यह 10 & 11 अक्टूबर 2025 का करेंट अफेयर्स है। सरकारी नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए डेली करेंट अफेयर्स के सवाल-जवाब यहां बता रहे हैं।
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1. शांति के लिए 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता का नाम बताइए?
Name the 2025 Nobel Prize winner for Peace?
a. डोनाल्ड ट्रंप
b. मारिया मचाडो
c. रोजर बिन्नी
d. इमैनुएल मैक्रों
Answer: b. मारिया मचाडो (वेनेजुएला में विपक्षी नेता) {अवॉर्ड क्यों मिला : लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के प्रयास के लिए}
ट्रंप को नहीं मिला नोबेल पीस प्राइज
– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मांगने पर भी नोबेल पीस प्राइज नहीं मिला।
– ट्रम्प बीते कई महीने से नोबेल की दावेदारी कर रहे थे, लेकिन नोबेल कमेटी ने उन्हें इस पुरस्कार के लिए नहीं चुना।
मारिया मचाडो बनी विजेता
– वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया मचाडो को शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है।
– उन्होंने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए 20 साल लगातार संघर्ष किया है।
– नोबेल समिति ने कहा कि आज जब दुनिया के कई हिस्सों में तानाशाही बढ़ रही है और लोकतंत्र कमजोर हो रहा है, ऐसे समय में मारिया मचाडो जैसे लोगों की हिम्मत उम्मीद जगाती है।
– समिति ने कहा- लोकतंत्र ही स्थायी शांति की शर्त है। जब सत्ता हिंसा और डर के जरिए जनता को दबाने लगती है, तो ऐसे साहसी लोगों को सम्मान देना जरूरी हो जाता है।
मारिया मचाडो के बारे में
– इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के रूप में काम किया, बाद में राजनीति में एंट्री ली।
– 2010 में उन्होंने नेशनल असेंबली (संसद) के लिए चुनाव लड़ा और सांसद बनीं। उन्होंने खुले तौर पर तानाशाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई।
– 2014 में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की नीतियों की आलोचना करने पर संसद से सस्पेंड कर दी गई।
– 2023-24 में वेनेजुएला की राष्ट्रपति पद की प्रमुख विपक्षी उम्मीदवार बनीं। सरकार ने उनकी उम्मीदवारी पर प्रतिबंध लगाया।
– 2024 चुनावों के दौरान विपक्षी उम्मीदवार एडमुंडो गोंजालेज का समर्थन किया।
शावेज का भाषण बंद कराकर दुनियाभर में मशहूर हुईं
– मचाडो दुनिया में पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब उन्होंने वेनेजुएला के तत्कालीन राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज का भाषण बंद करा दिया था। यह घटना 14 जनवरी 2012 की है।
– ह्यूगो शावेज संसद में 9 घंटे 45 मिनट का भाषण दे चुके थे। तभी मचाहो ने चिल्लाते हुए उन्हें ‘चोर’ कहा और लोगों की जब्त की गई संपत्ति को लौटाने को कहा।
– इसके जवाब में शावेज ने कहा कि वो बहस नहीं करेंगे क्योंकि वह इसके काबिल नहीं। यह घटना देशभर में चर्चा का विषय बन गई और माचाडो को एक साहसी विपक्षी नेता के रूप में स्थापित किया।
मचाडो को कई पुरस्कार मिल चुके
– 2025 में लोकतंत्र की लड़ाई लड़ने के लिए नोबेल पीस प्राइज मिला।
– 2024 सखारोव पुरस्कार: यूरोपीय संसद ने उन्हें और एडमुंडो गोंजालेज को लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह पुरस्कार दिया।
– 2024 वाच्लाव हावेल मानवाधिकार पुरस्कार: काउंसिल ऑफ यूरोप ने मानवाधिकारों के लिए उनकी मेहनत को सम्मानित किया।
– 2025 करेज अवॉर्ड: जेनेवा समिट फॉर ह्यूमन राइट्स ने उन्हें और गोंजालेज को यह पुरस्कार दिया।
– 2018 बीबीसी सम्मान: बीबीसी ने उन्हें दुनिया की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं में शामिल किया।
अमेरिका ने नोबेल कमेटी पर पक्षपात का आरोप लगाया
– अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल नहीं मिलने पर अमेरिका ने पक्षपात का आरोप लगाया।
– व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी को कहा कि नोबेल कमेटी ने एक बार फिर साबित किया कि वे शांति से ज्यादा राजनीति को तरजीह देते हैं।
ट्रम्प को नोबेल क्यों नहीं मिला?
– 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 थी।
– इस तिथि के बाद प्राप्त नामांकनों पर विचार नहीं किया गया।
– नामांकन की प्रक्रिया 1 फरवरी से शुरू होती है, और 31 जनवरी तक मिले नामांकनों को ही मान्य माना जाता है।
– ट्रम्प के 20 जनवरी 2025 को दोबारा राष्ट्रपति बनने के सिर्फ 11 दिन बाद नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन बंद हो गया था।
– इतने कम दिन में ट्रम्प के पास करने के लिए बहुत कुछ नहीं था जिसके लिए उन्हें नोबेल मिलता।
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2. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पहली बार वहां के विदेश मंत्री ने UNSC से अनुमति के बाद अक्टूबर 2025 में भारत की यात्रा की, उनका नाम बताएं?
For the first time after the Taliban occupation of Afghanistan, the Foreign Minister of that country visited India in October 2025 after permission from the UNSC, what is his name?
a. हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा
b. हसन अखुंद
c. अब्दुल हकीम हक्कानी
d. आमिर खान मुत्ताकी
Answer: d. आमिर खान मुत्ताकी
– यह पहली बार है जब भारत ने आधिकारिक तौर पर 2021 में काबुल में सत्ता संभालने वाले तालिबान शासन के किसी नेता की मेजबानी की है।
– भारत में 9 अक्टूबर 2025 को उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
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3. संयुक्त राष्ट्र के किस अंग से छूट प्राप्त करने के बाद ही तालिबान शासित अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत यात्रा कर सके?
Only after getting exemption from which organ of the United Nations, Taliban-ruled Afghanistan’s Foreign Minister Amir Khan Muttaki could visit India?
a. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA)
b. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)
c. संयुक्त राष्ट्र ट्रस्टशिप काउंसिल
d. इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ)
Answer: b. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)
– यह पहली बार है जब भारत ने आधिकारिक तौर पर 2021 में काबुल में सत्ता संभालने वाले तालिबान शासन के किसी नेता की मेजबानी की है।
– भारत में 9 अक्टूबर 2025 को उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
– उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संकल्प समिति (Sanctions Committee) ने 30 सितंबर 2025 को यात्रा-प्रतिबंध (travel ban) से छूट की मंजूरी दी।
– इस छूट के तहत उन्हें 9 से 16 अक्टूबर 2025 के बीच भारत (नयी दिल्ली) की यात्रा करने की अनुमति मिली।
– वह 1996-2001 तक पिछली तालिबान सरकार में भी मंत्री थे।
UNSC से पर्मिशन मिलने का मतलब क्या है?
– वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की “प्रतिबंधित सूची” (Sanctions List) में शामिल हैं।
– वह तालिबान संगठन के सदस्य हैं, और तालिबान संगठन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने 1999 की संकल्प संख्या 1267 (Resolution 1267) के तहत आतंकवाद से जुड़े संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था।
– इसलिए, तालिबान के प्रमुख नेताओं (जिनमें अमीर खान मुत्तकी भी शामिल हैं) पर यात्रा प्रतिबंध, संपत्ति फ्रीज़ और हथियारों की खरीद पर रोक लागू है।
– संयुक्त राष्ट्र ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें “आतंकवादी घोषित” नहीं किया, पर वे उस प्रतिबंध सूची में शामिल हैं, जो आतंकवादी संगठनों (जैसे तालिबान, अल-कायदा आदि) से जुड़ी मानी जाती है।
तालिबानी प्रतिनिधिमंडल
– यह प्रतिनिधिमंडल 11 अक्टूबर को तालिबान समूह की वैचारिक जड़ों के केंद्र, दारुल उलूम मदरसे का दौरा करने के लिए देवबंद भी गया।
तालिबान को मान्यता देने पर कोई स्पष्टता नहीं
– मुत्तकी की यात्रा तालिबान के साथ संबंधों पर नई दिल्ली के रुख में एक सार्वजनिक बदलाव का प्रतीक है, विदेश मंत्रालय ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया है कि क्या सरकार तालिबान सरकार को पूर्ण राजनयिक मान्यता देने की योजना बना रही है, जैसा कि अब तक केवल रूस ने ही किया है।
पाकिस्तान के साथ ताइबान का तनाव
– मुत्तक़ी के दौरे के बीच पाकिस्तान में चरमपंथी गतिविधियों के आरोप और अफ़ग़ान शरणार्थियों की बड़े पैमाने पर वापसी का अभियान चर्चा में है।
– पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सितंबर 2025 में अफ़ग़ान तालिबान को सख़्त चेतावनी दी थी.
– उन्होंने कहा था, “आज मैं अफ़ग़ानिस्तान को साफ़ संदेश देना चाहता हूं कि वो पाकिस्तान और टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) में से किसी एक को चुने.”
‘भारत-अफ़ग़ान रिश्ते और बदलता क्षेत्रीय संतुलन’
– मुत्तक़ी का भारत दौरा यह दिखाता है कि अफ़ग़ानिस्तान अब अपने क्षेत्रीय रिश्तों को दोबारा संतुलित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहता है।
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4. भारत ने किस पड़ोसी देश में स्थित अपने ‘तकनीकी मिशन’ को 4 वर्ष के बाद फिर से दूतावास का दर्जा देने की घोषणा की?
India announced to re-upgrade its ‘Technical Mission’ located in which neighbouring country to the status of Embassy after 4 years?
a. पाकिस्तान
b. बांग्लादेश
c. नेपाल
d. अफगानिस्तान
Answer: d. अफगानिस्तान
– विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 10 अक्टूबर, 2025 को कहा कि भारत काबुल स्थित अपने ‘तकनीकी मिशन’ को फिर से दूतावास में बदल देगा।
– उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी से मुलाक़ात के दौरान यह घोषणा की।
– इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी सरकार द्वारा अफ़ग़ानिस्तान में धकेले जा रहे अफ़ग़ान शरणार्थियों की दुर्दशा पर भारत की चिंता भी व्यक्त की और “सीमा पार आतंकवाद” को भारत और अफगानिस्तान के लिए एक साझा चुनौती बताया।
– उन्होंने कहा भारत अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
– हमारे बीच घनिष्ठ सहयोग आपके राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ क्षेत्रीय स्थिरता और लचीलेपन में भी योगदान देता है।
– इसे और मज़बूत करने के लिए, मुझे आज काबुल स्थित भारत के तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर उन्नत करने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है।
‘तकनीकी मिशन’ को दूतावास का दर्जा देने का मतलब
– इसे तालिबान सरकार को अनौपचारिक मान्यता देने की ओर उठाए जा रहे कदम के तौर पर देखा जा रहा है।
अफगानिसतान के लिए छह स्वास्थ्य परियोजनाएं शुरू होगी
– विदेश मंत्री एस जयशंकर ने घोषणा की कि भारत अफगानिस्तान के स्वास्थ्य क्षेत्र में छह नई परियोजनाओं के लिए प्रतिबद्ध है।
– इन परियोजनाओं का विवरण जल्द ही घोषित किया जाएगा।
– भारत ने घोषणा की कि श्री मुत्तकी को बीस एम्बुलेंस उपहार में दी जाएँगी जो एक “प्रतीकात्मक कदम” होगा।
– भारत, अफगान अस्पतालों को MRI और CT स्कैन मशीनें भी उपलब्ध कराएगा और टीकाकरण तथा कैंसर की दवाइयाँ भी पहुँचाएगा।
– जयशंकर ने कहा कि “हम प्रभावित क्षेत्रों में आवासों के पुनर्निर्माण में योगदान देना चाहेंगे।”
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5. भारत-यूके रक्षा समझौता 2025 के दौरान भारत ने सेना के लिए £350 मिलियन (लगभग ₹3,700 करोड़) लागत की किस मिसाइल को खरीदने का फैसला किया?
During the India-UK Defence Deal 2025, India decided to buy which missile for the Army at a cost of £350 million (approximately ₹3,700 crore)?
a. ब्रह्मोस
b. हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल (LMM)
c. AIM-120 AMRAAM
d. टॉमहॉक
Answer: b. हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल (LMM)
– यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की भारत यात्रा के दौरान 9 अक्टूबर 2025 को भारत-यूके रक्षा व अन्य समझौते हुए।
– ये समझौते भारत की आर्थिक राजधानी मानी जाने वाले शहर मुंबई में हुए।
1) भारत, हल्के बहुउद्देशीय मिसाइलों (LMM) की खरीदेगा। लागत £350 मिलियन (लगभग ₹3,700 करोड़)
2) भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए इलेक्ट्रिक पावर इंजनों पर सहयोग के लिए £250 मिलियन (करीब 2,600 करोड़ रुपये)
3) 64 भारतीय कंपनियों ने ब्रिटेन में £1.3 बिलियन (लगभग ₹15,430 करोड़) का निवेश का वादा किया
4) ब्रिटिश सरकार ने लंकास्टर और सरे विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस खोलने की मंजूरी दी, जो उच्च शिक्षा की मांग को पूरा करेगा।
1) हल्के बहुउद्देशीय मिसाइल (LMM) खरीद का समझौता
– कीमत: 350 मिलियन पाउंड (करीब 3,700 करोड़ रुपये)
– यह ब्रिटेन के “प्लान फॉर चेंज” का हिस्सा है और दोनों देशों के बीच जटिल हथियार साझेदारी की नींव रखेगा।
– LMM एक छोटी दूरी की प्रिसिजन स्ट्राइक मिसाइल है, जो हल्के कवच वाले वाहनों, पहिएदार या ट्रैक वाले वाहनों से निपटने के लिए डिजाइन की गई है। ये हेलीकॉप्टर, जहाज या जमीन से लॉन्च की जा सकती है।
– उद्देश्य भारत के लिए: भारतीय सेना को ये मिसाइलें मिलेंगी, जो सीमा पर दुश्मन के हल्के हथियारों या वाहनों को निशाना बनाने में मदद करेंगी। ये सेना की ताकत बढ़ाएंगी, खासकर आधुनिक युद्ध में।
– रेंज: 6 किलोमीटर से ज्यादा
– स्पीड: माच 1.5 (ध्वनि की गति से 1.5 गुना तेज)।
– निर्माता कंपनी : कंपनी: थेल्स यूके (Thales UK), जो ब्रिटेन की प्रमुख डिफेंस कंपनी है।
– निर्माण की जगह: बेलफास्ट (उत्तरी आयरलैंड, यूके) में बनाई जाती हैं।
– ये कम लागत वाली और आसान इस्तेमाल वाली मिसाइल है, जो यूके की नेवी और आर्मी में पहले से इस्तेमाल हो रही है।
– फायदा: ये डील यूके की डिफेंस इंडस्ट्री को बूस्ट देगी और भारत-यूके के बीच बड़े हथियार साझेदारी की शुरुआत है। भविष्य में और सौदे हो सकते हैं।
– क्यों महत्वपूर्ण?: भारत की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति के साथ विदेशी टेक ट्रांसफर को बैलेंस करता है। QUAD जैसे ग्रुप्स में यूके की भूमिका मजबूत करता है।
2) नौसेना के लिए इलेक्ट्रिक पावर इंजनों पर सहयोग समझौता
– £250 मिलियन (करीब 2,600 करोड़ रुपये) का समझौता
– ये असल में इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (IEP) सिस्टम हैं, जो नौसेना के जहाजों को चलाने के लिए बिजली से चलने वाले इंजन हैं। ये पारंपरिक डीजल इंजनों से अलग हैं, क्योंकि ये गैस टर्बाइन से बिजली बनाते हैं और फिर उस बिजली से जहाज को आगे बढ़ाते हैं।
– मुख्य कंपोनेंट: रोल्स-रॉयस MT30 गैस टर्बाइन (ट्रेंट 800 एयरो इंजन से लिया गया)।
– पावर: 40 MW (मेगावॉट) तक (बहुत ताकतवर, बड़े जहाज चलाने लायक)। जैसे एक बड़ा जनरेटर जो 40 मिलियन वाट बिजली पैदा करे – ये पूरे शहर को रोशन करने लायक है, लेकिन यहां ये जहाज के इंजन के लिए इस्तेमाल होता है।
– फायदे: कम ईंधन खपत, कम वाइब्रेशन, और हाई स्पीड (30 नॉट्स तक)।
3) भारतीय फर्मों का यूके में निवेश
– 64 भारतीय फर्मों का कुल £1.3 बिलियन (लगभग ₹15,363 करोड़) निवेश, जो बेसिंगस्टोक से बर्मिंघम तक फैला होगा।
– टीवीएस मोटर: £250 मिलियन (लगभग ₹2,954 करोड़), सोलिहुल में नॉर्टन मोटरसाइकिल विस्तार और इलेक्ट्रिक वाहनों पर।
– साइएंट: £100 मिलियन (लगभग ₹1,182 करोड़), सेमीकंडक्टर, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा आदि में, 300 नौकरियां पैदा।
– मुथूट फाइनेंस यूके: £100 मिलियन (लगभग ₹1,182 करोड़), 20 शाखाओं का विस्तार।
– हीरो मोटर्स: अगले 5 वर्षों में £100 मिलियन (लगभग ₹1,182 करोड़), ई-मोबिलिटी, ई-साइकिल और एयरोस्पेस में।
नोट – रोल्स-रॉयस के सीईओ ने भारत को कंपनी का “घर” (उत्पादन) बनाने की महत्वाकांक्षा जताई, हालांकि विशिष्ट आंकड़े नहीं दिए गए।
यूके
– यूनाइटेड किंगडम को बनाने वाले चार नेशन हैं: इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड।
– ग्रेट ब्रिटेन में नेशनल – इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स
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6. अमेरिका ने भारत में अपना राजदूत किसे नियुक्त किया?
Who has been appointed as the US ambassador to India?
a. रोजर वर्मा
b. एस. पॉल कपूर
c. सर्जियो गोर
d. रोहन बोपन्ना
Answer: c. सर्जियो गोर
– अमेरिका ने सर्जियो गोर को भारत में अपना राजदूत किसे नियुक्त किया है।
– 38 साल के गोर को अमेरिका ने भारत में राजदूत के अलावा दक्षिण और मध्य एशिया के विशेष दूत की भी ज़िम्मेदारी दी है।
– भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर जब पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करने गए थे तो गोर से उनकी मुलाक़ात हुई थी।
– गोर का जन्म उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में हुआ था. जब गोर 12 साल के थे तो उनके माता-पिता अमेरिका पलायन कर गए थे।
– उनकी माँ इसराइली मूल की बताई जाती हैं।
ट्रंप की रणनीति क्या है?
– BBC के अनुसार कई विशेषज्ञ मान रहे हैं कि जिस तरह से गोर की नियुक्ति हुई है, वह भी भारत को परेशान करने वाला है।
– गोर को भारत के अलावा दक्षिण और मध्य एशिया की ज़िम्मेदारी मिली है, जब भारत अमेरिका की नज़र में ख़ुद को पाकिस्तान से बिल्कुल अलग देखना चाहता है, ऐसे वक़्त में गोर को भारत के साथ दक्षिण एशिया की भी ज़िम्मेदारी दे दी है।
– जब जयशंकर से गोर की नियुक्ति को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ”हाँ, मैंने भी इसके बारे में पढ़ा है.”
– इससे पता चलता है कि अमेरिकी अधिकारियों ने गोर का नाम सार्वजनिक करने से पहले भारत को सूचित नहीं किया था.
– पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने मनीकंट्रोल से बात करते हुए कहा, ”यह डिप्लोमैटिक प्रैक्टिस का हिस्सा है कि जब आप किसी देश में राजदूत की नियुक्ति करते हैं तो पहले उस नाम का प्रस्ताव गोपनीय तरीक़े से भेजते हैं. इसके बाद वह देश अपनी राय देता है और फिर अप्रूवल होता है. लेकिन यहाँ तो ट्रंप ने एकतरफ़ा घोषणा कर दी.”
– गोर को दक्षिण और मध्य एशिया की अतिरिक्त ज़िम्मेदारी मिलने पर श्याम सरन कहते हैं, ”आप भारत जैसे अहम देश में एक ऐसे राजदूत को भेज रहे हैं, जिसके पास और भी ज़िम्मेदारियां होंगी. ऐसा लग रहा है कि भारत को पार्ट टाइम राजदूत दिया गया है. यह तो बिखरी हुई डिप्लोमेसी होगी कि आप दिल्ली में बैठकर भारत-पाकिस्तान की भी बात करेंगे और भारत-बांग्लादेश की भी”
– लेकिन भारत और अमेरिका संबंधों को फिर से मज़बूत करने के पक्षधर कुछ लोग कहते हैं कि इस समय यह ज़्यादा अहम है कि नई दिल्ली में ऐसा राजदूत हो जिसकी राष्ट्रपति तक सीधी पहुँच हो, बजाय इसके कि उसकी योग्यता की चिंता की जाए.
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7. साहित्य के लिए 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता का नाम बताइए?
Name the 2025 Nobel Prize winner for Literature?
a. जॉन फॉसे
b. हान कांग
c. लास्जलो क्रास्ज्नाहोरकाई
d. एनी अर्नौक्स
Answer: c. लास्जलो क्रास्ज्नाहोरकाई
– रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने गुरुवार 9 अक्टूबर को साहित्य के नोबेल पुरस्कार का एलान किया।
– क्यों मिला यह अवॉर्ड : लास्जलो को ये पुरस्कार उनके मनमोहक और दूरदर्शी कामों के लिए दिया गया।
– लेखक क्रास्ज्नाहोरकाई का जन्म 1954 में दक्षिण-पूर्वी हंगरी के रोमानियाई बोर्डर के पास, ग्युला नामक छोटे से कस्बे में हुआ था।
– साल 1985 में प्रकाशित उनके पहले उपन्यास ‘सतांतंगो’ से यो चर्चे में आयें, जो हंगरी में एक साहित्यिक सनसनी थी।
– उन्होंने अपने उम्न्यास ‘हर्श्ट 07769’ के जरिये देश की सामाजिक अशांति को सटीकता से चित्रित किया था।
2024 का अवॉर्ड
– पिछले साल साहित्य में नोबेल पुरस्कार दक्षिण कोरिया की लेखिका हान कांग को दिया गया था।
– उन्होंने मानव जीवन की नाजुकता को उजागर करने से संबंधित लेखनी का कार्य किया था।
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8. Gen-Z प्रदर्शन की वजह से मेडागास्कर में सत्ता बदलने पर नया प्रधानमंत्री कौन बना?
Who became the new Prime Minister in Madagascar after a Gen-Z protest led to a change of power?
a. बेंजामिन राकोटोमंडिम्बी
b. लाला मोंजा डेल्फ़िन
c. रूपिन फोर्टुनैट ज़ाफिसम्बो
d. रिंद्रा हसींबेलो
Answer: c. रूपिन फोर्टुनैट ज़ाफिसम्बो (रिटायर्ड सैन्य अधिकारी)
उन्हें नियुक्त किसने किया
– मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिना ने 6 अक्टूबर 2025 को सैन्य जनरल रूपिन फोर्टुनैट ज़ाफिसम्बो को देश का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
– वह नियुक्ति होने तक प्रधानमंत्री कार्यालय में सैन्य कैबिनेट के निदेशक थे।
– यह नियुक्ति बिजली की कटौती और पानी की किल्लत के कारण हुए विरोध प्रदर्शनों के चलते सरकार को भंग करने के एक सप्ताह बाद की गई थी।
– सितंबर 2025 में मेडागास्कर में जेन-जी युवाओं ने तख्तापलट कर दिया था। उस वक्त प्रदर्शन के दौरान लगभग 22 लोगों की मौत हो गई। जबकि बहुत सारे लोग घायल हुए थे।
मेडागास्कर में जेन-जी प्रदर्शन की वजह क्या है?
– बुनियादी सेवाओं की विफलता : बिजली और पानी की अनियमितता और कटौती ने रोजमर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित कर दिया। (लघु-अवधि में भी यह प्रत्यक्ष जनस्वास्थ्य, शिक्षा, आवागमन आदि पर असर डाल सकती है)
– नियोजन और प्रबंधन की कमजोरी : राष्ट्रीय जल एवं बिजली कंपनी (Jirama) जैसी संस्थाओं की अक्षमता और संसाधनों की कमी ने इस संकट को बढ़ाया।
– युवाओं की सक्रियता और सामाजिक संवेदनशीलता
सोशल मीडिया और नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से युवाओं ने एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद की। प्रेरणा स्रोत — नेपाल और केन्या में हुई “Gen Z आंदोलन” — जैसा प्रदर्शन युवा आंदोलन मॉडल बन गया।
– राजनीतिक असंतोष, भ्रष्टाचार और गरीबी : लंबे समय से चले आ रहे आर्थिक पिछड़ेपन, सामाजिक न्याय की कमी और सत्ता में शोषण-असंतुलन इस विस्फोटक घटना की पूर्वभूमि प्रस्तुत करते हैं।
– सरकारी प्रतिक्रिया में देरी या अपर्याप्तता
पहले कदमों के रूप में केवल कुछ मंत्रियों की बर्खास्तगी, कर्फ्यू आदि उपाय दिखाई दिए, लेकिन सिस्टम स्तर पर ठोस बदलाव नहीं हो पाए।
मेडागास्कर
– राष्ट्रपति : एंड्री राजोइलिना
– राजधानी: एंटानानारिवो
– मुद्रा: मालागासी एरियरी
– आबादी : 3.19 करोड़
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9. फ्रांस के इतिहास में सबसे कम समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले का नाम बताएं, जिन्होंने 27 दिनों में 9 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया?
Name the shortest-serving Prime Minister in French history, who resigned on 9 October after 27 days?
a. गेराल्ड डार्मैनिन
b. सेबेस्टियन लेकोर्नू
c. रचिदा दाती
d. ब्रूनो ले मायेर
Answer: b. सेबेस्टियन लेकोर्नू
– सेबेस्टियन लेकोर्नू के इस्तीफा के कारण फ्रांस की राजनीतिक में गहरा संकट उत्पन्न हो गया है।
– फ्रांसीसी संसद में किसी भी पार्टी को बहुमत न होने के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।
– वह 2022 में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से 5वें प्रधानमंत्री थे। जबकि 13 महीनों में वह चौथे पीएम थे।
फ्रांस में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति में क्या फर्क है
– फ्रांस का राष्ट्रपति = राष्ट्र का चेहरा, विदेश नीति और रक्षा का मुखिया।
– फ्रांस का प्रधानमंत्री = सरकार का चालक, संसद को जवाबदेह, आंतरिक नीति और प्रशासन का प्रमुख
फ्रांस में “सेमी-प्रेसीडेंशियल सिस्टम” क्या है?
– फ्रांस में “सेमी-प्रेसीडेंशियल सिस्टम” (Semi-Presidential System) चलता है, जिसे वहाँ Fifth Republic (1958 से लागू) के संविधान ने स्थापित किया। इस कारण वहाँ राष्ट्रपति (President) और प्रधानमंत्री (Prime Minister) दोनों होते हैं, और दोनों के बीच शक्तियों का बँटवारा साफ़ है।
– यहां मुख्य कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति के पास है और प्रधानमंत्री उनके निर्देश पर काम करते हैं।
राष्ट्रपति (President of France)
– जनता सीधे चुनाव करती है (5 साल का कार्यकाल) → यानी राष्ट्रपति की वैधता सबसे मज़बूत होती है।
– राष्ट्रपति ही Head of State (राज्य का प्रमुख) है।
मुख्य भूमिकाएँ:
– विदेश नीति (Foreign Policy) और रक्षा (Defence) पर नियंत्रण।
– फ्रांस के सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर।
– अंतरराष्ट्रीय संधियों पर हस्ताक्षर और देश का प्रतिनिधित्व।
– प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं (लेकिन नेशनल असेंबली का बहुमत देखते हुए)।
– नेशनल असेंबली (लोकसभा जैसी) को भंग कर सकते हैं।
– आपातकाल की स्थिति में विशेष शक्तियाँ।
प्रधानमंत्री (Prime Minister of France)
– राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाते हैं, लेकिन शर्त यह कि नेशनल असेंबली (Assemblée Nationale) में जिनकी पार्टी/गठबंधन का बहुमत है, उसी का नेता प्रधानमंत्री बनता है।
– प्रधानमंत्री ही Head of Government (सरकार का प्रमुख) है।
मुख्य भूमिकाएँ:
– संसद (Parliament) को जवाबदेह।
– देश की आंतरिक नीतियों (Domestic Policy) का संचालन।
– कानून लागू कराना और प्रशासन चलाना।
– सरकारी विभागों/मंत्रालयों का कामकाज देखना।
– राष्ट्रपति के आदेशों और कानूनों को लागू करना।
“कोहैबटैशन” (Cohabitation) स्थिति
– अगर राष्ट्रपति और नेशनल असेंबली में बहुमत वाली पार्टी अलग-अलग हों, तो राष्ट्रपति को विपक्षी बहुमत का प्रधानमंत्री नियुक्त करना पड़ता है।
– इस स्थिति को फ्रेंच राजनीति में “कोहैबटैशन” (Cohabitation) कहते हैं।
– ऐसे में राष्ट्रपति विदेश नीति संभालते हैं और प्रधानमंत्री आंतरिक नीति।
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10. किस देश में 12,000 वर्ष पुराना मानव चेहरे वाला स्तंभ खोजा गया?
In which country was a 12,000-year-old pillar with a human face discovered?
a. तुर्की
b. भारत
c. जापान
d. यूएसए
Answer: a. तुर्की
– क्षिण-पूर्वी तुर्की के कराहांतेपे (Karahantepe) पुरास्थल पर 12,000 वर्ष पुराना एक टी-आकार का स्तंभ मिला है। इस पर मानव चेहरे की आकृति उकेरी गई है।
– यह पहली बार है जब किसी नवपाषाण युग (Neolithic) की स्तंभ पर सीधे मानव चेहरा उत्कीर्ण पाया गया है। इससे उस वक्त की प्रतीकात्मकता और आत्म-अभिव्यक्ति की समझ में एक महत्वपूर्ण आयाम जुड़ गया है।
– यह तुर्की के “ताश तेपेलर” (Taş Tepeler – Stone Hills) परियोजना का हिस्सा है, जो प्रारंभिक मानव समाजों में स्थायी जीवन और आध्यात्मिक प्रथाओं के विकास का अध्ययन करती है।
– स्थल का नाम: कराहांतेपे, शानलिउर्फ़ा प्रांत, दक्षिण-पूर्वी तुर्की
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11. विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस कब मनाया जाता है?
When is World Mental Health Day observed?
a. 8 अक्टूबर
b. 9 अक्टूबर
c. 10 अक्टूबर
d. 11 अक्टूबर
Answer: c. 10 अक्टूबर
2025 की थीम
– सेवाओं तक पहुँच – आपदाओं और आपात स्थितियों में मानसिक स्वास्थ्य
– Access to Services-Mental Health in Catastrophes and Emergencies
मानसिक स्वास्थ्य समस्या क्या है?
– जब एक व्यक्ति ठीक से सोच नहीं पाता, उसका अपनी भावनाओं और व्यवहार पर काबू नहीं रहता, तो ऐसी हालत को मानसिक रोग कहते हैं।
– मानसिक रोगी आसानी से दूसरों को समझ नहीं पाता और उसे रोज़मर्रा के काम ठीक से करने में मुश्किल होती है।
– मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं, तनाव, डिप्रेशन, चिड़चिड़ापन, गुस्सा ये सभी इसी के अंतर्गत आते हैं।
तनाव के लक्षण
– सिरदर्द व पीठदर्द, नींद न आना, गुस्सा और हताश होना, किसी एक चीज़ पर ध्यान न लगा पाना, रोना, दूसरों को नज़रअंदाज़ करना
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12. रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2025 के विजेता कौन हैं?
Who is the winner of Nobel Prize 2025 in the field of Chemistry?
a. सुसुमु कितागावा
b. रिचर्ड रॉबसन
c. उमर एम. याघी
d. उपरोक्त सभी
Answer: d. उपरोक्त सभी [सुसुमु कितागावा (जापान) रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया) र उमर एम. याघी (अमेरिका)]
– स्वीडन की रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने 8 अक्टूबर 2025 को इसका ऐलान किया।
– सुसुमु कितागावा (जापान)
– रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया)
– उमर एम. याघी (अमेरिका)
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13. किस रिसर्च के लिए सुसुमु कितागावा, रिचर्ड रॉबसन और उमर एम. याघी को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल प्राइज 2025 के लिए चुना गया?
For which research Susumu Kitagawa, Richard Robson and Omar M. Yaghi were selected for the Nobel Prize 2025 in Chemistry?
a. धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास के लिए
b. कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन
c. क्वांटम डॉट्स की खोज और संश्लेषण के लिए
d. a और b दोनों
Answer: a. धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास के लिए
केमिस्ट्री के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता
– सुसुमु कितागावा (जापान)
– रिचर्ड रॉबसन (ऑस्ट्रेलिया)
– उमर एम. याघी (अमेरिका)
क्यों मिला अवॉर्ड
– धातु-कार्बनिक ढांचे के विकास के लिए” संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
– for the development of metal–organic frameworks
ओमर याघी ने मॉर्डन MOF बनाया
– ओमर याघी एक मशहूर वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अमेरिका जाकर नई तरह की रासायनिक चीजें बनानी शुरू कीं। उन्होंने 1995 में पहली बार MOF यानी मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क का नाम दिया। फिर 1999 में उन्होंने MOF-5 नाम का खास ढांचा (फ्रेमवर्क) तैयार किया।
– MOF-5 एक ऐसा पदार्थ है जो बहुत मजबूत होता है और उसके अंदर बहुत ज्यादा खाली जगह होती है। थोड़ी सी मात्रा (जैसे कुछ ग्राम) में ही इसका अंदरूनी क्षेत्र एक फुटबॉल मैदान जितना बड़ा हो सकता है।
– बाद में उन्होंने MOF (मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क) की और भी कई तरहें बनाईं। ये खास तौर पर गैस को स्टोर करने में बहुत काम आती हैं।
– ओमर याघी और उनकी टीम ने एक और कमाल किया – उन्होंने रेगिस्तानी हवा से पानी निकालने का तरीका खोजा। रात को MOF (मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क) हवा से नमी सोखता है और सुबह सूरज की गर्मी से वही नमी पानी में बदल जाती है।
सुसुमु कितागावा ने स्थिर और लचीले MOFs बनाए
– 1990 के दशक में जापान के सुसुमु कितागावा ने MOF पर काम शुरू किया। शुरुआत में उनके बनाए ढांचे कमजोर थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
– 1997 में उन्होंने ऐसे स्थिर MOF बनाए जो सूखने के बाद भी टूटते नहीं थे और इनमें गैसों को भरकर निकाला जा सकता था।
– कितागावा ने दिखाया कि MOF लचीले हो सकते हैं, जैसे फेफड़े हवा लेते और छोड़ते हैं। इसलिए इन्हें “सॉफ्ट मटेरियल” भी कहा जाता है।
रिचर्ड रॉबसन ने MOF की शुरुआत की
– 1970 के दशक में ऑस्ट्रेलिया के रिचर्ड रॉबसन ने अणुओं को जोड़ने के तरीके पर ध्यान दिया। उन्होंने सोचा कि अगर असली अणुओं को खास ढंग से जोड़ा जाए, तो नई रचनाएं बन सकती हैं।
– 1989 में उन्होंने तांबे और एक खास कार्बनिक अणु को जोड़कर एक ढांचे जैसी रचना बनाई, जिसमें अंदर खाली जगहें थीं।
– यह था पहला मेटल-ऑर्गेनिक नेटवर्क जैसा आइडिया। यह थोड़ा कमजोर था, लेकिन इससे वैज्ञानिकों को नई दिशा मिली कि अणुओं से ढांचे बनाए जा सकते हैं।
जानिए यह खोज खास क्यों है
– रेगिस्तानी हवा से पानी निकालने में मदद करते हैं।
– पानी से खतरनाक रसायन जैसे PFAS को हटाने में काम आते हैं।
– वायु से CO₂ गैस को पकड़कर प्रदूषण कम करने में सहायक हैं।
– हाइड्रोजन और मीथेन जैसी गैसों को सुरक्षित स्टोर किया जा सकता है।
– फलों से निकलने वाली एथिलीन गैस को रोककर उन्हें धीरे-धीरे पकाया जा सकता है।
– दवाओं को शरीर में धीरे और सही जगह पहुंचाने में भी ये उपयोगी हैं।
मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOF) क्या है?
– मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क (MOF) एक तरह का बहुत हल्का, मजबूत और अंदर से खोखला पदार्थ होता है। इसे धातु के आयन (जैसे तांबा, जिंक) और कार्बनिक अणुओं (लिंकर्स) को जोड़कर बनाया जाता है।
– इसका ढांचा कुछ ऐसा होता है जैसे झरनी (sponge) – यानी इसके अंदर बहुत सारी छोटी-छोटी जगहें (छिद्र/पोर्स) होती हैं, जिनमें गैस या अन्य चीजें समा सकती हैं।
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