15 to 17 जून 2024 करेंट अफेयर्स – सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण

यह 15 to 17 जून 2024 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. G7 समूह ने किस देश की जब्त संपत्ति का इस्तेमाल करते हुए यूक्रेन को 50 अरब डॉलर कर्ज देने का फैसला किया?
The G7 group decided to lend $50 billion to Ukraine using the seized assets of which country?

a. चीन
b. रूस
c. फ्रांस
d. जर्मनी

Answer: b. रूस

– G7 का सालाना शिखर सम्‍मेलन इटली में जून 2024 में आयोजित हुआ। इसी दौरान इस समूह ने यूक्रेन के लिए 50 अरब डॉलर कर्ज़ जुटाने के लिए रूस की जब्त संपत्ति के इस्तेमाल पर सहमति बना ली है।
– इस रकम का इस्तेमाल यूक्रेन, रूस के खिलाफ युद्ध में इस्तेमाल करेगा।

इटली
– राजधानी – रोम
– प्रधानमंत्री – जॉर्जियो मेलोनी
– पड़ोसी देश – फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया

रूस की कितनी संपत्ति जब्‍त
– वर्ष 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद यूरोपीय संघ के साथ-साथ जी7 ने 325 अरब डॉलर मूल्य की रूस की संपत्ति फ्रीज़ कर दी थी।
– ये संपत्तियां हर साल तीन अरब डॉलर का ब्याज कमा रही हैं।
– G7 मीटिंग तय किया गया है कि तीन अरब डॉलर का इस्तेमाल यूक्रेन के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से लिए गए 50 अरब डॉलर के क़र्ज़ के सालाना ब्याज का भुगतान करने के लिए किया जाएगा।
– इटली में आयोजित शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि 50 बिलियन डॉलर का कर्ज यूक्रेन को दिया जाएगा और यह रूस के राष्ट्रपति व्‍लादिमिर पुतिन के लिए एक रिमाइंडर होगा कि हम पीछे नहीं हट रहे हैं।
– हालांकि इस पर रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा हुआ तो इसका जवाब “काफ़ी दर्दनाक” साबित होगा।

द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए
– इटली में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन और अमेरिका के बीच 10 साल के लिए द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए।
– इस समझौते में यूक्रेन को अमेरिकी सैन्य और प्रशिक्षण की बात कही गई है, लेकिन ये नहीं कहा गया है कि अमेरिका यूक्रेन में युद्ध लड़ने के लिए अपनी सेना भेजने के लिए बाध्य है।
– इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन को 61 अरब डॉलर की सहायता दी थी।

G7 (ग्रुप ऑफ सेवेन)
– इसके वर्तमान सदस्‍य कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका है। यह अमीर देशों का एक समूह है।
– इसका गठन हुआ था 1975 में।
– उस वक्‍त यह था G6 – फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और यूएसए।
– बाद में इसमें कनाडा ने ज्वाइन किया और तब यह बन गया G7।
– इसके बाद 1997 में रूस ने भी ज्वाइन किया था। तब यह G8 बन गया।
– हालांकि 2014 में जब रूस ने यूक्रेन के एक इलाके क्रीमिया पर कब्जा कर लिया, तब उसे इसमें से निकाल दिया गया था। इसके बाद यह फिर बन गया G-7
– यह खुद को IMF- एडवांस्ड इकोनॉमिनीज (advanced economies) का ग्रुप बताता है। मतलब कि इंटरनेशनल मॉनिटरिंग फंड के द्वारा दुनिया की सबसे मजबूत घोषित अर्थव्‍यवस्‍था।

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2. किस अरब देश ने अमेरिका के साथ 50 साल पुराना पेट्रो-डॉलर एग्रीमेंट रिन्‍यू नहीं किया, जिससे डॉलर की बादशाहत पर खतरा पैदा हुआ?
Which Arab country did not renew the 50-year-old petro-dollar agreement with the US, thereby threatening the supremacy of the dollar?

a. इराक
b. कुवैत
c. सऊदी अरब
d. UAE

Answer: c. सऊदी अरब

– मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सऊदी अरब ने अमेरिका के साथ चले आ रहे 50 वर्ष के पेट्रो-डॉलर समझौते को रिन्‍यू नहीं किया है।
– यह समझौता 8 जून 2024 को समाप्त हो गया है। बताया जा रहा है कि सऊदी अरब अब इसे रिन्यू नहीं करेगा।
– इस डील के खत्म होने के बाद अब सऊदी अरब अपना तेल किसी भी मुद्रा में बेच सकता है।
– इसके साथ ही डॉलर की बादशाह पर खतरा हो गया है।
– इस एग्रीमेंट को आगे न बढ़ाने का निर्णय लेने से सऊदी अरब अब केवल अमेरिकी डॉलर के बजाय चीनी RMB, यूरो, येन और युआन जैसी विभिन्न मुद्राओं का उपयोग करके तेल और अन्य सामान बेच सकता है। लेन-देन के लिए बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्राओं की संभावना तलाशने की भी चर्चा है।
– यह निर्णय 1972 में स्थापित पेट्रोडॉलर प्रणाली से एक महत्वपूर्ण कदम है, जब अमेरिका ने अपनी मुद्रा को सीधे सोने से जोड़ना बंद कर दिया था।
– सऊदी अरब के नए फैसले से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर के अलावा अन्य मुद्राओं के उपयोग की वैश्विक प्रवृत्ति में तेजी आने की उम्मीद है।

क्‍या था पेट्रो-डॉलर एग्रीमेंट, जिससे डॉलर बादशाह बना
– 8 जून 1974 को मूलतः हस्ताक्षरित यह समझौता, अमेरिकी वैश्विक आर्थिक प्रभाव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा था।
– पहले बैकग्राउंड में चलते हैं
– बात 6 अक्टूबर 1973 की है। उस वक्‍त अरब देशों ने इजराइल पर हमला कर दिया था। ये देश इजराइल से 1967 के सिक्स डे वॉर में कब्जाई जमीन वापस चाहते थे।
– इसमें सीरिया और मिस्र की मदद रूस कर रहा था। ऐसे में अमेरिका ने इजराइल का समर्थन किया और उसे हथियारों से भी मदद पहुंचाई।
– इजराइल को मिले अमेरिकी समर्थन से नाराज सऊदी अरब और अन्य ओपेक देशों ने तेल का उत्पादन कम कर दिया।
– इससे अमेरिका में तेल के दाम बढ़ गए थे, जिससे पूरी दुनिया में महंगाई चरम पर पहुंच गई। लेकिन अरब में उस वक्‍त तनाव से सऊदी अरब भी सशंकित था। उसकी राजशाही पर खतरा था।
– इस संकट से निकलने के लिए अमेरिका और सऊदी अरब के बीच 8 जून 1974 को एक समझौता हुआ था। उस वक्‍त अमेरिकी राष्‍ट्रपति रिचर्ड निक्‍सन थे।
– इस डील के तहत सऊदी अरब अपने तेल की बिक्री सिर्फ डॉलर में कर सकता था।
– इसके बदले सऊदी अरब को अमेरिका से सैन्य सुरक्षा मिलती थी। दोनों देशों के बीच इस डील को पेट्रोडॉलर सिस्टम कहा गया।

पेट्रोडॉलर एग्रीमेंट ने डॉलर को बादशाह बनाया
– पेट्रोडॉलर सिस्‍टम से पहले अमेरिकी डॉलर का मूल्‍य सोने के हिसाब से तय होता था।
– सेकेंड वर्ल्‍ड वॉर के बाद से ऐसा चल रहा था।
– साल 1971 में अमेरिकी राष्‍ट्रपति रिचर्ड निक्‍सन ने इस सिस्‍टम को बदल दिया।
– इससे डॉलर की कीमतें घटने-बढ़ने लगी।
– बाद में 8 जून 1974 को सऊदी अरब से साथ पेट्रोडॉलर एग्रीमेंट हुआ था।

क्‍या होगा असर?
– इस डील के खत्म होने के बाद अब सऊदी अरब अपना तेल किसी भी मुद्रा में बेच सकता है। इस फैसले से माना जा रहा है कि दुनिया के बाजार में डॉलर की बादशाहत को झटका लग सकता है।
– MSN के मुताबिक सऊदी तेल के सिर्फ डॉलर में बेचे जाने की वजह से दुनिया भर में इसकी डिमांड बरकरार रहती है।
– यदि तेल अधिक बेचा जाए तो भी डॉलर की सप्लाई अधिक होगी और यदि तेल उत्पादन में गिरावट की वजह से इसका दाम बढ़े तो भी डॉलर का मूल्य बढ़ जाता है।
– हालांकि इस डील को रद्द होने को लेकर अभी तक न तो अमेरिका ने और न ही सऊदी अरब ने इसकी पुष्टि की है।

सऊदी अरब
राजधानी – रियाद
किंग – सलमान बिन अब्दुलअजीज अल सऊद
क्राउन प्रिंस – मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद

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3. भारतीय सेना को स्‍वदेशी मैन-पोर्टेबल सुसाइड ड्रोन (आत्मघाती ड्रोन) की पहली खेप जून 2024 में मिली, इसका नाम बताएं?
The Indian Army received the first consignment of indigenous man-portable suicide drone in June 2024, name it?

a. ब्रहास्‍त्र ड्रोन
b. हरोप ड्रोन
c. नागस्त्र-1 ड्रोन
d. सशस्‍त्र-1 ड्रोन

Answer: c. नागस्त्र-1 ड्रोन

– इन सुसाइड ड्रोन के आने से जवान अब अपनी जिंदगी खतरे में डाले बिना दुश्मन को टारगेट कर सकते हैं।
– इसका पहला बैच आर्मी को 14 जून 2024 को मिल गया है।
– इस बैच में 120 ड्रोन्स हैं जो दुश्मन के बंकर, पोस्ट, हथियार डिपो को खत्म कर देगा।
– भारतीय सेना को पहली खेप जून 2024 में मिली।
– इस ड्रोन को नागपुर की सोलर इंडस्‍ट्रीज की इकोनॉमिक्‍स एक्‍सप्‍लोसिव लिमिटेड ने बनाया है।

ड्रोन्स की खासियत
– इन ड्रोन्स को चुपके से कम आवाज और कम नजर आने वाली तकनीक की मदद से दुश्मन के घर में घुसकर हमला करवाया जा सकता है।
– इस हथियार के दो वैरिएंट्स हैं, नागास्त्र के दोनों वैरिएंट 60 से 90 मिनट तक उड़ान भर सकते हैं. इसकी ऑपरेशनल रेंज 15 किमी है।
– परीक्षण के दौरान दुनिया में यह पहली बार हुआ था कि जब 1 से लेकर 4 KG वॉरहेड के साथ किसी मैन-पोर्टेबल लॉयटर म्यूनिशन का सफल ट्रायल हुआ था।
– यह ड्रोन ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है।

पहली खेप में कितेन ड्रोन मिले
– भारतीय सेना ने कंपनी को 480 लॉइटरिंग म्यूनिशन्स (सुसाइड ड्रोन्‍स) की आपूर्ति का ऑर्डर दिया था।
– इसमें से 120 की ड्रोन्‍स भारतीय सेना को मिल चुके हैं।

भारतीय सेना के पास ताकतवर ड्रोन
1. स्‍वार्म ड्रोन
2. हरोप ड्रोन
3. हेरॉन ड्रोन
4. सर्चर II
5. MQ-9 रीपर
– अब नया ड्रोन ‘नागस्त्र-1’ है, जिसे सुसाइड ड्रोन भी कहते हैं।

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4. ऐतिहासिक और प्राचीन जोशीमठ का नया नाम बताएं, जिसकी अनुमति केंद्र सरकार ने दी?
What is the new name of the historic and ancient Joshimath, which was approved by the Central Government?

a. उत्‍तराखंड मठ
b. ज्योतिर्मठ
c. शंकराचार्य मठ
d. ज्‍योतिस्‍थान

Answer: b. ज्योतिर्मठ

– केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ तहसील का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने की अनुमति दे दी।
– 12 जून 2024 को इस प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी गई है।
– 15 जून वर्ष 2023 में उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाम बदलने की घोषणा की थी।
– यह स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी, जिन्होंने जोशीमठ के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व का हवाला देते हुए सीएम के समक्ष यह मुद्दा उठाया था।
– इसके अलावा नैनीताल जिले के कोसियाकुटोली तहसील का भी नाम बदलकर परगना श्री कैंची धाम कर दिया है।

– ऐसा माना जाता है कि जोशीमठ क्षेत्र को मूल रूप से ज्योतिर्मठ कहा जाता था, क्योंकि आठवीं शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य अमर कल्प वृक्ष के नीचे तपस्या करने यहां आए थे और उन्हें आत्मज्ञान (दिव्य ज्ञान ज्योति) की प्राप्ति हुई थी।
– हालांकि, समय के साथ यह जोशीमठ के नाम से लोकप्रिय हो गया।
– राज्य सरकार के बयान के अनुसार, नैनीताल में कोसियाकुटोली को अब बाबा नीम करोली महाराज के आश्रम के नाम पर परगना श्री कैंची धाम तहसील के नाम से जाना जाएगा।

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5. सिरिल रामफोसा लगातार दूसरी बार किस देश के राष्ट्रपति बने?
Cyril Ramaphosa became the President of which country for the second consecutive time?

a. साउथ अफ्रीका
b. युगांडा
c. नामीबिया
d. केन्या

Answer: a. साउथ अफ्रीका

– साउथ अफ्रीका में सिरिल रामफोसा लगातार दूसरी बार देश के राष्ट्रपति बन गए हैं।
– 29 मई 2024 को आम चुनाव हुए थे।
– BBC न्यूज के मुताबिक, रामफोसा की अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी (ANC) ने विपक्षी दल डेमोक्रेटिक अलायंस (DA) के साथ गठबंधन किया है।
– 30 साल में यह पहली बार है जब नेल्सन मंडेला की ANC पार्टी ने देश में गठबंधन की सरकार बनाई है।

अश्वेतों को 1994 में मिला वोटिंग का अधिकार
– दक्षिण अफ्रीका में 1994 से पहले अश्वेत लोगों को वोट देने की अनुमति नहीं थी।
– रंगभेद के आधार पर चल रहे सिस्टम के खत्म होने के बाद देश में पहली बार पूर्ण लोकतांत्रिक चुनाव 1994 में हुए थे।
– इनमें नेल्सन मंडेला अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे थे।

नेल्सन मंडेला
– दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत पूर्व राष्ट्रपति थे। राष्ट्रपति बनने से पूर्व वे दक्षिण अफ्रीका में सदियों से चल रहे रंगभेद का विरोध करने वाले अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और इसके अध्यक्ष रहे।

दक्षिण अफ्रीका
राजधानी: प्रिटोरिया, केपटाउन और ब्लोमफोंटेन
मुद्रा: दक्षिण अफ्रीकी रेंड
जनसंख्‍या: 5.99 करोड़ (2022)
भाषा: अंग्रेजी, अफ़्रीकी और नौ जातीय भाषाएँ, जिनमें से ज़ुलु और ज़ोसा सबसे ज्‍यादा बोली जाती है।
पड़ोसी देश: नामीबिया, बोत्सवाना और ज़िम्बाब्वे, मोज़ाम्बीक एस्वातीनी और लेसोथो। (लेसोथे देश चारो तरफ से दक्षिण अफ्रीका से घिरा हुआ है)
महासागर – हिन्‍द महासागर और अटलांटिक ओसेन (साउथ)

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6. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के किस पड़ोसी देश को 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी जून 2024 में दी?
To which neighbouring country of India, the IMF has approved a $2.9 billion bailout package in June 2024?

a. श्रीलंका
b. बांग्‍लादेश
c. यूक्रेन
d. नेपाल

Answer: a. श्रीलंका

– IMF ने श्रीलंका के 2.9 बिलियन डॉलर के बेलआउट की दूसरी समीक्षा को मंजूरी दे दी।
– लेकिन चेतावनी दी कि सुधार के संकेतों के बावजूद अर्थव्यवस्था कमजोर बनी हुई है।

नकदी की कमी से जूझ रहा श्रीलंका
– वर्ष 2022 से श्रीलंका सबसे खराब वित्तीय संकट में चल रहा है जिसके अभी और गिरावट में जाने की उम्‍मीद है।
– इसमें डॉलर की भारी कमी के कारण मुद्रास्फीति 70% के उच्च स्तर पर पहुंच जाएगी, इसकी मुद्रा रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच जाएगी और इसकी अर्थव्यवस्था 7.3% सिकुड़ जाएगी।

IMF
– IMF एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का कार्य करती है।
– यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक एवं सहायता प्रदान देने के साथ अंतर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने तथा आर्थिक विकास को सुगम बनाने में भी सहायता देती है।
मुख्यालय: अमेरिका (वाशिंगटन डीसी)

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7. वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) 2024 में भारत की रैंक बताएं?
What is the rank of India in the Global Peace Index (GPI) 2024?

a. 100
b. 116
c. 114
d. 115

Answer: b. 116

– इंडेक्‍स में भारत को 116 रैंक मिली है। जबकि वर्ष 2023 में भारत को 126वीं रैंक मिली थी।
– वर्ष 2022 में 135वां स्थान मिला था यानि भारत की रैंक बेहतर हो रही है।

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8. वैश्विक शांति सूचकांक (GPI) 2024 के अनुसार दुनिया का सबसे शांतिपूर्ण देश कौन सा है?
Which is the most peaceful country in the world as per the Global Peace Index (GPI) 2024?

a. आइसलैंड
b. ग्रीनलैंड
c. नार्वे
d. यूनाइटेड किंगडम

Answer: a. आइसलैंड

– इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEEP) की ओर से ये इंडेक्‍स जारी किया गया है।
– GPI में दुनिया की 99.7 प्रतिशत आबादी वाले 163 देशों को शामिल किया गया है।
– 2024 के वैश्विक शांति सूचकांक के अनुसार, पिछले दो दशकों में दुनिया में शांति व्‍यवस्‍था काफी खराब हुई है।
– ग्लोबल पीस इंडेक्स की 18वीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पहली बार वैश्विक संघर्षों की संख्या सबसे अधिक 56 के स्तर पर पहुंच गई है।
– परंपरागत हथियारों (ऑर्टिलरी) की तुलना में अब वैश्विक ताकतें ड्रोन्स और डिफेंस सैटेलाइट पर ज्यादा खर्च कर रही हैं।
– रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2008 से अब तक सबसे पीसफुल कंट्री आइसलैंड ही बना हुआ है।
– इसके बाद आयरलैंड, ऑस्ट्रिया, न्यूजीलैंड और सिंगापुर का स्थान है।

किस आधार पर रैंकिंग
– रैंकिंग के तीन मानदंड रखे गए हैं जिसमें
सामाजिक सुरक्षा और संरक्षा, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संघर्ष की सीमा और सैन्यीकरण को लिया गया है।
– साथ ही 23 संकेतकों को भी इसमें शामिल किया गया है।

टकराव का साया स्पेस तक पहुंचा
– सैन्य सैटेलाइट पर खर्च बढ़ने से अब टकराव का साया स्पेस तक पहुंच गया है।
– इतना ही नहीं, ड्रोन की एंट्री से अब छोटे समूह भी आसानी से हमलावर क्षमताओं को तेजी से बढ़ा रहे हैं।

सबसे कम शांतिपूर्ण देश
– यमन
– सूडान
– दक्षिण सूडान
– अफगानिस्तान
– यूक्रेन।

क्षेत्रीय प्रदर्शन
यूरोप: वर्ष 2023 में शांति में मामूली गिरावट के बावजूद यूरोप सबसे शांतिपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है।
मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका सबसे कम शांतिपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है, यमन और सूडान जैसे देशों में महत्वपूर्ण संघर्षों के कारण इसकी लो रैंकिंग बनी हुई है।
उत्तरी अमेरिका: उत्तरी अमेरिका में सबसे बड़ी क्षेत्रीय गिरावट दर्ज की गई, जो कनाडा और अमेरिका दोनों में हिंसक अपराध में वृद्धि के कारण हुई।

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9. विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस कब मनाया जाता है?
When is the World Day to Combat Desertification and Drought observed?

a. 17 जून
b. 14 जून
c. 12 मई
d. 10 अप्रैल

Answer: a. 17 जून

वर्ष 2024 की थीम
– भूमि के लिए एकजुट। हमारी विरासत। हमारा भविष्य।
– United for Land. Our Legacy. Our Future.

– इस दिन की शुरूआत संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की ओर से सूखे से होने वाले खतरों के बारे में जागरूकता बढाने के लिए की गई थी।
– पिछले दो दशकों (डब्ल्यूएमओ 2021) की तुलना में 2000 के बाद से सूखे की संख्या में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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10. सस्‍टेनेबल गैस्‍ट्रोनॉमी (टिकाऊ पाककला) डे कब मनाया जाता है?
When is Sustainable Gastronomy Day celebrated?

a. 18 June
b. 19 June
c. 20 June
d. 21 June

Answer: a. 18 June

– संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने इस दिवस को 21 दिसंबर 2016 को अपनाया था।

– इस दिन का उद्देश्य स्थायी भोजन की खपत से जुड़ी प्रथाओं को पहचानना है।
– गैस्ट्रोनॉमी को भोजन की कला भी कहा जाता है। यह किसी विशेष क्षेत्र से खाना पकाने की शैली का भी उल्लेख कर सकता है।


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