यह 20 August 2020 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्जाम्स में मदद करेगा। इसका PDF Download Link इस पेज के लास्ट में मौजूद है। Current Affairs PDF आप इस पेज के आखिरी हिस्से से Free में डाउनलोड करें।
1. सरकार ने ग्रुप C और D भर्ती की सामान्य योग्यता परीक्षा (Common Eligibility Test) के लिए किस एजेंसी के गठन को मंजूरी दी?
a. नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA)
b. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA)
c. नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट एजेंसी (NETA)
d. नेशनल एग्जाम एजेंसी (NAA)
Answer: a. नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA)
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2. केंद्र ने सरकारी भर्ती के लिए नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) का गठन किया, यह किस तरह का एग्जाम लेगी?
a. मुख्य परीक्षा
b. सामान्य योग्यता परीक्षा
c. सामान्य तकनीकि परीक्षा
d. इंटरव्यू
Answer: b. सामान्य योग्यता परीक्षा
– PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सेंट्रल कैबिनेट ने 19 अगस्त 2020 को नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) के गठन को मंजूरी दी।
– सरकार इसे रिक्रूटमेंट प्रॉसेस का ट्रांसफॉर्मेशनल रिफॉर्म बता रही है।
क्या करेगा NRA?
– नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का काम SSC, IBPS, RRB (रेल मंत्रालय), वित्त मंत्रालय/ वित्तीय सेवा विभाग के लिए सामान्य योग्यता परीक्षा (CET – Common Eligibility Test) लेना होगा।
– मतलब कि SSC, IBPS, RRB जो पहले चरण का एग्जाम लेती थी, जिसका मुख्य मकसद आवेदकों की संख्या को कम करना होता था, वह एग्जाम भविष्य में NRA लेगी।
– इसके बाद जो मुख्य परीक्षा होगी, वह SSC, IBPS और RRB लेंगी।
– साफ शब्दों में कहें, तो सामान्य योग्यता परीक्षा (CET – Common Eligibility Test) के स्कोर के आधार पर तय होगा कि आप SSC, IBPS, RRB और फाइनेंस मिनिस्ट्री के ग्रुप C और D (नॉन टेक्निकल) पदों के लिए अप्लाई करने योग्य हैं या नहीं।
– अगर अच्छे माक्स मिलेंगे, तो इन एजेंसियों के पास आकर सिर्फ टायर टू और टायर थ्री एग्जाम देने की जरूरत होगी।
युवाओं को क्या फायदा होगा?
– केंद्र सरकार की भर्ती के लिए करीब 20 रिक्रूटमेंट एजेंसियां हैं। अब इन सबके लिए एक ही कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट होगा।
– दरअसल, इस वक्त सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवा कई जगह मौका तलाशते हैं। इसलिए बहुत सारे फॉर्म भी भरते हैं।
– उन्हें बार-बार एग्जाम फी देने पड़ते हैं।
– औसतन इन परीक्षाओं में ढ़ाई से तीन करोड़ युवा शामिल होते हैं।
– हर एग्जाम के लिए अलग-अलग तैयारी करनी पड़ती है।
– इनमें से ज्यादातर पहली परीक्षा में ही छंट जाते हैं। ऐसे में बड़ी रकम खर्च हो जाती है।
– तो अब एक ही कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट और इसके लिए फीस देना होगा।
– अगर पास कर जाते हैं, तो आप अन्य एजेंसियों की नौकरियों के लिए योग्य माने जाएंगे। तब इसके लिए फीस देनी होगी।
देशभर में एग्जाम सेंटर बनेंगे?
– देश में 739 जिले हैं। इनमें से 117 जिलों में एग्जाम सेंटर बनेंगे।
– यह एग्जाम सेंटर नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी का ही होगा।
कितनी बार एग्जाम होंगे?
– साल में दो बार.
– कोई भी कैंडीडेट चाहे जितनी बार एग्जाम दे सकता है। कोई लिमिट नहीं होगी।
स्कोर कब तक के लिए वैध होगा?
– कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट का स्कोर तीन साल के लिए मान्य होगा।
– अगर कई बार एग्जाम दिया गया है, तो सर्वोच्च अंक उम्मीदवार का वर्तमान अंक माना जाएगा।
कितने तरह के टेस्ट होंगे?
– तीन तरह के एग्जाम : ग्रेजुएट, 12वीं और 10वीं पास वालों के लिए अलग-अलग एग्जाम होंगे।
कितनी रकम के फंड को मंजूरी मिली?
– केंद्रीय मंत्रीमंडल ने नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (NRA) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
– यह खर्च तीन साल में किया जाएगा।
– इसमें 117 जिलों में एग्जाम सेंटर की स्थापना का खर्च भी शामिल है।
कब से कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट शुरू होगा?
– इसके बारे में नहीं बताया गया है।
– लेकिन इस एजेंसी के लिए जो फंड दिया गया है, उसे तीन साल में खर्च करना है।
– इसका मतलब है कि एजेंसी को पूरी तरह से काम करने में तीन साल का वक्त लग सकता है।
राज्य सरकार के एग्जाम के लिए भी यही टेस्ट लेगा?
– अभी नहीं।
– लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि वह राज्यों को भी सुझाव देंगे कि इस एजेंसी का उपयोग करें।
– इससे राज्यों को संसाधन बचेगा।
– कल्पना यह भी है कि प्राइवेट सेक्टर भी इस टेस्ट के जरिए भर्ती करें।
नाम रिक्रूटमेंट एजेंसी और काम सिर्फ स्क्रीनिंग का
– इस एजेंसी का नाम तो नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी है, लेकिन यह परीक्षा की एजेंसी है, नौकरी देने की एजेंसी नहीं है।
– नौकरी देने के मामले में कोई कमिटमेंट नहीं किया जा रहा है।
– यह भी याद रखिए कि कुछ हफ्ते पहले रेलवे ने कहा था कि एक साल तक नई भर्ती नहीं होगी। यह भी पता करने को कहा कि देखा जाए कि क्या गुंजाइश है लोगों को कम करने की।
– हालांकि बाद में रेलवे ने इस पर सफाई भी दी थी।
– सरकारी क्षेत्रों में नौकरियां लगातार कम हो रही हैं।
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3. CMIE की रिपोर्ट के अनुसार जुलाई महीने में कितने लोगों (सैलेरी पाने वाले) की नौकरी चली गई?
a. 10 लाख
b. 20 लाख
c. 50 लाख
d. 70 लाख
Answer: c. 50 लाख
– यह फॉर्मल सेक्टर की बात हो रही है। सैलेरीड क्लास की।
– देश में सिर्फ जुलाई महीने में 50 लाख लोग बेरोजगार हुए हैं।
– क्यों – कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्थ पर पड़ रहे प्रभाव की वजह से।
किसकी रिपोर्ट
– सरकार ने पिछले कुछ साल से बेरोजगारी के आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है।
– ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाली संस्था, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) अपनी रिपोर्ट जारी करती है, जिसे भरोसेमंद माना जाता है।
– इसकी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि सिर्फ जुलाई महीने में देश में 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई।
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4. CMIE की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से जुलाई महीने तक कितने लोगों (सैलेरी पाने वाले) की नौकरी चली गई?
a. 80 लाख
b. 1.1 करोड़
c. 1.5 करोड़
d. 1.89 करोड़
Answer: d. 1.89 करोड़
– एक करोड़ नवासी लाख (1 करोड़ 89 लाख) नौकरियां जा चुकी हैं।
– सैलेरी क्लास वालों की नौकरी एक बार जाने के बाद उन्हें दुबारा मिलना बहुत मुश्किल होता है।
असंगठित क्षेत्र का क्या हाल?
– इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन नौकरियों का ये संकट बताता है कि ये सुधार बहुत कम है।
क्यों है यह हालत?
– दरअसल, देश में कोरोना के बढ़ते मामले का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे सुधार की रफ्तार पर पड़ रहा है।
– कई सेक्टर अब भी बुरी तरह से प्रभावित है।
– इसमें टूरिज्म, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर शामिल हैं।
– यहां पर तीन से चार करोड़ नौकरियां जाने का अंदेशा है।
वर्ल्ड बैंक ने किया आगाह?
– वर्ल्ड बैंक ने भी आगाह किया है कि भारत में बढ़ते कोरोना मामले और कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था की वजह से मौजूदा वित्तीय साल में भारत की अर्थव्यवस्था, पहले के अनुमानित 3.2 प्रतिशत से ज्यादा सिकुड़ सकती है।
– आने वाले वक्त में अर्थव्यवस्था के हालत नहीं सुधरे तो, रोजगार का संकट और बड़ा हो सकता है।
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5. भारतीय स्टेट बैंक के अर्थशास्त्रियों ने चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में कितने प्रतिशत की गिरावट की आशंका जतायी है?
a. 16.5 प्रतिशत
b. 16.0 प्रतिशत
c. 17.0 प्रतिशत
d. 16.7 प्रतिशत
Answer: a. 16.5 प्रतिशत
– इससे पहले, मई में एसबीआई रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट की आशंका जताई थी।
– अर्थशास्त्रियों ने 17 अगस्त को अपनी रिपोर्ट जारी की।
– परिणाम बताते हैं कि कंपनियों की सकल आय में 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आयी है।
– रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कोविड-19 के कारण जीएसडीपी में कुल नुकसान 16.8 प्रतिशत होगा।
SBI
चेयरमैन – रजनीश कुमार
मुख्यालय – मुंबई
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6. कोरोना संकट के चलते जापान की अर्थव्यवस्था में अप्रैल-जून 2020 की तिमाही में कितने फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है?
a. 29 फीसदी
b. 28 फीसदी
c. 25 फीसदी
d. 27.8 फीसदी
Answer: d. 27.8 फीसदी
– जापान की इकोनॉमी पर कोरोना वायरस ने हाहाकार मचा दिया है।
– अप्रैल से जून की तिमाही में ये गिरावट दर्ज की गई है।
– जापान सरकार की ओर से 17 अगस्त को जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना की वजह से व्यापार प्रभावित हुआ है।
– जिससे अर्थव्यवस्था में जोरदार गिरावट दर्ज हुई है।
– जापानी मीडिया की खबरों में कहा गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी गिरावट है। (आंकड़ा)
– आपको बता दें जापान ने मई माह में ही मंदी की घोषणा कर दी थी।
– वो ऐसा पहला देश है जिसके यहां कोविड-19 के चलते सबसे पहले मंदी आई थी।
– हालांकि, कैबिनेट कार्यालय का कहना है कि जापानी अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट 2009 में दर्ज हुई थी।
– जब वैश्विक मंदी का समय था।
– कोरोना की वजह से खपत और निर्यात में बड़ी गिरावट आई।
– असल में जापान की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी शुरू होने से पहले ही सुस्ती के दौर से गुजर रही थी।
जापान का निर्यात 56% सालाना की दर से गिरा
– अप्रैल-जून तिमाही में जापान के निर्यात में 56 फीसदी की सालाना की दर से गिरावट दर्ज हुई है।
– जबकि निजी खपत में करीब 29 फीसदी की दर से सालाना गिरावट आई है।
जापान
प्रधानमंत्री – शिंजो आबे
मुद्रा – जापानीज येन
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7. आर्थिक मंदी की चपेट में आए यूनाइटेड किंगडम में अप्रैल-जून 2020 तिमाही (दूसरी तिमाही) में जीडीपी में कितने प्रतिशत की गिरावट आई?
a. 20.4 प्रतिशत
b. 28 प्रतिशत
c. 25 प्रतिशत
d. 27.8 प्रतिशत
Answer: a. 20.4 प्रतिशत
– 11 साल में पहली बार आर्थिक मंदी में पहुंचा ब्रिटेन।
– ब्रिटेन में फाइनेंशियल ईयर जनवरी से दिसंबर तक होता है। इसलिए यह दूसरी तिमाही है, अप्रैल से जून।
– अर्थशास्त्र के नियमों के तहत जब किसी अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाही में गिरावट दर्ज की जाती है, तो मान लिया जाता है कि वह मंदी में फंस गई है।
– ब्रिटेन के वित्त मंत्री ऋषि सुनाक ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन कठिन समय से गुजर रहा है।
– लाखों लोग बेरोजगार हो चुके हैं और आने वाले महीनों में बेरोजगारी और बढ़ सकती है।
– G7 देशों में सबसे खराब हालत ब्रिटेन की है।
ब्रिटेन के पीएम – बोरिस जॉनसन
मुद्रा – पाउंड स्टर्लिंग
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8. कोरोना महामारी के विनाशकारी प्रभाव के बावजूद बांग्लादेश की जीडीपी में वित्त वर्ष 2019-20 (जुलाई से जून) में कितनी बढ़ोत्तरी हुई?
a. 1.24 फ़ीसदी
b. 2.24 फ़ीसदी
c. 3.24 फ़ीसदी
d. 5.24 फ़ीसदी
Answer: d. 5.24 फ़ीसदी
– बांग्लादेश में फिस्कल ईयर (वित्तीय वर्ष) जुलाई से जून होता है।
– यह शानदार ग्रोथ रेट है।
– जीडीपी की इस बेहतरीन बढ़त को देखते हुए दुनिया भर के अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था, इलाक़े के बाकी देशों के मुक़ाबले जल्दी पटरी पर लौटेगी.
– कोविड संकट के दौरान जुलाई में बांग्लादेश का निर्यात 0.6 फ़ीसदी बढ़कर 3.91 अरब डॉलर हो गया.
– अप्रैल में इसी निर्यात में 83 फ़ीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई थी और ये 52 करोड़ डॉलर तक गिर गया था. लेकिन दो महीने के भीतर ही स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ.
बांग्लादेश
पीएम – शेख हसीना
मुद्रा – टका
राजधानी – ढाका
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9. चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने 18 अगस्त 2020 को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, अब उन्हें किस अंतर्राष्ट्रीय बैंक में उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है?
a. वर्ल्ड बैंक
b. एशियाई विकास बैंक
c. न्यू डेवलपमेंट बैंक
d. आईएमएफ
Answer: b. एशियाई विकास बैंक (एडीबी)
– वह एडीबी में दिवाकर गुप्ता का स्थान लेंगे।
– दिवाकर गुप्ता का कार्यकाल 31 अगस्त को खत्म हो रहा है।
– आपको बता दें कि लवासा को जनवरी 2018 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था।
– निर्वाचन आयोग के इतिहास में अशोक दूसरे ऐसे आयुक्त होंगे जिन्हें कार्यकाल पूरा करने से पहले ही इस्तीफा दिया।
– उनसे पहले 1973 में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नागेन्द्र सिंह ने इस्तीफा दिया था।
– उनको अंतरराष्ट्रीय न्यायिक अदालत में जज बनाया था।
2019 में सुर्खियों में आए थे
– अशोक लवासा ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोपों पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह को चुनाव आयोग की क्लीनचिट का विरोध किया था।
– उन्होंने प्रधानमंत्री के चार भाषणों और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषण को क्लीन चिट दिए जाने के मामले पर असहमति जताई थी।
– इसके बाद लवासा ने आचार संहिता उल्लंघन मामले पर होने वाली चुनाव आयोग की मीटिंग्स से खुद को अलग कर लिया था।
– उन्होंने इस बारे में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र भी लिखा था।
ADB
स्थापना – 19 December 1966
सदस्य देश – 68 देश
मुख्यालय – मनीला, फिलिपींस
प्रेसिडेंट – मात्सुगु असकवा
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10. अमेरिका की मेजबानी में दुनिया का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास 17 अगस्त को शुरू हुआ, उसका क्या नाम है?
a. रिम ऑफ द पैसिफिक (RIMPAC)
b. युद्भाभ्यास अमेरिका
c. एबल आर्चर
d. इंद्र-2020
Answer: a. रिम ऑफ द पैसिफिक (RIMPAC)
– चीन से तनाव के बीच अमेरिका ने हवाई द्वीप समूह के पास ये नौसैनिक अभ्यास शुरू कर दिया है।
– 17 से 31 तक चलने वाले इस युद्धाभ्यास में 10 देशों के 20 महाविनाशक युद्धपोत और सबमरीन हिस्सा ले रहे हैं।
– इस युद्भाभ्यास में चीन को न्योता नहीं दिया गया है।
– अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनई, कनाडा, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर और अमेरिका हिस्सा ले रहे हैं।
– आमतौर पर रिमपैक में 30 देशों के 50 युद्धपोत-सबमरीन, 200 फाइटर जेट और 25 हजार जवान हिस्सा लेते रहे हैं। इसमें भारत भी शामिल रहा है।
– हालांकि कोरोना संकट की वजह से इस बार केवल 5300 जवान ही हिस्सा ले रहे हैं।
– अमेरिका के तीसरे फ्लीट के कमांडर वाइस एडमिरल स्कॉट कॉन ने कहा कि इस युद्धाभ्यास का मकसद प्रशांत महासागर में अपने दोस्तों के बीच विश्वास को बढ़ाना है।
– करीब 14 दिन तक क्वारंटाइन रहने के बाद ही इस अभ्यास में सैनिकों को हिस्सा लेने दिया जा रहा है।
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11. गृह मंत्रालय ने किस रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने को मंजूरी दी है?
a. वाराणसी रेलवे स्टेशन
b. बलरामपुर रेलवे स्टेशन
c. अमौसी रेलवे स्टेशन
d. मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन
Answer: d. मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन
– यह रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश में स्थित है।
– वाराणसी जिलें में मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के लिए यूपी सरकार ने आग्रह भेजा था।
– जिसके बाद गृह मंत्रालय ने स्टेशन का नाम बदलकर बनारस करने के लिए एनओसी (No Objection Certificate) पर जारी कर दिया।
कैसे बदला जाता है नाम-
– रिपोर्ट के अनुसार किसी स्थान (स्टेशन) का नाम बदलने के लिए रेल मंत्रालय, डाक विभाग और सर्वे ऑफ इंडिया से एनओसी (No Objection Certificate) लेने के बाद मंजूरी मिलती है।
– अगर किसी गांव या शहर का नाम बदलता है, तो उसके लिए शासकीय आदेश की जरूरत पड़ती है।
– अगर किसी राज्य का नाम बदलता है, तो उसके लिए संसद में बहुमत से संविधान में संशोधन की जरूरत होती है।
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