13 September 2025 करेंट अफेयर्स – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्‍वपूर्ण

यह 13 अगस्‍त 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।

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1. Gen Z द्वारा नेपाल में तख्‍तापलट के बाद अंतरिम और पहली महिला प्रधानमंत्री कौन बनीं?
Who became the interim and first female Prime Minister after the coup in Nepal by Gen Z?

a. भंडारी वर्मा
b. पंकजा खोर्खी
c. विमुक्‍ता शाह
d. सुशीला कीर्की

Answer: d. सुशीला कार्की

Gen Z आंदोलन, हिंसा, आगजनी और तख्तापलट के चार दिन बाद नेपाल की बागडोर सुशीला कार्की के हाथों में आ गई।
– नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने 12 सितंबर 2025 को पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को देश का नया अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
– वह नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। नेपाल सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस भी रह चुकी हैं।
– खास बात है कि जब वह चीफ जस्टिस थी, तो सत्‍ताधारी दलों ने उन्‍हें महाभियोग के जरिए हटाने का असफल प्रयास किया था।
– अब GenZ युवाओं की मांग पर उन्‍हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है।
– वह एक मंत्रिमंडल का गठन करेंगी जो छह महीने के भीतर होने वाले अगले चुनावों की देखरेख करेगा।
– खास बात है कि जब वह चीफ जस्टिस थी, तो सत्‍ताधारी दलों ने उन्‍हें महाभियोग के जरिए हटाने का असफल प्रयास किया था।
– अब GenZ युवाओं की मांग पर उन्‍हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है।

नेपाल में संसद भंग, चुनाव की घोषणा
– राष्‍ट्रपति ने 12 सितंबर 2025 को ही संसद भंग कर दी।
– क्‍योंकि नेपाल में में कई दिनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल थमने के संकेत दे रही थी।
– राष्ट्रपति पौडेल ने 5 मार्च, 2026 के लिए प्रतिनिधि सभा के चुनावों की घोषणा की है।

संसद भंग क्‍यों हुई?
– नेपाल के राष्‍ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने सेना की मदद से सुश्री कार्की और अन्य कानूनी विशेषज्ञों के साथ कई दौर की बातचीत की है।
– नेपाली राष्ट्रपति इस बात को लेकर बेहद चिंतित थे कि सरकार के मुखिया की नियुक्ति से पहले संसद को भंग करने से नए मंत्रिमंडल को पूरी छूट मिल जाएगी, और उसे जवाबदेह ठहराने वाला कोई नहीं होगा।
– हालाँकि, सुश्री कार्की ने प्रदर्शनकारियों की सदन को भंग करने की माँग का समर्थन किया था।
– प्रदर्शनकारियों का तर्क था कि अगर संसद भंग नहीं की गई, तो वही पुरानी पार्टियाँ, जिनके खिलाफ वे लड़े थे, अपना नियंत्रण और प्रभाव बनाए रखेंगी।
– Gen Z युवाओं ने कह दिया था कि सदन को भंग करने पर कोई समझौता नहीं हो सकता।
– काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह ने इसका समर्थन किया था।

भारत ने क्‍या प्रतिक्रिया दी
– भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर नेपाल की नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत किया।
– बयान में कहा गया है, “हम नेपाल में माननीय श्रीमती सुशीला कार्की के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार के गठन का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे शांति और स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।”
– इसमें कहा गया है, “एक करीबी पड़ोसी, एक लोकतांत्रिक देश और दीर्घकालिक विकास साझेदार के रूप में भारत, दोनों देशों के लोगों और उनकी खुशहाली के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा।”

सुशीला कार्की के बोर में
– जन्म : 7 जून 1952, बिराटनगर (नेपाल)
– उम्र 73 वर्ष है।

शिक्षा :
– राजनीतिक विज्ञान (Political Science) में ग्रेजुएशन – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, भारत
– विधि स्नातक (LLB) – त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल
– कानून में पोस्‍ट ग्रेजुएशन – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

पेशा
– वकालत से शुरूआत की और बाद में न्यायाधीश बनीं।

मुख्य पद :
– 2009 में नेपाल सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश नियुक्त
– 2016 में नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनीं

उपलब्धियाँ और योगदान
– पारदर्शिता की पक्षधर – वे न्यायपालिका में पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं।
– महिला सशक्तिकरण की प्रतीक – नेपाल जैसे पितृसत्तात्मक समाज में उनका प्रधान न्यायाधीश बनना ऐतिहासिक घटना मानी जाती है।
– संविधान लागू कराने में भूमिका – उन्होंने नए संविधान (2015) से जुड़े कई संवेदनशील मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय दिए।
– निष्पक्षता – उनके कार्यकाल में किसी राजनीतिक दबाव को महत्व न देने की चर्चा रही।

सुशीला कार्की का कार्यकाल क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
– सुशीला कार्की को किताबें पढ़ने और लिखने का बहुत शौक है। वे राजनीतिक और ऐतिहासिक विषयों पर भी लिखती रही हैं।
– चीफ जस्टिस रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार-रोधी निर्णय दिए, जिससे वे आम जनता के बीच लोकप्रिय हो गईं।
– वे नेपाल की न्यायपालिका में “लोहे की महिला” (Iron Lady) के नाम से भी जानी जाती हैं।
– चीफ जस्टिस के रूप में उनका कार्यकाल बहुत छोटा (2016–2017) रहा, लेकिन प्रभाव गहरा पड़ा।
– 2017 में उनके खिलाफ संसद में महाभियोग प्रस्ताव लाने की कोशिश हुई, लेकिन जनदबाव और विरोध के कारण वह सफल नहीं हो पाया। इससे उनकी छवि और मजबूत हुई।

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2. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के ‘New York Declaration’ के वोटिंग के दौरान भारत का क्‍या रुख रहा, जिसमें फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण और दो-राज्य समाधान की बात थी और यह भारी बहुमत से पास हुआ?
What was India’s stand during the voting of the ‘New York Declaration’ of the United Nations General Assembly (UNGA), which talked about a peaceful and two-state solution to the Palestine issue and was passed with an overwhelming majority?

a. पक्ष में वोट
b. विपक्ष में वोट
c. अनुपस्थित
d. इनमें से कोई नहीं

Answer: a. पक्ष में वोट (12 सितंबर को 142 देशों के भारी बहुमत से यह प्रस्‍ताव पास हुआ)

– संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने “New York Declaration” को मंज़ूरी दी, जो इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दो-राज्य समाधान की दिशा में “स्पष्ट, समयबद्ध और अपरिवर्तनीय कदम” उठाने की मांग करता है।
– फ्रांस और सऊदी अरब द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को 142 देशों के भारी बहुमत से पारित किया गया।
– पक्ष में 10 देशों ने मतदान किया, जबकि 12 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।

भारत का रुख
– भारत ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत दो-राज्य समाधान को मानता है और फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के समर्थन में है।

प्रस्ताव का विरोध करने वाले देश (10)
– इजरायल, यूएसए, अर्जेंटीना, हंगरी, माइक्रोनेशिया, नाउरू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, पैराग्वे और टोंगा

यह प्रस्‍ताव किस भूराजनीति की वजह से आया
– गजा इलाके पर इजरायल द्वारा किए जा रहे अमानवीय कार्रवाई की वजह से कई देश इसपर विचार करने को मजबूर हुए।
– गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक लगभग 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
– इस बीच इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतनयाहू ने गजा पर पूर्ण कब्‍जे का ऐलान किया है।
– कई देश इसका मतलब निकाल रहे है कि कत्‍लेआम और विनाश अभी और होने की आशंका है।

प्रस्ताव की विशेषताएँ
– फिलिस्तीन और इजराइल के बीच शांति स्थापित करने के लिए एक रोडमैप तैयार करना।
– प्रस्ताव में हमास द्वारा अक्टूबर 7, 2023 को इज़राइल पर किए गए हमलों की निंदा शामिल है।
– हमास को हथियार डालने और बंधकों को रिहा करने की मांग की गई है।
– गाजा में मानवाधिकारों, बुनियादी सुविधाओं, नागरिक जीवन की रक्षा और मानवीय स्थिति में सुधार को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई है।

प्रस्ताव की प्रकृति
– यह प्रस्ताव बाध्‍यकारी नहीं है। ये केवल राजनीतिक-नैतिक दबाव बनाने का काम करते हैं।
– इसका उद्देश्य इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष को शांति की दिशा में ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना है।
– केवल संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्‍ताव बाध्‍यकारी होता है।

आगे की सम्भावनाएँ
– प्रस्ताव पारित होने से यह उम्मीद जताई जा रही है कि विश्व समुदाय फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता और इज़राइल के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व के लिए दबाव बढ़ाएगा।
– साथ ही संघर्ष-क्षेत्र में मानवीय सहायता की पहुँच और सुरक्षा मामलों में सुधार हो सकता है।

ज़मीनी स्तर पर तुरंत बदलाव की संभावना कम है, क्योंकि:
– इजरायल की नीति – वह सुरक्षा और हमास-ख़तरे का हवाला देकर कठोर रुख रखता है।
– अमेरिका का समर्थन – इज़राइल को अक्सर अमेरिका का कूटनीतिक व सैन्य समर्थन मिलता है।
– अरब देशों की आंतरिक राजनीति – सब देश एकजुट होकर ठोस दबाव नहीं बना पाते।
– हमास और फतह (Palestinian National Liberation Movement)) का विभाजन – फिलिस्तीनी नेतृत्व ही बंटा हुआ है, जिससे दो-राज्य समाधान आगे नहीं बढ़ पाता।
– पी.एल.ओ. (Palestine Liberation Organization) = सभी गुटों का संगठन, जिसमें फतह सबसे ताकतवर है।

फिलिस्तीन
– फिलिस्तीनी लोग एक स्वतंत्र राज्य (देश) की मांग कर रहे हैं।
– फिलिस्तीन कहने को तो एक देश है, लेकिन संयुक्‍त राष्‍ट्र में उसकी मान्‍यता नहीं है। सिर्फ उसे गैर-सदस्य पर्यवेक्षक राज्य का दर्जा प्राप्त है। यह दर्जा 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रदान किया गया था।
– हालांकि यह दर्जा फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की अधिकांश कार्यवाहियों में भाग लेने की अनुमति देता है, लेकिन इसमें मुख्य अंगों या निकायों में मतदान का अधिकार शामिल नहीं है।

फिलिस्तीन पर इजराइल का कब्ज़ा – संक्षिप्त इतिहास

ओटोमन साम्राज्य काल (1517–1917)
– फिलिस्तीन क्षेत्र (West Bank, Gaza, Jerusalem आदि) ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था।

ब्रिटिश मंडेट (1917–1947)
– प्रथम विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने फिलिस्तीन पर मंडेट शासन (British Mandate of Palestine) स्थापित किया।
– 1917 की Balfour Declaration में ब्रिटेन ने “यहूदी राष्ट्रीय घर” बनाने का समर्थन किया।

संयुक्त राष्ट्र का विभाजन योजना (1947)
– UN ने फिलिस्तीन को दो हिस्सों में बाँटने का प्रस्ताव दिया:
– एक यहूदी राज्य
– एक अरब (फिलिस्तीनी) राज्य
– यरुशलम को अंतरराष्ट्रीय प्रशासन के अधीन रखने की बात थी।
– अरब देशों और फिलिस्तीनियों ने इस योजना को अस्वीकार कर दिया।

1948 – इज़राइल की स्थापना और पहला अरब-इज़राइल युद्ध
– मई 1948 में इज़राइल की घोषणा हुई।
– अरब देशों ने युद्ध छेड़ा, लेकिन इज़राइल ने अधिक क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया।
– लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थी बन गए (नक़बा / Nakba)।

1967 – छह दिन का युद्ध (Six Day War)
– इज़राइल ने मिस्र, जॉर्डन और सीरिया को हराकर कब्ज़ा कर लिया:
– वेस्ट बैंक (जिसमें पूर्वी यरुशलम भी शामिल) – पहले जॉर्डन के अधीन था।
– गाज़ा पट्टी – पहले मिस्र के अधीन थी।
– गोलान हाइट्स (सीरिया का हिस्सा)।
– यहीं से “कब्ज़ा किए गए फिलिस्तीनी क्षेत्र” (Occupied Palestinian Territories) की स्थिति शुरू हुई।

1970–1980 का दशक
– इज़राइल ने कब्ज़ाए क्षेत्रों में यहूदी बस्तियाँ (settlements) बसाना शुरू किया।
– फिलिस्तीनी प्रतिरोध आंदोलन (PLO और बाद में हमास) तेज़ हुए।

1993 – ओस्लो समझौता (Oslo Accords)
– इज़राइल और PLO में समझौता हुआ।
– फिलिस्तीनी प्राधिकरण (Palestinian Authority) बना, जिसे वेस्ट बैंक और गाज़ा के कुछ हिस्सों में सीमित स्वायत्त शासन मिला।

2000 के बाद – दूसरी इंतिफ़ादा और गाज़ा से हटना
– 2000–2005: फिलिस्तीन में बड़ा विद्रोह (Second Intifada)।
– 2005: इज़राइल ने गाज़ा से अपनी सेना हटा ली, लेकिन उसकी सीमाएँ, समुद्र और आकाश पर नियंत्रण बनाए रखा।

2007 से अब तक – हमास बनाम फतह
– हमास ने गाज़ा पर कब्ज़ा कर लिया, जबकि वेस्ट बैंक में फतह/पीएलओ का शासन है।
– इजराइल गाज़ा पर नाकाबंदी और नियमित सैन्य कार्रवाई करता रहा है।
– वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियाँ बढ़ती गईं और फिलिस्तीनियों की ज़मीन सिकुड़ती गई।

संक्षेप में:
– 1948: इज़राइल बना → फिलिस्तीनियों का विस्थापन।
– 1967: इज़राइल ने वेस्ट बैंक, गाज़ा और पूर्वी यरुशलम पर कब्ज़ा किया।
– आज तक: वेस्ट बैंक में इज़राइली बस्तियाँ और गाज़ा में नाकाबंदी जारी है।

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3. विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस कब मनाया जाता है?
When is World First Aid Day celebrated?

a. सितंबर के पहले शनिवार
b. सितंबर के दूसरे शनिवार
c. सितंबर के तीसरे शनिवार
d. सितंबर के चौथे शनिवार

Answer: b. सितंबर के दूसरे शनिवार (2025 में 13 सितंबर)

2025 की थीम
– प्राथमिक चिकित्सा और जलवायु परिवर्तन
– First Aid and Climate Change

– इस वर्ष का विषय इस बात पर ज़ोर देता है कि समुदायों को बाढ़, लू, जंगल की आग जैसी जलवायु से जुड़ी आपदाओं के लिए तैयार रहना कितना आवश्यक है। ऐसे हालात में प्राथमिक उपचार का ज्ञान कई बार जीवन बचाने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
– इस दिवस की शुरुआत इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (IFRC) ने वर्ष 2000 में की थी।
– यह दिवस किसी चोट या हादसे के दौरान प्राथमिक चिकित्‍सा के तहत्‍व को बताता है।

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4. भारत के किस पूर्व प्रधानमंत्री को मरणोपरांत पीवी नरसिम्‍हा राव अवॉर्ड से सितंबर 2025 में सम्‍मानित किया गया?
Which former Prime Minister of India was posthumously honored with the PV Narasimha Rao Award in September 2025?

a. अटल बिहारी वाजपेयी
b. जवाहरलाल नेहरू
c. एच डी देवगौड़ा
d. डॉ. मनमोहन सिंह

Answer: d. डॉ. मनमोहन सिंह

– उन्‍हें भारत के आर्थिक परिवर्तन और राष्‍ट्र निर्माण में उनके योगदान के लिए मरणोपरांत पीवी नरसिम्‍हा राव मेमोरियल अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया।
– यह जानकारी हैदराबाद स्थित पीवी नरसिम्‍हा राव मेमोरियल फाउंडेशन एक बयान में दी।
– पिछले सप्‍ताह मनमोहन सिंह की पत्‍नी गुरशरण कौर ने उनकी ओर से यह अवॉर्ड प्राप्‍त किया।
– यह सम्मान पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष और सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति केंद्र के वरिष्ठ फेलो मोंटेक सिंह अहलूवालिया द्वारा प्रदान किया गया।
– इस पुरस्कार की स्थापना पीवीएनएमएफ ने अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से की थी।

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5. अगस्‍त 2025 में देश में खुदरा महंगाई दर (retail inflation) कितनी रही?
What was the retail inflation rate in the country in August 2025?

a. 1.55%
b. 2.07%
c. 3.22%
d. 4.48%

Answer: b. 2.07%

– भारत में खुदरा मुद्रास्फीति अगस्‍त 2025 में 2.07% दर्ज की गई।
– यह RBI के 2-6% के महंगाई दर की लिमिट के दायरे में है।
– इसमें फूड इन्‍फ्लेशन -0.69% थी।
– महंगाई दर में कमी का मुख्य कारण हेडलाइन मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में वृद्धि मुख्य रूप से सब्जियों, मांस और मछली, तेल और वसा, व्यक्तिगत देखभाल और अंडे की मुद्रास्फीति में वृद्धि है।

गांवों और शहरों में मुद्रास्फीति
– देश के ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़कर 1.69 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई में 1.18 प्रतिशत थी।
– शहरी इलाकों में यह 2.47 प्रतिशत रही।

खुदरा महंगाई दर की रिपोर्ट कौन जारी करता है?
– NSO (नेशनल स्‍टैटिस्‍टकल ऑफिस) {राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय}
– यह Ministry of Statistics and Programme Implementation (सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियांवयन मंत्रालय) के अंतर्गत है।

कैसे तय होती है खुदरा महंगाई दर
– यह कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) से तय होता है।
– इसमें खाद्य सामग्री, फल, कपड़े, जूते, घर, ईंधन, बिजली और अन्‍य की महंगाई की गणना की जाती है।
– एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है।

महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
– महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए यदि महंगाई दर 6% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 94 रुपए होगा।
– इसलिए महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

RBI कैसे कंट्रोल करती है महंगाई?
– महंगाई को नियंत्रित करने के लिए बाजार में पैसों के बहाव (लिक्विडिटी) को कम किया जाता है।
– इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) रेपो रेट को घटाता या बढ़ाता है।
– जब महंगाई बढ़ जाती है, तो RBI रेपो रेट को बढ़ा देता है और जब महंगाई बेहद कम हो जाती है, तो रेपो रेट को घटा देता है।
– पिछले कुछ वक्‍त से महंगाई नियंत्रण में बताई जा रही है, इसी वजह से अगस्त में आरबीआई ने लगातार नौवीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया था।

RBI द्वारा तय महंगाई सीमा
– RBI द्वारा निर्धारित महंगाई सीमा कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) के आधार पर 4 प्रतिशत है। हालांकि इसमें दो प्रतिशत घट या बढ़ सकता है।
– इस तरह 2 प्रतिशत से कम महंगाई और 6 प्रतिशत से अधिक महंगाई देश के आर्थिक विकास के लिए ठीक नहीं है।

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6. सीपी राधाकृष्णन, भारत के कौन से वें उपराष्‍ट्रपति बने?
CP Radhakrishnan became which 4th Vice President of India?

a. 14वें
b. 15वें
c. 16वें
d. 17वें

Answer: b. 15वें

सी. पी. राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने
– चंद्रपुरम पोनसमी (C. P.) राधाकृष्णन को 12 सितम्बर 2025 को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलायी गयी।
– यह शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में कराया।
– उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितम्बर 2025 को हुआ था।
– NDA उम्‍मदीवार CP राधाकृष्‍णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले।
– जबकि INDIA कैंडिडेट सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले।
– राधाकृष्णन ने 152 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
– कुल संख्या में 752 मत वैध माने गए और कुछ मत अमान्य रहे।
– राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे।

15वें उपराष्‍ट्रपति CP राधाकृष्‍णन के बारे में
– सीपी राधाकृष्णन का पूरा नाम चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन है।
– जन्‍म : 20 अक्‍टूबर 1957
– 1998 और 1999 में कोयंबटूर से सांसद बने।
– राधाकृष्णन एक बार केंद्रीय मंत्री बनने के बेहद करीब थे। लेकिन एक जैसे नाम के कारण पार्टी प्रबंधकों से चूक हुई और एक अन्य नेता पोन राधाकृष्णन को पद सौंप दिया गया।
– 2004 से 2007 तक तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष रहे।
– 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कोयर बोर्ड का चेयरमैन बनाया गया। उनके कार्यकाल में भारत का कोयर निर्यात रिकॉर्ड 2,532 करोड़ रुपए तक पहुंचा। (नोट – कोयर, नारियल के बाहरी रेशेदार छिलके से प्राप्त एक प्राकृतिक, बहुमुखी और पर्यावरण-अनुकूल फाइबर है, जिसका उपयोग रस्सी, चटाई, ब्रश, असबाब और बागवानी उत्पादों के निर्माण में होता है)
– 2023 में झारखंड के राज्‍यपाल बने। (अतिरिक्‍त प्रभार : तेलंगाना राज्‍यपाल और पुदुचेरी उपराज्‍यपाल)
– 2024 में महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल बने।
– सितंबर 2025 में उपराष्‍ट्रपति चुनाव जीते।

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7. राष्ट्रीय वन शहीद दिवस कब मनाया जाता है?
When is National Forest Martyrs Day celebrated?

a. 10 सितंबर
b. 11 सितंबर
c. 12 सितंबर
d. 10 दिसंबर

Answer: b. 11 सितंबर

2025 की थीम
– शहीदों को याद करें, वनों की रक्षा करें

– भारत में वनों और पर्यावरण की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वालों को सम्मानित किया जाता है।

– यह दिवस एक खास घटना से जुड़ा हुआ है।
– दरअसल, 1730 में राजस्थान के खेजड़ली नरसंहार से हुई थी।
– अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में 363 से अधिक गाँववालों ने खेजड़ी के वृक्षों से लिपटकर अपने प्राणों की आहुति दी, ताकि राजा के सैनिक उन वृक्षों को न काट सकें।
– यह अद्वितीय बलिदान पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक बन गया और बाद में 1970 के दशक में हुए चिपको आंदोलन के लिए प्रेरणा का स्रोत बना।
– इसी वीरता और समर्पण को सम्मान देते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 2013 में 11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस घोषित किया था।

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8. चीन में आयोजित ISSF विश्व कप 2025 में भारतीय खिलाड़ी ईशा सिंह ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में कौन सा मेडेल जीता?
Which medal did Indian player Isha Singh win in women’s 10m air pistol at the ISSF World Cup 2025 held in China?

a. गोल्‍ड
b. सिल्‍वर
c. ब्रॉन्‍ज
d. इनमें से कोई नहीं

Answer: a. गोल्‍ड

– यह आयोजन चीन के झेजियांग स्थित निंग्बो ओलंपिक स्पोर्ट्स सेंटर में हुआ।
– उन्‍होंने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता।
– इसी के साथ उन्‍होंने आईएसएसएफ विश्व कप राइफल/पिस्टल में भारत का पदक सूखा समाप्त कर दिया।

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9. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Suicide Prevention Day observed?

a. 10 सितंबर
b. 10 अक्‍टूबर
c. 10 नवंबर
d. 10 दिसंबर

Answer: a. 10 सितंबर

2025 की थीम
– आत्महत्या पर कहानी बदलना
– Changing the Narrative on Suicide

दिवस के बारे में
– शुरुआत: 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से शुरू हुआ।
– उद्देश्य: आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना, जोखिम कारकों पर प्रकाश डालना और सहायता प्रणालियों को मजबूत करना।

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10. विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया में कितने लोग मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं जिससे प्रत्‍येक 100 मौतों में एक मौत आत्महत्या कारण से होती है?
According to the World Health Organization (WHO), how many people in the world suffer from mental health problems due to which one in every 100 deaths is due to suicide?

a. एक अरब से अधिक
b. 50 करोड़ से अधिक
c. 20 करोड़ से अधिक
d. एक करोड़ से अधिक

Answer: a. एक अरब से अधिक

– दुनिया भर में हर 100 मौतों में से एक आत्महत्या के कारण होती है।
– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार, 2021 में सभी आयु वर्गों के अनुमानित 727,000 लोगों ने आत्महत्या के कारण अपनी जान गंवाई।
– वर्ष 2021 में दुनिया भर में हुई सभी मौतों में से 1.1% आत्महत्या के कारण हुईं, जिसका अर्थ है कि हर 100 मौतों में से 1 आत्महत्या के कारण होती है।
– इनमें से 20 से ज़्यादा आत्महत्या के प्रयासों में एक व्यक्ति की मौत हुई।
– WHO का यह भी कहना है कि एक अरब से ज़्यादा लोग मानसिक स्वास्थ्य विकारों से जूझ रहे हैं।

2021 में भारत में कितनी सुसाइड
कुल सुसाइड – 1,77,567
पुरूष – 1.00,719
महिला – 76848

प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य विकार क्या हैं?
– सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले मानसिक रोगों में चिंता (Anxiety) और डिप्रेशन (Depression) शामिल हैं। साल 2021 में, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी दो-तिहाई से ज़्यादा समस्याओं के पीछे यही दो रोग ज़िम्मेदार थे।
– साल 2011 से 2021 के बीच, दुनिया में मानसिक रोगों से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी, और यह वृद्धि जनसंख्या बढ़ने की दर से भी ज़्यादा रही।
– इसके चलते, मानसिक रोगों का वैश्विक स्तर (आयु के अनुसार देखा गया आंकड़ा) 13.6% तक पहुँच गया, जो कि 10 साल पहले के मुकाबले 0.9% ज्यादा है।

भारत में व्यापक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की चुनौतियाँ क्या हैं?
– इंडियन एक्‍सप्रेस के अनुसार नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज की निदेशक डॉ. प्रतिमा मूर्ति का मानना कि देश में पर्याप्त मानसिक स्वास्थ्य संस्थान नहीं हैं। सामान्य और विशेष अस्पतालों में मानसिक रोगियों के लिए अलग वार्ड और प्रशिक्षित विशेषज्ञों की ज़रूरत है।
– गंभीर मामलों में इलाज तो मानसिक अस्पतालों में हो सकता है, लेकिन अब इलाज के तरीकों को बदलना जरूरी है। मरीजों को बंद करने के बजाय उन्हें सम्मानजनक और पेशेवर देखभाल मिलनी चाहिए। बड़े अस्पताल प्रशिक्षण केंद्र के रूप में भी उपयोगी हो सकते हैं।
– एक बड़ी समस्या यह भी है कि कई मानसिक अस्पतालों में सुविधाएँ बहुत खराब हैं। मरीजों के साथ दुर्व्यवहार, उपेक्षा और हिंसा की घटनाएँ सामने आती हैं।
– साथ ही, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार द्वारा दिया जाने वाला बजट बहुत कम है, जिससे इलाज और संसाधनों की कमी बनी रहती है।

WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन)
– स्थापना : 1948
– हेडक्वार्टर : जिनेवा, स्विट्जरलैंड
– महानिदेशक : टेड्रोस एडनॉम


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