19 October 2022 Current Affairs

यह 19 October 2022 का करेंट अफेयर्स है, जो आपके कांपटीटिव एग्‍जाम्‍स में मदद करेगा। 

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1. संयुक्त राष्ट्र (UN) के ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) [बहुआयामी दरिद्रता सूचकांक] 2022 के अनुसार वर्ष 2005-06 और 2019-21 के बीच भारत में कितने लोग गरीबी से बाहर निकले?

a. 200 मिलियन
b. 310 मिलियन
c. 415 मिलियन
d. 560 मिलियन

Answer: c. 415 मिलियन (41.5 करोड़)

ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) : बहुआयामी गरीबी सूचकांक

– ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) 2022 के अनुसार वर्ष 2005-06 और 2019-21 के बीच (15 वर्षोंं में) भारत में 415 मिलियन (41.5 करोड़) लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।

मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI)
– MPI की गणना गरीबी की घटनाओं (incidence of poverty) और गरीबी की औसत तीव्रता (intensity of poverty) को गुणा करके की जाती है।

MPI को किन इंडिकेटर के आधार पर तैयार किया जाता है?
– न्यूट्रिशन (Nutrition)
– चाइल्ड मोर्टेलिटी (Child mortality)
– इयर्स ऑफ स्कूलिंग (Years of schooling)
– स्कूल अटेंडेंस (School attendance)
– कुकिंग फ्यूल (Cooking Fuel)
– सैनिटेशन (Sanitation)
– ड्रिंकिंग वाटर (Drinking Water)
– इलेक्ट्रिसिटी (Electricity)
– हाउसिंग (Housing)
– एसेट (Asset)

इन 15 वर्षों में गरीबी से बाहर निकलने वालों का आंकड़ा
– वर्ष 2005-06 से 2015-16: 27.5 करोड़ गरीब
– वर्ष 2015-16 से 2019-21: 14 करोड़ गरीब

कोविड से गरीब हुए लोगों का आंकड़ा नहीं
– इस रिपोर्ट में कोविड के आंकड़े का आंकलन नहीं किया गया है।
– UNDP ने कहा है कि इसके ज्‍यादातर आंकड़े कोविड महामारी से पहले के हैं। इसलिए कोविड के कारण गरीब हुए लोगों का आंकड़ा नहीं रखा गया है।
– हालांकि कुछ वक्‍त पहले की, विश्‍व बैंक की रिपोर्ट बताती है कि कोविड की वजह से भारत में गरीबी की स्थिति और ज्‍यादा बढ़ी है।

इंडेक्स में और क्या?
– MPI में इस कामयाबी को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) की प्राप्ति की दिशा में एक बेहतर प्रयास बताया गया है।
– वर्ष 2030 तक गरीबों की संख्या को कम करने के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) को पाना संभव।
– विश्व स्तर पर, 111 विकासशील देशों में कुल 610 करोड़ लोगों में से, 19.1% या 120 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी में रहते हैं।
– उनमें से लगभग आधे गंभीर गरीबी में रहते हैं।

इंडेक्स को किसने तैयार किया?
– संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (OPHI) ने इस इंडेक्स को तैयार किया है।

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2. संयुक्त राष्ट्र (UN) के ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) 2022 के अनुसार वर्ष 2020 में सबसे ज्यादा गरीब लोग किस देश में पाए गए?

a. भारत
b. पाकिस्तान
c. चीन
d. रूस

Answer: a. भारत

– ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) 2022 के अनुसार वर्ष 2020 में दुनियाभर में सबसे ज्यादा गरीब लोग भारत में पाए गए।
– वर्ष 2020 में भारत में 228.9 मिलियन (22.89 करोड़) लोग गरीब पाए गए।
– गरीबी का यह आंकड़ा भारत की वर्ष 2020 की जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर है।
– दूसरे स्थान पर नाइजीरिया है, जहां वर्ष 2020 में 96.7 मिलियन (09 करोड़ 67 लाख) लोग गरीब पाए गए।

सबसे ज्यादा गरीब बच्चे भारत में
– मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) 2022 के अनुसार सबसे ज्यादा गरीब बच्चे भारत में है।
– भारत में गरीब बच्चों की संख्या 9.70 करोड़ है।
– वर्ष 2019-21 में भारत के 9.70 करोड़ बच्चे गरीबी में जिंदगी काट रहे हैं।

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3. संयुक्त राष्ट्र (UN) के ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) 2022 के अनुसार किस राज्य में गरीबी सबसे तेजी से कम हुई?

a. उत्तर प्रदेश
b. बिहार
c. असम
d. झारखंड

Answer: b. बिहार

– सबसे गरीब राज्य बिहार में MPI (मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स) वैल्यू में पूर्ण रूप से सबसे तेज कमी देखी गई।

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4. संयुक्त राष्ट्र (UN) के ग्लोबल मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) 2022 के अनुसार किस राज्य ने भारत के टॉप-10 सबसे गरीब राज्यों की कैटेगरी से खुद को अलग किया?

a. उत्तर प्रदेश
b. बिहार
c. पश्चिम बंगाल
d. झारखंड

Answer: c. पश्चिम बंगाल

– वर्ष 2015-16 में 10 सबसे गरीब राज्य बिहार, झारखंड, मेघालय, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल थे।
– लेकिन वर्ष 2015-16 में 10 सबसे गरीब राज्यों में से केवल एक (पश्चिम बंगाल) 2019-2021 में दस सबसे गरीब राज्यों में नहीं था।
– पश्चिम बंगाल ने अपनी पोजीशन में सुधार कर खुद को टॉप-10 सबसे गरीब राज्यों की सूची से अलग किया।
– हालांकि, बिहार, झारखंड, मेघालय, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और राजस्थान अभी भी बेहद गरीब हैं।

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5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में देश में कितने प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSK) का उद्घाटन किया?

a. 500
b. 600
c. 700
d. 800

Answer: b. 600

– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 अक्टूबर 2022 को देश में 600 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों (PMKSK) का उद्घाटन किया।
– ये केंद्र रसायन और उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) के तहत शुरू हुए हैं।

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6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022 का उद्घाटन कहां किया?

a. आगरा
b. पटना
c. नई दिल्ली
d. चेन्नई

Answer: c. नई दिल्ली

– यह आयोजन नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में 17 अक्‍टूबर 2022 को हुआ।
– इस सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) के तहत 16,000 करोड़ रुपये की 12वीं किस्त भी जारी की।

पीएम किसान सम्मान सम्मेलन 2022
– यह आयोजन देश भर के 13,500 से ज्यादा किसानों और तकरीबन 1500 कृषि स्टार्टअप को एक साथ लाया है।
– इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों के एक करोड़ से ज्यादा किसानों के वर्चुअल रूप से हिस्सा लेने की उम्मीद है।
– इस सम्मेलन में रिसर्चर्स, नीति निर्माताओं और अन्य हितधारकों की भागीदारी भी देखने को मिलेगी।

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7. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में उर्वरक (फर्टिलाइजर) से जुड़ी किस योजना को लॉन्च किया?

a. हर घर उर्वरक
b. किसान दाता उर्वरक
c. जन उर्वरकदाता योजना
d. ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- वन नेशन वन फर्टिलाइजर’

Answer: d. ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ (एक देश, एक उर्वरक)

– पीएम मोदी ने 17 अक्टूबर 2022 को ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ का भी शुभारंभ किया।

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8. ‘प्रधानमंत्री भारतीय जन उर्वरक परियोजना- वन नेशन वन फर्टिलाइजर’ के तहत यूरिया को किस नाम से बेचा जाएगा?

a. एक देश
b. भारत
c. महान
d. किसान

Answer: b. भारत

– इस योजना के तहत प्रधानमंत्री ने ‘भारत’ यूरिया बैग लॉन्च किया।
– जिन खाद पर केंद्र सरकार की तरफ से सब्‍सिडी दी गई है, उस उर्वरक को देश में तमाम कंपनियां एक ब्रांड नाम ‘भारत’ के तहत मार्केटिंग करेगी।

इसके पीछे केंद्र का तर्क क्या है?
– सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरक यूरिया की कीमत सरकार द्वारा नियंत्रित होती है।
– सभी निर्माण कंपनियां एक निश्चित एमआरपी पर बेचती हैं।
– यह कीमत उत्पादन लागत का सिर्फ 10-20 प्रतिशत होता है।
– केंद्र सरकार 80-90 प्रतिशत कीमत, फर्टिलाइजर निर्माताओं को सब्सिडी के रूप में प्रदान करती है।
– सरकार का उर्वरक सब्सिडी बिल हर साल बहुत बड़ा है। (2022-23 में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है) और व्यय के मामले में खाद्य सब्सिडी के बाद दूसरे स्थान पर है।
– जबकि डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) जैसे अन्य उर्वरकों की कीमतें आधिकारिक तौर पर सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं होती हैं। हालांकि वे सब्सिडी प्रणाली के अंतर्गत आती हैं।
– इसका अर्थ है कि निर्माता कंपनी एक निश्चित MRP के आसपास बेचते हैं।
– नई योजना से पहले तक, कंपनियां सरकार की नहीं बल्कि अपनी ब्रांड पहचान के तहत उत्पाद बेच रही थीं।
– अब भारत ब्रांड के नाम से बेचा जाएगा।
– उर्वरक पैकेट के सामने दो तिहाई हिस्‍से पर यह ब्रांड नेम कवर करेगा।
– बचे हुए एक तिहाई हिस्‍से में कंपनी केवल अपना नाम, लोगो और अन्‍य जानकारी प्रदर्शित करेगी।

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9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2022 में उर्वरक (फर्टिलाइजर) से जुड़ी किस ई-पत्रिका को लॉन्च किया?

a. फर्टिलाइजर एज
b. इंडियन एज
c. एग्री एज
d. द फार्मर

Answer: b. इंडियन एज

– पीएम मोदी ने 17 अक्टूबर 2022 को ई-पत्रिका ‘इंडियन एज’ को लॉन्च किया।
– ये पत्रिका घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उर्वरक स्थितियों के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।
– इसमें हालिया घटनाक्रमों, मूल्य रुझानों के विश्लेषण, उपलब्धता, खपत और किसानों की सफलता की कहानियां शामिल होंगी।

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10. BCCI (Board of Control for Cricket in India) के पहले एंग्लो-इंडियन अध्यक्ष कौन बने?

a. यशपाल शर्मा
b. सुनील वलसन
c. रोजर बिन्नी
d. सैय्यद किरमानी

Answer: c. रोजर बिन्नी

– रोजर बिन्नी भारतीय क्रिकेट बोर्ड के 36वें प्रेसिडेंट बने।
– बोर्ड की 91वीं Annual general meeting (AGM) में बिन्नी को प्रेसिडेंट (अध्यक्ष) चुना गया।

कौन-कौन उम्मीदवार थे?
– रोजर बिन्नी अकेले उम्मीदवार थे।
– वह बिना किसी विरोध के चुने गये।
– बिन्नी इससे पहले कर्नाटक राज्य के क्रिकेट संघ के अध्यक्ष थे।

BCCI के अन्य पद
सेक्रेटरी – जय शाह
कोषाध्य – आशीष शेलार
उपाध्यक्ष – राजीव शुक्ला
संयुक्त सचिव – देवजीत सैकिया
IPL चेयरमैन – अरुण धूमल

रोजर बिन्नी
– उम्र 67 है।
– पूरा नाम रोजर माइकल हम्फ्री बिन्नी (Roger Michael Humphrey Binny) है।
– बिन्नी भारत के लिए क्रिकेट खेलने वाले पहले एंग्लो-इंडियन थे।
– उन्होंने इंडिया के लिए 27 टेस्ट और 72 वनडे खेले।
– वर्ष 1983 की वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा भी रहें।
– बिन्नी वर्ल्ड कप में हाईएस्ट विकेट टेकर थे।
– उन्होंने पूरे टूर्मामेंट में 18 विकेट लिए।
– वे भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम के कोच भी रहे।
– उन्होंने वर्ष 2000 में भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम को कोच के रूप में वर्ल्ड कप जिताया।
– वर्ष 2012 से 2015 तक इंडिया टीम की सिलेक्शन कमेटी में रहें।

– उनका संबंध स्कॉटलैंड (यूनाइटेड किंगडम का हिस्‍सा) से है, हालांकि जन्म भारत में ही हुआ और यही वह पले-बढ़े।
– परिवार मूल रूप से स्‍कॉटलैंड का रहने वाला है, जो बाद में भारत में आकर बसे थे।
– रोजर बिन्‍नी के बेटे स्टुअर्ट बिन्नी भी भारत के लिए इंटरनेशन मैच खेल चुके हैं।

एंग्लो-इंडियन कौन होते है?
– भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366 (2) के अनुसार एंग्लों इंडियन ऐसे व्यक्ति को माना जाता है जो भारत में रहता हो और जिसका पिता या कोई पुरुष पूर्वज यूरोपियन वंश के हों।
– एंग्लो-इंडियन के भारत में आने की शुरुआत रेल की पटरियां और टेलीफोन लाइन बिछाते समय हुई।
– इस काम को करने के लिए यूरोपियन समाज के लोगों को भारत में बुलाया गया।
– उन्होंने भारत में ही शादियाँ की और फिर यहीं बस गये।
– एंग्लो इंडियन परिवारों में सबसे ज़्यादा का सम्बन्ध रेलवे से था।
– इन परिवारों के लोग आज भी खुद को ‘रेलवे चिल्ड्रन’ कहते हैं.

संसद और विधान सभा में एंग्लों इंडियन्स
– एंग्लो इंडियन्स भारत का अकेला समुदाय हैं जिनका अपना प्रतिनिधि संसद और राज्यों की विधानसभा में मनोनीत करने का प्रावधान रहा है।
– इसके बारे में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 331 में वर्णित था।
– लेकिन केन्द्र सरकार ने 104वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2019 से समाप्त कर दिया।

BCCI (Board of Control for Cricket in India)
स्थापना – 1928
मुख्यालय – मुंबई

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11. चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के चुनाव में मतदान की तारीख क्या रखी?

a. 25 अक्तूबर
b. 27 अक्तूबर
c. 12 नवंबर
d. 8 दिसंबर

Answer: c. 12 नवंबर

– हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान भारतीय चुनाव आयोग ने 14 अक्टूबर को किया।
– हिमाचल प्रदेश में कुल 68 विधानसभा सीटें हैं।
– कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 55,74,000 है
– इस समय, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री BJP के जयराम ठाकुर हैं।

किस प्रकार से चुनाव होगा?
– चुनाव आयोग ने पूरे चुनाव को एक चरण में पूरा करने की घोषणा की।
– नामांकन भरने की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर होगी।
– नामांकन की जांच 27 अक्टूबर तक होगी।
– नाम वापसी लेने की तारीख 29 अक्टूबर होगी।
– 12 नवंबर को मतदान होगें।
– 8 दिसंबर को रिजल्ट आयेंगे।
– हिमाचल प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई।

आचार संहिता क्या होती है?
– राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों के लिए बनाई गई एक नियमावली है।
– जिसका पालन चुनाव के समय आवश्यक है।
– यह चुनावी तारीख की घोषणा से लागू हो जाती है।
– और मतदान के परिणाम आने पर समाप्त हो जाती है।

आचार संहिता में क्या पाबंदियां लगती है?
– सरकार के द्वारा लोग लुभावन घोषणाओं पर।
– चुनाव के दौरान सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न करना।
– राजनीतिक दल और उम्मीद्वारों के द्वारा जाति, धर्म और क्षेत्र से संबंधित मुद्दे न उठाना।
– चुनाव के दौरान धन-बल और बाहू-बल का प्रयोग न करना।

भारतीय चुनाव आयोग
स्थापना – 25 जनवरी 1950

हिमाचल प्रदेश
सीएम – जयराम ठाकुर
गवर्नर – राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर
राजधानी – शिमला (ग्रीष्‍मकालीन), धर्मशाला (शीतकालीन)

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12. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किस रेलवे स्टेशन पर भारत के पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक का उद्घाटन किया?

a. दूधसागर स्टेशन
b. चारबाग रेलवे स्टेशन
c. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
d. भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन

Answer: d. भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन (भुवनेश्वर, ओडिशा)

– केन्द्रीय रेल, संचार तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 16 अक्टूबर 2022 को भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर भारत पहले एल्युमिनियम फ्रेट रेक (मालगाड़ी का डिब्बा) का उद्घाटन किया।
– इसे RDSO, हिंडाल्को और बेस्को वैगन के सहयोग से स्वदेशी रूप से पूरी तरह से डिजाइन और विकसित किया गया है।

एल्युमिनियम रेक के फीचर्स
– स्ट्रक्चर पर बिना वेल्डिंग के पूरी तरह से लॉकबोल्टेड निर्माण किया गया है।
– इसका टेयर (कंटेनर) सामान्य स्टील रेक से 3.25 टन कम है और इसकी अतिरिक्त वहन क्षमता (लोड कैपेसिटी) 180 टन की है।
– वैगनों (मालगाड़ी का खुला डिब्‍बा) में हर 100 किलो वजन घटाने के लिए इसका कार्बन फुटप्रिंट भी कम है।
– सामान्य रेक की तुलना में एल्युमीनियम रेक का 80% रिसेल वैल्यू और 10 वर्ष लंबा जीवनकाल है।
– टेयर कम होने से कार्बन उत्सर्जन कम होगा क्योंकि खाली दिशा में ईंधन की खपत कम होगी और लोडेड स्थिति में माल ढुलाई अधिक होगी। – एक अकेला रेक अपने जीवनकाल में 14,500 टन से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड बचा सकता है।
– आयरन इंडस्ट्री निकेल और कैडमियम की बहुत अधिक खपत करता है, जो आयात से आता है।
– इसलिए, एल्युमीनियम वैगनों के प्रसार के परिणामस्वरूप कम आयात होगा।
– वहीं, यह स्थानीय एल्युमीनियम उद्योग की दृष्टि से भी लाभकारी है।

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