यह Union Budget 2025-26 से संबंधित 1 & 2 फरवरी 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. केंद्रीय बजट 2025-26 में केंद्र सरकार ने कितने रुपए के आय और खर्च का लक्ष्य रखा है?
In the Union Budget 2025-26, the Central Government has set a target of how much income and expenditure?
a. 39.44 लाख करोड़
b. 42.50 लाख करोड़
c. 48.21 लाख करोड़
d. 50.65 लाख करोड़
Answer: d. 50.65 लाख करोड़
– वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया।
– निर्मला सीतारमण ने लगातार 8वीं बार बजट पेश किया।
– पिछली बार जुलाई 2024 में बजट पेश किया था। उससे पहले फरवरी 2024 में अंतरिम बजट पेश किया था।
– यह देश का छठा पेपरलेस बजट (डिजिटल बजट) था।
# बजट में आय (Income) का लक्ष्य: 50.65 लाख करोड़
– राजस्व प्राप्तियां (Revenue Receipts): 34.20 लाख करोड़
– पूंजीगत प्राप्तियां (Capital Receipts): 16.44 लाख करोड़
नोट : पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में अनुमानित आय 48.20 लाख करोड़ तय की गई थी। हालांकि संशोधित अनुमान 47.16 लाख करोड़ रहा था।
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रेवेन्यू रिसिप्ट – सरकार को टैक्स के जरिए इनकम प्राप्त हो रही है।
कैपिटल रिसिप्ट – ऐसी रकम जो लोन के जरिए प्राप्त हुई या उसके पास जो एसेट है, उससे इनकम मिला है। इसके लिए टैक्स नहीं लगाया गया है।
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इनकम के स्रोत
# 24% : बॉरोइंग एंड अदर लायबेलिटीज (उधार व कर्ज और अन्य देनदारियां) [16.13 लाख करोड़]
# 22% : इनकम टैक्स
# 18% : GST
# 17% : कॉर्पोरेशन टैक्स
# 9% : Non Tax Revenue (ऋण-भिन्न पूंजी प्राप्तियां)
# 5% : यूनियन एक्साइज ड्यूटी
# 4% : कस्टम (सीमा शुल्क)
# 1% : Non Debt Capital Receipts (गैर ऋण पूंजी प्राप्तियां)
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# बजट में खर्च (Expenditure) का लक्ष्य : 50.65 लाख करोड़
– राजस्व खर्च (Revenue Expenditure): 39.44 लाख करोड़ (ब्याज भुगतान 12.76 लाख करोड़ के साथ)
– पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure): 11.21 लाख करोड़
नोट – पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में अनुमानित खर्च 45.03 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन संशोधित अनुमानित खर्च 44.90 लाख करोड़ रूपए रहा।
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रेवेन्यू खर्च – ऐसा खर्च जो सैलेरी, इंफ्रास्ट्रक्चर मेंटेन करने में खर्च कर रहे है।
कैपिटल खर्च – ऐसी रकम जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हो रहा है। जैसे सड़कें बन रही हैं, पुल बन रहे हैं। फाइटर जेट खरीदे जा रहे हैं।
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खर्च के स्रोत
# 22% : राज्यों को टैक्स और ड्यूटीज का शेयर
# 20% : Interst Payment (कर्ज भुगतान) [11.62 लाख करोड़]
# 16% : सेंट्रल सेक्टर स्कीम
# 8% : वित्त आयोग और अन्य ट्रांसफर
# 8% : केंद्र द्वारा स्पांसर्ड स्कीम
# 8% : डिफेंस (रक्षा)
# 6% : सब्सिडी
# 4% : पेंशन
# 8% : अन्य खर्च
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्थानांतरण
– बजट में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हस्तांतरण के रूप में लगभग 25.6 लाख करोड़ रुपये रखे गए थे।
– इसमें से 14.2 लाख करोड़ रुपये करों में राज्यों के हिस्से के हस्तांतरण से आए।
– अन्य 1.32 लाख करोड़ रुपये वित्त आयोग के अनुदान से आए। योजना-संबंधी और अन्य हस्तांतरणों की राशि 10.05 लाख करोड़ रुपये थी।
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2. केंद्रीय बजट 2025-26 में वित्त मंत्री ने राजकोषीय घाटे (Fiscal deficit) का लक्ष्य जीडीपी का कितना प्रतिशत रखा है?
In the Union Budget 2025-26, the Finance Minister has set the fiscal deficit target at what percentage of GDP?
a. 5.1%
b. 4.4%
c. 4.9%
d. 3.8%
Answer: b. 4.4% (रुपए में आंकड़ा 15.68 लाख करोड़)
– राष्ट्रीय सांख्यांकि कार्यालय (NSO) के अनुसार 2025-26 में कुल जीडीपी अनुमान 356.97 लाख करोड़ है।
– पिछले वित्त वर्ष 2024-25 में अनुमानित राजकोषीय घाटा (Fiscal deficit) 4.8% फीसदी पर रहा।
– सरकार इसकी भरपाई लोन या उधार लेकर करती है।
फिस्कल डेफेसिट मतलब = Total Non Debt Expenditure- Total Non Debt Receipts
– Total Non Debt Expenditure मतलब बिना ऋण का कुल खर्च (Expenditure)
– Total Non Debt Receipts मतलब बिना ऋण की Revenue Receipts और Capital Receipts
– कुल व्यय (Total Expenditure) में से राजस्व प्राप्तियाँ, ऋणों की वसूली एवं ऋणों की वापसी (Total Non Debt Receipts) को घटाने के पश्चात जो राशि बचती है उसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है ।
(इसे आसान भाषा में समझने के लिए कह सकते हैं कि शुद्ध आय और खर्च का अंतर। मतलब कि आय कम हुई, लेकिन खर्च ज्यादा और इसे पूरा करने के लिए लोन लेना पड़ा)
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राजकोषीय अनुशासन कायम रखा गया, राजस्व में कमी के बावजूद घाटा कम किया गया
– जब सरकारें अधिक व्यय करती हैं या करों में छूट देती हैं, तो डर रहता है कि इससे उन्हें अधिक धन उधार लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
– जब सरकारें ज़्यादा उधार लेती हैं, तो वे या तो निजी नागरिकों और कंपनियों के लिए उधार लेने के लिए कम पैसे छोड़ती हैं, जिससे, बदले में, सभी के लिए ब्याज दरें बढ़ जाती हैं। या, उन्हें पैसे छापने के लिए मजबूर होना पड़ता है – और इससे मुद्रास्फीति होती है, जो एक कर की तरह भी काम करती है क्योंकि यह लोगों के पैसे की क्रय शक्ति को कम करती है।
– हालांकि, बड़े पैमाने पर कर कटौती के बावजूद, जिससे सरकार को लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, सरकार का राजकोषीय घाटा (या उधार ली गई धनराशि का स्तर) 2025-26 में और कम होकर 4.4% (जीडीपी का) हो जाएगा, वित्त मंत्री ने कहा।
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3. केंद्रीय बजट 2025-26 में रक्षा मंत्रालय को कितनी रकम (पेंशन के साथ) आंवटित की गई है?
How much amount (with pension) has been allocated to the Ministry of Defence in the Union Budget 2025-26?
a. 5.2 लाख करोड़ रुपए
b. 6.8 लाख करोड़ रुपए
c. 6.81 लाख करोड़ रुपए
d. 6.21 लाख करोड़ रुपए
Answer: c. 6.81 लाख करोड़ रुपए (बिना पेंशन के 5.20 लाख करोड़)
– इस बार रक्षा मंत्रालय को कुल रकम 6.81 करोड़ रुपए मिले हैं।
– इसमें पेंशन के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपए भी शामिल हैं।
– कुल डिफेंस बजट में पिछली बार की तुलना में 9.53% की बढ़ोतरी हुई है।
– जबकि पिछले वित्त वर्ष के बजट (2024-25) में यह रकम 6.21 लाख करोड़ रुपए था।
– इस बार डिफेंस को कुल बजट का 13.45% हिस्सा मिला है, जो सभी मंत्रालयों में सबसे ज्यादा है। पिछले साल यह हिस्सा करीब 12.9% था।
– इस बार कैपिटल एक्सपेंडिचर 1.8 लाख करोड़ है। मतलब कि इतनी रकम के हथियारों की खरीद और सेना के मॉडर्नाइजेशन पर खर्च होंगे।
डिफेंस बजट
– डिफेंस बजट में मुख्य रूप से 3 पार्ट होते हैं। रेवेन्यू, कैपिटल एक्सपेंडिचर और पेंशन।
– रेवेन्यू बजट में डिफेंस स्टाफ की सैलरी और आर्म्ड फोर्सेज के बाकी खर्च जैसे इंन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस, सड़कों और ब्रिजों का निर्माण भी इसमें शामिल होते हैं।
– जबकि कैपिटल एक्सपेंडिचर के जरिए हथियार, एम्युनिशन, फाइटर प्लेन जैसी चीजें खरीदी जाती हैं। सेना की ताकत के लिहाज से यह सबसे अहम पार्ट होता है।
– वित्त मंत्री ने कैपिटल बजट में 1.8 लाख करोड़ रुपए अलॉट किए हैं, जो कुल डिफेंस बजट का 26.43% है।
– इससे उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों, डोर्नियर विमानों, तीव्र गश्ती जहाजों, प्रशिक्षण जहाजों और इंटरसेप्टर नौकाओं की खरीद के लिए पर्याप्त वित्तीय स्थान उपलब्ध होगा।
– सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को पूंजीगत मद में 7,146 करोड़ रुपए मिले हैं। मतलब कि सीमा पर सड़कों, पुल और सुरंगों का निर्माण ज्यादा बड़े पैमाने पर होगा।
नोट – 31 मार्च 2025 से पहले, फ्रांस के साथ दो बड़े रक्षा सौदे संपन्न होने वाले हैं, विमान वाहक से संचालित होने वाले 26 राफेल-एम लड़ाकू जेट और तीन और स्कॉर्पीन श्रेणी की पारंपरिक पनडुब्बियाँ, जिनकी कुल लागत 10 बिलियन डॉलर से अधिक होगी। ये सौदे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10-11 फरवरी को पेरिस यात्रा के आसपास संपन्न होने की संभावना है।
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4. अंतरिम बजट 2025-26 के तहत महत्वपूर्ण मंत्रालयों को कितना बजट आवंटित किया गया है?
How much budget has been allocated to important ministries under the interim budget 2025-26?
– वित्त मंत्रालय: 19.39 लाख करोड़
– रक्षा मंत्रालय : 6.81 लाख करोड़ (बिना पेंशन के 5.20 लाख करोड़)
– सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय : 2.87 लाख करोड़
– रेल मंत्रालय : 2.55 लाख करोड़
– गृह मंत्रालय : 2.33 लाख करोड़
– उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय : 2.15 लाख करोड़
– ग्रामीण विकास मंत्रालय : 1.90 लाख करोड़
– रसायन और उर्वरक मंत्रालय : 1.61 लाख करोड़
– कम्युनिकेशन मंत्रालय : 1.08 लाख करोड़
– कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय : 1.37 लाख करोड़
– शिक्षा मंत्रालय : 1.28 लाख करोड़
– स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय: 99.85 हजार करोड़
– आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय : 96.77 हजार करोड़
– महिला एवं बाल विकास : 26 हजार करोड़
– खेल और युवा कल्याण : 3.74 हजार करोड़
– जल शक्ति मंत्रालय: 99 हजार करोड़
– एटॉमिक एनर्जी विभाग : 24 हजार करोड़
– आयुष मंत्रालय : 3.99 हजार करोड़
नोट – अगर क्षेत्रवार खर्च देखेंगे तो ये आंकड़े हैं। ध्यान रहे कि इसमें कुछ मंत्रालयों के एक-दूसरे के काम को जोड़ या घटा दिया गया है। इसलिए आंकड़े मंत्रालयों से अलग दिखेंगे –
– ब्याज : 12.76 लाख करोड़
– परिवहन (सभी तरह के) : 5.48 लाख करोड़
– डिफेंस: 4.91 लाख करोड़
– सभी तरह के पेंशन : 2.76 लाख करोड़
– ग्रामीण विकास: 2.66 लाख करोड़
– कृषि एवं संबंधित गतिविधियां: 1.71 लाख करोड़
– गृह मामले: 2.33 लाख करोड़
– शिक्षा: 1.28 लाख करोड़
– IT & टेलिकॉम: 1.16 लाख करोड़
– स्वास्थ्य: 98 हजार करोड़
– ऊर्जा: 81 हजार करोड़
– सोशल वेलफेयर: 60 हजार करोड़
– वाणिज्य एवं उद्योग: 65 हजार करोड़
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5. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार केंद्रीय बजट 2025-26 का मुख्य विषय (थीम) क्या है?
According to Finance Minister Nirmala Sitharaman, what is the main theme of the Union Budget 2025-26?
a. सबका रोजगार, कौशल प्रशिक्षण
b. एसएसएमई
c. मध्यम वर्ग
d. सबका विकास
Answer: d. सबका विकास
– निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते समय शुरु में तेलुगु कवि और नाटककार श्री गुराजादा अप्पा राव के प्रसिद्ध कथन ‘कोई देश केवल उसकी मिट्टी से नहीं है, बल्कि देश उसके लोगों से है’ का जिक्र किया।
– उन्होंने कहा कि इसमें ‘सबका विकास’ लक्ष्य के साथ समस्त क्षेत्रों का संतुलित विकास का लक्ष्य रखा गया हैं।
वित्त मंत्री ने विकसित भारत के व्यापक सिद्धांतों का उल्लेख किया-
1) गरीबी से मुक्ति;
2) शत प्रतिशत अच्छे स्तर की स्कूली शिक्षा;
3) बेहतरीन, सस्ती और सर्वसुलभ स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच;
4) शत-प्रतिशत कुशल कामगार के साथ सार्थक रोजगार;
5) आर्थिक गतिविधियों में सत्तर प्रतिशत महिलाएं; और
6) हमारे देश को ‘फूड बास्केट ऑफ द वर्ल्ड’बनाने वाले किसान
विकसित भारत की यात्रा के इंजन
– पहला इंजनः कृषि
– दूसरा इंजनः MSME
– तीसरा इंजनः निवेश
– चौथा इंजनः निर्यात
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6. केंद्रीय बजट 2025-26 में नए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
Changes in new income tax slab in Union Budget 20245-26
देश में दो तरह के इनकम टैक्स रिजीम
– नया और पुराना
नया टैक्स रिजीम
– 4 लाख तक की आय पर 0%
– 4-8 लाख आय पर 5%
– 8-12 लाख आय पर 10%
– 12-16 लाख आय पर 15%
– 16-20 लाख आय पर 20%
– 20-24 लाख से अधिक आय पर 25%
– 24 लाख से ज्यादा पर 30%
नोट: *न्यू टैक्स रिजीम में 4-8 लाख पर 5% टैक्स और 8-12
लाख पर लगने वाला 10% सरकार सीधे माफ करेगी।
12 लाख तक कमाई पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन कैसे?
– 12 लाख तक की कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा।
– नौकरीपेशा लोगों को 75 हजार रुपए का अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा। यानी 12.75 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री। लेकिन इसमें 2 शर्तें लागू हैं…
i. ये बदलाव सिर्फ नए टैक्स रिजीम वालों के लिए हुआ है। यानी जिन्होंने ओल्ड टैक्स रिजीम चुनी है, उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा।
ii. ये फायदा खासतौर पर उन्हें मिलेगा, जिनकी इनकम सैलरी से आती है। अगर आपने कैपिटल गेन किया है यानी शेयर मार्केट में पैसा लगाया, म्यूचुअल फंड में पैसा लगाया, घर की खरीद-फरोख्त की और उस पर टैक्स की देनदारी है, तो ये व्यवस्था लागू नहीं होगी।
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पुराना टैक्स रिजीम
– 3 लाख तक की आय पर 0%
– 3 लाख से 7 लाख तक 5%
– 7 लाख से 10 लाख तक 15%
– 10 लाख से 15 लाख तक 20%
– 15 लाख से ज्यादा पर 30%
ओल्ड टैक्स रिजीम में खास बात – निवेश, हेल्थ इंश्योरेंस, बच्चों की स्कूल फीस और घर के किराए किए गए खर्च पर आप टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं।
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7. केंद्रीय बजट 2025-26 में किस राज्य में मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया गया?
In which state was the formation of Makhana Board announced in the Union Budget 2025-26?
a. पश्चिम बंगाल
b. ओडीशा
c. बिहार
d. गुजरात
Answer: c. बिहार
– खास बात ये रही कि पूरे बजट भाषण में बिहार का नाम बार-बार आया।
मखाना बोर्ड
– बिहार के मखाने को GI टैग भी मिला हुआ है।
– बिहार के 10 जिलों में मखाना की खेती होती है।
– इन जिलों में सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज शामिल हैं।
– मखाना खेती से 30 हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं।
– मखाने को लेकर कोई तय नीति न होने के चलते मुनाफा बंट जाता है।
– किसानों के बजाय कारोबारियों की जेब में पैसा जाता है।
– अब बोर्ड के गठन के बाद पहल से ज्यादा प्रॉफिट बिहार को मिलेगा।
– बोर्ड बनने से सभी योजनाएं एक साथ जुड़ जाएंगी। जैसे बिहार सरकार अभी मखाना विकास योजना चला रही है। इसके अलावा केंद्र सरकार की MSME और फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री की तरफ से अलग-अलग योजनाएं चल रही है। ये सारी योजनाएं सेंट्रलाइज्ड हो जाएगी।
भारत में मखाना व्यापार
– दुनिया का 80-90 फीसदी मखाना भारत में उगाया जाता है।
– भारत का 90 फीसदी मखाना बिहार में उगाया जाता है।
– मखाने की खेती के लिए सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज मशहूर हैं।
– भारत हर वर्ष 100 टन मखाना निर्यात करता है।
– भारत मखाने का निर्यात सबसे ज्यादा अमेरिका, ब्रिटेन, और कनाडा में करता है।
– भारत में हर वर्ष 50-60 हजार टन मखाने के बीज की पैदावार होती है।
मखाने में कौन से न्यूट्रिशन?
– 100 ग्राम मखाने में 350 किलो कैलोरी होती है।
– इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, पोटेशियम, फास्फोरस प्रचूर मात्रा में होता है।
– इसमें फैट यानी वसा नाम मात्र का होता है
मखाने की खेती
– भारत में मखाने की खेती के लिए एक ही रिसर्च सेंटर है, जो बिहार के दरभंगा में स्थित है।
– मखाने की खेती स्थिर जल जमाव वाले क्षेत्र में की जाती है।
– लेकिन वहां बालू वाली मिट्टी नहीं होनी चाहिए।
– जल जमाव वाली जगह पर कीचड़ होना आवश्यक है।
– साथ ही 3-4 गहराई हो भी होना चाहिए।
– जल का pH (अम्लता) लेवल न्यूट्रल हो तो यह मखाने की खेती के लिए बेहतर रहेगा।
– pH (अम्लता) लेवल 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
– मखाना खेतों में भी उगाया जा सकता है।
– अगर धान के खेत की मेड़ की ऊंचाई 2-2.5 फीट कर दी जाए और उसमें 1.5 पानी भर दिया जाए, तो खेतों में भी मखाने की खेती की जा सकती है।
पैदावार किसमें बढ़िया?
– तालाब में प्रति हेक्टेयर 20-25 कुंतल मखाना की पैदावार होती है।
– खेतों में 30-35 कुंतल पैदावार होती है।
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8. वित्त मंत्री ने बजट भाषण 2025-26 के दौरान बिहार के लिए क्या ऐलान किए?
What did the Finance Minister announce for Bihar during the Budget Speech 2025-26?
a. मखाना बोर्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी
b. IIT पटना का विस्तार
c. 3 एयरपोर्ट (दो का विस्तार और एक नया), पश्चिमी कोसी नहर परियोजना
d. उपरोक्त सभी
Answer: d. उपरोक्त सभी (मखाना बोर्ड, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी, IIT पटना का विस्तार, 3 एयरपोर्ट {दो का विस्तार और एक नया}, पश्चिमी कोसी नहर परियोजना)
बिहार के लिए 5 ऐलान
– मखाना बोर्ड
– नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फूड टेक्नोलॉजी
– IIT पटना का विस्तार
– 3 एयरपोर्ट (पटना और बिहटा एयरपोर्ट का विस्तार और एक नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का निर्माण, जगह तय नहीं)
– पश्चिमी कोसी नहर परियोजना
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना
– इस योजना के तीन मकसद हैं।
– पहला बिजली निर्माण
– दूसरा सिंचाई की सुविधा बेहतर करना
– तीसरा बाढ़ को नियंत्रित करना।
– सरकार पश्चिमी नहर परियोजना को आर्थिक मदद देगी। हालांकि कितनी मदद दी जाएगी और कब दी जाएगी, ये अभी नहीं बताया है।
IIT पटना का विस्तार
– बिहार में युवा आबादी करीब 50% है। राज्य में एकमात्र IIT पटना में है। यहां अभी 2883 सीटें हैं, यह बढ़कर 5000 के आसपास हो जाएंगी।
6 महीने पहले बिहार को 59 हजार करोड़ का बजट मिला था
– 23 जुलाई 2024 में पेश किए गए बजट में निर्मला सीतारमण ने बिहार के लिए 59 हजार करोड़ रुपए की योजनाओं का ऐलान किया था।
– इसमें 3 एक्सप्रेस-वे, एक पावर प्लांट, बाढ़ से बचाव के लिए साढ़े ग्यारह हजार करोड़, बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल, गया-बोधगया-नालंदा को टूरिस्ट प्लेस के तौर पर डेवलप करने की घोषणाएं थीं। अभी ये सारे प्रोजेक्ट कागजों में ही हैं।
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8. बजट 2025-26 में टॉप-10 योजनाओं के लिए आवंटन
टॉप-10 योजनाओं के बजट (शिक्षा और स्वास्थ्य नहीं)
1) पीएम गरीब कल्याण : 2.03 लाख करोड़
2) नेशनल हाइवे अथॉरिटी : 1.70 लाख करोड़
3) यूरिया सब्सिडी : 1.19 लाख करोड़
4) सड़क निर्माण : 1.6 लाख करोड़
5) मनरेगा : 86 हजार करोड़
6) जल जीवन मिशन : 67 हजार करोड़
7) किसान सम्मान निधि : 63.5 हजार करोड़
8) आवास योजना (PMAY-G) : 54.8 हजार करोड़
9) एयरक्राफ्ट और यूरो इंजन : 48.6 हजार करोड़
10) चल स्टॉक (रेलवे) : 45.5 हजार करोड़
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9. बजट 2025-26 में नई घोषणाएं और आवंटन
महिलाओं के लिए: 2 करोड़ तक का टर्म लोन
– 5 लाख एससी-एसटी महिलाएं, जो पहली बार आंत्रप्रेन्योर बनी हैं, उन्हें अगले 5 साल में 2 करोड़ तक का टर्म लोन दिया जाएगा।
– आंगनवाड़ी योजना के तहत देश भर में 8 करोड़ से अधिक बच्चों और 1 करोड़ गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन दिया जाएगा।
– महिलाओं के लिए मिशन शक्ति योजना को 3 हजार 150 करोड़ का बजट दिया गया है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाई, नारी अदालत, महिला हेल्पलाइन, महिला पुलिस वॉलंटियर योजनाओं को इसमें से 629 करोड़ रुपए मिलेंगे।
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युवाओं और रोजगार के लिए:
– स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ रुपए का फंड बनेगा।
– 500 करोड़ रुपए से 3 Ai (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एक्सीलेंस सेंटर बनेंगे।
– मेडिकल एजुकेशन में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ेंगी। एक साल में 10 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी।
– देश में 23 IIT में 6500 सीटें बढ़ाई जाएंगी। पटना IIT के हॉस्टल का विस्तार किया जाएगा।
– पीएम रिसर्च फेलोशिप के तहत 10 हजार नई फेलोशिप दी जाएगी।
– रोजगार के लिए सरकार ने अलग से कोई घोषणा नहीं की। हालांकि सीतारमण ने कई योजनाओं का ऐलान करते हुए यह जरूर कहा कि इनसे रोजगार का सृजन होगा।
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किसानों के लिए
– कम उत्पादकता वाले 100 जिलों में पीएम धन-धान्य कृषि योजना लागू की जाएगी। इसके तहत प्रोडक्शन बढ़ाया जाएगा। पंचायत लेवल पर स्टोरेज की व्यवस्था की जाएगी। 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
– किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपए हुई।
– डेयरी और मछली पालन के लिए 5 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा।
– दालों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए 6 साल का मिशन होगा। इसके तहत नेफेड और दूसरी केंद्रीय एजेंसियां किसानों से अगले 4 साल तक दाल की खरीद करेंगी।
– कपास उत्पादन के लिए 5 साल की कार्ययोजना। प्रोडक्शन, मार्केटिंग पर फोकस रहेगा। असम के नामरूप में नया यूरिया प्लांट लगेगा।
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शिक्षा के लिए
– देश में ज्ञान भारत मिशन शुरू होगा। 1 करोड़ मैनुस्क्रिप्ट का डिजिटलाइजेशन होगा।
– सभी सरकारी माध्यमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी।
– स्किल बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के 5 सेंटर बनाए जाएंगे।
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स्वास्थ्य के लिए
– सरकार ने 36 जीवन रक्षक दवाएं पूरी तरह से टैक्स फ्री कर दी हैं।
– कैंसर बीमारी से जूझ रहे लोगों और परिवारों को राहत देने के लिए अगले 3 सालों में सभी जिला अस्पतालों में 200 डे केयर कैंसर सेंटर बनाएगी।
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ऑनलाइन डिलिवरी, कैब चलाने वालों के लिए
– 1 करोड़ GIG वर्कर्स यानी फूड डिलीवरी करने वाले, कैब चलाने वाले और ऑनलाइन डिलिवरी करने वाले वर्कर्स को आईकार्ड दिए जाएंगे।
– इनका ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सुविधाओं का फायदा भी मिलेगा।
– रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक इन GIG वर्कर्स की संख्या 23 करोड़ से ज्यादा हो जाएगी।
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देश को खिलौना हब बनाया जाएगा
– देश को खिलौनों के लिए बड़ा केंद्र बनाने के लिए नेशनल एक्शन प्लान बनाया जाएगा। हम क्लस्टर्स का डेवलपमेंट करेंगे। स्किल और मैन्युफैक्चरिंग के लिए इको सिस्टम बनाया जाएगा। इससे हाईक्वालिटी, अनोखे, इनोवेटिव और लंबा चलने वाले खिलौने बनेंगे।
– इन उत्पादों की वैश्विक मांग में समग्र गिरावट के कारण भारत का खिलौना निर्यात 2021-22 में 177 मिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 152 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
– पिछले एक दशक में भारत खिलौनों के लिए चीन पर निर्भर होता जा रहा है। फिलहाल देश औसतन 76% खिलौना आयात करता है।
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जनजातियों के लिए DAJGUA का बजट चार गुना
– धरती आभा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) का बजट 500 करोड़ से चार गुना बढ़ाकर 2 हजार करोड़ कर दिया गया है।
– इससे 63 हजार 843 गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, आंगनवाड़ी सुविधाओं का इजाफा होगा। 30 राज्यों के 549 जिलों में 5 करोड़ जनजातीय लोगों को इसका फायदा मिलेगा।
– एकलव्य बोर्डिंग स्कूलों के लिए 7 हजार करोड़ से ज्यादा बजट दिया गया है। जनजातीय विकास मिशन के लिए 380 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना में 335 करोड़ से ज्यादा का बजट है।
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बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत FDI की अनुमति
– इससे पहले तक इंश्योरेंस सेक्टर में 74 प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति थी। अब इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है।
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10. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को कौन सी वीं बार बजट पेश किया?
Finance Minister Nirmala Sitharaman presented the budget for what th time on 1 February 2025?
a. 5वीं बार
b. 8वीं बार
c. 9वीं बार
d. 10वीं बार
Answer: b. 8वीं बार
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11. बजट 2025-26 में किस पड़ोसी देश के लिए सबसे ज्यादा सहायता अनुदान देने प्रावधान है?
In the budget 2025-26, there is a provision for giving maximum grant-in-aid to which neighboring country?
a. अफगानिस्तान
b. भूटान
c. श्रीलंका
d. मालदीव
Answer: b. भूटान (2150 करोड़ रुपए ग्रांट)
– बजट में भूटान को कुल 2150 करोड़ रुपए ग्रांट देने का प्रावधान है। इसमें 375 करोड़ रुपए लोन भी शामिल हैं।
– भारत एक दर्जन से ज्यादा देशों को आर्थिक मदद करता है।
किस देश को कितनी रकम का सहायता अनुदान
1. भूटान : 2150 करोड़ रुपए (375 करोड़ लोन के रूप में)
2. अफगानिस्तान : 100 करोड़ रुपए
3. बांग्लादेश : 120 करोड़ रुपए
4. नेपाल : 700 करोड़ रुपए
5. श्रीलंका : 300 करोड़ रुपए
6. मालदीव : 600 करोड़ रुपए
7. म्यांमार : 350 करोड़ रुपए
8. मंगोलिया : 5 करोड़ रुपए
9. अफ्रीकी देश : 225 करोड़ रुपए
10. यूरेशियन देश : 40 करोड़ रुपए
11. लैटिन अमेरिकी देश : 60 करोड़ रुपए
12. अन्य विकासशील देश : 150 करोड़ रुपए
13. आपदा राहत : 64 करोड़ रुपए
14. चाबहार बंदरगाह : 100 करोड़ रुपए
15. मॉरीशस : 500.00 करोड़ रुपए
16. सेशेल्स : 19 करोड़ रुपए




