयर पर निर्भर हैं।
– सोशल मीडिया से लेकर उत्पादकता उपकरणों और एआई प्लेटफ़ॉर्म तक, क्लाउडफ्लेयर का बुनियादी ढाँचा वैश्विक इंटरनेट के एक बड़े हिस्से को सपोर्ट करता है।
– और, जब क्लाउडफ्लेयर के नेटवर्क में समस्याएँ आईं, तो उसके ऊपर बनी सेवाएँ ठप हो गईं।
क्लाउडफ्लेयर क्या है?
– क्लाउडफ्लेयर इंक. एक US-बेस्ड कंपनी है जो कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) सर्विस, साइबर सिक्योरिटी सॉल्यूशन, और सबसे ज़रूरी, डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ़ सर्विस (DDoS) अटैक वगैरह से बचाव करती है।
– यह इंटरनेट पर सबसे असरदार कंपनियों में से एक है, भले ही आम लोग इसके बारे में ज़्यादा नहीं जानते।
– कंपनी एक क्लाउड-बेस्ड सर्विस देती है जो दुनिया भर में लाखों वेबसाइटों के लिए सिक्योरिटी शील्ड, या बस एक ट्रैफिक मैनेजर, और यहाँ तक कि एक परफॉर्मेंस बूस्टर का काम करती है।
– “क्लाउडफ्लेयर एक बुद्धिमान, सुरक्षित, उच्च गति वाले वैश्विक नेटवर्क पर आधारित है।
– इसकी स्थापना 2009 में मैथ्यू प्रिंस, ली हॉलोवे और मिशेल ज़ैटलिन ने की थी। कंपनी का मुख्यालय सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में है।
—————–
PDF Download: Click here


